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सरायपाली का शिशुपाल पहाड़ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा
चर्चा में क्यों?
7 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासमुंद ज़िले के सरायपाली में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान वहाँ के प्रसिद्ध शिशुपाल पर्वत को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की घोषणा से अब इस पहाड़ पर ट्रैकिंग, पर्यटकों के लिये कई मूलभूत सुविधाओं को स्थापित करने का रास्ता खुल गया है। अंग्रेजों के जमाने से इलाके की पहचान रहे इस पहाड़ को पर्यटन के लिये विकसित करने से सरायपाली को नई पहचान मिलेगी।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सरायपाली में अंतरराज्यीय बस स्टैंड और क्षेत्र में नल-जल योजना की घोषणा की।
- छत्तीसगढ़ में पर्यटन से स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने की नीति से यहाँ के युवाओं के लिये आमदनी के नए अवसर बनेंगे। राज्य ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों से लोगों को अवगत कराने का मौका मिलेगा।
- ऐसी मान्यता है कि शिशुपाल पहाड़ के ऊपर किसी समय राजा शिशुपाल का महल हुआ करता था। जब राजा को अंग्रेजों ने घेर लिया तब राजा ने अपने घोड़े की आँख पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी थी। इसी कारण इस पहाड़ को शिशुपाल पर्वत और यहाँ के झरने को घोड़ाधार जलप्रपात कहा जाता है।
- राजधानी रायपुर से करीब 157 किमी. और सरायपाली से 30 किमी. की दूरी पर शिशुपाल पर्वत स्थित है। समुद्र तल से शिशुपाल पर्वत की ऊँचाई करीब 900 फीट है। शिशुपाल पर्वत के ऊपर पहुँचने पर बड़ा सा मैदान है, जहाँ से बारिश के दिनों में पानी घोड़ाधार जलप्रपात के रूप में करीब 1100 फीट नीचे गिरता है।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एक करोड़ 97 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित बलौदा थाने का लोकार्पण किया। बलौदा पुलिस चौकी पहले सरायपाली थाने के अंतर्गत थी। इस चौकी के पुलिस थाना के रूप में उन्नयन से आस-पास के 60 गाँवों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
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