छत्तीसगढ़ Switch to English
शासकीय विभागों को अब 10 प्रतिशत छूट के साथ मिलेंगे ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के उत्पाद
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, विभागाध्यक्षों, कलेक्टरों और सार्वजनिक उपक्रमों को निर्देशित किया है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ लेते हुए शासकीय खरीदी किये जाने की व्यवस्था लागू करें।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों तथा नगर निगमों आदि संस्थाओं को ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के उत्पादों को अपनी आवश्यकतानुसार छूट के साथ अनिवार्य रूप से क्रय करने के निर्देश दिये गए हैं।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों एवं लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्धारित दर पर सीधे क्रय किये जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002 (यथासंशोधित 2020) के नियम 8 में संशोधन किया गया है।
- मुख्य सचिव द्वारा समस्त शासकीय संस्थाओं को ऐसी सभी सामग्रियों, जिनका विक्रय ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है, उनका अनिवार्य रूप से एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई है, जो राज्य में जंगलों में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 61 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्यवर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिये राज्य के सभी प्रमुख ज़िलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किये हैं।
- विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुँच का विस्तार किया है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया था।
- इसके अलावा सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में समय-समय पर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं।
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प्रदेश में कोदो-कुटकी-रागी के उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित मिलेट मिशन की अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में ‘मिलेट मिशन’के तहत प्रदेश में कोदो-कुटकी और रागी के उत्पादन रकबे में बढ़ोतरी के लिये कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में वर्तमान में 69 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में इन फसलों का उत्पादन किया जाता है। अगले खरीदी वर्ष तक फसल उत्पादन के क्षेत्र को बढ़ाकर एक लाख 17 हज़ार हेक्टेयर किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो-कुटकी-रागी की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इस खरीदी वर्ष में अब तक 27 हज़ार क्विंटल मिलेट्स की खरीदी की जा चुकी है।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत कोदो 30 रुपए, कुटकी (काला) 30 रुपए, कुटकी (भूरा) 30 रुपए, रागी 33.77 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी जा रही है।
- राज्य में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी फसलों की खरीदी किये जाने की निर्धारित तिथि 1 दिसंबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक थी, जिसे हाल ही में 15 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
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छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब 61 लघु वनोपजों की खरीदी
चर्चा में क्यों?
8 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये लघु वनोपजों की संख्या 52 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़कर 61 हो गई है।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत 52 से बढ़ाए गए 61 लघु वनोपजों में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) नवीन लघु वनोपज शामिल हैं।
- निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार इनमें हर्रा बाल 30 रुपए, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड) 10 रुपए, झाडू छिंद (घास) 15 रुपए, कोदो 30 रुपए, कुटकी (काला) 30 रुपए, कुटकी (भूरा) 30 रुपए, रागी 33.77 रुपए, अमचूर (सफेद) 120 रुपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में मालकांगनी बीज (सूखा), बायबडिंग, कालमेघ/भूईनीम (सूखा), आँवला (बीज रहित) सूखा, रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा), रीठा फल (सूखा), वन जीरा बीज, सतावर जड़ (सूखा), चरौटा बीज, शहद तथा नागरमोथा (सूखा) शामिल हैं।
- इसी तरह माहुल पत्ता, हर्रा साबूत (सूखा), हर्रा कचरिया, बहेड़ा साबूत (सूखा), बहेड़ा कचरिया, गिलोय (सूखा), कुसुमी लाख/छिली लाख (सूखा), वन तुलसी बीज, भेलवा, शिकाकाई फल्ली (सूखा), इमली आटी (बीज सहित), इमली फूल (बीज रहित), इमली बीज, महुआ फूल (सूखा), महुआ बीज, झाडू फूल (घास), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), चिरौंजी गुठली, करंज बीज, बेलगुदा (सूखा), कुल्लू गोंद, काजू गुठली, साल बीज, कुसुम बीज, नीम बीज (सूखा) तथा जामुन बीज (सूखा) की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।
- इसके अलावा आँवला फल (कच्चा), रंगीनी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ), कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ), झाडू कांटा (घास), बेलफल (कच्चा), जामुन फल (कच्चा), सवई घास, पाताल कुम्हड़ा कंद (सूखा), सफेद मूसली कंद (सूखा), तीखुर कंद (कच्चा), अश्वगंधा जड़ (सूखा), कोरिया बीज (इंद्र जौ) (सूखा), कुटज छाल (सूखा) तथा पलाश फूल (सूखा) की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।
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