मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय | छत्तीसगढ़ | 09 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
8 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय पर मंत्रिपरिषद ने महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जारी राशनकार्ड पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न नि:शुल्क वितरण करने का निर्णय लिया। इस पर 223.58 करोड़ रुपए के व्ययभार की प्रतिपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत की जाएगी।
- छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों को औद्योगिक नीति में वर्णित पिछड़े विकासखंड श्रेणी ‘द’में रियायती दर पर विभागीय लैंड बैंक की (औद्योगिक पार्क/ क्षेत्र के लिये हस्तांतरित भूमि को छोड़कर) अविकसित औद्योगिक प्रयोजन की भूमि आवंटित किये जाने संबंधी प्रावधान एवं अन्य संशोधनों का अनुमोदन किया गया।
- सोलर विद्युत उत्पादन में लगने वाले प्लांट एवं मशीनरी पर आधारित उद्योगों को उच्च प्राथमिकता की श्रेणी में शामिल किया गया। निजी भूमि पर उत्पादन किये जाने वाले काष्ठ पर आधारित उद्योग को प्राथमिकता उद्योग में शामिल किया गया।
- औद्योगिक नीति के अंतर्गत एमएसएमई सेवा श्रेणी उद्यमों की सूची अनुमोदित की गई।
- औद्योगिक नीति में पूर्व में किये गए संशोधनों को एक नवंबर, 2019 से प्रभावशील किये जाने का अनुमोदन दिया गया। धान/चावल उपार्जन में प्रयुक्त होने वाले जूट बैग/बारदाना को उच्च प्राथमिकता में शामिल किया गया।
- स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में सहायक शिक्षक पद पर भर्ती के लिये बस्तर एवं सरगुजा संभाग तथा कोरबा ज़िले में लागू स्थानीय निवासी होने की शर्त से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
- खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य में किसानों से धान खरीदी के लिये पुराने जूट बारदानों की दर 18 रुपए प्रति नग से बढ़ाकर 25 रुपए प्रति नग निर्धारित करने तथा किसानों को इसका भुगतान समर्थन मूल्य के भुगतान के साथ करने संबंधी मुख्यमंत्री के अनुमोदन का अनुसमर्थन किया गया।
- आबकारी विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली आबकारी उप निरीक्षक के पद पर सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा में आवेदकों/कर्मचारियों को आयु सीमा में केवल एक बार के लिये छूट देते हुए आगामी सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया।
- रायपुर विकास प्राधिकरण रायपुर को पट्टे पर रायपुर नगर निगम क्षेत्र में पूर्व में आवंटित शासकीय भूमि को एक रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से आवंटित करने का निर्णय लिया गया।
- मुख्यमंत्री द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राइस मिलों को कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि 120 रुपए प्रति क्विंटल दिये जाने की घोषणा की गई है।
- छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा आयोग अधिनियम 1995 की धाराओं में संशोधन कर उपाध्यक्ष पद के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोठान समिति में उत्पादित कम्पोस्ट को सहकारी समितियों के माध्यम से निजी संस्था/फर्म को भी विक्रय के लिये सम्मिलित करने तथा योजना के अंतर्गत प्रावधानित बजट में 0.5 प्रतिशत प्रशासकीय मद में व्यय की अनुमति दिये जाने का निर्णय लिया गया।
- द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2021-22 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2021 का अनुमोदन किया गया।
इको लर्निंग सेंटर दुधावा और इको पर्यटन स्थल कोडार का लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 09 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
8 दिसंबर, 2021 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिये उत्तर बस्तर कांकेर में दुधावा डैम पर निर्मित इको लर्निंग सेंटर और महासमुंद ज़िले में कोडार जलाशय पर निर्मित इको पर्यटन स्थल का वर्चुअल लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार भी उपलब्ध होगा। यह दोनों पर्यटन स्थल जन-सामान्य में वन्यजीव और जैव-विविधता की जानकारी देने के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने में अवश्य सफल होंगे।
- इको पर्यटक स्थल वन चेतना केंद्र कोडार में वर्तमान में पहुँच मार्ग उन्नयन, वाटर सप्लाई सिस्टम, मचान, ट्री हाउस, नेचर ट्रेल, बर्ड वाचिंग और मोटर बोट की सुविधा के विकास कार्य प्रगति पर हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिये यहाँ वन परिवेश में रहने और साहसिक शिविर आयोजित करने की सुविधा उपलब्ध है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पुरातत्त्व निर्मित सिरपुर में मार्च 2021 में रामवनगमन पथ के अंतर्गत पर्यटन विकास के लिये की गई घोषणा के तहत वन चेतना केंद्र कोडार का विकास इको पर्यटन स्थल के रूप में किया गया है।
- वन चेतना केंद्र कोडार राजधानी रायपुर से 65 किलोमीटर, महासमुंद मुख्यालय से 17 किलोमीटर और सिरपुर नगरी से 20 मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे क्रमांक 53 पर स्थित है। यहाँ पर्यटकों की सुविधा के लिये एडवेंचर, मनोरंजन, स्वास्थ्य लाभ, संस्कृति पर्यावरण संचेतना और स्थानीय रोज़गार के विकास का अद्भुत समागम प्रस्तुत किया गया है।
- यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिये नाईट कैम्पिंग, कैम्प फॉयर एवं स्टार गेजिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मनोरंजन के लिये बॉलीवाल, नेट क्रिकेट, बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, निशानेबाज़ी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही नौका विहार, बैम्बू रॉफ्टिंग और पर्यटकों के स्वाल्पाहार के लिये स्थानीय छत्तीसगढ़ी व्यंजन और सुपाच्य भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है।
- ऊँची-ऊँची पहाड़ियों के बीच से घिरे जलाशय स्थल पर सन्सेट देखने का सुकून भरा अनुभव, सेल्फी ज़ोन एवं फिशिंग का आनंद पर्यटकों द्वारा लिया जा सकेगा।
- इस केंद्र में ज़िले के स्व सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों और संजीवनी के उत्पादों के विक्रय की सुविधा का विकास भी किया जा रहा है। स्थल के समीप खल्लारी माता का मंदिर स्थित है, जहाँ पर्यटकों द्वारा दर्शन भी किया जा सकता है।
- ज़िला खनिज न्यास संस्थान मद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, विधायक निधि और वन विभाग के पर्यावरण वानिकी मद के अभिसरण से पोषित इस केंद्र में न्यूनतम निर्माण कार्य किये गए हैं। वनों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखते हुए जन सामान्य में वन चेतना का संचार करने का प्रयास किया जा रहा है।
- कांकेर ज़िले के दुधावा जलाशय में स्थित इको लर्निंग सेंटर का संचालन वन प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा।
- यह पर्यटन स्थल मुख्यमंत्री की प्रेरणा के गढ़बो नवा कांकेर के रूप में विकसित किया गया है, जहां पर्यटकों के ठहरने, खान-पान के लिये रेस्टोरेंट, एडवेंचर के लिये दो मोटर बोट से शुरू किया जा रहा है।
- इसके साथ ही यहां पर ट्रेकिंग की व्यवस्था भी की गई है। इस केंद्र में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस स्थल को इको पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।