उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल | उत्तर प्रदेश | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) की छठी बटालियन स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यूपीएसएसएफ का गठन सितंबर 2020 में प्रदेश के कोर्ट, प्रमुख धार्मिक स्थलों एवं प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिये किया गया था।
- परिणामस्वरूप जून 2021 में यूपीएसएसएफ की पाँच बटालियन गठित की गई थीं, जिनमें लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा व सहारनपुर की बटालियन शामिल हैं। यूपीएसएसएफ की प्रथम बटालियन लखनऊ में मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है।
- सरकार द्वारा इन सभी बटालियन की स्थापना के लिये पीएसी कमांडेंट को यूपीएसएसएफ के कमांडेंट का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।
- अयोध्या में छठी वाहिनी का गठन उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल नियमावली-2021 के तहत किया गया है।
इथियोपियाई निवेश आयोग ने हरियाणा के साथ सहयोग के लिये किये हस्ताक्षर | हरियाणा | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री राज्य के विदेश सहयोग विभाग द्वारा ‘हरियाणा-इथियोपिया निवेश आयोग’ (ईआईसी) की दो दिवसीय बैठक गुरुग्राम और चंडीगढ़ में आयोजित की गई। इस अवसर पर हरियाणा राज्य और इथियोपिया के बीच सहयोग की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में हरियाणा राज्य और ईआईसी, इथियोपिया के बीच सहयोग की रूपरेखा पर हरियाणा के विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी व इथियोपिया की राजदूत डॉ. तिजीता मुलुगेटा ने हस्ताक्षर किये।
- पहले दिन 6 अप्रैल, 2022 को गुरुग्राम में ‘इथियोपिया निवेश आयोग’ के एचई डेनियल टेरेसा के नेतृत्व में सात सदस्यीय इथियोपियाई प्रतिनिधिमंडल ने कपड़ा और परिधान के क्षेत्र में हरियाणा के व्यापार प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक बातचीत की। इसके बाद 7 अप्रैल, 2022 को चंडीगढ़ में प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में इथियोपिया की राजदूत डॉ. तिजीता मुलुगेटा भी शामिल हुईं। मुलुगेटा ने हरियाणा और इथियोपिया के बीच व्यापार, निवेश तथा सांस्कृतिक संबंध बनाने के लिये अथक प्रयास करने के लिये हरियाणा सरकार की सराहना की।
- इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य हरियाणा और इथियोपिया लोकतांत्रिक गणराज्य के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को मज़बूत करना था।
- विदेश सहयोग विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा अक्टूबर 2021 में विदेश मंत्रालय के परामर्श से ‘हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव, सीरीज़-1’ आयोजित करने के लिये एक अग्रणी पहल की जा चुकी है।
- इस कॉन्क्लेव में इथियोपिया सहित अफ्रीकी महाद्वीप के बारह देशों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।
- इस अवसर पर हरियाणा सरकार के गण्यमान्य व्यक्तियों, हरियाणा के फार्मास्युटिकल, कृषि-प्रसंस्करण और कपड़ा क्षेत्रों के व्यवसायी व निर्यातकों की भागीदारी रही।
हरियाणा देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले टॉप 3 राज्यों में हुआ शामिल | हरियाणा | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
8 अप्रैल, 2022 को हरियाणा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह ने बताया कि हरियाणा ने ‘हर घर नल से जल’ मिशन के टारगेट को पूरा कर लिया है। इस उपलब्धि के साथ हरियाणा इस मिशन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 3 टॉप राज्यों में स्थान हासिल किया है।
प्रमुख बिंदु
- हालाँकि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक यह लक्ष्य पूरा करने का समय निर्धारित किया गया था, परंतु हरियाणा सरकार के प्रयासों के चलते राज्य में दो वर्ष पहले ही वर्ष 2022 में 100 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुँचा दिया है।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में नल से स्वच्छ जल सुनिश्चित करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। हरियाणा में भी गाँवों के हर घर में नल से जल की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिये इस मिशन को लागू किया गया।
- इस मिशन से महिलाओं को सिर पर रखकर दूर से जल लाने की मेहनत के भारी बोझ से मुक्त करने का निरंतर प्रयास किया गया।
- हरियाणा में जल जीवन मिशन वर्ष 2019 में ही शुरू कर दिया गया था, उस समय प्रदेश में कुल 30.96 लाख कनेक्शनों में से 17.66 लाख कनेक्शन पहले ही प्रदान किये जा चुके थे। हरियाणा ने 1 नवंबर, 2021 को महेंद्रगढ़, पलवल, नूंह और जींद के अलावा अन्य 18 ज़िलों में नल कनेक्शन का 100 प्रतिशत कवरेज हासिल कर लिया था।
- अब शेष 4 ज़िलों- महेंद्रगढ़, पलवल, नूँह तथा जींद में भी 1.41 लाख नल कनेक्शन प्रदान कर शत प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन देने का रिकॉर्ड बना लिया है।
सिरोम टोली सरना स्थल सौंदर्यीकरण योजना | झारखंड | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
7 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिरोम टोली सरना स्थल सौंदर्यीकरण योजना की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- राजधानी राँची के सिरोम टोली सरना स्थल के सौंदर्यीकरण योजना का शिलान्यास राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज की परंपरा और कला-संस्कृति को जीवंत, अक्षुण्ण और संरक्षित करने के प्रयासों की श्रृंखला का हिस्सा है।
- इस योजना के तहत लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से सरना स्थल परिसर में विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएँगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी सरना और मसना स्थल को संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इसके ऐतिहासिक महत्त्व से भलीभाँति वाकिफ रहे।
- गौरतलब है कि सरना स्थल झारखंड, बिहार, असम और छत्तीसगढ़ राज्यों में छोटानागपुर पठार क्षेत्र की धार्मिक परंपराओं में पवित्र उपवन हैं। इन अनुष्ठानों के अनुयायी मुख्य रूप से बैगा, कुरुख, मुंडा और संथाल हैं।
झलमलको लया-लयोर गोटुल रच्चा उत्सव | छत्तीसगढ़ | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
8 अप्रैल, 2022 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांकेर ज़िले के अंतागढ़ विकासखंड के ग्राम आमाकड़ा में ‘झलमलको लया-लयोर गोटुल रच्चा उत्सव’ में शामिल हुए।
प्रमुख बिंदु
- इस उत्सव का आयोजन स्थानीय संस्कृति, परंपरा, लोकगीतों और लोकनृत्यों को संरक्षित करने के लिये किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य आदिवासी युवाओं व युवतियों को अपनी संस्कृति, विरासत से जोड़कर उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाना है।
- गोटुल संस्कृति, मांदरी, रेला, हुल्की, कोलांग जैसे सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजन लगभग आदिवासी समाज से विलुप्त हो रहे हैं, जिसे संरक्षित करने की जानकारी
देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
- झलमलको युवक-युवतियों को दिया हुआ उपनाम है। इसका संबंध उन आदिवासी युवा एवं युवतियों से है, जो विशेष गुण से परिपूर्ण तो होते ही हैं, साथ ही उन्हें अपनी जनजाति, रीति-रिवाज़ों सहित संस्कृति व परंपरा का पूर्णत: ज्ञान होता है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोयलीबेड़ा और आमाबेड़ा को पूर्ण तहसील का दर्जा दिये जाने के साथ कोयलीबेड़ा में ज़िला सहकारी बैंक की स्थापना की भी घोषणा की।
- इसके आलावा स्थानीय संस्कृति के संरक्षण के लिये अंतागढ़ क्षेत्र में 10 गोटुल और 10 देवगुड़ी निर्माण की भी घोषणा की।
- मुख्यमंत्री ने बस्तर में स्थापित ‘बादल’ की तरह कांकेर ज़िले में भी डांस, आर्ट और लिटरेचर को बढ़ावा देने, संगठन बनाने तथा अंतागढ़ क्षेत्र के 14 युवाओं को कृषि एवं वनोपज के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के अध्ययन के लिये इंडोनेशिया के अध्ययन दौरे पर भेजने की भी स्वीकृति प्रदान की।
शिवरीनारायण में राज्यस्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता का शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
8 से 10 अप्रैल, 2022 तक आयोजित तीन दिवसीय राज्यस्तरीय मानस मंडली प्रतियोगिता का छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. राम सुंदर दास ने जांजगीर-चांपा ज़िले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल शिवरीनारायण के मेला ग्राउंड में शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यस्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता में 25 ज़िलों की चयनित मानस मंडलियों के लगभग 350 कलाकार इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।
- इस प्रतियोगिता में विजेताओं को प्रथम पुरस्कार 5 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रुपए और तृतीय पुरस्कार 2 लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे।
बारनवापारा अभयारण्य को मिला नया स्वरूप | छत्तीसगढ़ | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
8 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ का सबसे उत्कृष्ट तथा आकर्षक अभयारण्य बारनवापारा का नए स्वरूप में कायाकल्प हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- यह कायाकल्प वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य के अंतर्गत कैंपा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण) की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 में स्वीकृत राशि से किया गया है।
- इस वार्षिक कार्ययोजना के तहत 5 हज़ार 920 हेक्टेयर रकबे में सघन लेंटाना उन्मूलन तथा यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य हुआ है, जिसमें से बारनवापारा अभयारण्य के 19 कक्षों में कुल 950 हेक्टेयर रकबे में लेंटाना उन्मूलन का कार्य और 32 कक्षों में कुल 4 हज़ार 970 हेक्टेयर रकबे में यूपोटोरियम उन्मूलन का कार्य शामिल है।
- राजधानी रायपुर से लगभग 100 किमी. की दूरी पर बलौदाबाजार वनमंडल अंतर्गत स्थित बारनवापारा अभयारण्य में हुए वन्यप्राणी रहवास उन्नयन कार्य से वहाँ मृदा में नमी होने के कारण घास प्रजाति शीघ्रता से बढ़ने लगी है। साथ ही इससे अभयारण्य में वन्यप्राणियों को अब घास चरने के लिये अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है, जिससे वे लेंटाना तथा यूपोटोरियम के उन्मूलन कार्य के बाद स्वच्छंद विचरण भी करने लगे हैं। इससे पर्यटकों को वन्यप्राणियों की सहजता से दृष्टता हुई है और वन्यप्राणी भी स्वस्थ व तंदुरुस्त दिखाई देने लगे हैं।
- गौरतलब है कि बारनवापारा अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल 244.86 वर्ग किमी. है, जिसमें मुख्यत: मिश्रित वन, साल वन व पूर्व के सागौन वृक्षारोपण हैं। बारनवापारा में मुख्य रूप से कर्रा, भिर्रा, सेन्हा मिश्रित वनों में पाए जाते हैं। सागौन वृक्षारोपण क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगे सागौन हैं तथा साल वन क्षेत्र कम रकबे में हैं।
- उक्त छत्रक प्रजाति के अतिरिक्त शाकीय प्रजाति, जैसे- यूपोटोरियम, लेंटाना, चरोठा आदि प्रमुख खरपतवार हैं, जिनके कारण बारनवापारा अभयारण्य क्षेत्र में पाए जाने वाले शाकाहारी वन्यप्राणियों को घास नहीं मिलती, वन्यप्राणियों को आवागमन में भी दिक्कत होती है तथा माँसभक्षी प्राणियों से भी बचाव कठिन हो जाता है।
- उल्लेखनीय है कि बारनवापारा अभयारण्य में तेंदुए, गौर, भालू, साँभर, चीतल, नीलगाय, कोटरी, चौसिंघा, जंगली सूअर, जंगली कुत्ता, धारीदार लकड़बग्घा, लोमड़ी, भेड़िया एवं मूषक मृग जैसे वन्यप्राणी बहुतायत में मिलते हैं एवं आसानी से दिखते भी हैं।
‘1064 भ्रष्टाचार-रोधी मोबाइल ऐप’ | उत्तराखंड | 09 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
8 अप्रैल, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित राज्य सचिवालय में ‘1064 भ्रष्टाचार-रोधी मोबाइल ऐप’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस ऐप को विजिलेंस विभाग द्वारा उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिये निर्मित किया गया है।
- यह ऐप हिन्दी एवं अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें कोई भी व्यक्ति 1064 नंबर पर ऐप के माध्यम से या फोन से शिकायत कर सकता है।
- यदि किसी शिकायतकर्त्ता की शिकायत विजिलेंस से संबंधित नहीं है, तो उसे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन एवं संबंधित विभाग को भेजा जाएगा।
- ऐप के माध्यम से प्रत्येक शिकायत को रजिस्टर कर संबंधित डाटा की सुरक्षा के साथ शिकायतकर्त्ता की गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा।