‘ई-रूपी वाउचर’ के माध्यम से कृषि उपकरणों पर सब्सिडी का वितरण | हरियाणा | 08 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2022 को हरियाणा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा पहली बार ‘ई-रूपी वाउचर’के माध्यम से कृषि उपकरणों पर सब्सिडी का वितरण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस संबंध में उन्होंने बताया कि इस नई पहल के लागू होने के बाद जहाँ एक तरफ किसानों को अपनी सब्सिडी पाने के लिये दर-दर नहीं भटकना होगा, वहीं दूसरी तरफ इस डिजिटल मोड के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
- उन्होंने बताया कि ज़िलास्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा चयनित होने के बाद किसान संबंधित उपकरणों की लागत के संबंध में विभाग द्वारा अनुमोदित निर्माताओं के साथ बातचीत कर सकते हैं और खरीद के समय ही उनको अनुदान राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।
- डॉ. मिश्रा ने बताया कि अब किसानों को अपनी जेब से पूरी राशि का भुगतान नहीं करना होगा, क्योंकि ई-रूपी पहल के बाद किसानों को लागत का केवल अपना हिस्सा ही देना होगा। इस प्रकार किसानों को जो पहले कुल लागत की व्यवस्था के लिये ब्याज का वहन करना पड़ता था, उस अतिरिक्त बोझ से राहत मिलेगी।
कृषि एवं उद्यान विभाग बीएससी, एमएससी व पीएचडी छात्रों को देगा इंटर्नशिप | हरियाणा | 08 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2022 को हरियाणा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य का कृषि एवं उद्यान विभाग अब बीएससी, एमएससी और पीएचडी छात्रों को इंटर्नशिप देगा। इस इंटर्नशिप के लिये छात्रों को विभाग द्वारा स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मेरिट के आधार पर प्रत्येक विभाग में बीएससी के लिये 10, एमएससी एवं पीएचडी के लिये 5-5 छात्रों का इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिये चयन किया जाएगा और विभिन्न डिविजनों में कार्य दिया जाएगा। इंटर्नशिप पूरी होने पर छात्रों को प्रमाण-पत्र भी दिये जाएंगे।
- डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत हिसार के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, करनाल के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय एवं हरियाणा में स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट, हरियाणा के सभी छात्रों को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग एवं बागवानी विभाग में इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा।
- इसके तहत कृषि एवं बागवानी विभाग के क्षेत्र में बीएससी, एमएससी और पीएचडी डिग्री के छात्रों को पारस्परिक लाभ के लिये शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप के दौरान विभागीय कार्यक्रमों, कार्यप्रणाली, तकनीक केंद्रों, किसानों से मिलने का अवसर एवं उनसे बातचीत और कृषि एवं बागवानी फसलों के तकनीकी ज्ञान की जानकारी जानने का अवसर प्राप्त होगा।
- डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि विभाग से प्राप्त इंटर्नशिप का यह अनुभव छात्रों के भविष्य में काफी मददगार साबित होगा। यह इंटर्नशिप न तो कोई नौकरी है और न ही विभागों में नौकरी के लिये ऐसा कोई आश्वासन है।
- इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत बीएससी छात्रों की इंटर्नशिप 4 सप्ताह की रहेगी, जबकि कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में एमएससी और पीएचडी के छात्रों के लिये इंटर्नशिप कार्यक्रम 8 से 12 सप्ताह का होगा।
- बीएससी के वे छात्र, जिनको विश्वविद्यालय द्वारा पहले ही 13,000 रुपए प्रतिमाह का स्टाईपेंड दिया जा रहा है, उनको केवल विभागों में काम के लिये इंटर्नशिप प्रोग्राम की सुविधा दी जाएगी। जबकि एमएससी छात्रों को 9,000 रुपए एवं पीएचडी छात्रों को स्टाइपेंड के रूप में 12,000 रुपए कृषि व बागवानी विभाग द्वारा दिये जाएंगे।