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प्रदेश में अब वेलनेस, योग और पंचकर्म सेंटरों का पंजीकरण अनिवार्य
चर्चा में क्यों?
8 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश में संचालित वेलनेस, योग और पंचकर्म सेंटरों के लिये अब पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिये पहली बार आयुष विभाग ने नियमावली तैयार की है, जिसमें सेंटरों के संचालन के लिये मानक तय किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- इसमें पहले एक साल के लिये पंजीकरण नि:शुल्क होगा। इसके बाद पंजीकरण नवीनीकरण के लिये 200 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
- विदित है कि प्रदेश के ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून समेत अन्य ज़िलों में निजी आयुष वेलनेस, योग और पंचकर्म केंद्र चल रहे हैं, लेकिन अभी तक इन सेंटरों का आयुर्वेद विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। साथ ही सेंटर बिना मानकों के चल रहे हैं।
- इसे देखते हुए पहली बार वेलनेस, योग और पंचकर्म केंद्रों के लिये नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया गया। शासन ने प्रस्ताव मंज़ूरी के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजा है। जल्द ही मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही नियमावली को लागू किया जाएगा।
- नियमावली में वेलनेस, योग और पंचकर्म सेंटरों की सुविधाओं के आधार पर रेटिंग की जाएगी।
- इसमें बेहतर सुविधाएँ देने और मानकों पर खरा उतरने वाले सेंटरों को फाइव स्टार रेटिंग मिलेगी। इसके बाद फोर व थ्री स्टार रेटिंग होगी। आयुष नीति में गुणवत्तायुक्त सेवाएँ देने वाले थ्री स्टार से ऊपर की रेटिंग वाले सेंटरों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया जाएगा।
- आयुर्वेद विभाग के माध्यम से वर्तमान में 300 से अधिक वेलनेस, योग और पंचकर्म सेंटर संचालित किये जा रहे हैं, लेकिन योग और वेलनेस चिकित्सा के नाम पर चल रहे निजी सेंटरों का रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है।
- विभाग का अनुमान है कि ऋषिकेश शहर में ही 100 से अधिक निजी योग केंद्र चल रहे हैं।
- उत्तराखंड को आयुष वेलनेस का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि वेलनेस और योग के लिये राज्य में आने वाले लोगों को बेहतर सुविधा मिले।
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