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स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश का पहला कार्बन फ्री ज़ोन होगा ‘काशी विश्वनाथ धाम’

चर्चा में क्यों? 

8 जून, 2022 को वाराणसी के मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र को कार्बनमुक्त करने के लिये मंदिर प्रशासन ने पहल शुरू की है। यह प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जो पूरी तरह से कार्बन धूलकणों से मुक्त होगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • प्रदूषण के स्तर को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने धाम क्षेत्र को कार्बन प्रदूषणमुक्त करने के लिये एयर प्यूरीफायर लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिये सीएसआर फंड के तहत धाम क्षेत्र में 12 जगहों पर एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। 
  • गौरतलब है कि मणिकर्णिका घाट पर दहकती चिताओं के कारण काशी विश्वनाथ धाम में पीएम 2.5 और पीएम 10 के साथ ही कार्बन की मात्रा में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी दर्ज की गई हैवहीं निर्माण कार्य के कारण आस-पास के क्षेत्र में पेड़-पौधों में भी कमी आई है। 
  • मंदिर प्रशासन द्वारा ज़िला प्रशासन एक कंपनी के सहयोग से ट्रायल के रूप में एयर प्यूरीफायर लगाकर मंदिर के आस-पास की आबोहवा को शुद्ध करने का ट्रायल किया गया था। मंदिर क्षेत्र में लगाई गई इस मशीन में पाँच किमी. तक के क्षेत्र से धूल के कण को सोखने की क्षमता थी। 
  • काशी विश्वनाथ धाम में हेपा (हाई इफीशिएंसी पार्टिकुलेट एयर) तकनीक पर आधारित एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे। इस तकनीक का इस्तेमाल काफी वर्षों से हवा को साफ करने के लिये किया जा रहा है।   
  • हेपा फिल्टर 0.3 माइक्रोन से बड़े 99.97 से अधिक कणों को कैद करने में सक्षम हैमोल्ड और बैक्टीरिया को पकड़ पाने की वजह से यह फिल्टर अधिक स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं।  

बिहार Switch to English

बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी, 2022 लॉन्च

चर्चा में क्यों? 

8 जून, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने पटना के अधिवेशन भवन में निवेशक सम्मेलन (इन्वेस्टर्स मीट) सह बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी, 2022 (Bihar Textile and Leather Policy, 2022) को लॉन्च किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नई नीति से बिहार में उद्योग लगाने वाले निवेशकों को काफी लाभ होगा। राज्य जल्द ही देश का एक प्रमुख टेक्सटाइल हब बन जाएगा।  
  • टेक्सटाइल लेदर पॉलिसी में पूँजीगत अनुदान, रोज़गार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान, समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान है। ऋण पर ब्याज अनुदान, एसजीएसटी का रिइंबर्समेंट, स्टैंप शुल्क में छूट, निबंधन, भूमि सपरिवर्तन पर छूट जैसे प्रावधान हैं।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य बिहार को इस क्षेत्र के घरेलू और वैश्विक निवेशकों के लिये निवेश के प्रमुख संभावित केंद्र के रूप में विकसित करना तथा  कपड़ा और चमड़ा व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमियों के लिये कई प्रकार के प्रोत्साहन देना है।  
  • नई नीति के तहत संयंत्र एवं मशीनरी के लिये पूँजीगत निवेश पर लागत का 15 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक होगा। इसके अलावा बिजली शुल्क का अनुदान दो रुपए प्रति यूनिट होगा। 
  • उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों को 5,000 रुपए प्रतिमाह की दर से पाँच वर्षों के लिये अनुदान दिया जाएगा। निर्यात के लिये संबंधित इकाईयों को 30 प्रतिशत परिवहन सब्सिडी दी जाएगी। 
  • नई नीति के तहत पाँच साल तक माल ढुलाई पर 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष अनुदान दिया जाएगा। अपने उत्पाद को पेटेंट कराने पर रजिस्ट्रेशन खर्च का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, जो अधिकतम 10 लाख रुपए होगा। 

मध्य प्रदेश Switch to English

ग्वालियर आर्म-रेसलिंग टीम ने राष्ट्रीय टूर्नामेंट में जीते 25 पदक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ग्वालियर आर्म-रेसलिंग टीम ने हैदराबाद में आयोजित 44वीं राष्ट्रीय आर्म-रेसलिंग चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 पदक जीते।

प्रमुख बिंदु

  • 44वीं राष्ट्रीय आर्म-रेसलिंग चैंपियनशिप 31 मई से 6 जून, 2022 तक हैदराबाद के गाचीबोवली स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम में आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में 25 राज्यों के 900 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया।
  • मध्य प्रदेश ने चैंपियनशिप में केरल के बाद दूसरा स्थान हासिल किया। ग्वालियर की टीम ने चैंपियनशिप में 25 पदक जीतकर अपना 44 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है।
  • ग्वालियर आर्म-रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष केशव पांडे ने बताया कि विक्रम पुरस्कार विजेता मनीष कुमार; विश्व रजत पदक विजेता अरविंद रजक; निरंजन गूर्जर; राजेंद्र महोरे; सचिन गोयल; सुजीत महोरे; उमेश पाल; योगेंद्र यादव; पूजा भदौरिया; आयुष कौशल और शिवम गूर्जर ने स्वर्ण पदक जीते। साथ ही, इनमें से कुछ ने रजत और कांस्य पदक भी जीते।
  • केशव पांडे ने बताया कि ग्वालियर आर्म-रेसलिंग अकादमी आर्म-रेसलिंग के लिये देश की पहली पूर्ण अकादमी है।

झारखंड Switch to English

IIT (ISM) के वैज्ञानिकों ने भूजल से आर्सेनिक को हटाने के लिये अवशोषक विकसित किया

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में एक शोध में आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे अवशोषक (adsorbent) के विकास में सफलता हासिल की है, जो भूजल से आर्सेनिक को हटाने में मदद करता है। 

प्रमुख बिंदु 

  • पर्यावरण विज्ञान इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एस.आर. समद्दर के नेतृत्व में शोधकर्त्ताओं की चार सदस्यीय टीम का दावा है कि कैल्सीनेटेड लैटेराइट मिट्टी आर्सेनिक पर नैनो मैंगनीज के लेप के माध्यम से आर्सेनिक को हटाया जा सकता है। 
  • शोधार्थी रोशन प्रभाकर और एमटेक के दो छात्र सोमपर्णा घोष और अली ने इस शोध में मदद की।  
  • डॉ. समद्दर ने बताया कि आर्सेनिक को प्रथम श्रेणी के मानव कार्सिनोजेन के रूप में पहचाना गया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीने के पानी में इसकी अनुमेय सीमा (permissible limit) 10 माइक्रोग्राम प्रति लीटर निर्धारित की है।  
  • डॉ. समद्दर ने बताया कि हमने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले संसाधन से वंचित समुदाय के लिये एक सोखना आधारित स्केलेबल उपचार प्रणाली (adsorption based scalable treatment system) विकसित की है 
  • उन्होंने कहा कि नैनो आधारित सोखना प्रणाली आर्सेनिक आयनों को हटाने के लिये शोधकर्त्ताओं के बीच लोकप्रिय रही है, लेकिन चूँकि नैनो सोखने वालों को संश्लेषित करना महँगा है, इसलिये इस शोध में नैनो कोटिंग के लिये आधार सामग्री के रूप में सस्ती और आसानी से उपलब्ध लैटेराइट मिट्टी उपयोग किया गया है।  
  • डॉ. समद्दर ने बताया कि 200 पीपीबी सांद्रता वाले 1000 लीटर पानी के उपचार के लिये लगभग 0.70 किलोग्राम लैटेराइट नैनो मैंगनीज की आवश्यकता होती है, जिसमें से अधिकांश हिस्से में लैटेराइट मिट्टी के कण होते हैं। यह प्रतिशत के आधार पर देश के विभिन्न हिस्सों में भूजल से आर्सेनिक को हटाने में मदद कर सकता है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य में अब 2640 रुपए में धान खरीदी

चर्चा में क्यों? 

8 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में अगले खरीफ सीज़न में 2640 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा की। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा केंद्र सरकार द्वारा फसली वर्ष 2022-23 के लिये सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 100 रुपए बढ़ाने के बाद की। 
  • गौरतलब है कि 8 जून, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने धान सहित खरीफ की 14 फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी को मंज़ूरी दी। 
  • फसली वर्ष 2022-23 के लिये सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 100 रुपए बढ़ाकर 2040 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह पिछले वर्ष 2040 रुपए प्रति क्विंटल था। 
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र एमएसपी में की गई 100 रुपए की वृद्धि के बाद छत्तीसगढ़ के किसानों को इनपुट सब्सिडी की राशि मिलाकर प्रति क्विंटल 2640 रुपए की राशि मिलेगी। 
  • न्याय योजना और इनपुट सब्सिडी की वजह से छत्तीसगढ़ के किसानों को अन्य राज्यों की तुलना में एक क्विंटल धान के 700 रुपए अधिक मिलेंगे। 
  • राज्य सरकार ने पिछले खरीफ सीज़न में धान 2540 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा था, जिसमें 600 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी शामिल है। 
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार एक एकड़ खेत के पीछे 15 क्विंटल धान खरीदती है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ यानी 15 क्विंटल धान पर 9 हज़ार रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाती है। 

उत्तराखंड Switch to English

फूड ग्रेन एटीएम योजना शुरू करने वाला तीसरा राज्य बनेगा उत्तराखंड

चर्चा में क्यों? 

8 जून, 2022 को उत्तराखंड की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि विश्व खाद्य योजना के तहत उत्तराखंड खाद्य विभाग जल्द ही राज्य में फूड ग्रेन एटीएम योजना शुरू करने जा रहा है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि फूड ग्रेन एटीएम योजना शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य होगा। वर्तमान में फूड ग्रेन एटीएम योजना सिर्फ ओडिशा और हरियाणा राज्य में चल रही है।  
  • मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि सरकारी राशन की दुकान से मिलने वाले मुफ्त राशन के लिये पात्र लोगों को अब दुकानों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, जिस तरह आम व्यक्ति एटीएम मशीन से अपनी ज़रूरत के लिये पैसे निकालते हैं, अब उसी तरह पात्र लोग अनाज ले सकते हैं।  
  • यह सिस्टम एटीएम मशीन की तरह काम करेगा। साथ ही इस पर एटीएम मशीन की तरह स्क्रीन होगी। राशनकार्ड धारक यहाँ आकर एटीएम मशीन की तरह गेहूँ, चावल दाल निकाल सकेंगे। इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जा रहा है। 

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