उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में ट्रैकरों की सुरक्षा के लिये बनेगी ट्रैकिंग नीति
चर्चा में क्यों?
6 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश में ऊँची चोटियों की चढ़ाई करने वाले ट्रैकरों और ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिये पर्यटन विभाग के माध्यम से ट्रैकिंग नीति तैयार की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि ट्रैकिंग नीति में प्रदेश में पर्वतारोहण करने वाले ट्रैकरों व ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
- नीति के तहत सरकार की ओर से पर्वतारोहण दल के लीडर को सैटेलाइट फोन सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे पर्वतारोहण दल के किसी मुश्किल में फँसने या लापता होने की स्थिति में आसानी से लोकेशन का पता लग सकेगा।
- इसके अलावा पोर्टरों को प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर लाइसेंस देने के लिये नीति में प्रावधान किया जा रहा है।
- ट्रैकिंग के लिये प्रदेश में अभी कोई नीति नहीं है। ट्रैकिंग करने वाले पर्यटक बिना किसी सूचना के ही ट्रैक रूट पर निकल जाते हैं। कोई हादसा होने पर सरकार व प्रशासन के पास भी ट्रैकिंग दल का कोई ब्योरा नहीं रहता है।
- वर्ष 2003-04 में पर्वतारोहण के लिये गाइडलाइन बनाई गई थी, जो पेशेवर ट्रैकरों के लिये ही लागू थी। वर्तमान में सरकार का विशेष ध्यान साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर है, जिससे बाहरी क्षेत्रों के पर्यटक ट्रैकिंग के लिये उत्तराखंड आ रहे हैं।
- गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल देश दुनिया के पेशेवर ट्रैकरों के अलावा साहसिक पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटक ट्रैकिंग के लिये आते हैं। कई बार पर्वतारोहण दल के साथ घटनाएँ हुई हैं। अब सरकार ट्रैकिंग के लिये आने वाले पर्यटकों और ट्रैकरों की सुरक्षा के लिये नीति बना रही है।
Switch to English