बिहार Switch to English
बिहार में धान के नई किस्म सबौर कुंवर की खोज
चर्चा में क्यों?
हाल हीं में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के वैज्ञानिकों ने धान की नई किस्म सबौर कुंवर की खोज की है।
प्रमुख बिंदु
- कम पानी, 25 प्रतिशत तक कम खाद और 110 से 115 दिनों में तैयार होने वाली धान की इस नई किस्म की खोज अनियमित और कम बारिश से परेशान धान उत्पादक किसानों के लिये लाभकारी है।
- धान की इस किस्म का औसत उत्पादन 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि अधिकतम उत्पादन 87 क्विंटल तक है।
- इसमें पौधे की लंबाई 100 से 105 सेंटीमीटर तक होती है। यह किस्म जीवाणु झुलसा, अंगमारी, झोंका एवं कंडुआ रोग प्रतिरोधी है। तना छेदक, भूरा कीट और पत्तीलपेटक के प्रति सहनशील है।
- इससे बिहार के मध्य और दक्षिण बिहार के ज़िलों बक्सर, रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद, लखीसराय, बेगूसराय, समस्तीपुर, भागलपुर, बांका आदि के किसानों को विशेष फायदा होगा।
राजस्थान Switch to English
अजमेर के सिलोरी में होगी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को राजस्थान के पुलिस कर्मचारियों की कार्यक्षमता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से अजमेर के सिलोरा (किशनगढ़) में प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्कूल के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
प्रमुख बिंदु
- यहाँ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक-उप पुलिस अधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, कंपनी कमांडर, प्रोग्रामर एवं वरिष्ठ सहायक के एक-एक पद, उप-निरीक्षक सीपी एवं प्लाटून कमांडर के 2-2 पद, हेड कांस्टेबल के 10 पद तथा कांस्टेबल के 18 (कुल 38) नवीन पदों का सृजन होगा।
- इसके अलावा व्याख्याता, प्लाटून कमांडर, बारबर, स्वीपर, कुक और हेड कांस्टेबल के कुल 15 पदों पर सेवानिवृत्त अथवा जॉब बेसिस के आधार पर सेवाएँ ली जाएगी।
- इसके साथ ही यहाँ विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये 4.34 करोड़ रुपए, उपकरणों के लिये 4.05 लाख रुपए और वाहनों के लिये 29.20 लाख रुपए व्यय करने की भी मंज़ूरी दी है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान का दूसरा चरण
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के द्वितीय चरण को शुरू करने के लिये निर्देश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- शासकीय विभागों से आम नागरिकों को उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं और उनकी समस्याओं के शत-प्रतिशत निराकरण के लिये प्रदेश में 10 से 25 मई तक मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान का दूसरा चरण चलाया जाएगा।
- मुख्य रूप से इस अभियान के 2 प्रमुख घटक होंगे। प्रथम घटक में ऐसे सभी विभागों, जो नागरिक सेवाओं से संबंधित हैं, के कार्यालयों में लंबित आवेदनों का यथा-संभव शत-प्रतिशत निराकरण किया जाएगा। साथ ही सी.एम.हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों का निराकरण होगा।
- वहीं दूसरे घटक में सी.एम. हेल्पलाइन में 15, अप्रैल 2023 तक दर्ज और वर्तमान में लंबित शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण किया जाएगा। निराकरण की सूचना संबंधित शिकायतकर्त्ता को भी अनिवार्य रूप से दी जाएगी।
- इस अभियान में चिह्नांकित 67 सेवाएँ नागरिकों को प्रदान करने वाले सभी मैदानी कार्यालयों में सेवा प्रदान शिविर लगाए जाएंगे।
- सभी कलेक्टर अपने ज़िले में प्रत्येक कार्यालय, जिसमें शिविर लगेगा, के लिये विशिष्ट नोडल अधिकारी नामांकित करेंगे। चिह्नांकित 67 सेवाओं के जो आवेदन ऑनलाईन या ऑफलाईन संबंधित कार्यालयों में अभियान प्रारंभ होने के पूर्व लंबित हैं, उनका निराकरण अभियान के दौरान किये जाने तथा प्रत्येक दिन के निराकरण की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।
- इस अभियान की अवधि में प्राप्त निर्धारित सेवाओं के आवेदनों का निराकरण भी पोर्टल में दर्ज करना सुनिश्चित किया जाएगा। पोर्टल पर ज़िले के शिविर की संख्या भी दर्ज की जाएगी।
- ज़िला कलेक्टर अभियान के दौरान प्राप्त सभी शिकायतों में से ऐसी शिकायतों को, जिनका निराकरण बजट संबंधी कारणों, नीतिगत निर्णयों, सिविल या उच्च न्यायालयों में लंबित प्रकरण के कारणों से किया जाना संभव न हो, अलग से चिह्नित कर सकेंगे।
- इस अभियान में शेष समस्त शिकायतों का निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर 15 अप्रैल, 2023 तक दर्ज, किंतु वर्तमान में लंबित समस्त शिकायतें अलग से प्रदर्शित की जाएंगी। यह सेवा 5 मई, 2023 से सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर लाइव की जा रही है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के प्रथम चरण (17 सितंबर, 2022 से 31 अक्तूबर 2022) में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में शत-प्रतिशत सेचुरेशन प्राप्त कर 83 लाख से अधिक पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
हरियाणा Switch to English
‘हरियाणा ई-समीक्षा पोर्टल’पर होगी एक नई सुविधा की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में मानव संसाधन विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के साथ बैठक हुई जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार ‘हरियाणा-ई-समीक्षा पोर्टल’पर एक नई सुविधा शुरू करेगी ताकि प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष अपनी बैठकों और प्रस्तुतियों के दौरान लिये गए निर्णयों पर की गई ‘फॉलोअप एक्शंस’की निगरानी कर सकें।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘हरियाणा ई-समीक्षा पोर्टल’एक रियल टाइम ऑनलाइन सिस्टम है जिसे प्रशासनिक सचिवों और विभागों के प्रमुखों द्वारा प्रस्तुतियों के दौरान किये गए निर्णयों पर की गई ‘फॉलोअप एक्शंस’की निगरानी के लिये डिज़ाइन किया गया है। यदि आवश्यक हो तो सिस्टम को अन्य मीटिंग्स से ‘फॉलोअप एक्शन्स’की समीक्षा करने के लिये भी कॉन्फिगर किया जा सकता है।
- कॉन्फिगर की यह नई सुविधा बैठकों और प्रस्तुतियों के दौरान किये गए महत्त्वपूर्ण निर्णयों की निगरानी और ट्रैकिंग को बढ़ाएगी, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।
- यह पोर्टल फाइल नंबर, बैठक की तारीख, बैठक के अध्यक्ष, बैठक विवरण और बैठक के मिनट्स (एमओएम) जैसे अन्य दस्तावेज़ों पर अपडेट प्रदान करेगा, जिसे संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त यह पोर्टल ऑनलाइन जमा करने से लेकर अनुपालन तक कार्य बिंदुओं, प्रस्तावों, मुद्दों, परियोजनाओं, योजनाओं और लक्ष्यों की स्वचालित ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है।
हरियाणा Switch to English
‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’का हुआ शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के पंचकूला ज़िले से ‘मुख्यमंत्री तीर्थ योजना’की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा तथा इसके बाद 60 वर्ष की आयु से अधिक वरिष्ठ नागरिक, जो तीर्थयात्रा पर जाना चाहगे उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
- गौरतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति का अपने जीवन में तीर्थयात्रा करने का सपना होता है, इसलिये सरकार ने यह योजना बनाई है। इस योजना के तहत सबसे पहले अयोध्या यात्रा की योजना बनाई है, जिसमें लगभग 200 वृद्ध जन 5 मई से 8 मई तक श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या की यात्रा करेंगे। इन यात्रियों का आने-जाने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
हरियाणा Switch to English
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मिली स्वीकृति
चर्चा में क्यों?
8 मई,2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिये गठित हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दर्शन सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग ने पिछड़े वर्गों के नागरिकों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिये गहन जाँच की।
- इस रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग आयोग ने पाया कि पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें शहरी स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका में पार्षद का पद नागरिकों के ब्लॉक-ए के पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षित होगा और इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या उस क्षेत्र में सीटों की कुल संख्या के समान अनुपात में हो सकती है।
- शहरी स्थानीय क्षेत्र, उस शहरी स्थानीय क्षेत्र में कुल आबादी के नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी । यदि दशमलव मान 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक तक पूर्णांकित किया जाएगा। बशर्ते कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक निकाय में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पार्षद होगा।
- नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में महापौरों/अध्यक्षों के पदों की संख्या का आठ प्रतिशत नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए के लिये आरक्षित होगा।
- आयोग ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार आरक्षण किसी भी नगर निकायों में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- पिछड़े वर्ग (ए)के लिये इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या को अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित सीटों की संख्या के साथ जोड़ने पर यदि उनकी कुल संख्या नगर निकायों की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो पिछड़े वर्ग (ए) के लिये आरक्षित सीटों की संख्या को वहीं तक रखा जाएगा जिससे कि अनुसूचित जाति और बीसी (ए) का आरक्षण नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगम के सदस्य की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो। उदाहरण के लिये शहरी स्थानीय क्षेत्र में, ‘ए’नागरिकों के ब्लॉक ए के पिछड़े वर्ग की आबादी उस शहरी स्थानीय क्षेत्र की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है, तो 12.5 प्रतिशत सीटें पिछड़े वर्ग के ब्लॉक-ए नागरिकों के लिये आरक्षित होंगी।
- जहाँ किसी दिये गए शहरी स्थानीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहाँ के नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए को उनकी आबादी के प्रतिशत के बावजूद कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।
- जहाँ अनुसूचित जाति की जनसंख्या शहरी स्थानीय निकाय की जनसंख्या का 40 प्रतिशत है तथा शहरी स्थानीय क्षेत्र में 10 सीटें हैं तो अनुसूचित जाति के लिये 4 सीटें आरक्षित होंगी, शेष एक सीट पिछड़ा वर्ग ब्लॉक के लिये उपलब्ध होगी।
- पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए के नागरिकों को नगर पालिका में एक सीट मिलेगी, भले ही उनके लिये उपलब्ध आरक्षण के प्रतिशत के अनुसार कोई सीट उपलब्ध न हो, बशर्ते कि संबंधित शहरी स्थानीय क्षेत्र में उनकी आबादी 2 प्रतिशत से कम न हो।
झारखंड Switch to English
स्वर तरंगिनी पुस्तक का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, अन्नपूर्णा देवी, सांसद दीपक प्रकाश, संजय सेठ, बीके सिन्हा ने झारखंड के राँची में केंद्रीय विद्यालय संगठन की संगीत शिक्षिक डॉ. रश्मि कुमारी की लिखित पुस्तक ‘स्वर तरंगिनी’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तक में 151 गीतों की स्वर लिपियाँ और 25 ताली की लय-लयकारियाँ हैं।
- इसके साथ ही प्रथम वर्ष से षष्टम वर्ष के रागों का परिचय व संगीत के पक्ष की भी जानकारी है।
- डॉ. रश्मि ने बताया कि इस पुस्तक के ज़रिये कम समय और थोड़े परिश्रम से बच्चों के पास गीतों का एक अच्छा संग्रह हो जाएगा इससे पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे संगीत को भी अपने जीवन का अंग बना सकते हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
19 चिह्नित विषयों पर युवा वैज्ञानिकों को दिया गया अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को छत्तीसगढ में आयोजित दो दिवसीय 18 वें युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का समापन हुआ जिसमें 19 चिह्नित विषयों में युवा वैज्ञानिकों को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड- 2023 प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस सम्मेलन में युवा वैज्ञानिकों को 21 हज़ार रुपए पुरस्कार राशि, मेडल तथा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
- साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित युवा वैज्ञानिक को किसी राष्ट्रीय प्रयोगशाला, राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र और विश्वविद्यालय में शोध कार्य के लिये अवसर प्रदान किया जाएगा।
- यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड- 2023 से सम्मानित युवा वैज्ञानिकों में एग्रीकल्चर साइंस में रीचा साव एवं सोनल उपाध्याय, डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ; एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग एवं टेक्नालॉजी में छाया भटे, रसायन अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ; बायोलॉजी में रसलिन कौर, जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ;. बायोटेक्नालॉजी, बायोकेमिस्ट्री, बायोइनफॉरमेटिक्स एण्ड बायोमेडिकल साइंसेस में अनिता भोई, जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ; कैमिकल साइंसेस में लवकेश कुमार सिंह तंवर, रसायन अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय आदि शामिल है।
- इसी प्रकार अर्थ एवं एटमॉस्फेरिक साइंसेस में तनवीर हैदर, एन.आई.टी ; कैमिकल इंजीनियरिंग में अनुश्री साहा, रसायन अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय; कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आई.टी. एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में मयंक लोवांशी, आई.आई.आई.टी; सिविल एवं आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में श्यामंतिका सरकार, डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर, एन.आई.टी ; इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग में आयुषी शर्मा, डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एन.आई.टी ;मेकिनिकल मेक्ट्रॉनिक्स एण्ड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में राजीव नयन, रसायन अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय; इनवॉयरमेंटल साइंसेस, इंजीनियरिंग एण्ड फारेस्ट्री में एश्वर्याश्री ताम्रकार, रसायन अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ;होमसाइंसेस एण्ड बिहेवियरल साइंसेस में भानु प्रताप नायक, शा. डी. बी. कन्या महाविद्यालय आदि सम्मानित किया गया।
- लाइफ साइंसेस से निशा गुप्ता, जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ; मैथेमेटिकल एवं स्टेटिस्टिकल साइंसेस में शिखा तिवारी, गणित अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय; मेडिकल एण्ड फार्मास्यूटिकल साइंसेस में शारदा गुप्ता, डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल इंजीयरिंग, एन.आई.टी. ; भौतिकी शास्त्र में कंचन तिवारी, भौतिकी विभाग, शा. नागार्जुन पी.जी. विज्ञान महाविद्यालय ; वेटिनरी साइंस, एनिमल हसबेंड्रि एण्ड डेयरी टेक्नालॉजी, में अंकिता ठाकरे, कॉलेज ऑफ वेटिनरी साइंस एण्ड एनिमल हसबेंड्रि, अंजोरा एवं माइंनिंग मेटिलर्जी एण्ड एप्लाईड जियोलॉजी में सोनली स्वागतिका, रिजनल रिसर्च सेंटर, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एंड फ्यूल रिसर्च, बिलासपुर को सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रेक्षागृह में इस युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग को मिला राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित स्कॉच सिल्वर अवार्ड
चर्चा में क्यों?
8 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग के ‘प्रोजेक्ट असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन’ को देश की प्रतिष्ठित स्कॉच सिल्वर अवार्ड प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- उच्च शिक्षा विभाग को यह अवार्ड देश के कई बड़े एवं महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट के साथ प्रतियोगिता करते हुए कई चरणों की प्रस्तुतीकरण वोटिंग एवं उपलब्धियों के कारण प्रदान किया गया है।
- उच्च शिक्षा के स्तर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये नैक के द्वारा निर्धारित विभिन्न मापदंडों के अनुरूप शैक्षणिक अधोसंरचना एवं अकादमिक स्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये मिशन मोड पर नैक से संबद्धता प्राप्त करने का अभियान प्रारंभ किया गया है।
- गौरतलब है कि कुल 211 अहर्ता प्राप्त शासकीय महाविद्यालयों में से 197 शासकीय महाविद्यालयों का नैक से मूल्यांकन कराकर छत्तीसगढ़ देश में सर्वोच्च स्थान पर है।
- सरकार के लगातार प्रयासों से कॉलेज में प्रवेश लेने वालों छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जहाँ 2018-19 में करीब 2 लाख 26 हज़ार 373 छात्रों ने कॉलेज में प्रवेश लिया वहीं यह संख्या वर्ष 2022-23 में 48 प्रतिशत बढ़कर 3 लाख 35 हज़ार 139 हो गई है, जो कि 2018-19 की तुलना में एक लाख 8 हज़ार 766 अधिक है।
- कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ में विगत 4 वर्षों में कुल 33 नवीन शासकीय एवं 76 अशासकीय महाविद्यालय की स्थापना की गई है।
- राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिये 26 कन्या महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। अन्य महाविद्यालय में सह-अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2018-19 में जहाँ 91,982 छात्रों की तुलना में 1,34,391 छात्राओं ने कॉलेज में एडमिशन लिया वहीं 2022-23 में छात्रों की संख्या 1,28,310 की तुलना में छात्राओं की संख्या 2,06,829 हो गई है। इस प्रकार छात्रों की तुलना में छात्राओं का संख्या 61 प्रतिशत अधिक है।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने ‘साइबर एनकाउंटर्स’ पुस्तक का विमोचन किया
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को उतराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित सेंट जोसेफ अकेडमी, देहरादून में ‘साइबर एनकाउंटर्स’पुस्तक के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह पुस्तक डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार एवं पूर्व डी.आर.डी.ओ वैज्ञानिक ओ.पी. मनोचा द्वारा लिखी गई है।
- डीजीपी अशोक कुमार एवं ओ.पी मनोचा ने साइबर अपराधों का विश्लेषण करती व सत्य घटनाओं पर आधारित यह पुस्तक लिखी है, इससे साइबर अपराधों से बचने में पाठकों को बहुत मदद मिलेगी। इस पुस्तक में जहाँ एक ओर सच्ची घटनाओं का जिक्र करते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी ओर पुस्तक मनोरंजक भी है। पुस्तक का एक-एक पृष्ठ लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के लिये प्रेरित करने का कार्य करेगा।
- साइबर क्राइम वर्तमान टेक्नोलॉजी के युग की सबसे बड़ी चुनौती है और प्रदेश के डीजीपी द्वारा इस चुनौती के संबंध में जनता को जागरूक करना इस पुस्तक की प्रासंगिकता को और भी अधिक बढ़ा देता है।
- उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक के लेखक डीजीपी अशोक कुमार उत्तराखंड कैडर के वर्ष 1989 के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं।
- 30 नवंबर, 2020 को वे उत्तराखंड के 11वें डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बने। अपने लगभग तीन दशक के सेवाकाल में अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड पुलिस, आईटीबीपी और बीएसएफ के महत्त्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। बीते वर्षों में उन्होंने कई विषयों पर पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें उनकी ‘खाकी में इंसान’पुस्तक बेहद प्रसिद्ध रही है।
- अशोक कुमार का जन्म 20 नवंबर 1964 को हरियाणा के पानीपत ज़िले के कुराना गांव में हुआ था। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक और एमटेक की शिक्षा प्राप्त की थी।
- डीजीपी अशोक कुमार को वर्ष 2001 में कोसोवो में उत्कृष्ट कार्य के लिये यूनए मिशन पदक मिला था। उन्हें वर्ष 2006 में दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
- ओ.पी मनोचा डीआरडीओ के वैज्ञानिक हैं। ओ. पी. मनोचा भौतिकी (इलेक्ट्रॉनिक्स) में पोस्ट ग्रैजुएट हैं और उन्हें रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विंग डी.आर.डी.ओ. में काम करने का 35 साल का अनुभव है, जहाँ उन्होंने विभिन्न रक्षा परियोजनाओं को धरातल पर उतारा।
- विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं तथा सम्मेलनों में उनकी छह कृतियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें डिफेंस साइंस जर्नल, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ इमेज इनफॉर्मेशन प्रोसेसिंग और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेज इन कंप्यूटर साइंस की कार्रवाइयाँ शामिल हैं।
- वे इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स के लाइफ फेलो हैं और कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग के आजीवन सदस्य हैं। वे IETE, देहरादून चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे वर्ष 2018 में डी.आर. डी.ओ. से सेवानिवृत्त हुए।
उत्तराखंड Switch to English
राष्ट्रीय स्मारक घोषित होगा तुंगनाथ मंदिर
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पुरातत्त्व विभाग के प्रभारी अधिकारी देवराज सिंह रौतेला ने बताया कि पंचकेदारों में से तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि राज्य के रुद्रप्रयाग ज़िले में तुंगनाथ मंदिर एशिया में समुद्रतल से सबसे ऊँचाई (12800 फीट) पर स्थापित शिवालय है। रुद्रप्रयाग ज़िला मुख्यालय से तुंगनाथ मंदिर की दूरी 70 किमी. है। चोपता से चार किमी. पैदल चढ़ाई कर मंदिर तक पहुँचते हैं।
- गौरतलब है कि प्राचीन मंदिर तुंगनाथ को राष्ट्रीय महत्त्व स्मारक घोषित करने के लिये केंद्र सरकार ने 27 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी की है।
तृतीय केदार तुंगनाथ
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