उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में कृषि व्यवसाय परियोजना शुरू की जाएगी
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण आय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 4,000 करोड़ रुपए की कृषि व्यवसाय और उद्यमिता परियोजना शुरू करने की तैयारी कर रही है।
मुख्य बिंदु
- इस पहल से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र के 28 ज़िलों के किसानों, कृषि समूहों तथा कृषि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को लाभ होगा।
- अनुमान है कि इस परियोजना से दस लाख किसानों को लाभ मिलेगा, जिनमें कृषि स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी 30% ग्रामीण महिलाएँ भी शामिल हैं।
- परियोजना के तहत 100,000 मछुआरों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी
- इसके अतिरिक्त, 500 किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के प्रशिक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय दौरों पर भेजा जाएगा।
- सरकार उच्च उपज देने वाली बीज किस्मों और कृषि बुनियादी ढाँचे में निवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिये एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिये कार्बन क्रेडिट बाज़ार का लाभ उठाने में उनकी सहायता करने की आशा रखती है।
कार्बन बाज़ार
- कार्बन बाज़ार मूलतः कार्बन उत्सर्जन पर मूल्य निर्धारण करने का एक साधन है - वे व्यापार प्रणालियाँ स्थापित करते हैं जहाँ कार्बन क्रेडिट या अनुमतियाँ खरीदी और बेची जा सकती हैं।
- कार्बन क्रेडिट एक प्रकार का व्यापार योग्य परमिट है, जो संयुक्त राष्ट्र के मानकों के अनुसार, वायुमंडल से एक टन कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने, कम करने या पृथक करने के बराबर होता है।
- इस बीच, कार्बन अनुमतियाँ या सीमाएँ, देशों या सरकारों द्वारा उनके उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों के अनुसार निर्धारित की जाती हैं।
- कार्बन ट्रेडिंग की औपचारिक शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के क्योटो प्रोटोकॉल के तहत वर्ष 1997 में हुई थी।
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