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छत्तीसगढ़ की जनजातीय एटलस
चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRI) द्वारा तैयार की गई जनजातीय एटलस का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- जनजातीय एटलस तैयार करने के मामले में ओडिशा और झारखंड के बाद छत्तीसगढ़ देशभर में तीसरा राज्य बन गया है।
- इस जनजातीय एटलस में राज्य की जनजातियों की संस्कृति, रीति-रिवाज, बोलियों की जानकारी, जनजातीय आर्ट एवं क्रॉफ्ट, तीज-त्यौहार, नृत्य, जनजातीय पर्यटन, राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के साथ-साथ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के संबंध में जानकारी का समावेश किया गया है।
- साथ ही इस एटलस में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र, जनजातीय आश्रम शालाएँ/छात्रावास, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, प्रयास विद्यालय जैसे आधारभूत शैक्षणिक संस्थाओं की जानकारी, राज्य में प्रशासनिक इकाइयाँ, समुदायवार जनजातीय जनसंख्या, लिंगानुपात, शैक्षणिक स्थिति एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी का भी समावेश है।
- इस एटलस में राज्य की 42 जनजातियों के संबंध में संक्षिप्त ज़िलेवार पर्यावास रूपरेखा इंसेट मैप के माध्यम से किया गया है।
- पर्यावास रूपरेखा के साथ-साथ ज़िलेवार प्रमुखता से निवासरत, जनजाति, वनक्षेत्र एवं विभिन्न परिस्थितियों की जानकारी प्रस्तुत की गई है। इसे चिप्स द्वारा तैयार किया गया है।
- एटलस में जनगणना 2011 में संस्थान द्वारा किये गए विशेष पिछड़ी जनजातियों के आधारभूत सर्वेक्षण एवं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की सूचनाओं को भी शामिल किया गया है।
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सीतानदी टाइगर रिज़र्व
चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गरियाबंद ज़िले के सीतानदी उदंती टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्रों में बसे पाँच गाँवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम में गरियाबंद ज़िले के इन पाँच गाँवों के वन अधिकार समितियों को सामुदायिक वन संसाधन का अधिकार सौंपा है।
- अब इन पाँच गाँवों को 5553.26 हेक्टेयर (लगभग 14,000 एकड़) के जंगल पर प्रबंधन का अधिकार मिल गया है।
- सीतानदी उदंती टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्रों में बसे इन गाँवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य करने के बाद छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहाँ यह अधिकार टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्र में भी दिया गया है।
- राज्य में यह पहला मौका है, जब टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्र में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दिया गया है। पिछले साल सीतानदी के बफर क्षेत्र में ग्राम करका को यह अधिकार दिया गया था।
- सीतानदी उदंती टाइगर रिज़र्व के कोर क्षेत्रों में बसे जिन पाँच गाँवों को यह अधिकार दिये गए हैं, इनमें ग्राम मासुलखोई (975.58 हेक्टेयर), ग्राम करही (984.92 हेक्टेयर), ग्राम जोरातराई (551.42 हेक्टेयर), ग्राम बरोली (1389.61 हेक्टेयर) और ग्राम बहिगाँव (1651.72 हेक्टेयर) शामिल हैं।
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पूना नार्कोम अभियान
चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2021 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सुकमा ज़िला पुलिस द्वारा ‘पूना नार्कोम अभियान’ की शुरुआत की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान के तहत ज़िला मुख्यालय सहित ज़िले के विभिन्न जगहों में ग्रामीण अंचलों के आदिवासी ग्रामीणों के लिये ज़िला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेडिकल कैंप लगाया गया।
- इसके साथ ही ग्रामीणों को दैनिक उपयोगी सामग्रियों का वितरण भी किया गया।
- इस अभियान के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के साथ शासन की नीतियों के प्रति जागरुकता लाने की दिशा में काम किया जाएगा।
- पूना नार्कोम अभियान के तहत सुकमा पुलिस द्वारा रोज़गार के क्षेत्र में युवाओं को जागरुक किया जाएगा एवं उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।
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