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ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास हेतू तैयार होगा पंचायत विकास सूचकांक
चर्चा में क्यों?
6 नवंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास करने के लिये विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा पंचायत विकास सूचकांक तैयार किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिये पंचायत विकास सूचकांक इसलिये तैयार किया जा रहा है ताकि चहुमुंखी विकास की योजनाओं के साथ सतत विकास का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सके।
- मुख्य सचिव ने कहा कि 12 बड़े विभागों की 57 सेवाओं के लिये डाटा एकत्र किया जाएगा, जिस पर बेहतर विकास योजनाएँ तैयार की जाएगी।
- यह पंचायत विकास सूचकांक सामाजिक, आर्थिक पैरामीटर और सूचकांक के आधार पर स्थानीय समुदाय के विकास स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
- इसमें बहुत से कार्यक्षेत्र व सैक्ट्रल सूचकांक का उपयोग किया जाएगा, जिसमें बिजली, पानी, सड़कें, सफाई सुविधाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाएँ, संस्थान, साक्षरता एवं गरीबी रेट सहित आर्थिक एवं सामाजिक सूचकांक, गवर्नेंस एवं प्रशासन, पर्यावरणीय स्थिरता को शामिल किया गया है।
- विकास सूचकांक में ग्रामीण समुदायों में असमानताओं की पहचान करना, स्थाई विकास, लक्ष्य की उपलब्धियाँ और उनके बेहतर जीवन के लिये नीतियों का लक्ष्य तैयार किया जाएगा।
- इसमें गरीबी मुक्त और आजीविका गाँवों में बढोतरी, स्वस्थ गाँव, बच्चों की हितकारी पंचायतें, पर्याप्त जल, साफ एवं हरियाली युक्त पंचायतें, बुनियादी ढाँचे के साथ आत्मनिर्भर पंचायतें, सामाजिक न्याय एवं सुरक्षित पंचायतें, सुशासन एवं महिला हितैषी पंचायतों के साथ समग्र विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इसके लिये स्टेट स्टीयरिंग कमेटी एवं ज़िला व ब्लॉक स्टीयरिंग तथा सत्यापन कमेटियों का गठन किया जा चुका है। ये कमेटियाँ पंचायतों की ग्रेडिंग कर गुणवत्तायुक्त डाटा तैयार करेंगी और पंचायत स्तर पर योजना बनाकर उसकी समीक्षा भी करेंगी।
- इस प्रकार हर पंचायत का डाटा रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। पंचायत स्तर पर डाटा तैयार कर पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल pdi.gov.in पर 31 दिसंबर, 2023 तक अपलोड किया जाएगा।
- ज़िला डाटा सत्यापन टीम के चेयरमैन संबंधित ज़िलों के उपायुक्त होंगे तथा ज़िला परिषद के सीईओ सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा 12 अन्य ज़िला स्तरीय विभागों के मुखिया को सदस्य बनाया गया है, जो 577 स्थानीय सूचकांक पर कार्य करेंगे।
- विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक ने बताया कि राज्य में 10 गाँवों की पंचायतों का डाटा एकत्र करने के लिये रिहर्सल की जा चुकी है। जल्द ही सभी पंचायतों का डाटा एकत्र किया जाएगा।
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हरियाणा सरकार ने बढ़ाया गन्ने की अगेती फसल का रेट
चर्चा में क्यों?
6 नवंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों को दिवाली का तोहफा देते हुए गन्ने के मूल्य में अगेती किस्म के लिये बढ़ोतरी की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस वर्ष के लिये गन्ने का मूल्य अगेती किस्म के लिये 372 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 386 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया जाता है, जोकि 14 रुपए की पर्याप्त वृद्धि है।
- इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने अगले साल के लिये भी गन्ने के रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की है। अगले वर्ष जिन दिनों गन्ने का रेट घोषित होता है, उन दिनों में आचार संहिता लगी होगी। इसलिये विभाग से परामर्श करके अगले वर्ष के लिये गन्ने का रेट 400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया जाता है।
- सरकार द्वारा लिये गए इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गन्ना किसानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिये उचित मूल्य मिले।
- मुख्यमंत्री ने गन्ने की दरों में उल्लेखनीय वृद्धि करके गन्ना किसानों को प्रोत्साहित किया है और उनके इस कदम से गन्ना किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने और हरियाणा के कृषि क्षेत्र की समृद्धि में योगदान होने की उम्मीद है।
- विदित हो कि हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहाँ 14 फसलों की खरीद एमएसपी पर की जाती है।
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हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन
चर्चा में क्यों?
6 नवंबर, 2023 को हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार ने व्यापारियों के कल्याण के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारियों की समस्याओं व मुद्दों का समाधान करना, व्यापारी व राज्य सरकार के बीच एक सेतु का काम करना, व्यापारियों की सामाजिक सुरक्षा व बीमा कवर सुनिश्चित करना है।
- इसके अलावा, राज्य में निवेश व रोज़गार के अवसर बढ़ाना, व्यापारियों से जुड़े विभिन्न विभागों के नियमों व शर्तों का विश्लेषण करना और उनके समीकरण के लिये सरकार को सुझाव देने के साथ-साथ व्यापारिक कल्याण फंड का गठन करना भी इसका उद्देश्य है।
- अधिसूचना के अनुसार बोर्ड में 18 वर्ष से अधिक आयु का एक व्यक्ति चेयरमैन तथा दो व्यक्ति वाईस चेयरमैन होंगे।
- इसके अलावा वित्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, श्रम, आबकारी व कराधान, उद्योग एवं वाणिज्य, ऊर्जा, खनन एवं भूविज्ञान, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभागों के प्रशासनिक सचिव बोर्ड के सदस्य होंगे जबकि हरियाणा सिविल सेवा का अधिकारी जो बोर्ड का सचिव भी है, सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेगा।
- अधिसूचना अनुसार राज्य सरकार समय-समय पर दस गैर-सरकारी सदस्यों को बोर्ड का सदस्य भी मनोनीत कर सकती है।
- बोर्ड का मुख्यालय चंडीगढ़/पंचकूला में होगा। यदि आवश्यक हो तो चेयरमैन राज्य में कहीं भी बैठक बुला सकता है।
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