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स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Apr 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री योगी ने गोरखपुर को दी एक हज़ार करोड़ रुपए की सौगात

चर्चा में क्यों?

9 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दौरे के तीसरे दिन गोरखपुर को एक हज़ार करोड़ से अधिक रुपए की सौगात दी। उन्होंने हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (खाद कारखाना) के मैदान पर करीब 1046 करोड़ रुपए की लागत वाले 258 विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 333.85 करोड़ रुपए के 56 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 711.81 करोड़ रुपए के 202 विकास कार्यों का शिलान्यास किया।
  • गौरतलब है कि एक दिन पूर्व 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बस रहे औद्योगिक गलियारे में गीडा के सेक्टर 27 में बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेज के 1071 करोड़ रुपए के निवेश से लग रहे प्लांट का भूमि पूजन व शिलान्यास किया था।
  • वरुण बेवरेजेज के प्लांट में आम, अमरूद, लीची जैसे फलों व दूध की आपूर्ति करके किसान और पशुपालक अपनी आय कई गुना बढ़ा सकेंगे।
  • गोरखपुर के प्लांट से 1500 नौजवानों को रोज़गार मिलेगा तथा दस हज़ार ग्रामीण अतिरिक्त आमदनी स्रोत से जुड़ेंगे।

राजस्थान Switch to English

‘राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई योजना’ के अंतर्गत लगभग 463 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु डिग्गी, फार्म पौंड एवं सिंचाई पाइपलाइन आदि कार्यों के लिये ‘राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई योजना’के अंतर्गत लगभग 463 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

प्रमुख बिंदु 

  • आगामी 2 वर्षों में फार्म पौंड निर्माण के लिये 30 हज़ार किसानों को लाभान्वित करने के लक्ष्य को बढ़ाकर 50 हज़ार किया गया है। इस पर कुल 261.75 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • योजना में अनुसूचित जाति-जनजाति के गैर लघु-सीमांत कृषकों को भी अब लघु-सीमांत किसानों के समान 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
  • किसानों को प्रोत्साहित करने एवं संबल प्रदान करने के लिये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौंड निर्माण हेतु अनुदान सीमा को भी 90 हज़ार से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपए किया गया है।
  • आगामी 2 वर्षों में 40 हज़ार किसानों को 16 हज़ार किमी. सिंचाई पाइपलाइन के लिये अनुदान दिया जाएगा। इस पर वर्ष 2023-24 में 43.20 करोड़ रुपए व्यय किये जाएंगे। वहीं, 5000 डिग्गियों के निर्माण पर वर्ष 2023-24 में 158 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट 2023-24 में सिंचाई के जल की उपलब्धता एवं सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने संबंधी घोषणाएँ की गई थीं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में खुलेंगे नए पुलिस कार्यालय, थाने एवं चौकियाँ

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को अधिक मज़बूत करने और इसकी आमजन तक सुगम पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश में नए पुलिस कार्यालयों, थानों एवं चौकियों को खोलने की मंजूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • उन्होंने कार्यालयों के लिये 1369 पदों के सृजन और आवश्यक संसाधनों के लिये लगभग 201 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी है।
  • मुख्यमंत्री के निर्णय से वैर (भरतपुर), परबतसर (नागौर), खैरवाड़ा (उदयपुर), एडीएफ (धौलपुर) एवं लालसोट (दौसा) में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोले जाएंगे।
  • इसी प्रकार अरनोद (प्रतापगढ़), तालेड़ा (बूंदी), पहाड़ी (भरतपुर), गंगाशहर (बीकानेर), रामसर (बाड़मेर), बौंली (सवाईमाधोपुर), खंडेला (सीकर), अजीतगढ़ (सीकर), सिवाना (बाडमेर) एवं आहोर (जालौर) में उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोले जाएंगे।
  • वैशाली नगर (अलवर), मुक्ता प्रसाद नगर (बीकानेर), श्रीनाथ जी (राजसमंद), गोकुलपुरा (सीकर) एवं सदर पुलिस थाना बयाना (भरतपुर) में नवीन शहरी पुलिस थाने खुलेंगे। इसी प्रकार बासदयाल (अलवर), हदां (बीकानेर), राहुवास (दौसा), तनोट (जैसलमेर) एवं गोठड़ा (झुंझुनूँ) में नवीन ग्रामीण थाने खुलेंगे।
  • डीडवाना (नागौर), नावाँ (नागौर) एवं कोटपूतली (जयपुर) में तीन नवीन महिला थाने खुलेंगे।
  • प्रदेश की 10 पुलिस चौकी पुलिस थानों में क्रमोन्नत की गई है। इनमें अंगाई (धौलपुर), मोर (टोंक), सुलताना (झुंझुनूँ), बबाई (झुंझुनूं), जनूथर (भरतपुर), निंबी जोधा (नागौर), बडू (नागौर), डाबला (सीकर), कैलाशनगर (सिरोही) एवं जाजोद (सीकर) पुलिस चौकी क्रमोन्नत हुई है।
  • प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में 38 नवीन पुलिस चौकियाँ भी खोली जाएंगी। इन पुलिस कार्यालयों, थानों एवं चौकियों के सृजन से प्रदेश में कानून-व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।    

मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश में दिव्यांगजनों के कौशल विकास, पुनर्वास और अधिकारिता के लिये दूसरे समग्र पुनर्वास केंद्र (सीआरसी) की सेवाओं का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने मध्य प्रदेश के छतरपुर के महलानगेट स्थित पुराने तहसील भवन में दिव्यांगजनों के कौशल विकास, पुनर्वास और अधिकारिता के लिये समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) की सेवाओं का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • कार्यक्रम में डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि यह सीआरसी नवाचार एवं शिक्षा का एक केंद्र बनेगा और दिव्यांगजनों के लिये बेहतर और गुणवत्तापूर्ण जीवन को संभव बनाने हेतु जनशक्ति एवं अनुसंधान संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा ताकि दिव्यांगजन समाज के विकास में योगदान कर सकें।
  • उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के पुनर्वास से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों को एक छत के नीचे लाकर और संबद्ध सेवाओं की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित कर छतरपुर और उसके आसपास के इलाकों में विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता से ग्रसित व्यक्तियों के समक्ष समाज में पेश आने वाली कुछ सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने की भी योजना है।
  • समारोह में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह नया सीआरसी दिव्यांगजनों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करेगा और मध्य प्रदेश राज्य में मानव संसाधन विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा छतरपुर ज़िले में प्रदान की गई दो हेक्टेयर भूमि पर सीआरसी-छतरपुर के भवन का निर्माण भी शीघ्र शुरू किया जाएगा।
  • यह नया सीआरसी दिव्यांगजनों के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित करने के अलावा दिव्यांगता की 21 श्रेणियों के लिये पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करेगा।
  • दिव्यांगजनों के लिये सहायता एवं उपकरण और यूनिवर्सल आइडेंटिटी (यूडीआईडी) कार्ड वितरित करने के लिये शिविर आयोजित करने का प्रयास किया जाएगा। यह कार्ड पूरे देश में मान्य होगा। सुगम्य भारत अभियान की दिशा में नई पहल की जाएगी। यह अभियान दिव्यांगजनों को सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करने हेतु देश भर में जारी है।
  • सीआरसी-छतरपुर द्वारा दिव्यांग छात्रों को बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा जारी रखने के लिये वित्तीय सहायता और छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी।
  • गौरतलब है कि भोपाल, अहमदाबाद और नागपुर स्थित सीआरसी के अलावा सीआरसी-छतरपुर का प्रशासनिक नियंत्रण भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत मुंबई स्थित अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसएबिलिटीज (दिव्यांगजन) एवाईजेएनआईएसएचडी (डी) के पास है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने मिड-डे-मील योजना के बजट में की 72 फीसदी की बढ़ोतरी

चर्चा में क्यों?

6 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में हुई मिड-डे-मील योजना के लिये राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में बताया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएमपीओएसएचएएन) के तहत 14,409 प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को मिड डे मील उपलब्ध कराने के लिये बजट में लगभग 72 प्रतिशत की वृद्धि की है।

प्रमुख बिंदु 

  • मिड डे मील योजना के पिछले साल के 384 करोड़ रुपए के बजट के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान 661 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • इस अवसर पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भोजन में अतिरिक्त पोषण मानदंड बढ़ाने के संबंध में विभिन्न खंडों में अध्ययन किया जाए तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने और भोजन के पोषण मानकों को पूरा करने के अलावा इसे स्वच्छ परिस्थितियों में पकाया जाना चाहिये।
  • स्कूलों में छात्रों को भोजन उपलब्ध कराने की समय-सारिणी निश्चित की जानी चाहिये ताकि भोजन की गुणवत्ता की जाँच और निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
  • ज्ञातव्य है कि योजना के तहत प्रदान किये जाने वाले भोजन में फोर्टिफाइड आटा, चावल और बाजरा पर आधारित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
  • बैठक में बताया गया कि कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में कम से कम 3 दिन मिड-डे-मील के साथ 200 एमएल 5 फ्लेवर्ड फोर्टिफाइड दूध भी उपलब्ध कराया जाता है। 

हरियाणा Switch to English

‘चौधरी देवीलाल गौरव सम्मान’

चर्चा में क्यों?

6 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की पुण्यतिथि के अवसर पर नई दिल्ली के ‘ली-मेरीडियन होटल’में ‘मेरी माँ फाउंडेशन’द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा, शिक्षा, मीडिया समेत कई क्षेत्र की विभूतियों को ‘चौधरी देवीलाल गौरव सम्मान’से नवाज़ा।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘मेरी माँ फाउंडेशन’के उपाध्यक्ष दिनेश डागर ने बताया कि संस्था द्वारा भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की याद में अब तक सात कार्यक्रम किये जा चुके हैं, आज का कार्यक्रम सातवाँ था, जिसमें चिकित्सा, शिक्षा, प्रशासन, समाजसेवा, खेलकूद, मीडिया समेत कई विभूतियों को इस सम्मान से नवाज़ा गया है।
  • सम्मानित किये गए लोगों में जसन महला, सतपाल दलाल, अजयदीप लाठर, अनुज मिश्रा, बिजेंद्र बंसल, शिव कुमार, सुनील बाल्याण, नवीन गौतम, रोबिंदर नारायण समेत 150 गणमान्य लोग शामिल थे।
  • ज्ञातव्य है कि भूतपूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने वैसे तो प्रत्येक क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिये कार्य किये थे, परंतु उन्होंने गरीब मज़दूर व किसान वर्ग के उत्थान के लिये जो काम किये उनको आज भी लोग याद करते हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

15 साल की चंद्रकला बनी गोल्डन बुक गर्ल

चर्चा में क्यों?

9 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ में दुर्ग के एक छोटे से गाँव पुरई की 15 साल की बेटी चंद्रकला ओझा लगातार आठ घंटे तक तैरकर विश्व कीर्तिमान रचते हुए गोल्डन बुक गर्ल बन गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस दौरान छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी भी वहाँ मौजूद रहे। इस कीर्तिमान की रिकॉर्डिंग भी की गई।
  • विदित है कि मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही पुरई गाँव में खेल अकादमी खोलने की घोषणा की थी। खास बात यह है कि देश भर में पुरई की पहचान खेल गाँव के तौर पर होती है। अब इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नाम के तौर पर भी जाना जाएगा।
  • दुर्ग मुख्यालय से करीब 15 किमी. दूर स्थित पुरई गाँव की 15 साल की चंद्रकला ओझा ने बुलंद हौसलों के साथ गाँव के डोंगिया तालाब में रविवार 9 अप्रैल को सुबह 5 बजे से एक बजे तक पूरे आठ घंटे तक लगातार तैरकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
  • गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई ने बताया कि बिना ब्रेक के आठ घंटे पानी में लगातार तैरने का रिकार्ड किसी भी आयु वर्ग में अब तक नही था। चंद्रकला ओझा ने इसे कर दिखाया है। चंद्रकला को अब फाइनल सर्टीफिकेट दिया जाएगा। उसका यह रिकॉर्ड गोल्डन बुक में दर्ज किया जाएगा। जब भी दुनिया में कोई भी स्विमिंग का रिकॉर्ड सर्च किया जाएगा तो चंद्रकला का नाम सबसे ऊपर दिखाई देगा।


छत्तीसगढ़ Switch to English

केंद्रीय गृहमंत्री ट्रॉफी के सम्मान लिये पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (P.T.S.) माना का चयन

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (P.T.S.) माना का चयन केंद्रीय गृहमंत्री ट्रॉफी के सम्मान के लिये किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी पत्र के अनुसार सत्रावधि वर्ष 2021-2022 के लिये बेस्ट ट्रेनिंग संस्थान हेतु राज्य के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल माना को केंद्रीय गृहमंत्री ट्रॉफी के सम्मान के लिये चयन किया गया है।
  • विदित है कि इससे पूर्व वर्ष 2019-20 और 2020-21 में इस ट्रॉफी के लिये पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (P.T.S.) राजनांदगाँव का चयन किया गया था। गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, राजनांदगाँव को नव आरक्षकों के प्रशिक्षण हेतु वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिये यूनियन होम मिनिस्टर ट्रॉफी दी गई थी। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में रबी फसलों की लक्ष्य से अधिक बोनी

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में इस साल रबी के रकबे में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी का लक्ष्य हासिल करने के साथ ही 19.36 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बोनी हो चुकी है, जो कि रबी सीजन के लिये निर्धारित लक्ष्य का 101 प्रतिशत है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बीते रबी सीजन में 18.30 लाख हेक्टेयर में खेती की गई थी। इस साल रबी रकबे में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ही कुल 19.25 लाख हेक्टेयर में बोआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में 19.36 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई हो चुकी है, जो कि बीते साल रबी के रकबे से 5.77 प्रतिशत अधिक है।
  • राज्य में दलहन फसलों को प्रोत्साहन तथा समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था के चलते किसानों का रूझान इसकी खेती की ओर काफी तेजी से बढ़ा है। चालू रबी सीजन में दलहन फसलों की बुआई 8.65 लाख हेक्टेयर में की जा रही है, जो कि इस साल रबी फसलों की खेती के लिये प्रस्तावित रकबे का 45 फीसदी है।
  • छत्तीसगढ़ में अब तक अनाज की बोनी 5.97 लाख हेक्टेयर में, दलहन की बोनी 8.14 लाख हेक्टेयर में और तिलहन की बोनी 2.84 लाख हेक्टेयर में, गन्ना की 42 हज़ार 410 हेक्टेयर और साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की लगभग 2 लाख हेक्टेयर हो चुकी है।
  • राज्य में 2.71 लाख हेक्टेयर में गेहूँ, 1.71 लाख हेक्टेयर में मक्का, 35 हज़ार हेक्टेयर में रागी, 11 हज़ार हेक्टेयर में जौ-ज्वार एवं अन्य फसलें और 1.55 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की बोनी पूरी कर ली गई है।
  • इस प्रकार राज्य में 5.97 लाख हेक्टेयर में अनाज फसलों की बोनी पूरी कर ली गई है, जो कि रबी सीजन में अनाज फसलों की बोनी के लिये निर्धारित लक्ष्य 4.36 लाख हेक्टेयर का 137 प्रतिशत है।
  • इस तरह दलहनी फसलों की बुआई 8.14 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जिसमें चना की 3.86 लाख हेक्टेयर में, मटर की 55 हज़ार हेक्टेयर में, मसूर की 34 हज़ार हेक्टेयर में, मूंग की 31 हज़ार हेक्टेयर में, उड़द की 27 हज़ार हेक्टेयर में, तिवड़ा की 2.50 लाख हेक्टेयर में, कुल्थी की 23 हज़ार हेक्टेयर में तथा अन्य दलहन फसलों की 7 हज़ार हेक्टेयर में बुआई पूरी कर ली गई है, जो कि दलहन फसलों की बोनी के लिये निर्धारित लक्ष्य का 94 प्रतिशत है।
  • इसी प्रकार राज्य में अब तक तिलहनी फसलों की बुआई 2.84 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जिसके अंतर्गत अलसी की बुआई 46 हज़ार 190 हेक्टेयर में, राई सरसों की 2 लाख हेक्टेयर में, तिल की 1370 हेक्टेयर में, सूरजमुखी 2960 हेक्टेयर, कुसुम की 6960, मूंगफली की 25,630 तथा अन्य तिलहनी फसल की बोनी 160 हेक्टेयर में पूरी हो चुकी है, जो कि तिलहन फसलों की बोनी के लक्ष्य का 75 प्रतिशत है।

उत्तराखंड Switch to English

अब पूरे देश में बिकेगी चमोली की जड़ी-बूटियाँ, आयुष मंत्रालय ने 48 काश्तकारों को किया पंजीकृत

चर्चा में क्यों?

9 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चमोली जनपद में जड़ी-बूटी की खेती कर रहे 48 काश्तकारों को केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पंजीकृत कर लिया है। अब ये काश्तकार देश के किसी भी कोने में जड़ी-बूटियाँ बेच सकेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित हे कि चमोली के उच्च हिमालय क्षेत्रों के गाँवों के काश्तकार बड़े पैमाने पर कुटकी व अन्य जड़ी-बूटियों की खेती कर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का कारोबार कर रहे हैं।
  • बीते वर्ष चमोली जनपद के काश्तकारों ने करीब दो करोड़ रुपये की कुटकी बेची। देवाल ब्लॉक के घेस और वाण गाँव में करीब 10 हेक्टेयर भूमि पर काश्तकार कुटकी का उत्पादन कर रहे हैं। प्रत्येक तीन साल में तैयार होने वाली कुटकी की कीमत 1200 रुपये प्रति किलोग्राम है।
  • श्रीनगर गढ़वाल की ह्यूमन हिलर्स कंपनी किसानों से कुटकी खरीदती है। गढ़वाल विश्वविद्यालय कुटकी की खेती में सहयोग देता है।
  • गौरतलब है कि हिमालय क्षेत्र के गाँवों में जड़ी-बूटी कृषिकरण पर भारत सरकार का आयुष मंत्रालय एक डॉक्यूमेंट्री बनाने जा रहा है। आयुष मंत्रालय कुटकी की खेती के लिये 70 फीसदी की सब्सिडी पर ऋण देता है। इसी क्रम में मंत्रालय अब कुटकी की खेती, काश्तकारों की समस्याओं, अधिक से अधिक काश्तकारों को जड़ी-बूटी की खेती से जोड़ने के लिये डॉक्यूमेंट्री बना रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि उच्च हिमालय क्षेत्रों में 2700 से 4500 मीटर की ऊँचाई पर पैदा होने वाली जड़ी-बूटी कुटकी खून साफ करना, ताकत, ज्वार और शुगर की दवा के रूप में काम आती है। कुटकी पीलिया, हेपिटाइटिस, एलर्जी, अस्थमा और त्वचा की बीमारियों के उपचार में भी काम आती है। इसके अलावा गठिया, रक्त विकार, हिचकी और उल्टी की दवाई के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है। 


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