उत्तर प्रदेश Switch to English
मुरादाबाद का पीतल बर्तन उद्योग
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से धार्मिक मूर्तियों, विशेष रूप से भगवान राम की मूर्तियों की मांग में वृद्धि के रूप में हुई है, जिसके परिणामस्वरूप मुरादाबाद के पीतल के बर्तन उद्योग के पुनरुत्थान को प्रोत्साहन मिला है।
मुख्य बिंदु:
- मुरादाबाद की स्थापना वर्ष 1600 में मुगल सम्राट शाहजहाँ के बेटे मुराद ने की थी, जिसके परिणामस्वरूप शहर को मुरादाबाद के नाम से जाना जाने लगा।
- यह पीतल के कार्य के लिये प्रसिद्ध है, जिसने पूरे विश्व में हस्तशिल्प उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
- पीतल के बर्तन अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, मध्य पूर्व और एशिया जैसे देशों में निर्यात किये जाते हैं। इसलिये मुरादाबाद को “ब्रास सिटी” या पीतल नगरी भी कहा जाता है।
- पीतल, ताँबे और जस्ता की एक मिश्र धातु है, जो अपनी उल्लेखनीय कठोरता तथा व्यावहारिकता के कारण ऐतिहासिक व स्थायी महत्त्व रखती है।
- 1980 के दशक में, पीतल, लोहा और एल्यूमीनियम जैसे विभिन्न धातु के बर्तनों की शुरुआत के साथ उद्योग में विविधता आई। इस विस्तार से मुरादाबाद के कला उद्योग में इलेक्ट्रोप्लेटिंग, लैकरिंग और पाउडर कोटिंग जैसी नई तकनीकें विकसित हुई।
- मुरादाबाद मेटल क्राफ्ट (वर्ड मार्क) को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त है।
- ‘एक ज़िला एक उत्पाद कार्यक्रम’ (ODOP) के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार स्वदेशी और विशिष्ट उत्पादों तथा कला को प्रोत्साहित करती है।
उत्तर प्रदेश के एक ज़िला एक उत्पाद कार्यक्रम (ODOP) के मुख्य उद्देश्य
- स्थानीय कला/कौशल का संरक्षण एवं विकास तथा रचनात्मकता को बढ़ावा देना।
- आय और स्थानीय रोज़गार में वृद्धि (परिणामस्वरूप रोज़गार के लिये प्रवासन में कमी)।
- उत्पाद की गुणवत्ता और कौशल विकास में सुधार।
- उत्पादों को कलात्मक तरीके (पैकेजिंग, ब्रांडिंग के माध्यम से) से बदलना।
- उत्पादन को पर्यटन से जोड़ना (लाइव डेमो और बिक्री आउटलेट - उपहार तथा स्मारिका)।
- आर्थिक मतभेद और क्षेत्रीय असंतुलन के मुद्दों को हल करना।
- राज्य स्तर पर सफल कार्यान्वयन के बाद ODOP की अवधारणा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना।
उत्तर प्रदेश में ODOP उत्पादों की सूची |
||
क्रमांक |
ज़िला |
उत्पाद |
1. |
आगरा |
चमड़ा उत्पाद एवं स्टोन/मार्बल से निर्मित सभी हस्तशिल्प उत्पाद |
2. |
अमरोहा |
वाद्य यंत्र (ढोलक) एवं रेडीमेड गारमेंट्स |
3. |
बागपत |
होम फर्नीशिंग |
4. |
बरेली |
ज़री-ज़रदोज़ी एवं बाँस के उत्पाद/सुनारी उद्योग |
5. |
गोरखपुर |
टेराकोटा एवं रेडीमेड गार्मेंट्स |
6. |
लखनऊ |
चिकनकारी एवं ज़री ज़रदोज़ी |
7. |
महोबा |
गौरा पत्थर |
8. |
मिर्ज़ापुर |
कालीन एवं मेटल उद्योग |
9. |
सिद्धार्थनगर |
काला नमक चावल |
10. |
वाराणसी |
बनारसी रेशम साड़ी |
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