उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश की सिटी बसों में यात्रियों को मिलेगी 10 प्रतिशत की छूट
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश के नगर विकास के मुख्य सचिव अमृत अभिजात की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश समर्पित नगरीय परिवहन निधि प्रबंध समिति की बैठक में बताया गया कि राज्य में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिये ईटीएम आपूर्तिकर्त्ता एवं एचडीएफसी द्वारा क्रियान्वित होने वाले नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड से किराए के भुगतान पर बसों के किराए में 10 प्रतिशत छूट मिलेगी।
प्रमुख बिंदु
- इसी तरह विभिन्न वाहनों के लिये लागू किराये में एकरूपता लाने के लिये नगरीय बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के टिकट पर एक रुपए प्रति यात्री की समान दर से अधिभार लगाने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके जरिये मौजूदा किराये को पूर्णांक में कर दिया गया है।
- बैठक में कन्वर्जेंस इनर्जी सर्विसेस लिमिटेड के माध्यम से 1525 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी मोड़ पर संचालित करने का प्रस्ताव मंजूर हुआ है।
- बसों में जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरा और महिलाओं के लिये सीट को रिजर्व किया जाएगा और प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अनफिट, बिना परमिट, अवैध, ओवरलोड, जर्जर व डग्गामार बसों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। तेज गति से वाहनों के संचालन व ओवरलोडिंग के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत क्रय की गई, वर्तमान में संचालित 664 बसें (सीएनजी/डीजल), लखनऊ शहर के लिये आवंटित 40 वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के लिये वेतन, ईंधन, मोटर पार्ट्स व्यय की प्रतिपूर्ति के लिये 9953.39 लाख रुपए की मंजूरी दी गई।
- अन्य खर्चों को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2022-23 तथा 2023-24 के लिये कुल धनराशि 25890.81 लाख रुपए का अनुमोदन किया गया।
- इसी प्रकार 300 इलेक्ट्रिक बसों को जीसीसी मोड़ पर संचालित कराने के लिये अभी तक कोई बजट नहीं है। इन बसों के संचालन पर संभावित 21.20 करोड़ वार्षिक तथा नवीन मेंटीनेंस डिपो के लिये 65.00 करोड़ रुपए का व्यय भार को अनुमोदन किया गया।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में 447.48 करोड़ की जररूरत होगी, इसके लिये जरूरी रकम की मांग वित्त विभाग से की जाएगी।
बिहार Switch to English
बिहार में जल्द लागू होगी नयी प्रदूषण नीति
चर्चा में क्यों?
7 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में अगले करीब 40 साल में कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने हेतु राज्य में नई प्रदूषण नीति लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य पर्यावरण को बेहतर करना है।
प्रमुख बिंदु
- नई प्रदूषण नीति को अगले चार-पाँच महीनों में राज्य में लागू करने की संभावना है। भले ही यह आम आदमी की समझ में आसानी से आए या नहीं आए, लेकिन इसका मकसद आम और खास सहित राज्य, देश और दुनिया को फायदा पहुँचाना है। इसका फायदा मानव सहित पशु, पक्षियों और प्राकृतिक घटकों को भी होगा।
- इस नीति के लागू होने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता में भी मदद मिलेगी।
- सूत्रों के अनुसार नई प्रदूषण नीति के लिये यूनाइटेड नेशंस इनवायरमेंट प्रोग्राम (यूएनइपी) सहित उसकी सहयोगी संस्थाओं के द्वारा एक स्टडी की जा रही है। इसकी रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है। इस रिपोर्ट के आधार पर नई नीति का मसौदा तैयार कर राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
- राज्य में लागू होने वाली इस नयी नीति में अगले 30-40 साल के लिये एक कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस कार्ययोजना में प्रत्येक साल में किये जाने वाले काम तय होंगे। इस तरह हर साल काम करके अगले 30-40 साल में राज्य में कार्बन का उत्सर्जन शून्य करने के लक्ष्य पर काम किया जाएगा।
- कार्ययोजना में मुख्य रूप से शामिल किये जाने वाले विषय राज्य में बिजली उत्पादन या खरीद, उद्योग, परिवहन, आम लोगों द्वारा उपभोग की जाने वाली चीजें, खाना-पीना, खरीदारी जीवनशैली आदि में बदलाव होंगे।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि लो कार्बन एमिसन को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार होगा। इसमें प्रत्येक साल की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
- नीति के तहत तय किया जाएगा कि राज्य में ऊर्जा की खरीद में कितना रिन्यूएबल एनर्जी का हिस्सा होगा। पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक और सीएनजी चालित वाहनों को किस तरह लाया जाएगा। इसके लिये प्रोत्साहित करने के लिये प्राइवेट पार्टी को किस तरह का इंसेंटिव दिया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
66वें नेशनल स्कूल गेम्स में चूरू की रितु कुमारी ने जीता शॉट पुट में ब्रोंज मेडल
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को राजस्थान के चूरू ज़िले की रितु कुमारी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित हो रहे 66वें नेशनल स्कूल गेम्स में शॉट पुट स्पर्धा में काँस्य पदक जीता है।
प्रमुख बिंदु
- रितु कुमारी ने शॉट पुट स्पर्धा में 13.28 मीटर गोला फेंककर 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 117 खिलाड़ियों के बीच प्रदेश को ब्रोंज मैडल दिलाया।
- इसके अलावा अलग-अलग भार वर्गों में जोधपुर एवं उदयपुर ज़िलों के पाँच मुक्केबाजों ने सेमीफाईनल में प्रवेश कर प्रदेश के खाते में और पदकों की उम्मीद जगाई है।
- विदित है कि राज्य के खिलाड़ियों ने अब तक इन खेलों में दो गोल्ड, दो सिल्वर और एक काँस्य पदक जीते हैं।
- उल्लेखनीय है कि 66वें नेशनल स्कूली गेम्स में भोपाल, ग्वालियर और नई दिल्ली में आयोजित हो रही विविध खेल स्पर्धाओं में राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग के बैनर तले प्रदेश के खिलाड़ी व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में शिरकत कर रहे हैं।
- भोपाल में ही चल रहे बॉक्सिंग मुकाबलों में छात्राओं के 45-48 किलोग्राम भार वर्ग में जयपुर की यामिनी कंवर (राजा रामदेवी पोद्दार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गांधी नगर, जयपुर), छात्रों के 52-56 किलोग्राम भार वर्ग में उदयपुर के आमिल अली (राजकीय फतेह उच्च माध्यमिक विद्यालय, उदयपुर), 60-64 किलोग्राम भार वर्ग में जोधपुर के संकल्प लवानिया (श्री केके मॉडर्न उच्च माध्यमिक विद्यालय, जोधपुर), 64-69 किलोग्राम वर्ग में जोधपुर के रितिक सिवाच (वंदना पब्लिक अकादमी, प्रताप नगर, जोधपुर) तथा 69-75 किलोग्राम वर्ग में जोधपुर के ही अमन घिटेला (न्यू सेंट्रल अकादमी, जोधपुर) ने सेमीफाईनल में प्रवेश कर प्रदेश के लिये पदकों की संभावनाएँ जगाई हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश में आरंभ होगा रिवर क्रूज टूरिज्म
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में भोपाल में हुई बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिये रिवर क्रूज टूरिज्म का उपयोग किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में रिवर क्रूज टूरिज्म का संचालन नर्मदा नदी में बड़वानी से गुजरात स्थित स्टेच्यु ऑफ यूनिटी तक आरंभ किया जाएगा। क्रूज 135 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
- बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि बरगी से मंडला तक भी क्रूज का संचालन आरंभ होगा।
- रिवर क्रूज टूरिज्म के आरंभ होने से पर्यटक नर्मदा नदी के आस-पास उपलब्ध प्राकृतिक सौंदर्य और जैव-विविधता से रू-ब-रू हो सकेंगे।
झारखंड Switch to English
झारखंड में खुलेगा यूनिटी मॉल
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड की राजधानी राँची में यूनिटी मॉल खुलेगा, जहाँ एक ही छत के नीचे लोग देवघर का पेड़ा, खरसावाँ के चिरौंजी के अलावा बिहार का जर्दालु आम, मखाना, लीची व ओडिशा का रसगुल्ला खरीद सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस मॉल में झारखंड के 24 ज़िलों के खास पहचान वाले उत्पादों के स्टॉल भी होंगे। वहीं, देश के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के भी जीआई टैगवाले उत्पादों के स्टॉल होंगे। इसके लिये राज्य सरकार से राँची में चार से पाँच एकड़ ज़मीन की मांग की गई है।
- यूनिटी मॉल में एक ज़िला एक उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिये जगह मिलेगी। यही नहीं, इसमें दूसरे राज्यों के उत्पाद की बिक्री भी की जा सकेगी।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार के वाणिज्यकर मंत्रालय ने सभी राज्यों में यूनिटी मॉल खोलने के लिये ड्राफ्ट मांगे थे। झारखंड के उद्योग विभाग द्वारा राँची में यूनिटी मॉल खोलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।
- यूनिटी मॉल का निर्माण केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के सहयोग से होगा। इसके लिये केंद्र 50 करोड़ रुपए देगा।
- उल्लेखनीय है कि एक ज़िला एक उत्पाद योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य सभी राज्यों के हर ज़िला के एक उत्पाद को राष्ट्रीय पहचान देना है और स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना है।
- इस योजना के अंतर्गत आनेवाले उद्योगों को सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी में रखा गया है। सरकार द्वारा इन उद्योगों को लगाने पर 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।
- झारखंड में एक ज़िला एक उत्पाद चिह्नित-
- ज़िला उत्पाद - देवघर व दुमका का पेड़ा, पू. सिहंभूम का टमाटर, हजारीबाग का गुड़, जामताड़ा की मिर्च, खूंटी का इमली, कोडरमा का नींबू, लोहरदगा का मधु, पाकुड़ का आम, रांची का अमरूद, साहिबगंज का आम, सरायकेला का चिरौंजी, प.सिंहभूम का शरीफा, बोकारो का कटहल, चतरा का टमाटर, धनबाद व गढ़वा का आलु, गिरिडीह का टमाटर, गोडन्न का आम, गुमला का हरी मिर्च, पलामू का टमाटर, रामगढ़ का पपीता, सिमडेगा का आम आदि।
छत्तीसगढ़ Switch to English
उद्योग मंत्री ने चेंदरू मंडावी ‘द टाइगर बॉय’की प्रतिमा का किया अनावरण
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने राज्य के नारायणपुर ज़िले के ‘टाइगर बॉय’ के नाम से प्रसिद्ध चेंदरू मंडावी की प्रतिमा का अनावरण ज़िला मुख्यालय नारायणपुर के नया बस स्टैंड चौक एवं ग्राम पंचायत गढ़बेंगाल में किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘टाइगर बॉय’ के नाम से प्रसिद्ध चेंदरू मंडावी का जन्म नारायणपुर ज़िले के ग्राम गढ़बेंगाल में हुआ था। उनकी दोस्ती बाघ (टेंबु) से होने के कारण वह ‘टाइगर बॉय’ के नाम से प्रसिद्ध था।
- स्वीडन के फिल्म निर्देशक अरने सक्सहार्फ द्वारा चेंदरू और बाघ की दोस्ती पर बनाई गई फिल्म ‘द जंगल सागा’ को 1997 में ऑस्कर अवार्ड प्राप्त हुआ। इस फिल्म से चेंदरू मंडावी की ख्याति पूरे विश्व में फैल गई।
- विदित है कि चेंदरू स्वीडन में भी एक वर्ष रहे। अपने जीवन के अंतिम समय में वे अपने गाँव में ही रहे, जहाँ 78 वर्ष की आयु में 18 सितंबर 2013 को उनका निधन हुआ।
- उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर गढ़बेंगाल स्थित पार्क का निरीक्षण भी किया, जहाँ बच्चों के खेलने के लिये सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के दो मंदिरों में लागू हुआ ड्रेस कोड
चर्चा में क्यों?
8 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में कांवड़ मेला शुरू होने से पहले राज्य के पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की ओर से हरिद्वार और ऋषिकेश ज़िलों के दो मंदिरों में ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- जिन मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है, वे हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर और ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव मंदिर हैं। इनमें श्रद्धालुओं के लिये हाफ पैंट, फटी जींस, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट पहनकर आने वालों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। मर्यादित कपड़े पहनकर आने वालों को ही मंदिर में प्रवेश कर दर्शन करने की अनुमति होगी।
- विदित है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कुछ दिन पहले इन दोनों मंदिरों में अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
- पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव ने बताया कि मंदिरों में मर्यादा को बनाए रखने के लिये कपड़ों की मर्यादा जरूरी है। दोनों मंदिरों में ड्रेस कोड को लागू करते हुए बैनर लगा दिये गए हैं। महिला हो या पुरुष अब अमर्यादित कपड़ों में इन मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के शरीर 80 फीसदी तक ढके होने चाहिये।
- उन्होंने कहा कि शालीनतापूवर्क व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये मंदिरों में साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
- देश के अधिकांश मंदिर चाहे वह संतों के हों या फिर अन्य कमेटी, सरकार के ट्रस्ट के अधीन हों, सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है।
- ज्ञातव्य है कि दक्षिण भारत के कई मंदिरों में ड्रेस कोड पहले से लागू है। उत्तराखंड तीर्थ स्थानों का प्रदेश है और यहाँ भी इसे लागू करने की ज़रूरत थी।
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