राम वन गमन पर्यटन परिपथ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 08 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
7 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रारंभ की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भी लोकार्पण तथा भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊँची प्रतिमा का लाईट के माध्यम से अनावरण किया।
- गौरतलब है कि कौशल्या माता मंदिर का जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में कहा कि कोरिया ज़िले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। इस पर्यटन परिपथ में कोरिया ज़िले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्त्व की कथाएँ देखने और सुनने को मिलेंगी।
- राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है।
- इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।
- माता कौशल्या मंदिर परिसर में भव्य गेट, मंदिर के चारों ओर तालाब का सौंदर्यीकरण, आकर्षक पथ निर्माण, वृक्षारोपण किया गया है। मंदिर चारों ओर से मनमोहक उद्यानों से घिरा है, तालाब के मध्य में शेषनाग शैबया पर शयन मुद्रा में भगवान विष्णु के चरण दबाती माँ लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है, दूसरी ओर समुद्र मंथन के दृश्य को प्रतिबिंबित करती हुई देव-दानवों की मूर्तियाँ श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिज़र्व | छत्तीसगढ़ | 08 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (एनटीसीए) ने छत्तीसगढ़ सरकार के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व घोषित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित यह नया टाइगर रिज़र्व उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के बाद छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिज़र्व होगा।
- इस प्रस्ताव पर एनटीसीए की 11वीं तकनीकी समिति ने 1 सितंबर को विचार किया और एक महीने बाद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38ट(1) के तहत मंज़ूरी दी गई।
- तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य की पहचान 2011 में सरगुजा जशपुर हाथी रिज़र्व के हिस्से के रूप में की गई थी। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अविभाजित मध्य प्रदेश में संजय राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था। दोनों 2011 से टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित होने के लिये कतार में थे।
- नए टाइगर रिज़र्व की घटक इकाइयाँ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य क्रमश: 1,44,000 हेक्टेयर (1,440 वर्ग किमी.) और 60,850 हेक्टेयर (608.5 वर्ग किमी.) में फैली हुई हैं।
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया ज़िले में है, जबकि तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी कोने में सूरजपुर ज़िले में है।
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान देश में एशियाई चीतों का अंतिम ज्ञात निवास स्थान था। मूल रूप से संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 2001 में राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में एक अलग इकाई के रूप में बनाया गया था।
- राज्य में वन्यजीव विशेषज्ञों और कार्यकर्त्ताओं का मानना है कि गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व में बदलना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह झारखंड और मध्य प्रदेश को जोड़ता है और बांधवगढ़ और पलामू टाइगर रिज़र्व के बीच बाघों के आने-जाने के लिये एक गलियारा प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री ने अंबेडकर अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन किया | छत्तीसगढ़ | 08 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
7 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर में पीएम केयर फंड के तहत स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एक प्रेशर स्विंग एड्सोर्पसन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों का उद्घाटन किया।
- यह प्लांट एक मिनट में 960 लीटर ऑक्सीजन पैदा कर सकता है।
- मेडिकल कॉलेज में राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित 1,450 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट है।
- दोनों संयंत्रों के कामकाज के साथ, अस्पताल में 500 ऑक्सीजन सिलेंडरों की ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिये एक परिचालन सुविधा होगी।