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स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना किया

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों- गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस और जोधपुर-अहमदाबाद (साबरमती) वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर से सांसद रवि किशन भी मौजूद थे। 
  • गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस अयोध्या से होकर गुजरेगी और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ राज्य के महत्त्वपूर्ण शहरों के रेल-परिवहन संपर्क में सुधार करेगी।  
  • जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस, क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए जोधपुर, आबू रोड और अहमदाबाद जैसे प्रसिद्ध स्थानों के लिये रेल-परिवहन संपर्क का विस्तार करेगी। 
  • लगभग 498 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास भी किया गया है। पुनर्विकसित होने के बाद, गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्राप्त होंगी।


उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 12,100 करोड़ रुपए से ज़्यादा लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

चर्चा में क्यों? 

7 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 12,100 करोड़ रुपए से ज़्यादा की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रधानमंत्री ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-सोन नगर रेलवे लाइन को समर्पित किया। 6760 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाई गई नई लाइन माल की तेज और अधिक कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी। 
  • उन्होंने राष्ट्र को तीन रेलवे लाइनें भी समर्पित कीं, जिनका 990 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से विद्युतीकरण या दोहरीकरण किया गया है। इनमें गाजीपुर शहर-औंरिहार रेल लाइन, औंरिहार-जौनपुर रेल लाइन और भटनी-औंरिहार रेल लाइन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइनों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को हासिल करने में मदद मिली है। 
  • प्रधानमंत्री ने एनएच-56 के वाराणसी-जौनपुर खंड के चार लेन चौड़ीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे 2,750 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया गया है और इससे वाराणसी से लखनऊ के लिये सफर आसान और तेज हो गया है। 
  • प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया, उनमें चौखंडी, कादीपुर और हरदत्तपुर रेलवे स्टेशनों के पास दो लेन वाले तीन रेल ओवर ब्रिज (आरओबी); व्यासनगर- पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेल फ्लाईओवर का निर्माण; और पीडब्ल्यूडी की 15 सड़कों का निर्माण एवं नवीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं को लगभग 780 करोड़ रुपए की कुल लागत से विकसित किया जाएगा। 
  • प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत 550 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाली 192 ग्रामीण पेयजल योजनाओं की आधारशिला भी रखी। इससे 192 गाँवों के 7 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। 
  • प्रधानमंत्री ने मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों के पुन: डिजाइन और पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। पुनर्विकसित किये गए घाटों में सार्वजनिक सुविधाएँ, प्रतीक्षा क्षेत्रों, लकड़ी भंडारण, अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण-अनुकूल दाह संस्कार के प्रावधान होंगे। 
  • जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें दशाश्वमेध घाट के फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी की तर्ज पर वाराणसी में गंगा नदी पर छह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्नान घाटों पर फ्लोटिंग चेंजिंग रूम जेटी और सीआईपीईटी परिसर करसरा में छात्रों के छात्रावास का निर्माण शामिल है। 
  • कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि के ऋण, पीएमएवाई ग्रामीण घरों की चाबियां और आयुष्मान भारत कार्ड भी वितरित किये। इससे 5 लाख पीएमएवाई लाभार्थियों का गृह प्रवेश, पात्र लाभार्थियों को 1.25 लाख पीएम स्वनिधि ऋण का वितरण और 2.88 करोड़ आयुष्मान कार्ड का वितरण शुरू हो जाएगा।


बिहार Switch to English

बिहार में जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि बढ़ी

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 13 ज़िलों में चल रही जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि का विस्तार कर दिया गया है। अब यह योजना 2025 तक चलेगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि पूर्व में जैविक कॉरिडोर योजना की अवधि 2022-23 तक थी। 
  • जैविक कॉरिडोर योजना के तहत नेशनल प्रोग्राम ऑन ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (एनपीओपी) के मानक के अनुरूप राज्य के चयनित 13 ज़िलों में कुल 20 हज़ार एकड़ को पूर्ण रूप से जैविक क्षेत्र बनाया जाएगा।  
  • ज्ञातव्य है कि गंगा नदी के किनारे स्थित पटना, बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, कटिहार व नालंदा को जैविक कॉरिडोर बनाए गए हैं। जैविक कॉरिडोर को जल-जीवन-हरियाली का महत्त्वपूर्ण घटक बनाया गया है। 
  • जैविक खेती को क्लस्टर के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत कृषि पारिस्थितिकी प्रणाली प्रबंधन द्वारा मिट्टी की स्वास्थ्य व गुणवत्ता का संरक्षण, हानिकारक पदार्थों से दोषमुक्त रखा जाएगा। किसानों को आधारभूत संरचनाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी। 
  • वर्तमान में इन ज़िलों में 17507.363 एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। बिहार राज्य जैविक मिशन इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है।  
  • इस योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को प्रथम वर्ष 11500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान के रूप में दिया जाएगा। साथ ही दूसरे व तीसरे वर्ष में 6500-6500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान मिलेगा।  
  • इस योजना के तहत कॉमन फेसिलिटी सेंटर का निर्माण किया जाएगा। 75 फीसदी अनुदान पर आइसोलेटेट वैन, रेफ्रिजरेटेड वैन की सुविधा दी जाएगी। एजेंसी के माध्यम से जैविक उत्पादों की मार्केटिंग भी की जाएगी। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा। 
  • राज्य के 38 ज़िलो में विषमुक्त अन्न का उत्पादन करने के लिये जैविक प्रोत्साहन योजना चलाई जाएगी। इसके तहत फसलों की लागत मूल्य कम उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी। ऐसा होने पर किसानों की आय में वृद्धि होगी। 
  • इस योजना के तहत किसानों को वर्मी कंपोस्ट, व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट यूनिट निर्माण के लिये अनुदान मिलेगा। वर्मी कम्पोस्ट के लिये लागत का 50 फीसदी या अधिकतम पाँच हज़ार रुपए प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा।  
  • वहीं व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट निर्माण के लिये अधिकतम 6.40 लाख रुपए अनुदान मिलेगा। व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट के लाभुकों को तीन किस्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा।

बिहार Switch to English

राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक के 19 निवेश प्रस्तावों को दिया गया वित्तीय क्लीयरेंस

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार निवेश प्रोत्साहन परिषद ने बिहार के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में दो करोड़ से अधिक के 19 निवेश प्रस्तावों को वित्तीय क्लीयरेंस दे दी है, जिनमें 156 करोड़ के निवेश प्रस्तावित हैं।  

प्रमुख बिंदु  

  • निवेश करने वाली यूनिट की बैंक और सरकार की नजर में वित्तीय सुविधा और अनुदानों की पात्रता हासिल हो गई है। अब वह वित्तीय मदद लेकर प्रस्ताव के अनुरूप निवेश को धरातल पर उतार सकता है। 
  • खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बिहार में कुछ नये निवेश होने जा रहे हैं, जिनमें पटना के दनियावाँ में चिप्स और स्नैक्स, भागलपुर के बरारी में जूस और सॉफ्ट ड्रिंक और गया में पोटैटो चिप्स की यूनिट लगेगी।  
  • सबसे अधिक निवेश खाद्य प्रसंस्करण और हेल्थ सेक्टर में है। जिन वित्तीय प्रस्तावों को वित्तीय मंजूरी दी गई है, उनमें नमकीन, चिप्स, कुरकुरे, सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट ड्रिंक और बेकरी के क्षेत्र हैं। 
  • इन जगहों पर होगा निवेश:  
    • पटना ज़िले के दनियावां में चिप्स और स्नैक्स बनाने का प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसका निवेश प्रस्ताव 66.99 करोड़ रुपए का है। 
    • वैशाली ज़िले के हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में नमकीन, कुरकुरे, पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिये 38.61 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • भागलपुर बरारी औद्योगिक क्षेत्र में फ्रूट जूस और सॉफ्ट ड्रिंक के क्षेत्र में 11.13 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • पटना ज़िले में पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र में स्वीट, बेकरी और नमकीन उत्पादन के लिये 10.34 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव। 
    • गया ज़िले में पोटैटो चिप्स उत्पादन के लिये लगभग दस करोड़ रुपए का प्लांट स्थापित किया जाएगा।
    • बक्सर ज़िले के ब्रह्मपुर क्षेत्र में वॉयल्ड राइस के लिये 10.86 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाना है। 
    • हेल्थकेयर सेक्टर में मुजफ्फरपुर के जोरन छपरा में 65 बेड के अस्पताल निर्माण के लिये 23.35 करोड़ और मधुबनी में लहरियागंज में 100 बेड के अस्पताल की स्थापना में चार करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है।  
  • इसके अलावा इन प्रस्तावों में जनरल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है।

राजस्थान Switch to English

जनसंपर्क अलंकरण समारोह

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को जयपुर स्थित हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर प्रोफेसर सुधि राजीव की अध्यक्षता में राजस्थान पब्लिक रिलेशंस सोसायटी द्वारा जयपुर में आयोजित जनसंपर्क अलंकरण समारोह में जनसंपर्क सहित विभिन्न सेवाओं में अनुकरणीय कार्य करने वाली 24 विभूतियों को सम्मानित किया गया। 

प्रमुख बिंदु  

  • समारोह में की नोट स्पीकर पूर्व आईएएस मनोज कुमार शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य करने वाली 24 विभूतियों को शॉल ओढ़ाकर, प्रशस्ति पत्र, श्रीफल तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
  • इस समारोह में राजस्थान आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा को ‘जनसंपर्क श्री’पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी ओर से बीएल स्वामी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।  
  • इनके अलावा राजस्थान आवासन मंडल के विशेषाधिकारी (मुख्यमंत्री) फारुख आफरीदी को लाइफ टाइम अचीवमेंट तथा जाने-माने गजल गायक पद्मश्री अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन को विशिष्ट अलंकरण प्रदान किये गए। 
  • इस अवसर पर उदयपुर के संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, तिलक पालावत, स्वर्गीय गोवर्धन लाल पाराशर के प्रतिनिधि, स्वर्गीय कमलनयन शर्मा के प्रतिनिधि, डॉक्टर नरोत्तम शर्मा, दिग्विजय डाबरिया,  उम्मेद राज जैन, डॉ कृति भारती, आशीष जैन पीआरओ, श्वेता पचौरी, आकांक्षा पालावत पीआरओ, विनायक शर्मा, तरुण टाक, महेश कचोलिया, शैलेंद्र शर्मा, आशीष, अमन, हिमांशु पाटनी, रेखा चटर्जी, मनोज भारद्वाज, सीमा राज, चंद्रशेखर एपीआरओ, स्निग्धा शर्मा तथा लिपि सिंघल को भी सम्मानित किया गया।


राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया टीचर इंटरफेस फॉर एक्सीलेंस (TIE) कार्यक्रम के प्रस्ताव का अनुमोदन

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा टीचर इंटरफेस फॉर एक्सीलेंस (TIE) कार्यक्रम के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के 500 शिक्षक अब देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • टीचर इंटरफेस फॉर एक्सीलेंस (TIE) कार्यक्रम के अंतर्गत शोध व प्रशिक्षण सुविधा पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23.50 करोड़ रुपए व्यय होंगे। विभाग द्वारा कार्यक्रम की गाइडलाइन जल्द ही जारी की जाएगी। 
  • मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से शिक्षक विदेशों के 1 से 100 क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यू.एस) रैंक और भारत के 1 से 100 नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंक वाले प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण ले सकेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 से 6 माह तक के लिये होंगे। 
  • शिक्षक उत्कृष्ट शैक्षणिक नीतियों एवं संचालित कार्यक्रमों से परिचित एवं प्रशिक्षित हो सकेंगे। इससे उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण अध्यापन एवं शोध को प्रोत्साहन मिल सकेगा। 
  • इससे राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की ग्रेडिंग में राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति और मज़बूत होगी। राज्य में शोध का स्तर बढ़ेगा।  
  • इस योजना का संचालन राजस्थान स्टेट फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी द्वारा किया जाएगा। नोडल विभाग कॉलेज शिक्षा विभाग होगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बीकानेर में 24,300 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

चर्चा में क्यों?

8 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में 24,300 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया, उनमें शामिल हैं- अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे का छह-लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे खंड; हरित ऊर्जा गलियारे के अंतर-राज्य ट्रांसमिशन लाइन का चरण-I बीकानेर पावर ग्रिड द्वारा विकसित भिवाड़ी ट्रांसमिशन लाइन और बीकानेर में 30 बिस्तरों वाला कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल।  
  • प्रधानमंत्री ने अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे का छह लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे खंड राष्ट्र को समर्पित किया।  
    • 500 किमी. से अधिक लंबा यह खंड, राजस्थान में हनुमानगढ़ ज़िले के जाखड़ावाली गाँव से जालौर ज़िले के खेतलावास गांव तक फैला हुआ है, जिसे लगभग 11,125 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया गया है।  
    • एक्सप्रेसवे यात्रा-अवधि को काफी कम कर देगा और प्रमुख शहरों तथा औद्योगिक गलियारों के बीच परिवहन-संपर्क में सुधार करेगा।  
    • एक्सप्रेसवे न केवल माल के निर्बाध परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि अपने मार्ग पर पर्यटन और आर्थिक विकास में भी वृद्धि करेगा। 
  • क्षेत्र में बिजली क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने हरित ऊर्जा गलियारे के लिये अंतर-राज्य ट्रांसमिशन लाइन के चरण-I  का लोकार्पण किया, जिसे लगभग 10,950 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया गया है।  
    • हरित ऊर्जा गलियारा लगभग 6 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करेगा और पश्चिमी क्षेत्र में ताप-विद्युत उत्पादन और उत्तरी क्षेत्र में जल-विद्युत उत्पादन के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड संतुलन में मदद करेगा, जिससे उत्तरी क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र के बीच ट्रांसमिशन क्षमता मज़बूत होगी।  
  • प्रधानमंत्री ने लगभग 1,340 करोड़ रुपए की लागत से पावर ग्रिड द्वारा विकसित बीकानेर-भिवाड़ी ट्रांसमिशन लाइन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। बीकानेर से भिवाड़ी ट्रांसमिशन लाइन राजस्थान में 8.1 गीगावॉट सौर ऊर्जा की निकासी में मदद करेगी। 
  • प्रधानमंत्री ने बीकानेर में 30 बिस्तरों वाला नया कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल राष्ट्र को समर्पित किया। अस्पताल की क्षमता 100 बिस्तरों तक विस्तार के योग्य होगी।  
  • इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने बीकानेर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। लगभग 450 करोड़ रुपए की लागत वाले इस पुनर्विकास कार्य में रेलवे स्टेशन की मौजूदा संरचना की विरासत स्थिति के संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए फर्श और छत के साथ-साथ सभी प्लेटफार्मों का नवीनीकरण शामिल होगा। 
  • प्रधानमंत्री ने 43 किमी. लंबे चूरू-रतनगढ़ रेल-खंड के दोहरीकरण की भी आधारशिला रखी। इस रेल लाइन के दोहरीकरण से रेल परिवहन-संपर्क बढ़ेगा और बीकानेर क्षेत्र से देश के बाकी हिस्सों तक जिप्सम, चूना पत्थर, खाद्यान्न और उर्वरक उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी।

  


मध्य प्रदेश Switch to English

राज्यपाल द्वारा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की डॉक्यूमेंट्री ‘प्रदीप्ति’ लोकार्पित

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार कराई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘प्रदीप्ति’का राजभवन में लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को जागरूक कर परीक्षा के भय को कम करने का प्रयास सराहनीय है। आयोग द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री इस दिशा में अभिनव और अनुकरणीय पहल है।  
  • राज्यपाल ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों के संबंध में आयोग द्वारा तैयार वृत्तचित्र अभ्यर्थियों को परीक्षा के भय से मुक्त करेगा। अभ्यर्थियों की जागरूकता बढ़ने से आयोग की कार्य-प्रणाली और अधिक पारदर्शी होगी। 
  • मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजेश लाल मेहरा ने बताया कि डाक्यूमेंट्री ‘प्रदीप्ति’में आयोग की विभिन्न परीक्षाओं तथा साक्षात्कार में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को जागरूक करने के लिये परीक्षा संबंधी नियमों एवं निर्देशों की जानकारी दी गई है।  
  • विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के संबंध में प्राय: यह देखने में आता रहा है कि अनेक परीक्षार्थी कुछ न कुछ गलतियाँ करते रहते हैं और उन्हें सुधारने के लिये पत्राचार करते हैं। उन्हें आयोग की कार्य-प्रणाली का भी समुचित ज्ञान नहीं होता। पूर्णत: परीक्षार्थी केंद्रित यह डॉक्यूमेंट्री इस दिशा में उनकी सहयोगी होगी।  
  • डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षार्थियों को परीक्षा संबंधी विभिन्न जानकारियाँ देकर प्रशिक्षित करना है। डॉक्यूमेंट्री में अभ्यर्थियों के लिये परीक्षा पूर्व किये जाने वाले कार्यों, परीक्षा के दौरान की सावधानियों, साक्षात्कार संबंधी सूचनाओं और साक्षात्कार के बाद उपयोगी जानकारियों को विस्तार से बताया गया है। 


मध्य प्रदेश Switch to English

क्रिस्प को मिली एआईसीटीई से मान्यता

चर्चा में क्यों?

8 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश की अग्रणी संस्था क्रिस्प को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से ‘पोस्ट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रोग्राम’की मान्यता प्राप्त हुई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • यह मान्यता फिलहाल दो शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 के लिये मिली है, जिसमें डेढ़ साल के ‘पोस्ट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रोग्राम’की मान्यता मिली है। इसके लिये औपचारिक प्रवेश प्रक्रिया 1 अगस्त, 2023 से शुरू होगी और 1 सितंबर से भोपाल परिसर में कक्षाएँ भी शुरू हो जाएंगी। 
  • गौरतलब है कि क्रिस्प मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत कार्यरत एक स्वशासी संस्था है। क्रिस्प अब इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन, मेकाट्रोनिक्स, मैन्यूफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, सूचना प्रौद्योगिकी (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस- मशीन लर्निंग), इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (कंप्यूटर एप्लीकेशन), हाई-टेक टेक्नोलॉजी (कंप्यूटर एप्लीकेशन) जैसे विशेष हाई-टेक पोस्ट डिप्लोमा सर्टिफिकेट संचालित करेगा।  
  • प्रस्तावित पाठ्यक्रम उम्मीदवारों को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट प्रदान करेंगे। 
  • क्रिस्प के निदेशक अमोल वैद्य ने बताया कि एआईसीटीई से मान्यता के बाद क्रिस्प को एफ.डी.पी, टी.ओ.टी के आयोजन और इंक्यूबेशन सेंटर, उद्योग 4.0 केंद्र स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही आईओटी, ए.आई और एम.एल जैसे भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने में मदद मिलेगी।


मध्य प्रदेश Switch to English

एशियन गेम्स-2022 में अब तक मध्य प्रदेश अकादमी के 25 खिलाड़ियों का चयन

चर्चा में क्यों?

8 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चीन के हांग्जो में होने वाले 19वीं एशियन गेम्स में मध्य प्रदेश खेल अकादमी के 25 खिलाड़ियों ने अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है। अब तक वाटर स्पोर्ट्स, शूटिंग, घुड़सवारी, एथलेटिक्स के खिलाड़ी शामिल हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • उल्लेखनीय है कि आगामी 23 सितंबर से 8 अक्तूबर तक चीन के हांग्जो में 19वीं एशियन गेम्स-2022 की शुरुआत होगी।  
  • कोविड-19 की वजह से एशियन गेम्स को स्थगित किया गया था। इन एशियन खेलों में एक बार पुन: मध्य प्रदेश के खिलाड़ी अपनी पूरी तैयारी के साथ भारत का परचम लहराने के लिये तैयार हैं।  
  • एशियन गेम्स में चयनित खिलाड़ी 
  • मध्य प्रदेश राज्य वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के शुभम केवट, विश्वजीत सिंह कुशवाह, कु. शिखा चौहान, कु. आहना यादव, केनो स्लालम में भारतीय टीम के लिये चयनित हुए हैं।  
  • कु. नेहा ठाकुर, कु. शीतल वर्मा, कु. हर्षिता तोमर- सेलिंग; अर्जुन सिंह, नीरज वर्मा, नितिन वर्मा, कु. शिवानी वर्मा, कु. कावेरी, कु. ओ. बिनीता देवी क्याकिंगकेनोइंग में एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।  
  • रोइंग में मध्य प्रदेश वाटर स्पोर्ट्स अकादमी की कु. रूक्मिणी दांगी और अकादमी की पूर्व खिलाड़ी कु. अंशिका भारती का चयन किया गया है।  
  • वाटर स्पोर्ट्स अकादमी की ही पैरा केनो के खिलाड़ी कु. प्राची यादव और मनीष कौरव भारतीय क्याकिंग केनोइंग टीम का हिस्सा होंगे। 
  • म.प्र. राज्य घुड़सवारी अकादमी के स्टार घुड़सवार राजू सिंह एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।  
  • मध्य प्रदेश मार्शल आर्ट अकादमी के शंकर पांडे फेंसिंग के ई.पी एकल और टीम इवेंट में भारतीय टीम में शामिल होंगे।  
  • मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और कु. आशी चौकसे रायफल शूटिंग में और अकादमी की ही कु. मनीषा कीर शॉटगन ट्रेप इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। साथ ही कु. प्रीति रजक, जो अकादमी की पूर्व खिलाड़ी रही हैं, शॉटगन के ट्रेप इवेंट में भारतीय टीम में शामिल होंगी। 
  • मध्य प्रदेश एथलेटिक्स अकादमी की एसोसिएट मेंबर रहीं कु. दीक्षा 1500 मीटर में तथा कु. सपना बर्मन हेप्थलॉन इवेंट में 19वीं एशियन गेम्स भारतीय एथलेटिक्स टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। 

हरियाणा Switch to English

हरियाणा मंत्रिमंडल ने विधुर व्यक्तियों तथा अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विधुर व्यक्तियों तथा अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • यह योजना 1 जुलाई, 2023 से लागू होगी। इसके तहत 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को भी 2750 रुपए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिनकी परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम है।  
  • इसके अलावा, वे विधुर जिनकी आयु 40 वर्ष हो गई है तथा उनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम होगी, वे भी 2750 रुपए मासिक की वित्तीय सहायता लेने के पात्र होंगे। 
  • इस योजना के तहत वित्तीय सहायता 60 वर्ष की आयु तक प्रदान की जाएगी। उसके बाद पात्र व्यक्तियों को ‘वृद्धावस्था सम्मान भत्ता’प्रदान किया जाएगा।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा सरकार ने ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023’ को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के गुरुग्राम ज़िले की मानेसर तहसील के कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों की राजस्व संपदा में मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के लिये ‘नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023’ को मंजूरी प्रदान की गई।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस नीति का उद्देश्य विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और भूमि मालिकों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उचित लाभ मिले। 
  • जो भूमि मालिक नो लिटिगेशन पॉलिसी 2023 के तहत विकल्प नहीं चुनते हैं, वे भूमि मालिकों के लिये पुनर्वास और पुनर्स्थापन और भूमि अधिग्रहण विस्थापित नीति (आर एंड आर) के तहत लाभ के लिये पात्र होंगे। 
  • विदित है कि राज्य सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के विकास के उद्देश्य से 10 जनवरी, 2011 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत ज़िला गुरुग्राम की मानेसर तहसील के गाँवों कासन, कुकरोला और सेहरावाँ में लगभग 1810 एकड़ जमीन को अधिसूचित किया था।  
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2011 के आदेश के तहत उपर्युक्त अधिग्रहण कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायालय द्वारा दिया गया स्टे 2 दिसंबर, 2019 को हटा दिया गया और उसके बाद उक्त भूमि को 17 अगस्त, 2020 को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 6 के तहत अधिसूचित किया गया और बाद में 8 अगस्त, 2022 को अवार्ड की घोषणा की गई थी। 
  • ज्ञातव्य है कि 9 अगस्त, 2022 को हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि विस्थापित भूमि मालिकों का उचित पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिये, इस अधिग्रहण की कार्यवाही के लिये पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति 2010 को संशोधित किया जाएगा। 
  • इसी के अनुसरण में अब उन भूस्वामियों के पुनर्वास के लिये एक विशिष्ट नीति तैयार की गई है, जिनकी भूमि 16 अगस्त, 2022 के अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 के तहत क्रमश: कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों के लिये 1758 एकड़ क्षेत्रफल के लिये अधिग्रहित की गई। 
  • इस नीति का लाभ उन भूमि मालिकों के लिये लागू होगा, जिनकी भूमि को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत अनिवार्य अधिग्रहण के लिये 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित किया गया था, जिनके भूमि के संबंध में अधिनियम की धारा 9 के तहत अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 दिनांक 16 अगस्त, 2022 के माध्यम से क्रमश: कासन, कुकरोला और सेहरावां गाँवों के लिये मुआवजा घोषित किया गया था।  
  • नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 समानुपातिक आधार पर एक एकड़ भूमि के बदले 1000 वर्गमीटर विकसित भूमि/भूखंड की पात्रता की अनुमति देती है। 
  • किसानों/भूमि मालिकों को इसकी अधिसूचना और पोर्टल के लॉन्च से 6 महीने की अवधि के भीतर योजना का विकल्प चुनने का अधिकार होगा। 
  • भूमि मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिये, एचएसआईआईडीसी योजना के बंद होने से 3 महीने की अवधि के भीतर भूमि मालिकों के आवंटन हिस्से के आधार पर आवासीय या औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का आश्वासन देते हुए भूमि पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर सकता है। 
  • भूमि मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र का व्यापार करने, खरीदने या बेचने की स्वतंत्रता होगी। इसका तात्पर्य यह है कि भूमि मालिक खुले बाज़ार में प्रमाणपत्र का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है।  
  • इस प्रमाणपत्र को किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में स्थानांतरित या गिरवी रखा जा सकता है। आवंटित की जाने वाली साइट के संबंध में बुनियादी ढाँचागत सुविधाएँ उपलब्ध होने के बाद भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को पोजेशन के साथ एचएसआईआईडीसी द्वारा विकसित भूखंडों की पेशकश की जाएगी। 
  • विकसित आवासीय भूखंडों या औद्योगिक भूखंडों जैसा भी मामला हो, के लिये पात्र भूमि मालिकों को एचएसआईआईडीसी द्वारा पहले फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर आवंटन मूल्य पर भूखंड की पेशकश की जाएगी। 
  • एचएसआईआईडीसी द्वारा ऑफर किये जाने वाले प्लॉट का आकार मानक आकार का होगा, यानी विकसित आवासीय उपयोग के लिये 100 वर्गमीटर और 150 वर्गमीटर के प्लॉट तथा विकसित औद्योगिक उपयोग के लिये 450 वर्गमीटर का प्लॉट। 
  • ऐसे मामले में आवासीय भूखंडों का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा, जहाँ अपरिहार्य कारणों से स्व-कब्ज़े वाले आवासीय का अधिग्रहण किया गया था।  
  • इस श्रेणी के तहत, सरकार द्वारा अधिग्रहित स्व-कब्जे वाली आवासीय संरचना/घरों के मालिक, जो 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिसूचना पर या उससे पहले अस्तित्व में थे, उन्हें प्रस्तावित आवंटन हिस्सेदारी के अलावा अतिरिक्त आवासीय भूखंड के आवंटन का आश्वासन दिया जाएगा। 
  • भूमि मालिक 33 वर्ष की अवधि के लिये प्रदान किये जा रहे वार्षिकी भुगतान का लाभ उठाने का भी हकदार होगा।  
  • वार्षिकी भुगतान (एन्युटी पेमेंट) 33 वर्ष की अवधि के लिये 21,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा। इस वार्षिकी राशि में हर साल 750 रुपए की एक निश्चित राशि से वृद्धि की जाएगी। 
  • नीति को अधिक स्वीकार्य बनाने और लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक एचएसआईआईडीसी से वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा नीति को और अधिक स्वीकार्य बनाने और लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर किसानों को लाभान्वित करने के लिये भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक एचएसआईआईडीसी से भूमि पात्रता प्रमाण पत्र को 35,400 रुपए प्रति वर्ग मीटर की कीमत पर वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं, यदि वह वार्षिकी भुगतान प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाता है।  
  • यदि भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक वार्षिकी भुगतान प्रोत्साहन का लाभ उठाता है तो बाय बैक का मूल्य 35,100 रुपए प्रति वर्गमीटर होगा।


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मुख्यमंत्री ने गांधी स्टेडियम में नवनिर्मित मल्टीपरपज इंडोर हॉल, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय सहित विभिन्न कार्यों का किया लोकार्पण तथा शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

8 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महात्मा गांधी स्टेडियम के अंतर्गत स्थित खेलो इंडिया मल्टीपरपज इंडोर स्टेडियम हॉल सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास, भूमि पूजन और लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री ने यहाँ 4 करोड़ 37 लाख 64 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित इस सर्वसुविधायुक्त मल्टीपरपज इंडोर हॉल का लोकार्पण किया। यहाँ खिलाड़ियों हेतु 04 बैडमिंटन कोर्ट, 03 टेबल टेनिस, बास्केट बॉल एवं बॉलीबॉल कोर्ट की सुविधा है।  
  • मल्टीपरपज इंडोर हॉल में महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों हेतु पृथक्-पृथक् चेंजिंग रूम, वॉशरूम, क्लॉक रूम, खेल उपकरण कक्ष, प्रथम तल में सीटिंग एरिया उपलब्ध है। यहाँ भविष्य हेतु स्क्वैश कोर्ट, शूटिंग रेंज इत्यादि की भी योजना है। 
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केशवपुर, सोहगा, राजापुर, बिलासपुर तथा निम्हा में 6 करोड़ 86 लाख 11 हज़ार की लागत से निर्मित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों का लोकार्पण किया। वहीं 5 करोड़ 39 लाख 47 हज़ार रुपए की लागत के कार्यों का भूमिपूजन किया गया। 


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खरीफ फसल की सुरक्षा के लिये इस वर्ष भी प्रदेश में चलाया जाएगा ‘रोका-छेका अभियान’

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को राज्य में खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण और उनसे खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिये छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग ने सभी कलेक्टरों और ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गाँवों में 17 जुलाई तक स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप ‘रोका-छेका अभियान’चलाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • कृषि विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी रोका-छेका प्रथा के अनुसार व्यवस्था की सुनिश्चितता की जाए। इसके लिये ग्राम स्तर पर 17 जुलाई तक स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप रोका-छेका अभियान चलाकर सभा आयोजित की जाए। साथ ही सभी निर्मित गौठानों में 30 जुलाई से पहले चारागाह की स्थापना की जाए। जहाँ चारा उत्पादन हो।  
  • अधिकारियों को रोका-छेका अभियान के तहत ग्राम स्तर पर बैठकें आयोजित करने को कहा गया है, जिसमें ‘रोका छेका’प्रथा के अनुरूप पशुओं से फसल बचाव का निर्णय ग्राम सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों के द्वारा लिया जाएगा।  
  • फसल को चराई से बचाने हेतु पशुओं को गौठान में नियमित रूप से लाये जाने के संबध में प्रत्येक गौठान ग्राम में मुनादी कराने और गौठानों में पशु चिकित्सा तथा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन के निर्देश भी दिये गए हैं।   
  • जारी निर्देश में ‘रोका छेका’प्रथा के अंतर्गत गौठानों में पशुओं के प्रबंधन व रखरखाव की उचित व्यवस्था हेतु गौठान प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित करने को भी कहा गया है। ऐसे गौठान जो सक्रिय परिलक्षित नहीं हो रहे हों, वहाँ आवश्यकतानुसार प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से समिति में संशोधन कर सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं। 
  • गौरतलब है कि राज्य में खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण और उनसे खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिये इस वर्ष भी रोका-छेका का अभियान शुरू किया जा रहा है। रोका-छेका छत्तीसगढ़ की पुरानी पंरपरा है।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इसे अभियान के रूप में राज्य में शुरू किया गया है, जिसके बड़े ही उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में चालू वर्ष के दौरान यह अभियान पुन: चलाया जा रहा है।  
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ फसल बुआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण के लिये ‘रोका छेका’ प्रथा प्रचलित है, जिसमें फसल बुआई को बढ़ावा देने तथा पशुओं के चरने से फसल को होने वाली हानि से बचाने के लिये पशुपालक तथा ग्रामवासियों द्वारा पशुओं को बांधकर रखने पहटिया (चरवाहा) की व्यवस्था इत्यादि कार्य किया जाता है। इस प्रयास से न सिर्फ किसान जल्दी बुआई का काम कर पाते हैं, बल्कि दूसरी फसल लेने हेतु भी प्रेरित होते हैं।

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प्रधानमंत्री ने रायपुर में 7600 करोड़ रुपए की लागत से 10 परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास एवं शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में लगभग 7500 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री ने आज लगभग 6,400 करोड़ रुपए की पाँच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।  
  • राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में जबलपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायपुर से कोडेबोड़ खंड की 33 किमी. लंबा 4 लेन मार्ग शामिल है।  
    • पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यह खंड जगदलपुर के पास इस्पात संयंत्रों के कच्चे माल, तैयार उत्पादों की आवाजाही के लिये महत्त्वपूर्ण है और लौह अयस्क-समृद्ध क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।  
  • प्रधानमंत्री ने एनएच-130 के बिलासपुर से अंबिकापुर खंड के 53 किमी. लंबे 4-लेन बिलासपुर-पथरापाली खंड को भी राष्ट्र को समर्पित किया।  
    • यह उत्तर प्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा और आसपास के क्षेत्रों में कोयला खदानों को कनेक्टिविटी प्रदान करके कोयले की आवाजाही को बढ़ावा देगा। 
  • प्रधानमंत्री ने 6-लेन ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर के छत्तीसगढ़ खंड के लिये 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।  
    • इनमें एनएच 130 सीडी पर 43 किमी. लंबे छह लेन वाले झांकी-सरगी खंड; एनएच 130 सीडी पर 57 किमी. लंबा छह लेन वाला सरगी-बसनवाही खंड; और एनएच-130 सीडी का 25 किमी. लंबा छह लेन वाला बसनवाही-मारंगपुरी खंड शामिल है।  
    • इसके अलावा इस परियोजना का एक प्रमुख घटक 2.8 किमी. लंबी 6-लेन सुरंग है, जिसमें उदंती वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में अप्रतिबंधित वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के लिये 27 पशुओं के निकासी मार्ग और बंदरों के लिये 17 छतरियाँ शामिल हैं।  
    • इन परियोजनाओं से धमतरी में चावल मिलों और कांकेर में बॉक्साइट समृद्ध क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और कोंडागाँव में हस्तशिल्प उद्योग को भी लाभ होगा। कुल मिलाकर ये परियोजनाएँ क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रमुखता देंगी। 
  • प्रधानमंत्री ने 750 करोड़ रुपए की लागत से पूरी हुई 103 किमी. लंबी रायपुर-खरियार रोड रेल लाइन के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इससे छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिये बंदरगाहों से कोयला, इस्पात, उर्वरक और अन्य वस्तुओं का परिवहन आसान हो जाएगा।  
  • उन्होंने 290 करोड़ रुपए की लागत से विकसित केवटी-अंतागढ़ को जोड़ने वाली 17 किमी. लंबी नई रेलवे लाइन भी राष्ट्र को समर्पित की। नई रेलवे लाइन भिलाई इस्पात संयंत्र को दल्ली-राजहरा और रावघाट क्षेत्रों की लौह अयस्क खदानों से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और घने जंगलों से गुजरते हुए दक्षिणी छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों को जोड़ेगी। 
  • प्रधानमंत्री ने कोरबा में 130 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित 60 हज़ार मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बॉटलिंग प्लांट को भी राष्ट्र को समर्पित किया।  
  • उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से अंतागढ़-रायपुर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत के तहत लाभार्थियों को 75 लाख कार्डों के वितरण का शुभारंभ किया। 
  • प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में दो आर्थिक गलियारों रायपुर-धनबाद आर्थिक गलियारा और रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा का शिलान्यास किया। 
  • इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएँ लोगों के जीवन को आसान बनाएंगी और राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करेंगी। इन परियोजनाओं से राज्य में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही छत्तीसगढ़ के धान किसानों, खनिज उद्योग और पर्यटन उद्योग को भी लाभ होगा।  
  • इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ-साथ संसद सदस्य और अन्य गण्यमान्य भी उपस्थित थे।

  


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प्रदेश में 264 करोड़ रुपए से सुधरेगी 64 पुलों की सेहत : एचपीसी की बैठक में मिली मंजूरी

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त और उम्र पूरी कर चुके पुलों की सेहत सुधारी जाएगी या उन्हें बदला जाएगा। इसी संबंध में विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत ऐसे 64 पुलों के लिये शासन ने 264 करोड़ 69 लाख 52 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अलावा, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने शासन को 74 पुलों के लिये 622.18 करोड़ रुपए (अनुमानित लागत) का एस्टीमेट सौंपा है। 
  • विदित है कि राज्य में आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण के तहत प्रदेश सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसके लिये विश्व बैंक की मदद से पहले फेज में उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत कई कामों को पूरा किया जा चुका है और कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि दूसरे फेज में यू-प्रीपेयर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
  • इसी के तहत पुलों की सेहत सुधारने का यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसमें उन पुलों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें दिसंबर 2022 में शासन की ओर से कराए गए सेफ्टी ऑडिट में खतरनाक घोषित कर दिया गया था। 
  • विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को अगले पाँच साल में पूरा किया जाना है। 
  • ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों राज्य के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) को हरी झंडी दे दी थी।  
  • परियोजना के तहत क्षतिग्रस्त पुलों का सुधार, नए पुलों का निर्माण और मिसिंग लिंक ब्रिज का निर्माण किया जाना है। आपदा में टूट गए पुलों को परियोजना में प्राथमिकता में लिया गया है।  
  • प्रदेश में विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत एचपीसी की ओर से फिलहाल 64 पुलों के लिये वित्तीय स्वीकृति मिली है। विभाग ने 74 पुलों के लिये अनुमानित खर्च की राशि का ब्योरा सौंपा है। जैसे-जैसे टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी, पुलों के सुधार का काम शुरू कराते जाएंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में शासन के निर्देश पर कराए गए सेफ्टी ऑडिट में 36 पुल असुरक्षित पाए गए थे। उस दौरान पाँच ज़ोन के 3262 का सेफ्टी ऑडिट कराया गया था। इसके अंतर्गत जिन पुलों में तकनीकी तौर पर सुधार किया जा सकता है, उन्हें ठीक कराया जाएगा।

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राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति को कैबिनेट की मंजूरी

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में नियमों और मानकों को ताक पर रखकर संचालित नशामुक्ति केंद्र और मनोरोगियों के लिये संस्थानों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी संबंध में प्रदेश सरकार ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति नियमावली को मंजूरी दे दी है।  

प्रमुख बिंदु  

  • अब राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति नियमावली के नियमों के तहत ही सभी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों व नशामुक्ति केंद्रों का संचालन किया जाएगा।  
  • संस्थानों के अलावा मनोवैज्ञानिकों, मानसिक स्वास्थ्य नर्सों, मनोचिकित्सीय सामाजिक कार्यकर्ताओं को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के अस्थायी पंजीकरण के लिये दो हज़ार रुपए शुल्क रखा गया है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का पंजीकरण निशुल्क होगा। 
  • एक साल के अस्थायी लाइसेंस के लिये दो हज़ार रुपए शुल्क देय होगा। उसके बाद स्थायी पंजीकरण के लिये 20 हज़ार शुल्क देना होगा। 
  • नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में पाँच से 50 हज़ार रुपए जुर्माना, दूसरी बार में दो लाख और बार-बार उल्लंघन पर पाँच लाख जुर्माना किया जाएगा। बिना पंजीकृत नशामुक्ति केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारियों पर 25 हज़ार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।  
  • यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को पहली बार में छह माह की जेल या 10 हज़ार रुपए जुर्माना, बार-बार उल्लंघन पर दो वर्ष की जेल या 50 हज़ार से पाँच लाख रुपए जुर्माना किया जाएगा। 
  • विदित है कि वर्ष 2019 में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने सात ज़िलों में निगरानी व सुनवाई के लिये बोर्ड गठन कर दिया है। इनमें हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी ज़िले में बोर्ड बन चुका है, जबकि छह ज़िलों में प्रक्रिया चल रही है। 
  • राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति नियमावली के अंतर्गत नशामुक्ति केंद्र मानसिक रोगी को कमरे में बंधक बनाकर नहीं रख सकते हैं। डॉक्टर के परामर्श पर ही नशामुक्ति केंद्रों में मरीज को रखा जाएगा और डिस्चार्ज किया जाएगा। केंद्र में फीस, ठहरने, खाने का मेन्यू प्रदर्शित करना होगा।  
  • मरीजों के इलाज के लिये चिकित्सक, मनोचिकित्सक को रखना होगा। केंद्र में मानसिक रोगियों के लिये खुली जगह होनी चाहिये।  
  • ज़िलास्तर पर मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड के माध्यम से निगरानी की जाएगी। मानसिक रोगी को परिजनों से बात करने के लिये फोन की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा कमरों में एक बेड से दूसरे बेड की दूरी भी निर्धारित की गई है। 
  • इस नीति के लागू होने से राज्य के मानसिक रोगियों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में होने वाली घटनाओं पर रोक लगेगी।

उत्तराखंड Switch to English

फैक्टरियों में नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं की सुरक्षा होगी मज़बूत

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में रात्रि पाली में कारखानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिये सुरक्षा मज़बूत करने का निर्णय लेते हुए श्रम विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि कारखाना अधिनियम 1948 में महिला कार्मिकों को जो भी राहतें दी गई थीं, उसमें संशोधन करते हुए राहत और बढ़ाई गई है।  
  • अब कारखानों में रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाकर्मियों को घर लाने-ले जाने वाले वाहनों में पैनिक बटन, जीपीएस डिवाइस, सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा। 
  • इन वाहनों का संचालन करने वाली ड्राइवर-कंडक्टर का पुलिस से सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया गया है। ये भी स्पष्ट किया गया है कि रात्रि पाली में महिलाएँ केवल उसी कारखाने में काम कर सकेंगी, जहां कम से कम 20 महिलाकर्मी हों। इससे कम पर रात्रिपाली की अनुमति महिलाकर्मियों के लिये नहीं होगी। 
  • नए नियम लागू होने पर महिलाओं को घर से कारखाने में आवागमन आसान हो जाएगा। 


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