शिक्षा विभाग द्वारा अगस्त माह के लिये रैंकिंग जारी, चूरू ज़िला रहा प्रदेश में प्रथम | राजस्थान | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा अगस्त माह के लिये संयुक्त ज़िला रैंकिंग जारी की गई, जिसमें चूरू ज़िला प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा।
प्रमुख बिंदु
- शाला दर्पण पर उपलब्ध डाटा के आधार पर तैयार की गई, इस रैंकिंग में जयपुर व चित्तौड़गढ़ को क्रमश: दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- अतिरिक्त परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, डॉ. रश्मि शर्मा ने राज्य के सभी ज़िला शिक्षा अधिकारियों तथा पदेन ज़िला परियोजना के समन्वयकों को अपने ज़िले और ब्लॉक की रैंकिंग का विश्लेषण करते हुए ज़िले एवं ब्लॉक के कमजोर रहे क्षेत्रों में प्रगति हेतु कार्ययोजना तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वन करने हेतु निर्देशित किया।
- उन्होने रैंकिंग में अंतिम तीन स्थान प्राप्त करने वाले ज़िलों (प्रतापगढ़, कोटा, धौलपुर) में शिक्षा अधिकारियों को प्राथमिकता से सघन मॉनिटरिंग कर रैंकिंग में अपेक्षित प्रगति हेतु दिशा-निर्देश दिये।
माइक्रोसॉफ्ट और राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के बीच एम.ओ.यू. | मध्य प्रदेश | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के शुजालपुर में डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑनलाइन एजुकेशन से संबंधित सहायता देने के लिये राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (State Board of Open School Education) और माइक्रोसॉफ्ट के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस दौरान स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के 53 ई.एफ.ए (एजुकेशन फॉर आल) स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक के ज्ञान के साथ भविष्य में वैश्विक स्तर पर आई.टी. रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
- इसी सत्र से कक्षा 8वीं और 9वीं के विद्यार्थियों को तथा अगले सत्र से कक्षा 10वीं से 12वीं तक के बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विषय के रूप में चुनने की सुविधा मिलेगी। माइक्रोसॉफ्ट टीम सॉफ्टवेयर के माध्यम से इस विषय के लिये ऑनलाइन क्लासेस संचालित करेगी।
- माइक्रोसॉफ्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर 240 घंटे का वार्षिक पाठ्यक्रम और पुस्तक प्रारूप तैयार कर उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही आगामी वर्ष में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विषय के अध्यापन के लिये शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के 53 ई.एफ.ए. स्कूलों में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने विगत वर्ष में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सहायता की है। इससे लगभग 1500 शिक्षक एवं 40 हज़ार विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।
‘एकीकृत किसान पोर्टल’ लॉन्च | छत्तीसगढ़ | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में एकीकृत किसान पोर्टल https:\\kisan.cg.nic.in लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने एकीकृत किसान पोर्टल को लॉन्च करते हुए किसानों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस पोर्टल से किसानों के लिये अपना पंजीयन कराना आसान हो जाएगा। विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिये उन्हें एक बार ही पंजीयन कराना होगा।
- इस पोर्टल को कृषि विभाग के सहयोग से एनआईसी द्वारा तैयार किया गया है।
- एकीकृत किसान पोर्टल पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना तथा कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना का लाभ लेने के लिये किसानों को एक बार ही पंजीयन कराना होगा।
- कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने बताया कि विभिन्न योजनाओं के लिये किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया का इस पोर्टल के माध्यम से सरलीकरण किया गया है, इससे विभिन्न योजनाओं के लिये किसानों का सुगमतापूर्वक पंजीयन हो सकेगा।
- इस पोर्टल के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं रिपोर्टिंग में आसानी होगी। इस पोर्टल पर उपलब्ध डाटा को आवश्यकतानुसार कैरी फार्वर्ड भी किया जा सकेगा।
- एकीकृत पोर्टल को भुंईयां (Bhuiyan) पोर्टल से लिंक किया गया है। इस पोर्टल में भूमि विवरण एवं गिरदावरी के आँकडों का भुंईयां पोर्टल से ऑनलाइन सत्यापन होगा तथा सटीक एवं त्वरित डाटा प्राप्त किया जा सकेगा। किसानों की ज़मीन के भौतिक सत्यापन तथा योजनाओं के तहत किसानों को दी जाने वाली राशि की गणना में भी पोर्टल से आसानी होगी।
- वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वन अधिकार पट्टाधारक, ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन समिति के पंजीयन हेतु विकसित पोर्टल को एकीकृत पोर्टल से लिंक किया गया है, ताकि आवेदकों को पंजीयन हेतु सिंगल विंडो की सुविधा प्रदान किया जा सके।
‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ के प्रतीक चिह्न का लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’ के प्रतीक चिह्न (लोगो) का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के तहत प्रदेश के लगभग 10 लाख मज़दूर परिवारों को 6 हज़ार रुपए सालाना अनुदान सहायता दी जाएगी।
- इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के उन कृषि मज़दूर परिवारों को शामिल किया गया है, जिनके पास खेती के लिये भूमि नहीं है मगर वे किसी न किसी प्रकार से कृषि कार्यों से जुड़े हैं।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुपूरक अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान 28 जुलाई, 2021 को विधानसभा में इस योजना के लिये 200 करोड़ रुपए का बजट प्रावधानित किया था।
- राज्य सरकार का दावा है कि यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है, जिसके लिये राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- इस योजना के लिये पंजीयन का कार्य 1 सितंबर से प्रारंभ हो चुका है। पंजीयन 30 नवंबर तक किया जाएगा।
नगरीय निकाय: महिलाओं को 50% आरक्षण | छत्तीसगढ़ | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ सरकार ने त्रि-स्तरीय पंचायतों की तरह ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी महिलाओं को 50% आरक्षण प्रदान करने के लिये सहमति दे दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह सहमति दी गई।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नगरीय निकायों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने के संबंध में सभी राज्यों से अभिमत मांगा था।
- राज्यों की राय के बाद केंद्र सरकार इस संबंध में अंतिम पैसला लेगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में त्रि-स्तरीय पंचायतों में महिलाओं के लिये 50% आरक्षण लागू है, जबकि नगरीय निकाय क्षेत्रों में महिलाओं को अभी 33% ही आरक्षण दिया जा रहा है।
उत्तराखंड के राज्यपाल ने दिया इस्तीफा | उत्तराखंड | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
8 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने कार्यकाल से 2 वर्ष पहले पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पिछले महीने 28 अगस्त को राज्य के राज्यपाल के रूप में अपने तीन वर्ष पूरे किये थे, उनके कार्यकाल में अभी भी दो साल बाकी थे।
- 64 साल की बेबी रानी मौर्य ने अपने पूर्ववर्ती कृष्ण कांत पॉल के पाँच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अगस्त 2018 में उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
- वे पूर्व में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुकी हैं। 1995 से 2000 तक वे उत्तर प्रदेश में आगरा की मेयर रहीं, जबकि 2001 में वे राज्य समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य और 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं।
- दलित नेता बेबी रानी मौर्य ने 2007 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एतमादपुर सीट से विजय प्राप्त की थी।