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महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बिहार का दूसरा स्थान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 से संबंधित जारी की गई एक रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बिहार, कर्नाटक (48%) के बाद दूसरे स्थान पर है, जबकि लक्षद्वीप में घरेलू हिंसा सबसे कम (2.1%) है।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट में पाया गया है कि भारत में लगभग एक-तिहाई महिलाओं ने शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है, जबकि देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा 31.2% से घटकर 29.3% हो गई है।
- शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करने वाली कुल महिलाओं में से केवल 14% महिलाओं ने इस मुद्दे को उठाया है।
- महिलाओं के बीच शारीरिक हिंसा का अनुभव ग्रामीण क्षेत्रों (32%) में शहरी क्षेत्रों (24%) की तुलना में अधिक आम है।
- सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि 32% विवाहित महिलाओं (18-49 वर्ष) ने शारीरिक, यौन या भावनात्मक वैवाहिक हिंसा का अनुभव किया है। वैवाहिक हिंसा का सबसे आम प्रकार शारीरिक हिंसा (28%) है, जिसके बाद भावनात्मक हिंसा और यौन हिंसा का स्थान आता है।
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