प्रयागराज में एफिल टावर की तर्ज पर बनेगी अनूठी रिवर आर्ट गैलरी | उत्तर प्रदेश | 09 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
8 जुलाई, 2022 को एनएचएआई के परियोजना निदेशक नुसरतुल्लाह ने बताया कि एफिल टॉवर की तर्ज पर प्रयागराज में गंगा किनारे निर्माणाधीन सिक्स लेन पुल के टॉवर पर रिवर आर्ट गैलरी बनाई जाएगी। इसका प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह देश की इकलौती ऐसी रिवर गैलरी होगी, जहां कुंभ और प्रयागराज की संस्कृति की छटा से देश-दुनिया के सैलानी सीधा साक्षात्कार कर सकेंगे। इस रिवर गैलरी में प्रयागराज के अतिरित्त नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में लगने वाले कुंभ की छटा को भी दिखाया जाएगा।
- प्रयागराज में प्रवेश करने से पूर्व ही सैलानी इस गैलरी में आकर आध्यात्मिक नगरी की संस्कृति और विरासत के साथ ही कला की झलक ले सकेंगे। शंकराचार्यों और अखाड़ों के नागा संन्यासियों की पेंटिंग और उनकी भत्ति-भावना और ध्यान-तप आदि से भी पर्यटक यहाँ परिचित हो सकेंगे।
- फाफामऊ में दो हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन 10 किमी. लंबे सिक्स लेन सेतु का निर्माण कार्य वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पूर्व ही पूरा कर लिया जाएगा।
- इस रिवर आर्ट गैलरी में पहुंचने के लिए दोनों तरफ कैप्सूल लिफ्ट लगाया जाएगा। गैलरी के दूसरी तरफ एक रिवाल्विंग रेस्तरां बनाने का भी प्रस्ताव है।
बिहार में अब सभी राशनकार्डधारियों को मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा | बिहार | 09 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
8 जुलाई, 2022 को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ‘आयुष्मान भारत जन-आरोग्य योजना’ के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सकों व अस्पतालों के लिये आयोजित सम्मान समारोह में राज्य के सभी राशनकार्डधारियों के लिये ‘आयुष्मान भारत जन-आरोग्य योजना’ के तर्ज पर मुफ्त इलाज की सुविधा की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पर 66 चिकित्सकों व 5 अस्पतालों को सम्मानित भी किया गया है।
- आयुष्मान भारत जन-आरोग्य योजना के तर्ज पर मुफ्त इलाज की सुविधा के फलस्वरुप बिहार की 9 करोड़ की आबादी को प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख तक का कैशलेश इलाज कराने के लिये कवर किया जाएगा।
- मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 1 करोड़ 9 लाख परिवार इस योजना के अंतर्गत बतौर लाभार्थी केंद्र सरकार से सूचीबद्ध हैं, लेकिन राज्य के अंदर सभी राशनकार्डधारी इस योजना से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं।
- राज्य में लगभग 1 करोड़ 80 लाख परिवार हैं, जो राशनकार्डधारी हैं। अत: शेष बचे लगभग 70 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष देने की योजना को बिहार कैबिनेट ने स्वीकृत किया है, जिसके फलस्वरुप बिहार के सारे कार्डधारी लाभान्वित हो जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में अब तक 35.38 लाख परिवारों एवं 76.25 लाख व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड निर्गत किया जा चुका है। राज्य में इस योजना के अंतर्गत 606 सरकारी एवं 379 गैर सरकारी अस्पताल (कुल 985 अस्पताल) सूचीबद्ध किये जा चुके हैं। अभी तक 4 लाख 11 हजार परिवारों को इस योजना के तहत 429 करोड़ से अधिक की राशि से स्वास्थ्य लाभ दिया गया है।
राजस्थान सरकार और जापान की 11 कंपनियों के मध्य एमओयू | राजस्थान | 09 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
7 जुलाई, 2022 को नीमराना स्थित डाईकिन जापानीज़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग एक्सिलेंस (डीजेआईएमई) में आयोजित एमओयू सेरेमनी में राजस्थान सरकार और जापान की 11 कंपनियों के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू से नीमराना, गिलोठ व चापारिया की ढाणी (पाली) क्षेत्रों में 1338 करोड़ रुपए का निवेश होगा और 2272 लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- राजस्थान सरकार ने जापान की जिन 11 कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं, वे हैं- टोकाई रिका मिंडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (335 करोड़ रुपए), निडेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (300 करोड़ रुपए), हिताची एस्टेमो राजस्थान ब्रेक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (140 करोड़ रुपए), फूजी सिल्वरटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (110 करोड़ रुपए), सीकेडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रुपए), ताइयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रुपए), एलाइड जेबी फ्रिक्शन प्राइवेट लिमिटेड (78 करोड़ रुपए), एच2 मिल्क फार्म प्राइवेट लिमिटेड (65 करोड़ रुपए), एचएनवी कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड़ रुपए), एमआईईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड़ रुपए) एवं बेलटेक्नो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (30 करोड़ रुपए)।
- इस एमओयू से लगभग 1300 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जो कि 22 बिलियन येन के बराबर है। प्रदेश में वर्ष 2008 में जापान की कंपनियों की संख्या 10 थी, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 170 हो गई है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जापान की कंपनियों को बाड़मेर में बन रहे, पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स, इनवेस्ट राजस्थान और स्किल डेवलपमेंट सेंटर के निर्माण में निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने जापान की कंपनियों से आह्वान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी रोज़गार देने के लिये स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले, इनमें जो भी अपेक्षित सहयोग होगा, राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की वर्ष 2005 में जापान यात्रा के दौरान जापानी निवेश, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) व फ्रंट कॉरिडोर की भूमिका तैयार हुई थी। नीमराना स्थित जापानीज़ ज़ोन भी डीएमआईसी का हिस्सा है।
- भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सतोशी ने कहा कि भारत और जापान कानून का शासन एवं लोकतंत्र जैसे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं। हमारा रिश्ता केवल द्विपक्षीय नहीं है, अपितु असाधारण है। इसीलिये इसे स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप कहते हैं।
- उन्होंने कहा कि गत मार्च में भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच समिट में इस बात पर संतोष जताया गया कि वर्ष 2014 में घोषित किये गए 5 ट्रिलियन जापानीज़ येन (लगभग 2 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। अब 5 ट्रिलियन जापानीज़ येन (लगभग 3 लाख करोड़ रुपए) को आगामी 5 वर्षों में जापान द्वारा भारत में निवेश करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
- उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि उद्योग विभाग ने हाल ही में प्रत्येक ज़्ले में रोड शो का आयोजन किया, जिससे वहाँ के पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि 5 हज़ार से ज़्यादा उद्यमी 7 एवं 8 अक्टूबर को प्रस्तावित इनवेस्ट राजस्थान समिट में भाग लेंगे। इससे प्रदेश में निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
- जापानीज़ एक्सटर्नल ऑर्गेनाईज़ेशन (जेट्रो) के मुख्य महानिदेशक यासुयुकि मुराहाशि ने कहा कि जापान की कंपनियों द्वारा किये गए एमओयू से राजस्थान में लगभग 1300 करोड़ रुपए का निवेश होगा। उन्होंने बताया कि इनमें से 1 कंपनी गिलोठ इंडस्ट्रियल पार्क में निवेश करने जा रही है, जो कि किसी जापान की कंपनी का उक्त क्षेत्र में पहला निवेश है।
चरखी दादरी को मिली करीब 1100 करोड़ रुपए की सौगात | हरियाणा | 09 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
8 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चरखी दादरी ज़िले को करीब 1100 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी है, उनमें करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहे निमड़-बडेसरा पेयजल प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी शामिल है।
- कस्बा बौंद में महाविद्यालय का नया भवन बनाने की मांग भी उन्होंने पूरी की है। इस कॉलेज की बिल्डिंग निर्माण पर 16 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत आएगी।
- मुख्यमंत्री ने 36 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए सिरसली जलघर, 5 करोड़ 78 लाख रुपए की लागत से बने दादरी फायर स्टेशन, करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार दादरी-महेंद्रगढ़ रोड का उद्घाटन भी किया।
- इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने 2 करोड़ 41 लाख रुपए की लागत से बनी हड़ौदी माईनर, 2 करोड़ रुपए की लागत से बने छपार-रामपुरा लिंक रोड, 1 करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से बनी लोहारू फीडर व गाँव सांवड़ में 1 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से बने 50 बिस्तरों के हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया।
नीति आयोग की डेल्टा रैंकिंग में झारखंड देशभर में अव्वल | झारखंड | 09 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ग्रामीण विकास मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा जारी श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना के तहत जून महीने की डेल्टा रैंकिंग में झारखंड ने पहला स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. मनीष रंजन ने बताया कि रूर्बन मिशन में लगातार बेहतर कार्य किया जा रहा है एवं राज्य स्तर पर कार्य प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने संबंधित जिलों के अधिकारियों को राज्य के विकास के लिए और अधिक तत्परता से विकासोन्मुखी कार्यों पर जोर देने का निर्देश दिया।
- मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय (भारत सरकार) ने जून माह की डेल्टा रैंकिंग जारी की है, जिसमें झारखंड देशभर में पहले पायदान पर है। ओवर ऑल परफार्मेंस में भी झारखंड ने सुधार करते हुए देशभर में 8वाँ स्थान अर्जित किया है। भविष्य में रूर्बन मिशन से हर गाँव-हर परिवार को लाभान्वित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है।
- इसी के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा ग्रामीणों को रोज़गार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। इस कार्य में रूर्बन योजना प्रभावी भूमिका निभा रही है। रूर्बन योजना का उद्देश्य क्षेत्र के सर्वांगीण विकास पर फोकस करना है, आर्थिक विकास और मूल्य सृजन, ईएनटी बढ़ाने तथा बुनियादी सेवाओं के साथ-साथ सिंचाई सुविधा के लिये कुआँ इत्यादि के निर्माण पर जोर देना है।