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उत्तराखंड के दो मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में कांवड़ मेला शुरू होने से पहले राज्य के पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की ओर से हरिद्वार और ऋषिकेश ज़िलों के दो मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- जिन मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है, वे हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर और ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर हैं। इनमें श्रद्धालुओं के लिये हाफ पैंट, फटी जींस, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट पहनकर आने वालों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। मर्यादित कपड़े पहनकर आने वालों को ही मंदिर में प्रवेश कर दर्शन करने की अनुमति होगी।
- विदित है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कुछ दिन पहले इन दोनों मंदिरों में अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
- पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव ने बताया कि मंदिरों में मर्यादा को बनाए रखने के लिये कपड़ों की मर्यादा जरूरी है। दोनों मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू करते हुए बैनर लगा दिये गए हैं। महिला हो या पुरुष अब अमर्यादित कपड़ों में इन मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के शरीर 80 फीसदी तक ढके होने चाहिये।
- उन्होंने कहा कि शालीनतापूवर्क व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये मंदिरों में साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
- देश के अधिकांश मंदिर चाहे वह संतों के हों या फिर अन्य कमेटी, सरकार के ट्रस्ट के अधीन हों, सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है।
- ज्ञातव्य है कि दक्षिण भारत के कई मंदिरों में ड्रेस कोड पहले से लागू है। उत्तराखंड तीर्थ स्थानों का प्रदेश है और यहाँ भी इसे लागू करने की ज़रूरत थी।
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