मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद के अहम निर्णय | छत्तीसगढ़ | 08 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022’ के अनुमोदन के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये ‘छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022’ का अनुमोदन किया गया।
- इस नीति से छत्तीसगढ़ के नागरिकों को बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम से राहत मिलेगी, वहीं पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भागीदारी सुनिश्चित होगी।
- इस नीति में कमर्शियल एवं नॉन-कमर्शियल दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के परिचालन को बढ़ावा देना शामिल है।
- इसके तहत राज्य में दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया, मालवाहक, यात्रीवाहन एवं अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर विभिन्न छूट एवं सुविधाएँ मिलेंगी।
- इस नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों की आसान चार्ज़िंग सुविधा उपलब्ध कराने हेतु चार्ज़िंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। ईवी मालिकों को नेशनल और स्टेट हाइवे में एक निश्चित अंतराल पर चार्ज़िंग पॉइंट उपलब्ध होंगे।
- मंत्रिपरिषद द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और राज्य में दलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अरहर, उड़द एवं मूंग फसलों का उपार्जन किया जाएगा। इसके लिये दिशा-निर्देश जारी किये गए।
- बैठक में बिज़ली बिल हाफ योजना का विस्तार करते हुए, इसमें- ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना’ के तहत स्थापित किये जा रहे, गोठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया।
- प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक विद्युत की खपत पर देय बिज़ली बिल की राशि को आधा किये जाने की योजना को विस्तार करते हुए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना’ के तहत स्थापित किये जा रहे गोठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क में राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदाय किये गए विद्युत कनेक्शन हेतु विद्युत देयक में 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया गया।
- छत्तीसगढ़ के निवास प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया को और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया, ताकि राज्य के बाहर के लोग इसका अनावश्यक लाभ न उठा सकें। इसके लिये पूर्व निर्धारित प्रावधानों में संशोधन का निर्णय लिया गया।
- इसके तहत किसी संस्था में प्रवेश के लिये अथवा शासन के अधीन सेवा के लिये निर्धारित योग्यता के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य की किसी शैक्षणिक संस्था से कक्षा 8वीं की परीक्षा के स्थान पर पहली, चौथी और पाँचवी कक्षा की परीक्षा को शामिल किया गया है।
- अन्य मामलों में भी पहली, चौथी, पाँचवी की परीक्षा शैक्षणिक योग्यता में जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
- छत्तीसगढ़ राज्य में मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य की औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पंज आयरन एंड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण का निर्णय लिया गया।
- ‘गोधन न्याय योजना’ अंतर्गत प्रदेश के गोठानों में जन-भागीदारिता हेतु गोठान प्रबंधन समितियों का चयनित एनजीआई और एनजीओ के माध्यम से केंद्र प्रवर्तित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजना के प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान करने एवं गोठान के विकास तथा रख-रखाव के लिये गोधन न्याय योजना के अंतर्गत बजट प्रावधान में से 3 प्रतिशत राशि प्रशासकीय मद में निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
- गोठानों से संबद्ध स्व-सहायता समूहों एवं प्राथमिक सहकारी समितियों को कंपोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और वार्षिक कंपोस्ट विक्रय पर बोनस राशि प्रदाय करने का निर्णय लिया गया।
- खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राईस मिलों को प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि प्रोत्साहन की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कस्टम मिलिंग शुल्क के साथ किया जाएगा तथा शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान केंद्रीय पूल में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ण मात्रा के जमा होने के पश्चात् किया जाएगा।
- छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) (पेसा) नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 20वाँ वार्षिक प्रतिवेदन (1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक की अवधि) का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ में मोलासिस (शीरा) के उपयोग को विनियमित करने के लिये छत्तीसगढ़ मोलासिस (शीरा) नियंत्रण एवं विनियमन नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन तथा राजीव मितान क्लब योजना हेतु उपकर राशि लिये जाने हेतु छत्तीसगढ़ उपकर (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
‘गोधन न्याय योजना’ और ‘राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना’ के हितग्राहियों को राशि वितरण' | छत्तीसगढ़ | 08 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ के हितग्राहियों को राशि वितरण और ‘राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना’ के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि का वितरण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गोठानों से जुड़े महिला समूहों और गोठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
- इस राशि में से 15 जून से 30 जून तक राज्य के गोठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए गोबर की एवज में 69 करोड़ रुपए का भुगतान और गोठान समितियों को 4.31 करोड़ रुपए तथा महिला समूहों को 2.84 करोड़ रुपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया।
- इसी तरह उन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को 63 लाख रुपए की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों के खाते में किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता से प्रदेश में गोठानों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। योजना के तहत अब तक 75 लाख 38 हज़ार रुपए क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है तथा गोठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर की एवज में 75 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
- गोठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 19 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हज़ार रुपए से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है।
- इस योजना से 1 लाख 33 हज़ार रुपए से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। गोठानों की आजीविका गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 72 करोड़ 19 लाख रुपए की आय प्राप्त की है।
- मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को गाँवों के आँगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था के लिये कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
- इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारू पशुपालन के लिये प्रोत्साहित होंगे, गो-माता की सेवा होगी तथा ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अलग-अलग गाँवों में दूध का अलग-अलग रेट हितग्राहियों को मिल रहा है। आँगनबाड़ी और स्कूलों में दूध वितरण की व्यवस्था से दूध के रेट में एकरूपता आएगी।
- उन्होंने कहा कि गोठानों में डेयरी व्यवसाय कर रहे हितग्राहियों को छह माह बाद एक अतिरिक्त गाय अन्य योजना से दी जाएगी।
- कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश के 3089 गोठान स्वावलंबी हो चुके हैं। गोठानों में अब तक 16 लाख 43 हज़ार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है, इसमें से 13 लाख 69 हज़ार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का वितरण किसानों और विभिन्न विभागों को किया जा चुका है। 89 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट गोठानों में उपलब्ध है।
- गोठानों में वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन रासायनिक खादों की कमी से निपटने में काफी हद तक मदद करेगा। लगभग 2 लाख 94 हज़ार किसानों ने वर्मी कंपोस्ट लिया है।
बी-स्पोक पॉलिसी के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन पैकेज अनुमोदित | छत्तीसगढ़ | 08 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस्पात (स्पंज आयरन एंड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ में मेगा और अल्ट्रामेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य की औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है।
- गौरतलब है कि इस निर्णय से छत्तीसगढ़ में स्टील आधारित इकाईयों की स्थापना के लिये 91 संस्थानों द्वारा पूर्व में राज्य शासन के साथ किये गए एमओयू के तहत स्थापित होने वाली इकाईयों हेतु बी-स्पोक पॉलिसी के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन पैकेज का लाभ मिलेगा।
- मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार 91 संस्थानों ने स्टील पर आधारित इकाईयों की स्थापना हेतु राज्य सरकार के साथ पूर्व में एमओयू निष्पादित किये हैं। इन इकाईयों की स्थापना से राज्य में लगभग 49 हज़ार 115 करोड़ रुपए का निवेश और लगभग 57 हज़ार 566 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होने की संभावना है।
- एक आकलन के मुताबिक इन इकाईयों की स्थापना से राज्य को आगामी 10 वर्षों में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होना संभावित है।
- उल्लेखनीय है कि पूर्व में 10 इकाईयों हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज निर्धारित किया गया था, जिनका निवेश 4274 करोड़ रुपए एवं रोजगार 5515 संभावित है।