उत्तर प्रदेश Switch to English
मेरठ के अमित कुमार शौर्य चक्र से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अमित कुमार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियो के खिलाफ हुए ऑपरेशन के दौरान अदम्य साहस दिखाने पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- अमित कुमार को शौर्य चक्र श्रीनगर के बरजुल्ला इलाके में 12 अक्टूबर 2020 को हुए ऑपरेशन के लिये दिया गया है।
- विदित है कि 15 अगस्त, 2022 को उन्हें इस ऑपरेशन के साथ-साथ अन्य ऑपरेशन के लिये तीन पुलिस पदक से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी।
- गौरतलब है कि अमित कुमार मेरठ के न्यू मीनाक्षीपुरम निवासी हैं। अमित का परिवार मूल रूप से बुलंदशहर ज़िले के गाँव निसुर्खा के निवासी हैं। इनके पिता जीत सिंह भी सेना से सेवानिवृत्त हैं।
- अमित ने आर्मी स्कूल मेरठ कैंट से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरठ कॉलेज से बीएससी और भौतिक विज्ञान में एमएससी की।
- वर्ष 2013 में अमित सीआरपीएफ में सीधे नियुक्त होकर अधिकारी बने। विभिन्न स्थानों पर तैनात रहने के बाद अप्रैल 2018 में उनकी नियुक्ति श्रीनगर स्थित वैली क्यूएटी के कमांडर के पद पर हुई। इस दौरान उन्होंने अनेक ऑपरेशन में हिस्सा लिया। वह 15 एनकाउंटर में टीम के साथ शामिल रहे, इनमें 30 आतंकवादी मारे गए और पाँच को जिंदा पकड़ा गया।
- इन साहसिक कार्यों की सराहना में सरकार अमित को अब तक 14 प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर चुकी है। गत 29 अगस्त से उनकी तैनाती नई दिल्ली में वन सिग्नल सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर है।
बिहार Switch to English
डॉ. देवेंद्र कुमार शुक्ला बने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नए अध्यक्ष
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार में भारतीय वन सेवा के पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार शुक्ला को बिहार सरकार ने ‘बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना के माध्यम से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पुनर्गठन किया है।
- डॉ. देवेंद्र कुमार शुक्ला ने बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार घोष का स्थान लिया है, जो हाल हीं में सेवानिवृत्त हो गए।
- इस पद पर नियुक्त होने के पूर्व डॉ. देवेंद्र कुमार शुक्ला बिहार राज्य जैव-विविधता बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं।
राजस्थान Switch to English
प्रत्येक ब्लॉक में महिला ग्राम सेवा सहकारी समिति का होगा गठन
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान के लिये राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में एक महिला ग्राम सेवा सहकारी समिति के गठन की कार्ययोजना के प्रारूप का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रत्येक समिति की अंशदान की 3 लाख रुपए राशि भी राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस तरह राज्य में 351 ब्लॉक में बनने वाली ग्राम सहकारी सेवा समितियों के लिये कुल 10.53 करोड़ रुपए का वित्तीय भार राज्य सरकार वहन करेगी।
- प्रारूप के अनुसार, समिति के कार्यक्षेत्र में न्यूनतम एक ग्राम पंचायत होगी तथा न्यूनतम सदस्य संख्या 300 होगी। न्यूनतम हिस्सा राशि 3 लाख रुपए होगी।
- सामान्य क्षेत्रों में सदस्यों से न्यूनतम अमानत राशि 1 लाख रुपए तथा अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में अमानत राशि 75 हज़ार रुपए होगी। किसी भी एक ग्राम पंचायत में दो ग्राम सहकारी सेवा समितियाँ नहीं होंगी।
- नई समितियों में फर्नीचर्स एवं अन्य संसाधनों के लिये 50 हज़ार रुपए प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियों (पैक्स) से दिये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं का सक्रिय सहयोग बढ़ेगा। साथ ही, महिलाओं का सर्वांगीण उत्थान तथा सहकारिता आंदोलन को शक्ति, गति एवं दिशा भी मिल सकेगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में 21 मेगावाट सौर ऊर्जा और 15 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया और इनकी उपस्थिति में नगर निगम भोपाल और सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा कंपनियों के मध्य अनुबंध निष्पादन हुआ।
प्रमुख बिंदु
- सौर और पवन ऊर्जा का यह प्रोजेक्ट भोपाल नगर के लिये ऊर्जा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
- इस प्रोजेक्ट से प्रतिवर्ष भोपाल नगर निगम को 14 करोड़ रुपए की बचत होगी। आगामी समय में इसमें और वृद्धि होगी।
- इस प्रोजेक्ट से भोपाल नगर निगम को अगले 25 वर्ष तक समान दर से बिजली उपलब्ध होगी।
- वर्तमान में 12 करोड़ रुपए प्रति माह बिजली का खर्च हो रहा है। अगले 25 वर्ष के लिये बचत की योजना 2 परियोजनाओं से क्रियान्वित नगर निगम के सभी ज़ोनल ऑफिस में सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं से नगर निगम भोपाल की 60 प्रतिशत विद्युत मांग की पूर्ति हो जाएगी।
- परियोजनाओं के महत्त्वपूर्ण पहलू -
- देश में किसी भी नगरीय निकाय द्वारा लगाई जाने वाली प्रथम ग्रिड संयोजित ओपन एक्सेस परियोजना है।
- मध्य प्रदेश में स्थापित होने वाली प्रथम हाइब्रिड परियोजना हैं, जिनमें सौर एवं पवन ऊर्जा का उपयोग एक साथ होगा।
- पॉवर बैंकिंग विनियम पर आधारित प्रथम नवीकरणीय परियोजना है।
- इन परियोजनाओं से नगर निगम भोपाल की लगभग 60 प्रतिशत विद्युत मांग की पूर्ति होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की राज्य स्तरीय बैठक
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में नशा मुक्त मध्य प्रदेश बनाने के लिये नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की राज्य स्तरीय बैठक हुई।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में जानकारी दी गई कि नशा-मुक्त भारत अभियान में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा प्रदेश को देश में प्रथम और दतिया ज़िले को सर्वश्रेष्ठ ज़िला घोषित किया गया है।
- विदित है कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2022 में एनडीपीएस एक्ट में 4740 अपराध पंजीबद्ध कर 5673 आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की गई।
- इस बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि नशे के कारोबार में लगे व्यक्ति सबसे घातक और खतरनाक अपराधी हैं, इनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाए। ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति चिन्हित कर उन्हें जब्त किया जाए।
- नशे और उसके कारोबार पर नियंत्रण के लिये अद्यतन तकनीक का उपयोग करें। खुफिया तंत्र को सक्रिय और सुदृढ़ किया जाए तथा अन्य राज्यों में जारी बेस्ट प्रेक्टिसेज एवं नवाचारों को राज्य में लागू किया जाए।
- युवा वर्ग को जागरूक करने के लिये प्रदेश में व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाएँ। स्कूल, कॉलेजों और झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
- युवाओं को नशा न करने की शपथ दिलाई जाए, इसके लिये आगामी शैक्षणिक-सत्र आरंभ होने पर स्कूल, कॉलेजों में गतिविधियाँ संचालित की जाए।
- प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार नशा-मुक्ति केंद्र संचालित किये जाएँ। मादक पदार्थों से संबंधित गतिविधियों पर नियंत्रण, नशा-मुक्ति तथा नशे के विरूद्ध जन-जागरण के लिये निरंतर गतिविधियाँ संचालित करना आवश्यक है।
- नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की ज़िला स्तरीय समितियों की प्रतिमाह बैठक हो और उनमें हुई कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तरीय समिति के सामने रखी जाए।
- प्रदेश के जिन ज़िलों में एन.डी.पी.एस. न्यायालय गठित नहीं है, वहाँ तत्काल न्यायालयों का गठन किया जाए।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदूषण से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के अध्ययन के लिये एम्स, भोपाल और एमपी पीसीबी में करार
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपी पीसीबी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान,भोपाल के मध्य ‘पर्यावरण प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव’पर संयुक्त अध्ययन और अनुसंधान के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू पर एमपी पीसीबी बोर्ड के सदस्य सचिव चंद्रमोहन ठाकुर और एम्स के निदेशक एवं कार्यपालन अधिकारी डॉ. अजय सिंह ने हस्ताक्षर किये।
- दोनों संस्थान के विषय-विशेषज्ञों द्वारा किया गया करार भावी पीढ़ी की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये देश में एक नई मिसाल कायम करेगा।
- दोनों संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त अध्ययन से यह पता लगेगा कि वातावरण में उपस्थित प्रदूषण के विभिन्न प्रदूषकों का मानव स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है और उनसे कौन-कौन सी बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं।
- प्रदूषण से कैंसर, श्वसन संबंधी और हृदय रोग आदि गंभीर बीमारियों पर अंकुश लगाने और इनके आधार पर स्वास्थ्य नीति निर्धारण में मदद मिलेगी।
- यह शोध अन्य राज्यों में हो रहे शोध कार्य में भी सहायक होंगे। फिलहाल करार 2 वर्ष के लिये किया गया है। यह करार अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है।
- वायु प्रदूषण और इससे होने वाली बीमारियों के नियंत्रण में यह करार एक टर्निंग पाइंट सिद्ध होगा। विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण से होने वाली विभिन्न बीमारियों के अध्ययन में इससे बहुत मदद मिलेगी। प्रमाणिक डाटा उपलब्ध होने के कारण देश-प्रदेश में कारगर स्वास्थ्य नीति बनाने में मदद मिलेगी।
- विदित है कि जल-प्रदूषण भी अनेक संक्रामक और गंभीर रोगों का कारण बनता है। संयुक्त अध्ययन इन बीमारियों के नियंत्रण और निज़ात की दिशा में एक अनूठी पहल है, जो अन्य राज्यों के समक्ष एक मिसाल कायम करेगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन की वेबसाइट लॉन्च की
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन की वेबसाइट लॉन्च की।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन की वेबसाइट बनने से प्रदेश में सिविल एविएशन विभाग को एयरपोर्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को लागू करने और तेजी से पूरा करने में आसानी होगी। इससे हिसार में इंटीग्रेटेड एविएशन हब के साथ-साथ अन्य सभी हवाई पट्टियों के विकास कार्यों की निगरानी और निरीक्षण के कार्य शीघ्रता से पूरे होंगे।
- इस वेबसाइट के शुरू होने से हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में सिविल एविएशन विभाग में किये जा रहे विकास कार्यों को दुनिया में कहीं से कोई भी व्यत्ति देख सकता है।
- इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य में हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन के गठन को सिविल एविएशन के क्षेत्र में अहम् बताते हुए कहा कि इसके गठन से हवाई अड्डों के संचालन के लिये उपकरणों और वस्तुओं की खरीद करने में आसानी होगी और काम में तेजी आएगी। जब भी आवश्यकता होगी तो हवाई अड्डों के विकास के लिये तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट की समीक्षा की जा सकेगी।
- यही नहीं, अब विमानन गतिविधियों के लिये निविदा दस्तावेज़ों की तैयारी और प्रकाशन आसान होगा, उपयुत्त एजेंसियों के माध्यम से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर नियंत्रण हो सकेगा।
- हरियाणा एयरपोर्ट डेवलपमेंट कारपोरेशन के गठन से हवाई अडन्नें के बुनियादी ढाँचे की मरम्मत, रखरखाव और उन्नयन में सहायता मिलेगी और राज्य में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की संस्थागत क्षमता निर्माण भी होगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 में संशोधन के अध्यादेश को मिली स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,1973 में संशोधन के अध्यादेश को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- इन अध्यादेशों को हरियाणा नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2023 कहा जाएगा।
- संशोधन के अनुसार, प्रत्येक नगर पालिका में पिछड़े वर्ग ‘ए’के लिये सीटें आरक्षित होंगी और आरक्षित सीटों की संख्या यथासंभव रहेगी।
- नगर पालिका में सीटों की कुल संख्या के समान अनुपात में उस नगर पालिका की कुल आबादी के लिये पिछड़े वर्ग ‘ए’जनसंख्या के अनुपात का 0.5 या अधिक होने की स्थिति में अगले उच्च पूर्णांक तक पूर्णांकित किया जाता है।
- अनुसूचित जाति के लिये पहले से ही आरक्षित सीटों को छोड़कर पिछड़े वर्ग ‘ए’की सबसे अधिक प्रतिशत आबादी वाले पिछड़े वर्ग ‘ए’के आरक्षण के लिये प्रस्तावित सीटों की संख्या के अधिकतम तीन गुना सीटों में से ऐसी सीटों को ड्रा द्वारा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में भी बारी-बारी से आवंटित की जाएंगी।
- मंत्रिपरिषद ने 8 मई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पिछड़ा वर्ग-ए को नगर पालिकाओं के चुनाव लड़ने में आरक्षण के अनुपात के प्रावधान के लिये हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी थी।
- चूँकि, राज्य विधानसभा सत्र में नहीं है और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव जल्द से जल्द होने हैं इसलिये हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के अनुसार नगर निगमों और नगर परिषदों/समितियों के चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए को आरक्षण के प्रावधान के लिये, अधिनियम, 1994 की धारा 6 और धारा 11 और अधिनियम, 1973 की धारा 10 में प्रावधान करने के लिये अध्यादेश लाने की आवश्यकता है।
हरियाणा Switch to English
कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 में संशोधन को मिली स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि-व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 में संशोधन तथा इसके अंतर्गत प्रोत्साहन योजनाओं के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- संशोधित प्रस्ताव के अनुसार ‘बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज स्कीम’के अंतर्गत 25 परियोजनाएँ और ‘इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन स्कीम’के तहत 15 अतिरिक्त परियोजनाएँ स्थापित की जाएंगी।
- नीतिगत बजट 433 करोड़ रुपए का अपरिवर्तित बजट रहेगा। व्यक्तिगत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण, विस्तार और विविधीकरण की योजना से 31 मार्च, 2024 तक या नई कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति की अधिसूचना तक, जो भी पहले हो, 160 करोड़ रुपए का बजट उपरोक्त योजनाओं में परिवर्तित किया जाएगा।
- यह संशोधन वांछित नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार होगा और एक वृहद खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साथ-साथ राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिये भी उपयोगी होगा।
- हरियाणा कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति को कृषि क्षेत्र में त्वरित विकास प्राप्त करके एक समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था बनाने, मजबूत मूल्य श्रृंखला लिंकेज बनाने, अनुसंधान पर ज़ोर देने और अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे की स्थापना के दृष्टिकोण के साथ अधिसूचित किया गया था।
- इस नीति का उद्देश्य हरियाणा को खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेशकों के लिये एक स्पष्ट गंतव्य बनाना, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों जैसे डेयरी, बागवानी, पशुधन, मत्स्य और पोल्ट्री आदि में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना और निवेश करके बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना था।
- साथ ही खाद्य प्रसंस्करण समूहों में, इस प्रकार एक मजबूत मूल्य श्रृंखला विकसित करना, ताजा भोजन विशेष रूप से फल, सब्जियाँ, दूध और मछली के फार्म द्वार प्रसंस्करण को बढ़ावा देना, कृषि-व्यवसाय स्थान में स्टार्टअप को बढ़ावा देना और किसानों को नए माध्यम से अपनी आय बढ़ाने में सक्षम बनाने और कृषि-विपणन सुधार करना है।
- इस नीति को अधिसूचित करने का उद्देश्य वर्ष 2023 तक 3,500 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करना, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में 20,000 लोगों के लिये रोज़गार सृजन करना और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं (फल, सब्जियाँ), डेयरी, मत्स्य पालन आदि में प्रसंस्करण के स्तर को 10 प्रतिशत तक बढ़ाना था।
झारखंड Switch to English
चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिग
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को ‘नीति आयोग’द्वारा मार्च 2023 के लिये देश के 112 आकांक्षी ज़िलों की ‘चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिग’जारी की गई। इस रैंकिग के ‘टॉप फाइव’में शामिल सभी ज़िले ‘झारखंड’से हैं।
प्रमुख बिंदु
- ओवर ऑल रैंकिग में ज़िलों का स्थान इस प्रकार है-
- प्रथम स्थान - साहिबगंज
- दूसरा स्थान - रामगढ़
- तीसरा स्थान - गोड्डा
- चौथा स्थान - हज़ारीबाग
- पाँचवां स्थान - पश्चिम सिंहभूम
- इस ज़िलों में विकास योजनाओं के संदर्भ में बेहतर काम किया गया है।
- चैंपियन ऑफ डेल्टा रैंकिंग तय करने के संदर्भ में नीति आयोग ने पाँच व्यापक पैरामीटर तय किये हैं, जो इस प्रकार हैं-
- स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में अच्छा काम करने हेतु 30 प्रतिशत अंक
- शिक्षा के संदर्भ में अच्छा काम करने हेतु 30 प्रतिशत अंक
- कृषि एवं जल संसाधन के संदर्भ में अच्छा काम करने हेतु 20 प्रतिशत अंक
- वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास के संदर्भ में अच्छा काम करते हेतु 10 प्रतिशत अंक
- इंप्रास्ट्रक्चर के संदर्भ में अच्छा काम करने हेतु 10 प्रतिशत अंक दिये जाते हैं।
- उपर्युक्त पैरामीटर के संदर्भ में मिले अंकों के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण किया जाता है।
- आकांक्षी ज़िलों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े ज़िलों की पहचान करके उनके विकास में मदद करना है, जिससे कि, वे भी विकास के पैमाने पर अन्य ज़िलों के बराबर या समकक्ष आ सके।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुंगेली ज़िला को मिला श्रेष्ठ निक्षय मित्र का सम्मान
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विश्व रेडक्रॉस दिवस के उपलक्ष्य पर राजभवन में आयोजित समारोह में कलेक्टर एवं अध्यक्ष रेडक्रॉस सोसाइटी ज़िला शाखा मुंगेली को श्रेष्ठ निक्षय मित्र के रूप में सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मुंगेली कलेक्टर राहुल देव की ओर से ज़िला टीकाकरण अधिकारी डॉ. कमलेश खैरवार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- उल्लेखनीय है कि मुंगेली ज़िले को छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से अधिक से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर छत्तीसगढ़ राज्य में श्रेष्ठ निक्षय मित्र बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
- इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान में सक्रिय रूप से काम करने वाले कई अन्य निक्षय मित्रों एवं ज़िलों के ज़िलाधीशों को सम्मानित किया, जिसमें महासमुंद के कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर को भी सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 सितंबर, 2022 को वर्चुअल रूप में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया था। भारत में विश्व के कुल टीबी मरीजों का 25 प्रतिशत से अधिक है।
- संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिये प्रत्येक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं।
उत्तराखंड Switch to English
सोमनाथ मेला मासी 2023
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐतिहासिक सोमनाथ मेला मासी 2023 में प्रतिभाग करते हुए सोमनाथ मेले को 5 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि सोमनाथ मासी मेले का आयोजन कुमाऊँ मंडल के अल्मोड़ा जनपद की तहसील रानीखेत के मासी नामक गाँव में रामगंगा नदी के उस पार स्थित सोमेश्वर महादेव के मंदिर के सामने नदी तट पर होता है।
- इसका प्रारंभ वैसाख के अंतिम रविवार को होता है तथा पहली सत्र के मेले को ‘सल्टिया मेला’ कहा जाता है। इसका मुख्य आकर्षण वैसाख के अंतिम सोमवार को सोमनाथ के मंदिर के सामने रामगंगा के इस ओर के तट पर नदी में पत्थर फेंककर पानी उछालने की प्रतियोगिता होती है।
- यह प्रतियोगिता पालीपछाऊ के दो धड़ों मासीवाल तथा कनूडिया के बीच होती है। एतदर्थ दोनों धड़ों के लोग अपने-अपने निशानों (ध्वजों) व ढोल-नगाड़ा के साथ आकर रामगंगा के किनारे एक नियत स्थान पर ऽड़े हो जाते हैं तथा दोनों धड़ों के प्रधानों के द्वारा नियत समय पर प्रतियोगिता प्रारंभ करने के लिये उनके संकेतों की प्रतीक्षा करते हैं। जैसे ही उनकी ओर से झंडी या सीटी का संकेत मिलता है वैसे ही दोनों धड़ों के लोग हाथों से बड़े-बड़े पत्थर नदी में फैंकते और उछाले गए जल को अपने उपर लेने का प्रयास करते हैं। यह जल पवित्र माना जाता है।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
9 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- सीएम हेल्प लाईन 1905 के नये वर्जन में 1905 डायल करने के अलावा वेब पोर्टल, मोबाइल एप एवं ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की सुविधा भी दी गई है।
- अब 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन 1905 पर मदद लिये जाने के साथ शिकायत भी दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905 की विभागों द्वारा माह में दो बार समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे।
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905 से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिये बनाए गए इस हेल्पलाईन का लाभ आमजन को मिले।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए जन समस्याओं का उनके स्तर पर ही समाधान हो जाए। तहसील स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान हो सकता है, वे अनावश्यक ज़िलाधिकारी तक न आए और जिन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर होना है वे शासन स्तर तक न आएं। जिस स्तर पर समस्याओं का समाधान होना है, यदि नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
- भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को और अधिक सशक्त बनाया जाए। तहसील दिवसों का नियमित आयोजन किया जाए। जनपद स्तर पर भी ज़िलाधिकारी प्रतिमाह जनसुनवाई करें। प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को तहसील जन समर्पण दिवस का आयोजन किया जाए एवं चौथे मंगलवार को जनपद में ज़िलाधिकारी जन समर्पण दिवस लगाकर जन समस्याओं का समाधान करें।
- सभी जन समस्याओं एवं जन शिकायतों को ऑनलाईन रजिस्टर किया जाए। जिन लोगों की समस्याओं का समाधान तहसील एवं जनपद स्तर पर नहीं हो पाएगा, उन समस्याओं को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को संदर्भित किया जाएगा।
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