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स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Dec 2022
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हरियाणा Switch to English

गुरुग्राम में 500 एकड़ में बनेगा जैव विविधता पार्क व झील

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्य के गुरुग्राम ज़िले के सोहना के दमदमा गाँव में आयोजित कार्यक्रम में गुरुग्राम ज़िले के 3 गाँवों दमदमा, खेड़ला और अभयपुर में लगभग 420 एकड़ में जैव विविधता पार्क का निर्माण और लगभग 80 एकड़ में दमदमा झील का पुन:निर्माण वाली वृह्द परियोजना की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • यह परियोजना गुरूजल, हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट तथा ई वाई फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाएगी।
  • इस परियोजना के लिये मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय राज्य मंत्री की उपस्थिति में उपायुक्त निशांत कुमार यादव, जो गुरूजल के चेयरमैन हैं और हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव भी हैं, ने ई वाई फाउंडेशन के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये। ई वाई फाउंडेशन की तरफ से संस्था के अध्यक्ष बाला चंद्र राजा रमन ने समझौते पर हस्ताक्षर किये।
  • इस अवसर पर गाँव दमदमा में आयोजित कार्यक्रम में जैव विविधता पार्क व दमदमा झील के पुर्ननिर्माण की परियोजना के अलावा गुरूजल की पानी संरक्षण के लिये चलाई जा रही गतिविधियों पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कंपनी इस प्रोजेक्ट पर स्वेच्छा से 70 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। कंपनियों को अपना सीएसआर फंड सही ढंग से सामाजिक कार्यों में खर्च करने को प्रेरित करने के लिये हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट बनाया गया है। पिछले एक वर्ष में कंपनियों ने इस ट्रस्ट के माध्यम से प्रदेश में 542 करोड़ रुपए सीएसआर के खर्च किये हैं।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में कम से कम एक हजार करोड़ रुपए सीएसआर के माध्यम से सामाजिक कार्यों में लगें। इस पैसे को पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि जैव विविधता पार्क और झील के विकास के अलावा, गुरुग्राम तथा नूंह ज़िलों में अरावली की पहाड़ियों में लगभग 10 हज़ार एकड़ में जंगल सफारी बनाने का कार्य भी प्रस्तावित है। इससे भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • ई वाई फाउंडेशन के अध्यक्ष बाला चंद्र राजा रमन ने बताया कि उनकी कंपनी सीएसआर के दायरें में नहीं आती फिर भी स्वेच्छा से इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर रही है। इस प्रोजेक्ट को विकसित करने में टैरी, सिडार, आईआईटी, कोलंबिया युनिवर्सिटी आदि संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।
  • यह परियोजना चार चरणों में विकसित होगी। पहले चरण में क्षेत्र के पेड़-पौधों व मिट्टी आदि का अध्ययन करने के साथ नर्सरी का निर्माण व झील की सफाई की जाएगी। दूसरे चरण में वॉटर शैड मैनेजमेंट व पौधारोपण की शुरूआत होगी, तीसरे चरण में झील का विकास और चौथे चरण में पौधारोपण किया जाएगा।
  • दमदमा झील का जीर्णोद्धार चार साल में और जैव विविधिता पार्क विकसित करने का कार्य 10 साल में पूरा होगा।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के 6 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के टेंडर जारी

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि राज्य में ‘एक ज़िला, एक मेडिकल कॉलेज’के तहत 6 ज़िलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये टेंडर जारी किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से राज्य के महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये निवेशकों को चयनित किया जाएगा।
  • विदित है कि केंद्र सरकार की वायबलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के इन 6 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हुई है।
  • चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये टेंडर जारी किया है। टेंडर का डिटेल जेम पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया है।
  • उन्होंने बताया कि 6 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें से केंद्र सरकार सब्सिडी के रूप में करीब 1012 करोड़ रुपए का भार उठाएगी। एक कॉलेज को औसतन 160 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
  • राज्य के महाराजगंज और शामली में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये निवेशकर्त्ता का चयन का कार्य शुरू हो गया हैं। अगले साल तक महाराजगंज में उपचार शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन है।
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आम लोगों को बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में यह बड़ा कदम है। केंद्र सरकार के द्वारा प्रस्ताव स्वीकृत किये जाने से राज्य के धन की बचत होगी।
  • उन्होंने बताया कि राज्य ज़िला अस्पताल और भूमि 33 साल की लीज पर देगी। इसके बाद निवेशकर्त्ता मेडिकल कॉलेज सरकार को वापस कर देगा। यह राज्य की संपत्ति होगी और साथ ही स्टांप ड्यूटी में छूट और उपकरण सब्सिडी भी देगी।

बिहार Switch to English

अकबरनगर में बनेगा कार्गो टर्मिनल

चर्चा में क्यों?

7 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार के भागलपुर के अकबरनगर में कार्गो टर्मिनल बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि अकबरनगर में बनने वाले कार्गो टर्मिनल को मालदा मंडल रेल प्रबंधक विकास चौबे के नेतृत्व में बनाया जाएगा, जिसे वर्ष 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
  • विदित है कि पूर्व रेलवे के मालदा मंडल में एक ऐसा ही टर्मिनल गोड्डा में चालू किया गया है।
  • रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे अगले तीन वर्षों में दर्जनों कार्गो टर्मिनल की स्थापना करेगा। 22 कार्गो टर्मिनल पहले ही शुरू किये जा चुके हैं, जबकि ऐसे टर्मिनलों के विकास के लिये 125 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 79 को सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है।
  • रेलवे ने प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिये भारतीय खाद्य निगम के लिये टर्मिनल के निर्माण हेतु बिहार लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है।
  • इस कार्गो टर्मिनल में साइलो टाइप कंटेनरों का उपयोग किया जाएगा। साइलो को मूल रूप से अनाज और अन्य सामग्री को स्टोर करने के लिये डिजाइन किया गया है। भारत में इस प्रकार के भंडारण का प्रयोग कम ही होता है।

राजस्थान Switch to English

‘राजस्व निर्णय विशेषांक’ का विमोचन

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को राजस्थान राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने राविरा पत्रिका के ‘राजस्व निर्णय विशेषांक’का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्व मंडल की ओर से प्रकाशित ‘राजस्व निर्णय विशेषांक’में राजस्व न्यायालयों में विधिसम्मत, गुणवत्तापूर्ण एवं त्रुटिरहित निर्णय पारित करने को लेकर महत्त्वपूर्ण आलेख, राज्य के राजस्व मंडल व अधीनस्थ न्यायालयों के स्तर से पारित श्रेष्ठ निर्णयों एवं राज्य स्तर पर आयोजित राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली सुधार हेतु सुझाव विषयक पंचवर्गीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के तहत चयनित श्रेष्ठ प्रविष्टियों को शामिल किया गया है।
  • इसके अलावा राजस्व प्रशासन से जुड़े विषय विशेषज्ञों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण विषयों पर लिखे गए आलेख, सरकार द्वारा जारी महत्त्वपूर्ण परिपत्र, अधिसूचनाओं को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

सुपोषित मध्य प्रदेश के लिये प्रोजेक्ट ‘समग्र’ प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को प्रदेश में कुपोषण के स्तर को समाप्त करने तथा सुपोषित मध्य प्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये राज्य सरकार और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) के मध्य प्रोजेक्ट ‘समग्र’के क्रियान्वयन के लिये एमओयू हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • अपर मुख्य सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह की उपस्थिति में संचालक महिला-बाल विकास डॉ. राम राव भोंसले और निदेशक पब्लिक हेल्थ अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन डॉ. महेश श्रीवास ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
  • अपर मुख्य सचिव अशोक शाह ने कहा कि प्रोजेक्ट ‘समग्र’ का मुख्य उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर में सुधार, सीखने की क्षमता में वृद्धि तथा महिलाओं के सशक्तीकरण और उनकी आय में वृद्धि के अवसर बनाना है।
  • संचालक महिला-बाल विकास डॉ. भोंसले ने बताया कि प्रोजेक्ट समग्र में विदिशा ज़िले के ग्यारसपुर ब्लॉक में ज़ीरो से 6 वर्ष के लगभग 10 हजार बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। यह पायलेट प्रोजेक्ट ग्यारसपुर ब्लॉक की 229 आँगनवाड़ी, 184 स्व-सहायता समूह और 112 एसएचजी रसोई तक पहुँचेगा।
  • उन्होंने बताया कि अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन प्रोजेक्ट समग्र आँगनवाड़ी केंद्रों में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये टीएचआर और पका हुआ गर्म भोजन, बीमार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण घर आधारित देखभाल और पोषण परामर्श प्रदान करने के लिये फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कौशलवर्धन करेगा।
  • इसके अतिरित्त अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के समय पर रेफरल के लिये लिंकेज को मजबूत करने और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये स्कूल की तैयारी सुनिश्चित करने के साथ ही आँगनवाड़ी केंद्रों को आवश्यकता आधारित शिक्षण सामग्री प्रदान करने संबंधी कार्य भी करेगा।
  • एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर मेथ्यू जोसेफ ने कहा कि मध्य प्रदेश में महिला-बाल विकास विभाग के साथ इस साझेदारी से महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रोजेक्ट समग्र की सफलता का आकलन करने के लिये एंड लाइन सर्वे करवाकर तथा प्रगति का नियमित मूल्यांकन और आवधिक प्रक्रिया प्रतिवेदन तैयार कर समय-समय पर राज्य के साथ साझा किया जाएगा।

झारखंड Switch to English

झारखंड की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा फोर्ब्स इंडिया की सेल्फ मेड वुमन की सूची में शामिल

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार फोर्ब्स इंडिया ने भारत की सेल्फ मेड वुमन 2022 की सूची में झारखंड की युवा कवयित्री और स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा को शामिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस साल फोर्ब्स इंडिया की डब्ल्यू-पॉवर 2022 की सूची में ऐसी महिलाओं को शामिल किया गया है, जो रूढ़ियों को तोड़ रही हैं, संदेह को खारिज कर रही हैं और बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं।
  • जसिंता केरकेट्टा के अलावा जो प्रमुख नाम इस सूची में शामिल हैं, वे हैं- निखत जरीन, कटरीना कैफ, अंजु श्रीवास्तव एवं अंजलि बंसल।
  • फोर्ब्स इंडिया की टीम ने रिसर्च करके ऐसे नामों को इस सूची में जगह दी जिन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई, जिन्हें विरासत में धन या पद नहीं मिला तथा ऐसी महिलाएँ जो दूसरों के लिये प्रेरणा बन सकें। इस सूची में 20 नामों को जगह दी गई है।
  • जसिंता केरकेट्टा देश की जानी-पहचानी कवयित्री और स्वतंत्र पत्रकार हैं, जिन्होंने लगातार महिला अधिकारों की बात की, जिन्होंने आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों की बेबाकी से चर्चा की। इसके अलावा अपने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों का भी खुलकर विरोध किया है।
  • जसिंता की कविताएँ इन दिनों न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त कर चुकी है। जसिंता ने प्रकृति के साथ अपने सान्निध्य को बताने के लिये अपने घर के आँगन में लगे सौ साल से भी अधिक के फुटकल पेड़ की चर्चा की है। यह जल-जंगल और ज़मीन के प्रति उनके प्रेम और आंदोलन दोनों का प्रतीक है। जसिंता ने लिखा है- फुटकल गाछ प्रकाशित है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 57वीं किस्त का ऑनलाईन अंतरण किया

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को योजना की 57वीं किस्त के रूप में 7 करोड़ 83 लाख रुपए का ऑनलाईन भुगतान किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अंतर्गत 16 नवंबर से 30 नवंबर तक गौठानों में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए गोबर के एवज में उनके खाते में 4.62 करोड़ रुपए की राशि ऑन लाईन अंतरित की गई। इसी प्रकार गौठान समितियों को 1.28 करोड़ रुपए तथा महिला समूहों के खाते में 1.93 करोड़ रुपए की लाभांश राशि अंतरित की गई।
  • गोबर विक्रेताओं को भुगतान की गई 4.62 करोड़ रुपए की राशि में से 4270 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.88 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा 1.74 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
  • पिछले पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिये प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया है। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक अपने संसाधनों से 29.61 करोड़ रुपए की राशि से गोबर की खरीदी की गई है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। राज्य शासन को इन गौठानों को गोबर खरीदने के लिये राशि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’में प्रदेश के युवाओं और महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। गौठानों में विकसित किये जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की गतिविधियों में युवाओं और महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इससे युवाओं और महिलाओं को रोज़गार और आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में किसान स्वयं पैरादान कर रहे हैं। पैरादान के लिये किसानों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। जब गौठानों में पशुओं के लिये चारा और पानी की व्यवस्था होगी, तो पशु खेत और सड़कों के बजाय गौठानों में रहेंगे। उन्होंने प्रदेश के अधिक से अधिक गौठानों में पैरा के बंडल बनाने के लिये बेलर मशीन उपलब्ध कराने का प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में ऐसे उत्पाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किये जाएँ, जिनकी शासन को ज़रूरत है या जिनकी मार्केट में अच्छी मांग है। उन्होंने कहा कि अच्छे उत्पादों को तैयार करने के लिये युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाए।
  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि प्रदेश में 11 हज़ार 252 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 9 हज़ार 619 गौठान निर्मित किये गए हैं, इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 8440 गौठान निर्मित किये गए हैं। इन गौठानों में से 4270 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।
  • गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन और वितरण का काम विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अभियान बनेगा। उन्होंने कहा कि रीपा की गतिविधियाँ से युवाओं को जोड़कर और अधिक बढ़ाया जाएगा।
  • गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज़ तंबोली ने बताया कि गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 188.45 करोड़ रुपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 170.05 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
  • उन्होंने बताया कि अब तक गौठानों में 19.82 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है। इसमें से 16.24 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। गौठानों में अब तक पैरादान से 2.25 लाख क्विंटल पैरा मिला है।

उत्तराखंड Switch to English

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड में किया 2001.94 करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में राज्य के लिये 2001.94 करोड़ रुपए की नौ विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 528.35 करोड़ रुपए की तीन योजनाओं का लोकार्पण और 1473.59 करोड़ की छह योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रपति ने 330.64 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, पिटकुल की ओर से हरिद्वार ज़िले के पदार्था में 84 करोड़ रुपए की लागत से 132 केवी के आधुनिक तकनीक के बिजली घर, इससे संबंधित लाइन का निर्माण, ज़िला रुद्रप्रयाग में 113.71 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 4.5 मेगावाट की कालीगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण किया है।
  • इसके अलावा उन्होंने 306 करोड़ रुपए की लागत से चीला पावर हाउस के 144 मेगावाट की योजना का रेनोवेशन कार्य, देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 204.46 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड ऑफिस कॉम्पलेक्स के ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण, 131 करोड़ की लागत से हरिद्वार के मंगलौर में 220 केवी सब स्टेशन, 750 करोड़ रुपए की लागत से देहरादून के मुख्य मार्गों की ओवर हेड एचटी एवं एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने का कार्य, 32.93 करोड़ की लागत से राजकीय पॉलिटेक्निक नरेंद्रनगर में दूसरे चरण का निर्माण कार्य और चंपावत के टनकपुर में 49.20 करोड़ की लागत से आधुनिक अंतरराज्यीय बस टर्मिनल का शिलान्यास किया।

राजस्थान Switch to English

बीकानेर के लाखासर और हनुमानगढ़ के सतीपुरा में पोटाश के भंडार होने के संकेत मिले

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को राजस्थान माइंस विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के बीकानेर ज़िले के लाखासर और हनुमानगढ़ ज़िले के सतीपुरा में मात्र 500 से 700 मीटर गहराई पर ही पोटाश के विपुल भंडार के संकेत मिले हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि दुनिया के पोटाश भंडार वाले देशों में पोटाश की उपलब्धता एक हज़ार मीटर या इससे भी अधिक गहराई में देखने को मिलती है।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के बीकानेर और हनुमानगढ़ में सिल्वाइट और पॉलिहाइलाइट पोटाश के संकेत मिलने से कंवेंसनल माइनिंग व सोल्यूशन माइनिंग तकनीक से पोटाश का खनन किया जा सकेगा।
  • उन्होंने बताया कि बीकानेर के लाखासर के 99.99 वर्गमीटर क्षेत्र में 26 बोर किये गए हैं जिसमें से एमईसीएल द्वारा 22 बोर और जियोलोजिकल सर्वें ऑफ इंडिया द्वारा 4 बोर किये गए हैं। इसमें दोनों ही तरह के यानी कि सिल्वाइट व पॉलिहाइलाइट पोटाश के संकेत मिले हैं।
  • इसके अलावा हनुमानगढ़ के सतीपुरा में भी जीएसआई द्वारा 300 वर्गमीटर क्षेत्र में किये गए एक्सप्लोरेशन में पोटाश के संकेत मिल चुके हैं।
  • विदित है कि वर्तमान में देश पोटाश फर्टिलाइजर के लिये विदेशों से आयात पर निर्भर है जबकि प्रदेश में पोटाश के खनन की प्रक्रिया आंरभ होने से विदेशों से आयात की निर्भरता कम हो जाएगी और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
  • एमईसीएल के सीएमडी घनश्याम शर्मा ने रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि सिल्वाइट पोटाश में सोल्यूशन माइनिंग की आवश्यकता होती है जबकि पॉलिहाइलाइट पोटाश में पंरपरागत तरीके से माइनिंग की जा सकती है तथा प्रदेश में दोनों ही तरह की माइनिंग की संभावनाएँ उभरकर सामने आई है।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में पोटाश के एक्सप्लोरेशन का संकेत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ता कदम है। राजस्थान में पोटाश खनन से देश में अब खेती के लिये पोटाश फर्टिलाइजर की आवश्यकता को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

आधार का उपयोग बढ़ाने एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के क्रियान्वयन की निगरानी समिति का पुनर्गठन

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने आधार का उपयोग बढ़ाने एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पूर्व में (2016 में) गठित समिति का पुनर्गठन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • समिति में प्रमुख सचिव/सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति और उपभोत्ता संरक्षण, स्कूल शिक्षा, महिला-बाल विकास, जनगणना निदेशक, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि, राज्य नोडल अधिकारी ई-गवर्नेंस, उप-महानिदेशक यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम सदस्य और प्रमुख सचिव/सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सदस्य सचिव होंगे।
  • भारतीय यूनिक पहचान प्राधिकरण की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन एवं नागरिकों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन के लिये पुनर्गठित समिति द्वारा आधार नामांकन और अद्यतनीकरण पारिस्थितिकी-तंत्र के कार्यान्वयन की निगरानी, आधार पहचान प्लेटफॉर्म के उपयोग की समीक्षा एवं नागरिक शिकायतों के निवारण की प्रगति की निगरानी के कार्य किये जाएंगे।
  • इसके अतिरिक्त समिति द्वारा आधार पारिस्थितिकी-तंत्र के भागीदार की सूचना सुरक्षा और गोपनीयता प्रथाओं की समीक्षा, ज़िला स्तरीय आधार निगरानी समितियों का पर्यवेक्षण, मार्गदर्शन और राज्य सरकार के पोर्टल की कार्य-प्रणाली की निगरानी के कार्य किये जाएंगे।

झारखंड Switch to English

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस शुरू

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की ओर से प्रायोजित एवं साइंस फॉर सोसाइटी, झारखंड की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस का राज्य के डीपीएस बोकारो में शुभारंभ हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम के पहले दिन राज्य के 13 विभिन्न ज़िलों से पहुँचे 100 से अधिक बाल वैज्ञानिक प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।
  • पहले दिन निर्णायक मंडली के सदस्यों के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम (ओरिएंटेशन प्रोग्राम) हुआ, जिसमें सोसाइटी के पदाधिकारियों ने निर्णायकों को बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस की विषय-वस्तु ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये पारिस्थितिकी तंत्र को समझना’के साथ प्रोजेक्ट के मूल्यांकन, इससे संबंधित मापदंडों, विभिन्न तकनीकी पहलुओं एवं उसके आधार पर प्रतिभागियों के चयन के संदर्भ में जानकारी दी।
  • झारखंड साइंस फॉर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अली इमाम खान ने बताया कि सोसाइटी तत्कालीन बिहार के समय से ही वर्ष 1993 से बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस का आयोजन कर रही है। इसका उद्देश्य बच्चों में शोध की प्रवृत्ति का विकास कर उनमें वैज्ञानिक चेतना जागृत करना तथा बच्चों को स्कूली शिक्षा के पारंपरिक दायरे से अलग हटकर नवाचार के साथ शोध में शामिल करना है।
  • उन्होंने बताया कि बाल विज्ञान कॉन्ग्रेस में सर्वे और प्रयोग के आधार पर रिसर्च एक्टिविटी केंद्र में होती है। इसमें स्कूल की बाध्यता नहीं है। इसमें शहरी, ग्रामीण, सीनियर व जूनियर, चार समूहों में आयोजित विज्ञान कॉन्ग्रेस में स्कूल से बाहर के बच्चे भी अपने नवोन्मेषी प्रोजेक्ट के साथ शामिल होते हैं। यहाँ आयोजित हो रहे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में से लगभग 15 सफल प्रतिभागी विभिन्न वर्गों में राष्ट्रीय स्तर के लिये चयनित होंगे।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड के टूर ऑपरेटरों के लिये ‘मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम’ का एलान

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने अगले साल होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विदेशी पर्यटकों को लाने के लिये राज्य में टूर ऑपरेटरों के लिये ‘मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम’ का एलान किया है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तराखंड में योग के प्रति देश दुनिया को आकर्षित करने के लिये पर्यटन विभाग की ओर से हर साल ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव आयोजित किया जाता है। महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटक भागीदार बनें, इसकी उद्देश्य से पर्यटन विभाग ने टूर ऑपरेटरों के लिये वित्तीय प्रोत्साहन राशि देने हेतु ‘मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम’ की घोषणा की गई है।
  • इस स्कीम के तहत अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की बुकिंग करने वाले टूर ऑपरेटरों को प्रति पर्यटक 10 हजार रुपए और अधिकतम पाँच लाख रुपए की राशि दी जाएगी। यह वित्तीय प्रोत्साहन टूर ऑपरेटरों को विदेशी पर्यटकों को योग महोत्सव में लाने के एवज में दिया जाएगा।
  • योजना का लाभ इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स, पर्यटन मंत्रालय और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद से मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटर्स को मिलेगा। पर्यटकों को लाने वाले मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों को अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव मार्केटिंग प्रमोशन के प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
  • इसके अलावा उन्हें अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भाग लेने वाले विदेशी मेहमानों की बुकिंग व पंजीकरण का विवरण, उनके पासपोर्ट व वैध वीजा की प्रतियाँ और उनके लिये होटल बुकिंग आदि दस्तावेज़ यूटीडीबी के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे।

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