बिहार Switch to English
फोर्टीफाइड चावल वितरण को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
8 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकारी राशन की दुकान से फोर्टीफाइड चावल वितरण की केंद्र सरकार की योजना को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत ग्रामीण इलाके की 85 फीसदी और शहरी इलाके की 75 फीसदी आबादी को पोषणयुक्त चावल (Nutritious Rice) मिलेगा, जो आयरन, फ्लोरिक एसिड और विटामिन बी-12 से युक्त होगा।
- गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और मिड-डे-मील योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत वितरित चावल के फोर्टिफिकेशन की घोषणा की है।
- खाद्य मंत्रालय के अनुसार, आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिये चावल का फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी और पूरक रणनीति है।
- FSSAI के अनुसार, फूड फोर्टीफिकेशन का संबंध भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की सामग्री को जानबूझकर बढ़ाने से है, ताकि भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो और स्वास्थ्य के लिये न्यूनतम जोखिम के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में दो नवीन औद्योगिक पार्क विकसित किये जाने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया। खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण के संबंध में मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 तथा मध्य प्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 को इन नियमों से निरसित किया गया है।
- मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2006 को पूर्णत: निरसित करते हुए नवीन प्रस्तावित मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2021 को अनुमोदित किया गया।
- इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2021 में अन्य तकनीकी सुधार किये गए हैं। इन सुधारों से प्रदेश में अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा एवं उपरोक्त नियमों में एकजाई प्रावधान होने से प्रकरणों के निराकरण में पारदर्शिता एवं सुगमता हो सकेगी।
- मंत्रिपरिषद द्वारा अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त 412 (407 नगरीय निकायों और 5 छावनी परिषद) नगरीय निकायों को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रिपरिषद ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊँची बहुधातु प्रतिमा, शंकर संग्रहालय एवं आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की अधोसंरचना के निर्माण की परियोजना लागत राशि 2141.85 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की।
- मंत्रिपरिषद की बैठक में बांध सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन परियोजना चरण-2 के लिये 551.20 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के 27 बांधों का सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन का कार्य किया जाएगा। परियोजना का वित्तपोषण भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक की सहायता से ड्रिप-2 हेतु 70:30 (विश्व बैंक: राज्य सरकार) के अनुपात में किया जाएगा।
- मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में दो नवीन औद्योगिक पार्क भोपाल (बगरौदा गोकलाकुंडी) एवं सीहोर (बढ़ियाखेड़ी) में 59 करोड़ 89 लाख रुपए की लागत से विकसित किये जाने का निर्णय लिया।
- मंत्रिपरिषद ने चार नवीन निजी विश्वविद्यालयों- प्रेस्टीज विश्वविद्यालय (इंदौर), टाइम्स विश्वविद्यालय, (भोपाल), डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय (शिवपुरी) एवं एल.एन.सी.टी विद्यापीठ विश्वविद्यालय (इंदौर) की स्थापना प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से किये जाने के संबंध में प्रस्तुत संशोधन अध्यादेश, 2022 को प्रभावशील करने के विभागीय प्रस्ताव को अनुमोदित किया। अध्यादेश जारी करने के लिये आनुषंगिक विधिक कार्यवाही करने हेतु उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी संस्थाएँ पुरस्कृत
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने मंत्रालय में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और सहकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी समितियों को क्षेत्रीय उत्कृष्टता एवं मेरिट पुरस्कार-2021 प्रदान किये।
प्रमुख बिंदु
- विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिये इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया।
- सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति (पैक्स) का प्रथम पुरस्कार आदिम-जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित गोगावां, ज़िला खरगौन को दिया गया और द्वितीय पुरस्कार सेवा सहकारी समिति मर्यादित जामसावली, ज़िला छिंदवाड़ा को दिया गया।
- सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक समिति (क्रेडिट) में प्रथम पुरस्कार सद्गुरु साख सहकारी संस्था मर्यादित ज़िला धार को दिया गया और द्वितीय पुरस्कार गुजराती रामी माली समाज नवयुवक साख सहकारी संस्था मर्यादित नौगाँव, ज़िला धार को दिया गया।
- सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक समिति (प्र-संस्करण) के क्षेत्र में प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित, रेहटी, ज़िला सीहोर को और सर्वश्रेष्ठ महिला सहकारी समिति (महिला) में इंदौर ज़िले की स्वश्रयी महिला साख सहकारी संस्था मर्यादित को प्रथम पुरस्कार दिया गया।
हरियाणा Switch to English
शहरी स्थानीय निकायों का बजट
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर ने बताया कि इस वर्ष शहरी स्थानीय निकायों का बजट 7 प्रतिशत रखने के साथ कम आय वाले स्थानीय निकायों के लिये 2 प्रतिशत बजट अलग से रखा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं को स्थानीय स्तर पर 15 मार्च से 31 मार्च तक अपना बजट तैयार कर मुख्यालय को भेजना होगा।
- इन निकायों को आय बढ़ाने और निकायों द्वारा जनता को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सुधार के लिये नए वित्तीय स्रोत बनाने का निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर के लिये नई विज्ञापन नीति बनाई जाएगी।
- प्रदेश के सभी शहरों में समग्र विकास की ओर ध्यान देने के लिये अमृत-2 योजना में सभी शहर शामिल होंगे, जबकि इससे पहले अमृत-1 योजना में 18 शहरों को शामिल किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नगरीय निकायों का प्रशासन हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के अनुसार किया जाता है, जिसमें वर्ष 2020 में दूसरा संशोधन किया गया है।
- भारतीय संविधान में 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया तथा इस संशोधन के माध्यम से संविधान में ‘भाग 9क’जोड़ा गया एवं यह 1 जून, 1993 से प्रभावी हुआ। अनुच्छेद 243P से 243ZG तक नगरपालिकाओं से संबंधित उपबंध किये गए हैं।
- इसी संशोधन द्वारा संविधान में 12वीं अनुसूची जोड़ी गई, जिसके अंतर्गत नगरपालिकाओं को 18 विषयों की सूची विनिर्दिष्ट की गई है।
झारखंड Switch to English
थर्मोकोल पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश में 1 जुलाई, 2022 से थर्मोकोल और प्लास्टिक से जुड़े सामान प्रतिबंधित रहेंगे।
प्रमुख बिंदु
- रस्तोगी ने बताया कि बोर्ड इसके लिये पहले ही निर्देश दे चुका है, ऐसे में इन नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
- थर्मोकोल का वैज्ञानिक नाम Polystyrene है, पॉलीस्टाइरीन एक सिंथेटिक सुगंधित हाइड्रोकार्बन बहुलक है, जिसे स्टाइरीन मोनोमर से बनाया जाता है।
- यह एक प्रकार का प्लास्टिक है, जिसको फूड पैकेजिंग, फोम की प्लेट्स, गिलास आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
- थर्मोप्लास्टिक बहुलक के रूप में, पॉलीस्टाइरीन कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में होता है, लेकिन लगभग 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्म होने पर तरल में परिवर्तित हो जाता है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के अनुसार पॉलीस्टाइरीन और विस्तारित पॉलीस्टाइरीन सहित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित होगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
शासकीय विभागों को अब 10 प्रतिशत छूट के साथ मिलेंगे ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के उत्पाद
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, विभागाध्यक्षों, कलेक्टरों और सार्वजनिक उपक्रमों को निर्देशित किया है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ लेते हुए शासकीय खरीदी किये जाने की व्यवस्था लागू करें।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों तथा नगर निगमों आदि संस्थाओं को ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ब्रांड के उत्पादों को अपनी आवश्यकतानुसार छूट के साथ अनिवार्य रूप से क्रय करने के निर्देश दिये गए हैं।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों एवं लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्धारित दर पर सीधे क्रय किये जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002 (यथासंशोधित 2020) के नियम 8 में संशोधन किया गया है।
- मुख्य सचिव द्वारा समस्त शासकीय संस्थाओं को ऐसी सभी सामग्रियों, जिनका विक्रय ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है, उनका अनिवार्य रूप से एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई है, जो राज्य में जंगलों में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 61 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्यवर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिये राज्य के सभी प्रमुख ज़िलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किये हैं।
- विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुँच का विस्तार किया है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया था।
- इसके अलावा सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में समय-समय पर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की प्रदर्शनियाँ लगाई जाती हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश में कोदो-कुटकी-रागी के उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित मिलेट मिशन की अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में ‘मिलेट मिशन’के तहत प्रदेश में कोदो-कुटकी और रागी के उत्पादन रकबे में बढ़ोतरी के लिये कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में वर्तमान में 69 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में इन फसलों का उत्पादन किया जाता है। अगले खरीदी वर्ष तक फसल उत्पादन के क्षेत्र को बढ़ाकर एक लाख 17 हज़ार हेक्टेयर किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो-कुटकी-रागी की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इस खरीदी वर्ष में अब तक 27 हज़ार क्विंटल मिलेट्स की खरीदी की जा चुकी है।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत कोदो 30 रुपए, कुटकी (काला) 30 रुपए, कुटकी (भूरा) 30 रुपए, रागी 33.77 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी जा रही है।
- राज्य में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी फसलों की खरीदी किये जाने की निर्धारित तिथि 1 दिसंबर, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक थी, जिसे हाल ही में 15 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब 61 लघु वनोपजों की खरीदी
चर्चा में क्यों?
8 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये लघु वनोपजों की संख्या 52 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़कर 61 हो गई है।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत 52 से बढ़ाए गए 61 लघु वनोपजों में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) नवीन लघु वनोपज शामिल हैं।
- निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार इनमें हर्रा बाल 30 रुपए, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड) 10 रुपए, झाडू छिंद (घास) 15 रुपए, कोदो 30 रुपए, कुटकी (काला) 30 रुपए, कुटकी (भूरा) 30 रुपए, रागी 33.77 रुपए, अमचूर (सफेद) 120 रुपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में मालकांगनी बीज (सूखा), बायबडिंग, कालमेघ/भूईनीम (सूखा), आँवला (बीज रहित) सूखा, रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा), रीठा फल (सूखा), वन जीरा बीज, सतावर जड़ (सूखा), चरौटा बीज, शहद तथा नागरमोथा (सूखा) शामिल हैं।
- इसी तरह माहुल पत्ता, हर्रा साबूत (सूखा), हर्रा कचरिया, बहेड़ा साबूत (सूखा), बहेड़ा कचरिया, गिलोय (सूखा), कुसुमी लाख/छिली लाख (सूखा), वन तुलसी बीज, भेलवा, शिकाकाई फल्ली (सूखा), इमली आटी (बीज सहित), इमली फूल (बीज रहित), इमली बीज, महुआ फूल (सूखा), महुआ बीज, झाडू फूल (घास), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), चिरौंजी गुठली, करंज बीज, बेलगुदा (सूखा), कुल्लू गोंद, काजू गुठली, साल बीज, कुसुम बीज, नीम बीज (सूखा) तथा जामुन बीज (सूखा) की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।
- इसके अलावा आँवला फल (कच्चा), रंगीनी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ), कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ), झाडू कांटा (घास), बेलफल (कच्चा), जामुन फल (कच्चा), सवई घास, पाताल कुम्हड़ा कंद (सूखा), सफेद मूसली कंद (सूखा), तीखुर कंद (कच्चा), अश्वगंधा जड़ (सूखा), कोरिया बीज (इंद्र जौ) (सूखा), कुटज छाल (सूखा) तथा पलाश फूल (सूखा) की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।
उत्तराखंड Switch to English
चारधाम परियोजना
चर्चा में क्यों?
9 फरवरी, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि 12,500 करोड़ रुपए की चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना इस वर्ष दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- लगभग 889 किमी. लंबी इस चारधाम परियोजना का उद्देश्य हिमालय में चारधाम तीर्थस्थलों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के लिये कनेक्टिविटी में सुधार करना है, जिससे इन केंद्रों की यात्रा सुरक्षित, तेज़ और अधिक सुविधाजनक हो सके।
- उत्तराखंड राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढाँचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे और लिपुलेख तक इसके हिस्से को भी दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिससे कैलाश-मानसरोवर की यात्रा सुगम हो जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के संदर्भ में पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, किंतु वर्ष 2021 में राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में चारधाम परियोजना में चीन की सीमा को जोड़ने वाले सामरिक महत्त्व के 3 राष्ट्रीय राजमार्गों (ऋषिकेश से माणा, ऋषिकेश से गंगोत्री और टनकपुर से पिथौरागढ़) को विकसित करने की सशर्त अनुमति दी है।
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