चार ज़िलों के 12 निकायों में गरीबों के लिये बनेंगे 2187 आशियाने | उत्तराखंड | 08 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
7 नवंबर, 2022 को निदेशक, शहरी विकास नवीन पांडेय की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की तकनीकी समिति की बैठक में उत्तराखंड में चार ज़िलों के 12 निकायों में गरीबों के लिये 2187 आशियाने बनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई। अब यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में विभिन्न ज़िलों के अलग-अलग निकायों में गरीबों के आवास बनाने के प्रस्ताव रखे गए। इसमें देहरादून के एक, हरिद्वार के तीन, ऊधमसिंह नगर के पाँच और पिथौरागढ़ के तीन निकायों के 2187 आवासों पर मुहर लग गई।
- बैठक के बाद शहरी विकास निदेशक नवीन पांडेय ने बताया कि बैठक में 12 निकायों की डीपीआर पर मुहर लग गई है। अब प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा रहा है।
कुमाऊँ की दो नर्सों को मिला ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल अवार्ड’ | उत्तराखंड | 08 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
7 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के कुमाऊँ की दो नर्सों शशिकला पांडे और गंगा जोशी को ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल अवार्ड 2021’ से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में तैनात शशिकला पांडे को यह सम्मान उनकी ओर से मरीज़ों के प्रति समर्पण और नि:स्वार्थ सेवा के लिये दिया गया है। नर्सिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड पाने वाली शशिकला पांडे बीडी पांडे अस्पताल की मेट्रन हैं।
- वहीं, गंगा जोशी खटीमा के उप ज़िला चिकित्सालय में एएनएम के पद पर तैनात हैं। गंगा जोशी को जागरूकता प्रोग्राम, कोविड-19 में विशेष योगदान, आशा कार्यकर्त्ताओं को प्रशिक्षण, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की कई ट्रेनिंग में प्रतिभाग करने पर यह पुरस्कार दिया गया है।
- पिछले दिनों नैनीताल पहुँचे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने मेट्रन के परिवार की स्थिति, कार्यों व लगन से प्रभावित होकर उनको 10001 रुपए का इनाम दिया था। 15 जून को राज्यपाल ने बीडी पांडे अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस दौरान शशिकला पांडे ने राज्यपाल को अस्पताल का निरीक्षण कराया था।
- विदित है कि राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई मेधावी सेवाओं के लिये मान्यता के रूप में की गई थी।