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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Feb 2022
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देश के पहले आईडिया लैब का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

8 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने छत्तीसगढ़ के श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज, रायपुर में देश के पहले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) आईडिया लैब का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि पूरे देश से कई इंजीनियरिंग कॉलेजों ने आईडिया लैब स्थापित करने के लिये आवेदन किया था, जिनमें से 49 कॉलेजों का चयन किया गया। इनमें से एआईसीटीई ने रायपुर स्थित शंकराचार्य कॉलेज को चुना है। 
  • मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के बुनियादी सिद्धांतों को समझाने और प्रयोग करके व्यवहारिक अनुभव प्राप्त करने के उद्देश्य से आईडिया लैब की स्थापना की गई है। इस लैब की स्थापना से छात्रों को रिसर्च एवं इनोवेशन के लिये बेहतरीन सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। 
  • तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की कल्पना और सोच को मूर्त रूप देने में इस आईडिया लैब की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। इस लैब का उपयोग छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आम लोग भी कर सकेंगे। 
  • नया उद्यम प्रारंभ करने वाले युवा इसका भरपूर लाभ उठा सकेंगे। किसी भी छात्र के पास कोई तकनीकी आईडिया हो तो वे इस लैब में आकर अपने सपने को साकार कर सकते हैं और अपने आईडिया को पेटेंट करा सकते हैं। उनके द्वारा डिजाईन किये गए प्रोडक्ट यहाँ विकसित हो सकेंगे। यह स्व-रोज़गार के क्षेत्र में बड़ा कदम होगा। 
  • साधन संपन्न प्रयोगशाला एवं विकसित सुविधाओं का उपयोग दूरस्थ अंचल के छात्र-छात्राएँ भी कर सकेंगे, ताकि वे सर्वांगीण विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभा सकें। 
  • उल्लेखनीय है कि आईडिया लैब योजना के अंतर्गत देश के चुनिंदा संस्थानों में अनुदान दिया जाता है, जिससे संस्थान अत्याधुनिक उपकरणों की खरीदी करते हैं। इससे छात्रों के प्रशिक्षण में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होती। आईडिया लैब से छात्रों के इनोवेशन एवं स्टार्टअप आईडिया को विकसित करने में सहायता मिलती है। 
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत आईडिया विकास, मूल्यांकन और अनुप्रयोगों को केंद्र में रखकर इस योजना को डिजाईन किया गया है। इससे छात्रों में इमेजिनेशन, क्रिएटिविटी, क्रिटिकल थिंकिंग, डिजाईन थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग एवं कोलैबोरेशन जैसे स्किल्स का विकास होगा। यह लैब सातों दिन एवं 24 घंटे खुली रहेंगी। 

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छत्तीसगढ़ के उर्वरक मांग में केंद्र ने की 45 फीसद की कटौती

चर्चा में क्यों?

8 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के रासायनिक उर्वरकों के डिमांड कोटे में केंद्र सरकार ने 45 फीसद की कटौती कर दी है। 7 लाख 50 हज़ार मीट्रिक टन के विरूद्ध केंद्र ने मात्र 4 लाख 11 हज़ार मीट्रिक टन उर्वरक प्रदाय किये जाने की स्वीकृति दी है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों की कमी की स्थिति निर्मित हो गई है।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ राज्य को चालू रबी सीजन के लिये केंद्र सरकार द्वारा मांग के अनुसार रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति न करने के कारण प्रदेश में किसानों को रासायनिक खादों को लेकर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद राज्य के किसानों को रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता के आधार पर सोसायटियों से खाद उपलब्ध कराई जा रही है।
  • चालू रबी सीजन के लिये विभिन्न प्रकार के कुल 7 लाख 50 हज़ार मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की डिमांड भारत सरकार से की गई है, परंतु आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य को मात्र 3 लाख 20 हज़ार मीट्रिक टन उर्वरक ही मिला है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य को अब तक यूरिया 1,17,522 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ है, जो राज्य की मांग का मात्र 34 प्रतिशत है। इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य को मांग का डीएपी मात्र 28 प्रतिशत, पोटाश 53 प्रतिशत, एनपीके काम्प्लेक्स 43 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल रबी सीजन में 18 लाख 50 हज़ार हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की बुआई का लक्ष्य निर्धारित है। अब तक 15 लाख 76 हज़ार हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है।
  • छत्तीसगढ़ शासन द्वारा केंद्र सरकार को 7.50 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की मांग भेजी गई थी, जिसमें यूरिया 3.50 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 2 लाख मीट्रिक टन, पोटाश 50 हज़ार मीट्रिक टन, एनपीके काम्प्लेक्स 75 हज़ार मीट्रिक टन एवं सुपर फास्फेट (राखड़) 75 हज़ार मीट्रिक टन है, जिसके विरूद्ध केंद्र सरकार द्वारा 4,11,000 मेट्रिक टन की स्वीकृति दी गई, जो छत्तीसगढ़ राज्य की मांग का 55 प्रतिशत है। यह राज्य की मांग के अपेक्षा काफी कम है।
  • राज्य को चालू रबी सीजन के लिये सहकारिता क्षेत्र में 93,214 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक प्राप्त हुआ है, जो गत वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त मात्रा 1,52,027 मीट्रिक टन से 39 प्रतिशत कम है। यूरिया 31,500 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत कम है। डीएपी 19,434 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ है, जो गत वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत कम है। पोटाश 4,191 मीट्रिक टन मिला है, जो गत वर्ष की 15,847 मीट्रिक टन की तुलना में 74 प्रतिशत कम है। इसी तरह एनपीके की भी गत वर्ष की तुलना में कम आपूर्ति हुई है।

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राज्य में शुरू हुआ ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0’

चर्चा में क्यों?

7 फरवरी, 2022 को नियमित टीकाकरण में तेजी लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0’ की शुरुआत की गई। फिलहाल इसकी शुरुआत राज्य के पाँच ज़िलों- बस्तर, धमतरी, दुर्ग, कांकेर एवं राजनांदगाँव से की गई है। 

प्रमुख बिंदु

  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत उक्त पाँचों ज़िलों में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं एवं मितानिनों द्वारा गृह भ्रमण कर नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों का चिन्हांकन कर सूची बनाई गई है। 
  • अभियान के अंतर्गत जन्म से 2 वर्ष तक के 5 हज़ार 435 बच्चे एवं 2 हज़ार 604 गर्भवती माताओं को टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के जरिये नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीका लगाया जाएगा। 
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि यह अभियान राज्य में 3 चरणों में संचालित किया जाएगा, जिसमें प्रथम चरण 7 फरवरी से 13 फरवरी द्वितीय चरण 07 मार्च से 13 मार्च एवं तृतीय चरण 4 अप्रैल से 10 अप्रेल तक संचालित किये जाएंगे। प्रत्येक चरण सात दिवस के होंगे। 
  • अभियान में उन गर्भवती माताओं को शामिल किया गया है, जो किन्ही कारणों से टीडी 1, टीडी 2 और बूस्टर टीडी के टीके नहीं लगवा पाई हैं। अभियान के तहत नियमित टीकाकरण से छूटे जन्म से 2 वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, पोलियो, डिप्थेरिया, टिटनेस, कुकुर खॉसी, हेपेटाइटिस-बी, हिमोफिलियस, इन्फ्लुएंजा-बी, रोटावायरस, निमोनिया, दिमागी बुखार, खसरा, रूबेला, एवं जैपजीन, इन्सेफेलाइटिस के टीके लगाए जा रहे हैं। 
  • राज्य में चिह्नित ज़िलों में प्रथम चरण में 2199 सत्र आयोजित किये जाएंगे, जिससे 5400 से अधिक 02 वर्ष तक के बच्चे एवं 2600 से अधिक गर्भवती माताएँ टीकाकृत होंगी। सभी टीकाकरण सत्र ज़िलों के चिन्हाकित ग्रामों के आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित किये जाएंगे।

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