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राज्यपाल ने तीसरी बार लौटाया झारखंड वित्त विधेयक-2022
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधान सभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक-2022 को तीसरी बार राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने विधेयक में कई बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक समीक्षा करने तथा इसे विधि विभाग से मंतव्य प्राप्त कर अनुमोदन के लिये भेजने का निर्देश दिया है।
- राज्यपाल ने कहा है कि विधेयक में गंभीरतापूर्वक विचार करें कि यह संविधान की अनुसूची -सात के अंतर्गत राज्य सूची में समाहित है या नहीं साथ ही विधेयक में बीमा या अन्य प्रावधानों से संबंधित कोई विवरण संघ सूची अथवा समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है? क्योंकि भारत के संविधान के अनुसूची सात के अंतर्गत संघ सूची- एक के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि राज्यपाल रमेश बैंस इससे पहले इस वित्त विधयेक को दो बार बिना स्वीकृति के लौटा चुके हैं। राज्यपाल ने पहली बार अप्रैल 2022 में हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रूपांतरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया था।
- इसके बाद राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखंड विधानसभा से पारित किये ही विभागीय स्तर से सीधे राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिये भेज दिया गया था। उस वक्त राज्यपाल ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि यह विधेयक धन विधेयक है। इसे दुबारा भेजने के लिये विधानसभा से पारित कराना जरूरी होता है। लेकिन अधिकारियों ने सीधे अपने स्तर से संशोधन कर राजभवन भेज दिया था, जिसे राज्यपाल ने लौटा दिया। इसके बाद आठ दिसंबर 2022 को विधानसभा से पारित करा कर भेजने की अनुमति प्रदान की थी।
- गौरतलब है कि झारखंड वित्त विधेयक -2022 का मूल उद्देश्य मुद्रांक शुल्क (स्टांप ड्यूटी) में वृद्धि करना है। इस वृद्दि से राज्य के राजस्व संग्रह में वृद्धि की जा सकती है।
- विधेयक का उद्देश्य बिहार इंटरटेनमेंट ड्यूटी कोर्ट फीस एवं स्टांप (सरचार्ज संशोधन) अधिनियम 1948 की धारा पाँच अंतर्गत 110 प्रतिशत अतिरिक्त मुद्रांक शुल्क को समाप्त करना है। क्योंकि जब राज्य सरकार द्वारा भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 की अनुसूची एक (क) में वर्णित मुद्रांक शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है, तो सरचार्ज के रूप में अतिरिक्त 110 प्रतिशत मुद्रांक शुल्क संग्रह करना आवश्यक नहीं है।
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झारखंड से आठ लड़कियों का सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप 2022-23 में हुआ चयन
चर्चा में क्यों?
सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले सिंगल गर्ल चाइल्ड फेलोशिप -2022-23 के लिये झारखंड से आठ लड़कियों का चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी सूची के अनुसार, झारखंड की आर्य राज, अंशुका सत्पथी, अर्पणा गांगुली, कुमारी प्रियंका, नेहा चक्रवर्ती, प्रांजल शाह, शिप्रा हर्ष व उषाही आइन शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि देश भर से कुल 1129 लड़कियों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत जो लड़कियाँ घर में एकल हैं, उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना और रिसर्च कार्य के लिये प्रोत्साहित करना है।
- यहाँ एकल का तात्पर्य परिवार की वैसी लड़की, जिसका कोई भाई या बहन नहीं है। जुड़वाँ बेटी/भाई बहनों में से एक है। यदि किसी परिवार में एक या एक से अधिक पुत्र और एक पुत्री है, तो वह पात्र नहीं होगी।
- फेलोशिप पाँच वर्ष के लिये दी जाएगी। जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत 31 हज़ार रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे। सीनियर रिसर्च फेलो को 35 हज़ार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
- इसी प्रकार दिव्यांग को 35 हज़ार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। लाभार्थियों को छात्रावास की सुविधा भी मिलेगी।
- इस योजना के तहत मानविकी और सामाजिक विज्ञान की छात्राओं को अन्य खर्च के लिये हर साल 10-10 हज़ार रुपए दो वर्ष के लिये तथा 25 हज़ार रुपए शेष कार्यकाल के लिये दिये जाएंगे।
- वहीं, विज्ञान/इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी की छात्राओं को हर साल 12-12 हज़ार रुपए दो वर्ष के लिये दिये जाएंगे तथा 25 हज़ार रुपए शेष कार्यकाल के लिये दिये जायेंगे। दिव्यांग छात्रा को पाठक सहायता के लिये प्रति माह तीन हज़ार रुपए दिये जाएंगे।
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