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थर्मोकोल पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में 1 जुलाई, 2022 से थर्मोकोल और प्लास्टिक से जुड़े सामान प्रतिबंधित रहेंगे।
प्रमुख बिंदु
- रस्तोगी ने बताया कि बोर्ड इसके लिये पहले ही निर्देश दे चुका है, ऐसे में इन नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
- थर्मोकोल का वैज्ञानिक नाम Polystyrene है, पॉलीस्टाइरीन एक सिंथेटिक सुगंधित हाइड्रोकार्बन बहुलक है, जिसे स्टाइरीन मोनोमर से बनाया जाता है।
- यह एक प्रकार का प्लास्टिक है, जिसको फूड पैकेजिंग, फोम की प्लेट्स, गिलास आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
- थर्मोप्लास्टिक बहुलक के रूप में, पॉलीस्टाइरीन कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में होता है, लेकिन लगभग 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म होने पर तरल में परिवर्तित हो जाता है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के अनुसार पॉलीस्टाइरीन और विस्तारित पॉलीस्टाइरीन सहित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित होगा।
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