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उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों में खुलेगी कैथ लैब
चर्चा में क्यों?
7 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन-औषधि दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित मुख्य सेवा सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब स्थापित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रदेश के सभी ज़िला व मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में एमआरआई व सिटी स्कैन की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही टेक्नीशियन की कमी को पूरा किया जाएगा।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 2022-23 में जन-औषधि के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले डॉ.पुनीत धमीजा, जन-औषधि मित्र के रूप में श्रेष्ठ कार्य करने वाले मुकुल अग्रवाल और जन-औषधि ज्योति के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वालीं कुसुम गोयल को सम्मानित किया।
- इस अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में जो भी जन-औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं, उनमें सरकार पाँच लाख रुपए की सहायता दे रही है। 225 जन-औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं तथा राज्य को अभी 400 जन-औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य मिला है।
- उन्होंने बताया कि राज्य की सभी 670 न्याय पंचायतों में को-ऑपरेटिव सोसाइटी में एक-एक जन-औषधि केंद्र खोला जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में जन-औषधि योजना सेवा और रोज़गार दोनों का एक सशक्त माध्यम बन गई है। इस योजना से सिर्फ पुरुषों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी बहुत लाभ हुआ है। देशभर में एक हज़ार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें सिर्फ महिलाएँ ही चला रही हैं। यह योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है।
- प्रदेश में अभी तक आयुष्मान योजना में केंद्र सरकार के सहयोग से 70 हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं। इन केंद्रों में जन-सामान्य की चिकित्सा सुविधा के लिये योग, आयुर्वेद, पंचकर्म से संबंधित सभी सेवाओं के साथ-साथ लैब टेस्टिंग जैसी सुविधाओं और जन-औषधि केंद्र को भी जोड़ा गया है।
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मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोज़गार योजना
चर्चा में क्यों?
7 मार्च, 2023 को उत्तराखंड की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिये उन्हें गाँव में ही स्वरोज़गार देने हेतु ‘मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोज़गार योजना’ की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोज़गार योजना’ के लिये न्यूनतम 25 साल से लेकर अधिकतम 45 साल तक की महिलाएँ पात्र होंगी तथा उत्तराखंड की मूल, स्थाई निवासी, एकल, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, अपराध एवं तेजाब पीड़ित महिलाएँ भी इस योजना के लिये पात्र होंगी।
- इस योजना का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करते हुए उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसके लिये अभी 50 लाख रुपए का कारपस फंड बनाया गया है, जिसे बढ़ाए जाने के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
- मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि पात्र महिला की मासिक आय 6000 रुपए प्रतिमाह से अधिक नहीं होनी चाहिये। इसके अलावा वो किसी भी संगठित सेवा, सरकारी, गैर-सरकारी, सरकारी उपक्रम आदि में कार्यरत् न हो। वे राजकीय, पारिवारिक पेंशन प्राप्त न करती हो। हालाँकि कल्याणकारी योजनाओं से पेंशन पाने वाली विधवा, दिव्यांग आदि महिलाएँ भी योजना के लिये पात्र होंगी।
- ‘मुख्यमंत्री एकल महिला सशक्त स्वरोज़गार योजना’ में महिलाओं को 50 हज़ार से लेकर दो लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले प्रथम किश्त के रूप में 50 प्रतिशत ऋण एवं 25 प्रतिशत अनुदान धनराशि दी जाएगी, जबकि प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के तीन महीने बाद 50 प्रतिशत ऋण की वापसी की किश्त शुरू होगी।
- महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि महिलाओं के सफलतापूर्वक 12 महीने तक एक प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण की अदायगी के बाद द्वितीय किश्त के रूप में 25 प्रतिशत अनुदान की धनराशि दी जाएगी।
- एकल महिलाएँ स्वरोज़गार के लिये बागवानी, कृषि, कुक्कुट पालन, भेड़, बकरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यान, फल, खाद्य प्रसंस्करण एवं अन्य व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
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