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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Dec 2022
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उत्तर प्रदेश में बनेंगे एकीकृत न्यायालय परिसर

चर्चा में क्यों?

6 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के बड़ौदा में बने एकीकृत न्यायालय परिसर की तर्ज पर राज्य के दस ज़िलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एकीकृत न्यायालय परिसर का निर्माण किया जाएगा। विधानसभा से पास अनुपूरक बजट के माध्यम से इस विशेष परियोजना के लिये 400 करोड़ रुपए दिये गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • एकीकृत न्यायालय परिसर के लिये पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के जिन 10 ज़िलों का चयन किया है, वे हैं- महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, ऑरैया, सोनभद्र, संभल और चित्रकूट।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्यों में अपराधों की अलग-अलग प्रकृति के अनुसार त्वरित न्याय के लिये अलग-अलग कानूनों से जुड़े अदालतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। बहुत से जगहों पर किराये के भवनों में अदालतों के चलते न्यायिक अधिकारियों और फरियादियों दोनों को ही दिक्कत होती है। सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था में भी दिक्कतें आती हैं। इसको देखते हुए अदालतों के लिये एकीकृत कोर्ट परिसर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
  • इसके अलावा एक आदेश में उच्चतम न्यायालय द्वारा भी ऐसे न्यायालय परिसरों के निर्माण का आदेश दिया गया है।
  • राज्य में मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण, गृह तथा विधि एवं न्याय विभाग इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। एकीकृत भवन में कोर्ट, जजों के चैंबर, मीटिंग हॉल, विडियो कोर्ट, पॉर्किंग, कैंटीन सहित सभी सुविधाओं के लिये जगह होगी।
  • राज्य में 10 ज़िलों में बनने जा रहे इस एकीकृत अदालत परिसर में ज़िला और अधीनस्थ न्यायालय, वाणिज्यिक न्यायालय, विविध, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रैक कोर्ट और लोक अदालत आदि होंगें। यहाँ न्यायालय भवन, अधिवक्ता चैंबर, सभागार के अलावा न्यायधीशों और न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये आवासीय कॉलोनी, पार्किग और फूड प्लाजा भी होगा।

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