उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रदेश के 19 शहरों में चलेंगी ई-बस
चर्चा में क्यों?
- 6 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिये प्रदेश के 17 नगर निगमों समेत 19 शहरों में ई-बसें चलाने जा रही हैं। यह बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश का नगर विकास विभाग इसके लिये प्रस्ताव तैयार कर रहा है और जल्द ही उच्च स्तर से मंजूरी के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
- बड़े शहरों में 150-150, मध्य शहरों में 100-100 और छोटे शहरों में 50-50 बसें चलाए जाने की योजना है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
- केंद्र सरकार की फेम इंडिया योजना के तहत प्रदेश के 14 शहरों में मौजूदा समय 740 छोटी एसी ई-बसें चलाई जा रही हैं। फेस-दो में करीब 300 बसें और ली जानी थीं, लेकिन सरकार ने पीएम ई-बस सेवा का शुभारंभ कर दिया है। इसके चलते फेम इंडिया फेस-दो में अब नई बसें नहीं खरीदने पर मंथन चल रहा है। नगर विकास विभाग अब पीएम ई-बस सेवा में नई बसों की मांग करेगा।
- शासन स्तर पर तैयार किये जा रहे प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य के बड़े शहरों खासकर लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद में 150-150 और नई बसें चलाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- आगरा, झांसी, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, फिरोजाबाद व गौतमबुद्धनगर में 100-100 बसें चलाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- इसके अलावा अयोध्या, शाहजहांपुर, मथुरा, रामपुर व सहारनपुर में 50-50 बसें चलाने की योजना है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल और जे-पाल साउथ एशिया की कार्यकारी निदेशक ने SARWA में शामिल होने के लिये आशय पत्र पर किये हस्ताक्षर
चर्चा में क्यों?
- 6 सितंबर, 2023 को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन की उपस्थिति में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल और जे-पाल साउथ एशिया की कार्यकारी निदेशक शोभिनी मुखर्जी ने SARWA में शामिल होने के आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान सरकार ने पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में हमेशा उल्लेखनीय कार्य किये हैं और SARWA हवा और पानी की चुनौतियों से निपटने के लिये उच्च प्रभाव और लागत प्रभावी नीतिगत निर्णय लेने के लिये नीति निर्माताओं का मार्गदर्शन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- जे-पाल साउथ एशिया और आरएसपीसीबी ऐसे समाधानों का डिज़ाइन, परीक्षण, कार्यान्वयन और स्केल-अप करने के लिये मिलकर काम करेंगे, जो वायु और जल प्रदूषण को कम करने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
- SARWA की सलाहकार और जे-पाल की प्रतिनिधि प्रोफेसर नम्रता काला ने कहा कि वायु और जल प्रदूषण आर्थिक विकास और जीवन प्रत्याशा के लिये एक गंभीर बाधा है। आशा है कि SARWA गरीबी से लड़ने और सभी भारतीयों के लिये पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार लाने में एक नई गति को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- उल्लेखनीय है कि SARWA के तहत जे-पाल दक्षिण एशिया राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर सरकारों के साथ काम करेगा, ताकि प्रभावशाली वायु और जल नीतियों को डिज़ाइन करने के लिये वैज्ञानिक साक्ष्य और डेटा को अपनाने में तेजी लाई जा सके।
- विदित है कि यह कार्यक्रम गांधीनगर में जे-पाल साउथ एशिया द्वारा, कम्युनिटी जमील के साथ साझेदारी में आयोजित एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति गठित
चर्चा में क्यों?
- 6 सितंबर, 2023 मध्य प्रदेश शासन ने भारत सरकार द्वारा शहरी अवसंरचना विकास निधि (UIDF) के संचालन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस समिति में अपर मुख्य सचिव, वित्त, प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण, प्रमुख सचिव, पर्यटन को सदस्य एवं संचालक बजट को सदस्य सचिव बनाया गया है।
- इस समिति प्रशासकीय विभागों द्वारा प्रस्तावित ऐसी परियोजनाओं का परीक्षण कर अपनी अनुशंसा देगी, जिसके लिये शहरी अवसंरचना विकास निधि (UIDF) के अंतर्गत ऋण सहायता प्राप्त किया जाना प्रस्तावित हो।
- इस समिति द्वारा योजना/परियोजना की आवश्यकता उससे राज्य को होने वाले लाभ, उसकी लागत व आर्थिक दृष्टि से उसकी उपयोगिता पर विचार किया जाएगा।
- यदि किसी अन्य प्रशासकीय विभाग की योजना/परियोजना शहरी अवसंरचना विकास निधि (UIDF) के अंतर्गत ऋण सहायता की परिधि में आती है, उस स्थिति में संबंधित प्रशासकीय विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को बैठक में आमंत्रित किया जाएगा।
- यह समिति राष्ट्रीय आवास बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों को भी समीक्षा बैठक में आमंत्रित कर सकेगी।
झारखंड Switch to English
महादेव टोप्पो साहित्य अकादमी के COLIT सदस्य बने
चर्चा में क्यों?
- 6 सितंबर, 2023 को झारखंड के प्रख्यात साहित्यकार महादेव टोप्पो को साहित्य अकादमी के सेंटर फॉर ओरल एंड ट्राइबल लिटरेचर (सीओटी लिट) का बोर्ड मेंबर नियुक्त किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड के प्रख्यात साहित्यकार महादेव टोप्पो का जन्म रांची ज़िले के हुलसी गांव में वर्ष 1954 में एक कुड़ूख आदिवासी परिवार में हुआ था।
- महादेव टोप्पो स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण करने के साथ वर्ष 1994 में पुणे स्थित फिल्म एप्रेसिशन सर्टिफिकेट कोर्स भी किया।
- उनकी प्रमुख रचनाएँ हिन्दी के पत्र-पत्रिकाओं में धर्मयुग, परिकथा, नया ज्ञानोदय, वागर्थ सबलोग, समयांतर, इंडिया टुडे, समकालीन जनमत, विश्व-रंग, बनास जन, जनसत्ता, प्रभात खबर आदि में प्रकाशित हुईं। इन रचनाओं में लेख, टिप्पणी, कहानी, कविताएं आदि शामिल हैं।
- उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘जंगल पहाड़ के पाठ (कविता संग्रह)’, ‘सभ्यों के बीच आदिवासी (लेख संग्रह)’ तथा कविता-संग्रह ‘जंगल पहाड के पाठ’, का अंग्रेजी, मराठी और संताली में अनुवाद आदि शामिल है। उनकी कुछ कविताओं का जर्मनी, अंग्रेजी, मराठी, तेलुगू, संस्कृत, संताली, असमिया में भी प्रकाशन किया गया।
- उन्होंने कुड़ूख फिल्म ‘पहाड़ा’ तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित ‘एड़पा काना (गोइंग होम)’ में अभिनय भी किया है। उन्होंने अपनी मातृभाषा कुड़ूख में लघु-नाटक की रचना भी की है।
- महादेव टोप्पो को बिरसा मुंडा पुरस्कार समेत अनेक अनेक सम्मान प्रदान किये गए हैं।
- फिलहाल, वे झारखंड की राजधानी राँची में रहते हुए भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति तथा मातृभाषा कुड़ूख के विकास के लिये कार्य कर रहे हैं।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के 50 हज़ार से कम आबादी वाले 23 छोटे शहरों का होगा कायाकल्प
चर्चा में क्यों?
- 5 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के 50 हजार से कम आबादी वाले 23 छोटे शहरों का भी कायाकल्प होगा। राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब इसका विस्तृत प्रस्ताव केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- अमृत-एक योजना में उत्तराखंड के छह नगर निगम देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रुड़की के साथ ही नैनीताल को शामिल किया गया था। इन शहरों में योजना के तहत मास्टर प्लान बनाने के बाद सीवेज, पेयजल आदि के काम हुये।
- अब केंद्र सरकार अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत 2.0) की शुरुआत करने जा रहा है।
- हाल ही में केंद्रीय मंत्रालय में इसे लेकर बैठक हुई, जिसमें उत्तराखंड के चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव शामिल हुये।
- उन्होंने मांग की थी कि उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में श्रेणी-3 के छोटे शहरों को भी शामिल किया जाए, जिस पर मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी थी। इसके बाद विभाग ने इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
- राज्य के चीफ टाउन प्लानर के मुताबिक, राज्य के ऐसे 23 शहर हैं, जो कि श्रेणी-3 के हैं। श्रेणी-1 व श्रेणी-2 के कुल मिलाकर 10 शहर हैं।
- अमृत 2.0 योजना के तहत शहरों का मास्टर प्लान बनेगा। इस प्लान के हिसाब से ही यहाँ सीवेज, पेयजल लाइनों के अलावा जल निकासी, ग्रीन स्पेस व पार्क विकसित किये जाएंगे। इसके लिये केंद्र सरकार से ही बजट मिलेगा।
हरियाणा Switch to English
निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध (एमपैनलमेंट) करने हेतू ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च
चर्चा में क्यों?
5 अप्रैल, 2023 को हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में लोगों को पारदर्शी एवं त्वरित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता के तहत हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने एक ऑनलाइन पोर्टल व एक सॉफ्टवेयर की लांचिग की।
प्रमुख बिंदु
- इस पोर्टल पर अब निजी अस्पतालों को निर्धारित समय पर जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और उन्हें ऑनलाइन एमपैनलमेंट प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- इस पोर्टल पर निजी अस्पतालों को आवश्यक वैध दस्तावेज़ों के पूरे सेट के साथ जमा किये जाएंगे। लॉगिन आईडी को 4 स्तरों पर बनाया गया है जिसमें पीएम शाखा (एएसएमओ/डीडी), डीजीएचएस, एसीएस (स्वास्थ्य) और स्वास्थ्य मंत्री प्रसंस्करण के लिये और बाद में आवेदनों को स्वीकृत/अस्वीकार करने के लिये है।
- राज्य सरकार अपने कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को विशेष रूप से तृतीयक और सुपर-स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिये सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के अलावा निजी अस्पतालों के पैनल के माध्यम से इसकी सुविधा प्रदान कर रही है। उच्चतम गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 2017 से केवल जेसीआई/एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों को पैनल में लिया गया है और पैनल में शामिल होने के लिये कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता है।
- वर्तमान में, पैनल में शामिल होने के लिये आवेदन हार्ड कॉपी में, डीजीएचएस कार्यालय में दस्ती या डाक द्वारा जमा किये जाते हैं। आवेदनों को फाइल पर लिया जाता है और स्वास्थ्य मंत्री से लेकर क्लर्क तक अंतिम अनुमोदन तक विभिन्न स्तरों पर संसाधित किया जाता है।
- इसी प्रकार, ऑनलाइन एमपैनलमेंट पोर्टल ऐसे आवेदनों के कुशल और त्वरित प्रसंस्करण को सक्षम करेगा, जिसमें एप्लिकेशन की रीयल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा भी है। आवेदन में कमियाँ, यदि कोई हों, को आवेदक अस्पतालों द्वारा सुधार के लिये पोर्टल पर हाइलाइट किया जाएगा और इससे किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता भी नहीं होगी।
- इसमें अधिकारियों के लिये आवेदनों की कार्यक्षमता/लंबितता की निगरानी के लिये डैशबोर्ड भी तैयार किया गया है। प्रत्येक पैनलबद्ध अस्पताल के बारे में पूरी जानकारी के साथ उपयोगकर्त्ताओं (राज्य सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों) के लिये डैशबोर्ड में पैनल में शामिल होने की अवधि, सेवाओं का दायरा, बिस्तरों का विवरण, डॉक्टरों का विवरण इत्यादि भी दर्शाया गया है।
- इसके अलावा, यह ऑनलाइन एमपैनलमेंट पोर्टल हरियाणा सरकार की कुशल, पारदर्शी और तेज सेवा वितरण की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है जिसके तहत निजी अस्पतालों को एमपैनलमेंट का ऑनलाइन प्रमाण-पत्र मिलेगा।
- विदित है कि वर्तमान में, राज्य सरकार के पैनल में 423 (211 मल्टी-स्पेशियलिटी और 208 सिंगल स्पेशलिटी) निजी अस्पताल हैं।
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