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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Jul 2023
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हरियाणा मंत्रिमंडल ने विधुर व्यक्तियों तथा अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विधुर व्यक्तियों तथा अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • यह योजना 1 जुलाई, 2023 से लागू होगी। इसके तहत 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को भी 2750 रुपए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिनकी परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम है।  
  • इसके अलावा, वे विधुर जिनकी आयु 40 वर्ष हो गई है तथा उनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम होगी, वे भी 2750 रुपए मासिक की वित्तीय सहायता लेने के पात्र होंगे। 
  • इस योजना के तहत वित्तीय सहायता 60 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी। उसके बाद पात्र व्यक्तियों को ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’प्रदान किया जाएगा।


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हरियाणा सरकार ने ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023’ को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के गुरुग्राम ज़िले की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों की राजस्व संपदा में मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के लिये ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023’ को मंजूरी प्रदान की गई।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस नीति का उद्देश्य विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और भूमि मालिकों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उचित लाभ मिले। 
  • जो भूमि मालिक नो लिटिगेशन पॉलिसी 2023 के तहत विकल्प नहीं चुनते हैं, वे भूमि मालिकों के लिये पुनर्वास और पुनर्स्थापन और भूमि अधिग्रहण विस्थापित नीति (आर एंड आर) के तहत लाभ के लिये पात्र होंगे। 
  • विदित है कि राज्य सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के विकास के उद्देश्य से 10 जनवरी, 2011 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत ज़िला गुरुग्राम की मानेसर तहसील के गाँवों कासन, कुकरोला और सेहरावाँ में लगभग 1810 एकड़ जमीन को अधिसूचित किया था।  
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2011 के आदेश के तहत उपर्युक्त अधिग्रहण कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायालय द्वारा दिया गया स्टे 2 दिसंबर, 2019 को हटा दिया गया और उसके बाद उक्त भूमि को 17 अगस्त, 2020 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 6 के तहत अधिसूचित किया गया और बाद में 8 अगस्त, 2022 को अवार्ड की घोषणा की गई थी। 
  • ज्ञातव्य है कि 9 अगस्त, 2022 को हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि विस्थापित भूमि मालिकों का उचित पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिये, इस अधिग्रहण की कार्यवाही के लिये पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति 2010 को संशोधित किया जाएगा। 
  • इसी के अनुसरण में अब उन भूस्वामियों के पुनर्वास के लिये एक विशिष्ट नीति तैयार की गई है, जिनकी भूमि 16 अगस्त, 2022 के अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 के तहत क्रमश: कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों के लिये 1758 एकड़ क्षेत्रफल के लिये अधिग्रहित की गई। 
  • इस नीति का लाभ उन भूमि मालिकों के लिये लागू होगा, जिनकी भूमि को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत अनिवार्य अधिग्रहण के लिये 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित किया गया था, जिनके भूमि के संबंध में अधिनियम की धारा 9 के तहत अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 दिनांक 16 अगस्त, 2022 के माध्यम से क्रमश: कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों के लिये मुआवजा घोषित किया गया था।  
  • नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 समानुपातिक आधार पर एक एकड़ भूमि के बदले 1000 वर्गमीटर विकसित भूमि/भूखंड की पात्रता की अनुमति देती है। 
  • किसानों/भूमि मालिकों को इसकी अधिसूचना और पोर्टल के लॉन्च से 6 महीने की अवधि के भीतर योजना का विकल्प चुनने का अधिकार होगा। 
  • भूमि मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिये, एचएसआईआईडीसी योजना के बंद होने से 3 महीने की अवधि के भीतर भूमि मालिकों के आवंटन हिस्से के आधार पर आवासीय या औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का आश्वासन देते हुए भूमि पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर सकता है। 
  • भूमि मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र का व्यापार करने, खरीदने या बेचने की स्वतंत्रता होगी। इसका तात्पर्य यह है कि भूमि मालिक खुले बाज़ार में प्रमाणपत्र का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है।  
  • इस प्रमाणपत्र को किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में स्थानांतरित या गिरवी रखा जा सकता है। आवंटित की जाने वाली साइट के संबंध में बुनियादी ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध होने के बाद भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को पोजेशन के साथ एचएसआईआईडीसी द्वारा विकसित भूखंडों की पेशकश की जाएगी। 
  • विकसित आवासीय भूखंडों या औद्योगिक भूखंडों जैसा भी मामला हो, के लिये पात्र भूमि मालिकों को एचएसआईआईडीसी द्वारा पहले फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर आवंटन मूल्य पर भूखंड की पेशकश की जाएगी। 
  • एचएसआईआईडीसी द्वारा ऑफर किये जाने वाले प्लॉट का आकार मानक आकार का होगा, यानी विकसित आवासीय उपयोग के लिये 100 वर्गमीटर और 150 वर्गमीटर के प्लॉट तथा विकसित औद्योगिक उपयोग के लिये 450 वर्गमीटर का प्लॉट। 
  • ऐसे मामले में आवासीय भूखंडों का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा, जहाँ अपरिहार्य कारणों से स्व-कब्ज़े वाले आवासीय का अधिग्रहण किया गया था।  
  • इस श्रेणी के तहत, सरकार द्वारा अधिग्रहित स्व-कब्जे वाली आवासीय संरचना/घरों के मालिक, जो 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिसूचना पर या उससे पहले अस्तित्व में थे, उन्हें प्रस्तावित आवंटन हिस्सेदारी के अलावा अतिरिक्त आवासीय भूखंड के आवंटन का आश्वासन दिया जाएगा। 
  • भूमि मालिक 33 वर्ष की अवधि के लिये प्रदान किये जा रहे वार्षिकी भुगतान का लाभ उठाने का भी हकदार होगा।  
  • वार्षिकी भुगतान (एन्युटी पेमेंट) 33 वर्ष की अवधि के लिये 21,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा। इस वार्षिकी राशि में हर साल 750 रुपए की एक निश्चित राशि से वृद्धि की जाएगी। 
  • नीति को अधिक स्वीकार्य बनाने और लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक एचएसआईआईडीसी से वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा नीति को और अधिक स्वीकार्य बनाने और लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर किसानों को लाभान्वित करने के लिये भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक एचएसआईआईडीसी से भूमि पात्रता प्रमाण पत्र को 35,400 रुपए प्रति वर्ग मीटर की कीमत पर वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं, यदि वह वार्षिकी भुगतान प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाता है।  
  • यदि भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक वार्षिकी भुगतान प्रोत्साहन का लाभ उठाता है तो बाय बैक का मूल्य 35,100 रुपए प्रति वर्गमीटर होगा।


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