पिछड़ों के आरक्षण को लेकर गठित आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी सर्वे रिपोर्ट | उत्तर प्रदेश | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिये गठित उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि निकाय चुनाव के लिये नगर विकास विभाग द्वारा जारी आरक्षण सूची पर आपत्ति जताते हुए लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण के ही चुनाव कराने के निर्देश दिये थे।
- इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आयोग का गठन करके 31 मार्च तक ज़िलों का सर्वे कराके रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये थे, लेकिन यह रिपोर्ट तय समय-सीमा से करीब 22 दिन पहले ही सरकार को सौंप दी गई है। 350 पेज की इस रिपोर्ट को 2 महीने 10 दिन में तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर, 2022 को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पाँचसदस्यीय आयोग का गठन किया था। गठन के बाद आयोग ने प्रदेश के सभी 75 ज़िलों में पिछड़ों की आबादी का सर्वे कराने के साथ ही रैपिड सर्वे में दिखाए गए पिछड़ी जाति के आँकड़ों, पूर्व में शासन द्वारा जारी आरक्षण सूची, चक्रानुक्रम प्रक्रिया आदि का परीक्षण किया।
- आयोग ने ज़िले में भ्रमण के दौरान चक्रानुक्रम आरक्षण और रैपिड सर्वे प्रक्रिया में मिली खामियों एवं उन्हें दूर करने के लिये सुझाए गए उपायों के बारे में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
- आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद अब इसे कैबिनेट में मंज़ूरी दी जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
- आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलट-फेर होगा। नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा। अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं।
- विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि राज्य सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में रखने और चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण का काम शुरू करा दिया जाएगा। मार्च के अंत तक सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी करते हुए इस पर आपत्तियाँ ली जाएंगी, जिससे इसे अंतिम रूप दिया जा सके।
प्रदेश के 33 ज़िलों में खुलेंगे खेलो इंडिया के सेंटर | बिहार | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार खेलों को बढ़ावा देने के लिये बिहार के 33 ज़िलों में खेलो इंडिया के ट्रेंनिग सेंटर खोलने का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- खेलो इंडिया के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि खेलो इंडिया योजना के तहत हर ज़िले में एक ट्रेनिंग सेंटर खोला जएगा।
- खेल वर्ग और ट्रेनिंग सेंटर-
- वुशू - इंडोर स्टेडियम, पाटलिपुत्र कॉम्प्लेक्स, पटना
- एथलेटिक्स - सरस्वती निवास, मंझोला, मुज़फ्फरपुर, न्यू स्टेडियम, फजलगंज, सासाराम पटेल फील्ड, समस्तीपुर, कोसी हाईस्कूल प्ले ग्राउंड, बिरपुर, सुपौल, नेहरू स्टेडियम, लहेरियासराय, दरभंगा
- बैडमिंटन - कलेक्ट्रिएट कैंपस, अररिया, सहरसा
- खो-खो - आरएचएमटीबी हाईस्कूल बरारी, भागलपुर, पुरानी बाज़ार वार्ड-12 सूरजपुर, लखीसराय, इंडोर स्टेडियम, मुंगेर
- रग्बी - कपटिया, नालंदा
- कुश्ती - कुवारिद्दी भोर, गोपालगंज, इंडोर स्टेडियम औरंगाबाद
- तीरंदाज़ी - वीर कुँवर सिंह स्टेडियम, आरा, खरारी, गया।
- कबड्डी - मिनता खेल परिसर, मकदुमपुर, शेखपुरा, वार्ड-16 रामपुर परोरी, सीतामढ़ी, हाईस्कूल अमैन, पारसबिगहा, जहानाबाद, बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम, मधेपुरा, महात्मा गांधी हाईस्कूल, बिहट, बेगूसराय, ब्रह्मपुर, बक्सर
- फुटबॉल - महाराजा स्टेडियम, बेतिया, जगजीवन स्टेडियम, भभुआ, लक्ष्मीपुर, सितोपुर, सिवान
- हॉकी - कोसी कॉलेज खगड़िया, श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम, जमुई, गोरौल हॉकी ग्राउंड, वैशाली वेटलिफ्टिंग कटिहार
- टेबल टेनिस - वाटसन स्कूल, मधुबनी, तलवारबाज़ी - खेल भवन शाह व्यामशाला, मोतिहारी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वनस्थली विद्यापीठ व आरकैट के बीच हुआ एमओयू | राजस्थान | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को राजीव गांधी सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (आरकैट) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आरकैट व वनस्थली विद्यापीठ के मध्य एक एमओयू हुआ, जिसके तहत उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आरकैट वनस्थली के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा तथा उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अपने औद्योगिक भागीदारों के साथ सहयोग प्रदान करेगा।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में आरकैट के औद्योगिक भागीदार कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी एडोब द्वारा ग्रामीण एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिये ग्राफिक डिज़ाइनिंग का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया।
- इस अवसर पर मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आईटी आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यमिक स्कूल, महिलाओं की सेहत से जुड़ी आईएम शत्ति उड़ान योजना तथा मुफ्त जाँच व दवाई योजना पूरे देश में मिसाल हैं।
- मुख्य सचिव ने बताया कि राजस्थान आईटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। राज्य की जन आधार योजना, इनक्यूबेशन सेंटर, डाटा सेंटर आदि इसके विशिष्ट उदाहरण हैं, जिन पर पूरा देश गर्व कर रहा है। आरकैट उच्च श्रेणी की कंपनियों के साथ एमओयू साइन करके बेहतरीन फिनिशिंग स्कूल के रूप में उभरा है।
- इस अवसर पर सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त व आरकैट के एमडी आशीष गुप्ता ने बताया कि आरकैट 70 से अधिक रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन आदि के क्षेत्रों में कोर्सेज का संचालन करता है व जल्द ही हर संभाग मुख्यालय में आरकैट शुरू कर दिया जाएगा।
- आरकैट की कार्यकारी निदेशक ज्योति लुहाडिया ने जानकारी दी कि आरकैट इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के साथ ही सामान्य स्नातक, महिलाओं के लिये भी अवसर उपलब्ध करा रहा है। आगामी सत्रों में माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल जैसी कंपनियाँ भी आरकैट के साथ जुड़ेंगी।
प्रदेश के 30 हज़ार विद्यार्थियों को मिलेगा ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ का लाभ | राजस्थान | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’के अंतर्गत लाभान्वितों की संख्या 15 हज़ार से बढ़ाकर 30 हज़ार करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की। इस योजना के लिये मुख्यमंत्री ने 56.40 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के आर्थिक रूप से कमज़ोर विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध होंगे।
- उल्लेखनीय है कि राज्य के कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को प्रोफेशनल कोर्सेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी।
- आशा के अनुरूप योजना की सफलता को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में लाभार्थियों की संख्या 10 हज़ार से बढ़ाकर 15 हज़ार की गई थी, जिसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में बढ़ाकर 30 हज़ार कर दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव 2023 का आयोजन | राजस्थान | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं उद्यानिकी दिनेश कुमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राज्य में 13 व 14 मार्च, 2023 को राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव का आयोजन राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, दुर्गापुरा जयपुर में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- प्रमुख शासन सचिव, कृषि एवं उद्यानिकी दिनेश कुमार ने बताया कि मिलेट्स उत्पादकों, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफ.पी.ओ., स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है। इस कॉनक्लेव में मिलेट्स स्टार्टअप एवं कृषि प्रसंस्करण के 100 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे।
- सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि बाजरा के क्षेत्र एवं उत्पादन में राजस्थान का देशभर में प्रथम स्थान है। देश में बाजरा क्षेत्रफल में राजस्थान का हिस्सा 57.10 प्रतिशत है तथा उत्पादन में 41.71 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसी तरह राष्ट्र में ज्वार के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में राज्य का तीसरा स्थान है।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान में मिलेट्स प्रोत्साहन के लिये मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स मिशन की घोषणा की गई, जिसके तहत बाजरा व ज्वार की खेती के प्रोत्साहन, उत्पादन में वृद्धि, घरेलू खपत को बढ़ावा देने एवं मुख्य संवर्धन के लिये कई रणनीतियाँ अपनाई जा रही हैं।
- इसी के तहत बीज मिनिकिट्स का वितरण किया गया है। साथ ही उत्पादन में वृद्धि फसलोत्तर प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन के लिये जोधपुर में मिलेट्स उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
- प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि मिलेट्स की खपत को बढ़ाने के लिये इसके स्वास्थ्यप्रद लाभों को प्रचारित करने व मिलेट्स के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अंतर्गत पूरे राज्य में वर्षभर आयोजनों की कार्य योजना बनाई गई है।
- उन्होंने बताया कि मिलेट्स पोषण महत्त्व पर राज्यस्तरीय सेमिनार एवं एग्रो प्रोसेसिंग पर कॉनक्लेव आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें मिलेट्स उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफ.पी.ओ., स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारियों के मध्य संवाद के माध्यम से ठोस रणनीति विकसित की जा रही है।
- उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत आमजन को बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटंकी और सावा जैसे अनेक मिलेट्स के पोषक महत्त्व एवं स्वास्थ्य के लिये फायदों के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही इनके उत्पादन, उत्पादकता एवं विपणन के अवसरों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जयपुर में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन | राजस्थान | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 23-24 सितंबर, 2023 को जयपुर में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। उद्योग विभाग एवं राजस्थान फाउंडेशन के तत्त्वाधान में होने वाले इस बृहद् आयोजन के लिये मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों को एकसूत्र में बांधने के उद्देश्य से वर्ष 2023-24 के बजट में इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव के आयोजन की घोषणा की थी।
- सितंबर में आयोजित होने वाले इस दोदिवसीय कॉनक्लेव में राजस्थानी गौरव, साहित्य, व्यापार, परंपरा, संगीत, कला, संस्कृति, सामाजिक कल्याण, उद्यम, खान-पान एवं मनोरंजन आदि विषयों पर दिलचस्प सत्रों का आयोजन होगा।
- इसमें उद्यमशीलता एवं निवेश के अवसरों पर एक विशेष सत्र शामिल होगा। इसमें विश्व भर से प्रवासी उद्यमी भाग लेंगे। एनआरआर नीति में घोषित प्रवासी सम्मान पुरस्कार का शुभारंभ भी इसी कॉनक्लेव में किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में राजस्थानी डायस्पोरा का महत्त्व समझते हुए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में पहली बार इंटरनेशनल राजस्थानी कॉनक्लेव का आयोजन हुआ था। केवल अपने डायस्पोरा के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना उस समय केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार के लिये एक अनूठी पहल थी। इसी तर्ज़ पर वर्ष 2003 में भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया था। अन्य राज्यों ने भी इस मॉडल को अपनाया है।
- पिछले तीन वर्षों में प्रवासी राजस्थानियों के साथ संबंध मज़बूत करने में राजस्थान फाउंडेशन की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण रही है। फाउंडेशन नियमित रूप से प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से जोड़ने के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करवाता रहा है। कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी राजस्थान फाउंडेशन ने प्रवासियों की सहायतार्थ बड़ी भूमिका निभाई।
भोपाल स्थित देश की पहली इंडोर रेंज में होगी आईएसएसएफ वर्ल्ड कप शूटिंग चैंपियनशिप | मध्य प्रदेश | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल के बिसनखेड़ी स्थित मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में देश की पहली 83 मी.×27 मी. वातानुकूलित इंडोर रेंज में 20 से 27 मार्च तक आईएसएसएफ वर्ल्ड कप रायफल/पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप होगी।
प्रमुख बिंदु
- आईएसएसएफ वर्ल्ड कप रायफल/पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप में 33 देशों के 325 खिलाड़ी एवं 75 ऑफिशियल्स शामिल होंगे।
- गौरतलब है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
- आईएसएसएफ वर्ल्ड कप का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय रायफल महासंघ (NRAI) नई दिल्ली के तकनीकी सहयोग से किया जा रहा है। साथ ही तकनीकी सहयोग के लिये एसआईयूएस स्विट्ज़रलैंड के 4 एक्सपर्ट भी भोपाल आएंगे।
- चैंपियनशिप के लिये मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी में निर्धारित मानकों के अनुसार फाइनल रेंज का निर्माण किया गया है, जिसमें रायफल और पिस्टल के सभी इवेंट के फाइनल होंगे। 10 मीटर, 25 मीटर एवं 50 मीटर की फाइनल रेंज में अत्याधुनिक स्कोर बोर्ड और टार्गेट स्थापित किये गए हैं। फाइनल रेंज में लगभग 375 दर्शकों की बैठक व्यवस्था की गई है।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी बिशनखेड़ी में 37 एकड़ क्षेत्रफल में बनी है, जो देश की सबसे अत्याधुनिक शूटिंग अकादमी है। अकादमी परिसर में छात्रावास भी बनाया गया है, जिसमें लगभग 240 खिलाड़ियों के रुकने की व्यवस्था है। छात्रावास में लाइब्रेरी, मिनी जिम, डायनिंग एरिया, मेडिटेशन हॉल, एंटरटेनमेंट ज़ोन आदि की भी व्यवस्था है।
सुप्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन | उत्तराखंड | 10 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
9 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीन माह तक चलने वाले प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेले का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- माँ पूर्णागिरि की चरणस्थली ठुलीगाड़ में हुए समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि छह माह चलने वाली चारधाम यात्रा के दौरान 50 लाख श्रद्धालु दर्शनों को पहुँचते हैं। तीन माह की मेला अवधि के दौरान 35 लाख श्रद्धालु पूर्णागिरि धाम आते हैं।
- माँ पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जनपद के टनकपुर के पर्वतीय अंचल में अन्नपूर्णा छोटी के शिखर में लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर को शक्तिपीठ माना जाता है और यह 108 सिद्धपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर सती माता की नाभि गिरी थी।
- पूर्णागिरि को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर शारदा नदी के पास स्थित है। पूर्णागिरि मंदिर अपने चमत्कारों के लिये भी खासा जाना जाता है।