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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Jul 2023
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बिहार में जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि बढ़ी

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 13 ज़िलों में चल रही जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि का विस्तार कर दिया गया है। अब यह योजना 2025 तक चलेगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि पूर्व में जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि 2022-23 तक थी। 
  • जैविक कॉरिडोर योजना के तहत नेशनल प्रोग्राम ऑन ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (एनपीओपी) के मानक के अनुरूप राज्य के चयनित 13 ज़िलों में कुल 20 हज़ार एकड़ को पूर्ण रूप से जैविक क्षेत्र बनाया जाएगा।  
  • ज्ञातव्य है कि गंगा नदी के किनारे स्थित पटना, बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, कटिहार व नालंदा को जैविक कॉरिडोर बनाए गए हैं। जैविक कॉरिडोर को जल-जीवन-हरियाली का महत्त्वपूर्ण घटक बनाया गया है। 
  • जैविक खेती को क्लस्टर के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत कृषि पारिस्थितिकी प्रणाली प्रबंधन द्वारा मिट्टी की स्वास्थ्य व गुणवत्ता का संरक्षण, हानिकारक पदार्थों से दोषमुक्त रखा जाएगा। किसानों को आधारभूत संरचनाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी। 
  • वर्तमान में इन ज़िलों में 17507.363 एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। बिहार राज्य जैविक मिशन इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है।  
  • इस योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को प्रथम वर्ष 11500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान के रूप में दिया जाएगा। साथ ही दूसरे व तीसरे वर्ष में 6500-6500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान मिलेगा।  
  • इस योजना के तहत कॉमन फेसिलिटी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। 75 फीसदी अनुदान पर आइसोलेटेट वैन, रेफ्रिजरेटेड वैन की सुविधा दी जाएगी। एजेंसी के माध्यम से जैविक उत्पादों की मार्केटिंग भी की जाएगी। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा। 
  • राज्य के 38 ज़िलो में विषमुक्त अन्न का उत्पादन करने के लिये जैविक प्रोत्साहन योजना चलाई जाएगी। इसके तहत फसलों की लागत मूल्य कम उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी। ऐसा होने पर किसानों की आय में वृद्धि होगी। 
  • इस योजना के तहत किसानों को वर्मी कंपोस्ट, व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण के लिये अनुदान मिलेगा। वर्मी कम्पोस्ट के लिये लागत का 50 फीसदी या अधिकतम पाँच हज़ार रुपए प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा।  
  • वहीं व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट निर्माण के लिये अधिकतम 6.40 लाख रुपए अनुदान मिलेगा। व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट के लाभुकों को तीन किस्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा।

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राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक के 19 निवेश प्रस्तावों को दिया गया वित्तीय क्लीयरेंस

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार निवेश प्रोत्साहन परिषद ने बिहार के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक के 19 निवेश प्रस्तावों को वित्तीय क्लीयरेंस दे दी है, जिनमें 156 करोड़ के निवेश प्रस्तावित हैं।  

प्रमुख बिंदु  

  • निवेश करने वाली यूनिट की बैंक और सरकार की नजर में वित्तीय सुविधा और अनुदानों की पात्रता हासिल हो गई है। अब वह वित्तीय मदद लेकर प्रस्ताव के अनुरूप निवेश को धरातल पर उतार सकता है। 
  • खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बिहार में कुछ नये निवेश होने जा रहे हैं, जिनमें पटना के दनियावाँ में चिप्स और स्नैक्स, भागलपुर के बरारी में जूस और सॉफ्ट ड्रिंक और गया में पोटैटो चिप्स की यूनिट लगेगी।  
  • सबसे अधिक निवेश खाद्य प्रसंस्करण और हेल्थ सेक्टर में है। जिन वित्तीय प्रस्तावों को वित्तीय मंजूरी दी गई है, उनमें नमकीन, चिप्स, कुरकुरे, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक और बेकरी के क्षेत्र हैं। 
  • इन जगहों पर होगा निवेश:  
    • पटना ज़िले के दनियावां में चिप्स और स्नैक्स बनाने का प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसका निवेश प्रस्ताव 66.99 करोड़ रुपए का है। 
    • वैशाली ज़िले के हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में नमकीन, कुरकुरे, पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिये 38.61 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • भागलपुर बरारी औद्योगिक क्षेत्र में फ्रूट जूस और सॉफ्ट ड्रिंक के क्षेत्र में 11.13 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • पटना ज़िले में पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र में स्वीट, बेकरी और नमकीन उत्पादन के लिये 10.34 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • गया ज़िले में पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिये लगभग दस करोड़ रुपए का प्लांट स्थापित किया जाएगा।
    • बक्सर ज़िले के ब्रह्मपुर क्षेत्र में वॉयल्ड राइस के लिये 10.86 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाना है। 
    • हेल्थकेयर सेक्टर में मुजफ्फरपुर के जोरन छपरा में 65 बेड के अस्पताल निर्माण के लिये 23.35 करोड़ और मधुबनी में लहरियागंज में 100 बेड के अस्पताल की स्थापना में चार करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है।  
  • इसके अलावा इन प्रस्तावों में जनरल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है।

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