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सुपोषित मध्य प्रदेश के लिये प्रोजेक्ट ‘समग्र’ प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
8 दिसंबर, 2022 को प्रदेश में कुपोषण के स्तर को समाप्त करने तथा सुपोषित मध्य प्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये राज्य सरकार और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) के मध्य प्रोजेक्ट ‘समग्र’के क्रियान्वयन के लिये एमओयू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- अपर मुख्य सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह की उपस्थिति में संचालक महिला-बाल विकास डॉ. राम राव भोंसले और निदेशक पब्लिक हेल्थ अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन डॉ. महेश श्रीवास ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- अपर मुख्य सचिव अशोक शाह ने कहा कि प्रोजेक्ट ‘समग्र’ का मुख्य उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर में सुधार, सीखने की क्षमता में वृद्धि तथा महिलाओं के सशक्तीकरण और उनकी आय में वृद्धि के अवसर बनाना है।
- संचालक महिला-बाल विकास डॉ. भोंसले ने बताया कि प्रोजेक्ट समग्र में विदिशा ज़िले के ग्यारसपुर ब्लॉक में ज़ीरो से 6 वर्ष के लगभग 10 हजार बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। यह पायलेट प्रोजेक्ट ग्यारसपुर ब्लॉक की 229 आँगनवाड़ी, 184 स्व-सहायता समूह और 112 एसएचजी रसोई तक पहुँचेगा।
- उन्होंने बताया कि अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन प्रोजेक्ट समग्र आँगनवाड़ी केंद्रों में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये टीएचआर और पका हुआ गर्म भोजन, बीमार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण घर आधारित देखभाल और पोषण परामर्श प्रदान करने के लिये फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कौशलवर्धन करेगा।
- इसके अतिरित्त अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के समय पर रेफरल के लिये लिंकेज को मजबूत करने और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये स्कूल की तैयारी सुनिश्चित करने के साथ ही आँगनवाड़ी केंद्रों को आवश्यकता आधारित शिक्षण सामग्री प्रदान करने संबंधी कार्य भी करेगा।
- एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर मेथ्यू जोसेफ ने कहा कि मध्य प्रदेश में महिला-बाल विकास विभाग के साथ इस साझेदारी से महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रोजेक्ट समग्र की सफलता का आकलन करने के लिये एंड लाइन सर्वे करवाकर तथा प्रगति का नियमित मूल्यांकन और आवधिक प्रक्रिया प्रतिवेदन तैयार कर समय-समय पर राज्य के साथ साझा किया जाएगा।
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आधार का उपयोग बढ़ाने एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के क्रियान्वयन की निगरानी समिति का पुनर्गठन
चर्चा में क्यों?
8 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने आधार का उपयोग बढ़ाने एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पूर्व में (2016 में) गठित समिति का पुनर्गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- समिति में प्रमुख सचिव/सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति और उपभोत्ता संरक्षण, स्कूल शिक्षा, महिला-बाल विकास, जनगणना निदेशक, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि, राज्य नोडल अधिकारी ई-गवर्नेंस, उप-महानिदेशक यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम सदस्य और प्रमुख सचिव/सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सदस्य सचिव होंगे।
- भारतीय यूनिक पहचान प्राधिकरण की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन एवं नागरिकों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन के लिये पुनर्गठित समिति द्वारा आधार नामांकन और अद्यतनीकरण पारिस्थितिकी-तंत्र के कार्यान्वयन की निगरानी, आधार पहचान प्लेटफॉर्म के उपयोग की समीक्षा एवं नागरिक शिकायतों के निवारण की प्रगति की निगरानी के कार्य किये जाएंगे।
- इसके अतिरिक्त समिति द्वारा आधार पारिस्थितिकी-तंत्र के भागीदार की सूचना सुरक्षा और गोपनीयता प्रथाओं की समीक्षा, ज़िला स्तरीय आधार निगरानी समितियों का पर्यवेक्षण, मार्गदर्शन और राज्य सरकार के पोर्टल की कार्य-प्रणाली की निगरानी के कार्य किये जाएंगे।
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