नशा मुक्त राजस्थान के लिये मुख्यमंत्री के तीन अहम निर्णय | राजस्थान | 08 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिये अहम निर्णय लेते हुए प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास एवं जनजागरूकता फैलाने सहित विभिन्न कार्यों के लिये ‘नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय’, ‘एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ)’ तथा ‘एंटी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू)’ के गठन हेतु प्रस्तावों को मंज़ूरी प्रदान की।
प्रमुख बिंदु
- ‘नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय’में आयुक्त पदेन शासन सचिव, गृह को नियुक्त किया गया है। इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
- साथ ही चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी/कर्मचारी शामिल किये जाएंगे।
- ‘एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स’का गठन अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में किया गया है। इसमें अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एएनयू को सदस्य सचिव बनाया गया है।
- इस फोर्स में 10 सदस्य होंगे। इनमें स्कूल शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, कृषि विभाग, आबकारी विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव और राजस्व आसूचना निदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक, राज्य औषधि नियंत्रक, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला तथा सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के निदेशक शामिल हैं।
- टास्क फोर्स, नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी। यह एनसीओआरडी की विभिन्न बैठकों के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी।
- नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिये रणनीति, उपाय एवं विभिन्न तरीकों को विकसित करना, दुरुपयोग को रोकना, पीड़ितों का पुनर्वास एवं जागरूकता फैलाने जैसे उद्देश्यों के लिये विभिन्न विभाग, सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस ईकाईयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।
- यह फोर्स पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा दवाओं की तस्करी में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगी। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग से संबंधित आँकड़ों का आकलन कर आवश्यक नीतिगत परिवर्तन के लिये राज्य सरकार को सिफारिश करेगी।
- निदेशालय/आयुक्तालय द्वारा नशा नियंत्रण के लिये केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रदत्त वित्तीय सहायता हेतु विभिन्न विभागों की आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे।
- मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की रोकथाम के लिये एसओजी में महानिरीक्षक पुलिस की अध्यक्षता में ‘एंटी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू)’ का गठन किया जा रहा है। यह मुख्यत: एंटी नारकोटिक्स एनफोर्समेंट का कार्य करेगी।
‘राजीव गांधी जल संचय योजना’ के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने का निर्णय | राजस्थान | 08 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2022 को राजस्थान ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘राजीव गांधी जल संचय योजना’के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जिसके संबंध में आदेश जारी किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सचिव अपर्णा अरोरा की ओर से जारी आदेशानुसार योजना के द्वितीय चरण के प्रमुख उद्देश्य आम जनता से चर्चा कर प्राथमिकता से पक्के एनीकट, एमआईटी, डब्ल्यूएचएस एवं एमएसटी का निर्माण कराना, विभिन्न वित्तीय संसाधनों का कन्वर्जेन्स कर परंपरागत पेयजल एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित कराना है।
- इसी प्रकार गाँवों में पेयजल की कमी को दूर करने हेतु पीने के पानी को गाँव या गाँवों के नज़दीक उपलब्ध कराना, भू-जल स्तर में वृद्धि करना, वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना, जल एवं मृदा संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना इत्यादि इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं।
- द्वितीय चरण में राजस्थान की 352 पंचायत समितियों के लगभग 4500 गाँवों को इस अभियान में शामिल किया गया है।
- द्वितीय चरण की कार्य अवधि 2 वर्ष रहेगी। इसके प्रभावी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिये राज्य, ज़िला व ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इसके साथ ही कार्य योजना के प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यकारी समिति का गठन भी किया गया है।
- द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग प्रशासनिक विभाग एवं जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग नोडल विभाग रहेगा। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ज़िला कलक्टर नोडल अधिकारी रहेंगे।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण, संरक्षण एवं उपलब्ध जल का न्यायोचित उपयोग करने हेतु 20 अगस्त, 2019 को राजीव गांधी जल संचय योजना की शुरुआत हुई थी। प्रथम चरण में 1450 ग्राम पंचायतों में 4029 गाँव शामिल किये गए थे।