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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Dec 2021
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अत्यावश्यक सेवाओं की घोषणा

चर्चा में क्यों?

7 दिसंबर, 2021 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य में 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस बेस एंबुलेंस एवं 104 टोल फ्री चिकित्सा परामर्श सेवाओं के साथ जुड़े समस्त कार्यालय एवं कर्मचारीयों तथा उनके कार्यकलापों से संबंधित समस्त सेवाओं को 6 दिसंबर, 2021 से आगामी 6 माह तक अत्यावश्यक सेवा घोषित किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गृह विभाग की ओर से इस संबंध में जारी आदेशानुसार उक्त सेवाओं में हड़ताल होने से सेवाओं के प्रदाय एवं अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था और उसके परिणामस्वरूप समुदाय को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता था।
  • इसे मद्देनज़र रखते हुए राजस्थान राज्य सरकार ने अत्यावश्यक सेवाएँ अनुरक्षण अधिनियम 1970 के तहत तुरंत प्रभाव से 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस एवं 104 टोल फ्री चिकित्सा परामर्श सेवाएँ जिनका संचालन प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई के माध्यम से इनिटग्रेटेड एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है, को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया है।

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एनर्जी एफिशिएंसी कमेटी की बैठक

चर्चा में क्यों?

7 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एनर्जी) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने विद्युत भवन में आयोजित एनर्जी एफिशिएंसी कमेटी की बैठक में ऊर्जा विभाग द्वारा 2026-27 तक बिजली की वर्षवार बिजली उपलब्धता, मांग और आपूर्ति व्यवस्था का रोडमेप बनाने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन के नेतृत्व में प्लानिंग व कोआर्डिनेशन सेल का गठन भी किया गया है यह सेल राज्य की सभी विद्युत कंपनियों से परस्पर समन्वय व संवाद कायम करेगा, ताकि सूचनाओं की त्वरित प्राप्ति के साथ ही समयबद्ध कार्यनिष्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
  • एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी सचिव ने बताया कि ऊर्जा विकास निगम के निदेशक पावर ट्रेडिंग पीएस सक्सेना आठ से दस दिनों में विद्युत उत्पादन निगम, तीनों डिस्कॉम, अक्षय ऊर्जा निगम व ऊर्जा विकास निगम सहित संबंधित संस्थाओं के विशेषज्ञ अधिकारियों के साथ मिलकर रोडमेप की रूपरेखा तैयार करेंगे।
  • यह दल राज्य में विद्युत उत्पादन के कन्वेशनल सोर्सेज के साथ ही अक्षय ऊर्जा व नवीकरण सोर्सेज से सोलर, विंड और बायोमास आदि की उपलब्ध क्षमता व भावी संभावनाओं का भी रोडमेप में समावेश करेगा। बाद में इसे अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को उपलब्ध करा दिया जाएगा। 
  • वर्ष 2019-20 में राज्य में 6000 मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाने की घोषणा की गई थी, जिसे चरणबद्ध तरीके से इस रोडमेप के आधार पर बढ़ाया जाएगा। इस तरह सभी जिलों में काश्तकारों को खेती के लिये दिन में बिजली उपलब्ध कराने की बजट घोषणा का क्रियान्वयन किया जाएगा।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी कमेटी की पहली बैठक जून 2019 में हुई थी। जुलाई 2021 में भी आयोजित बैठक में तात्कालीक समाधान पर चर्चा की गई। दिसंबर 2021 के अंत तक विभाग स्तर पर कार्ययोजना कोे अंतिम रूप दे रूप दे दिया जाएगा।

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