छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक का किया अनुमोदन
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम, 2005 (क्रमांक 13 सन् 2005) को और संशोधित करने हेतु प्रस्तुत विधेयक का अनुमोदन कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- संशोधन के बाद यह अधिनियम छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहलाएगा। इसका विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में होगा तथा राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से यह प्रवृत्त होगा।
- उक्त विधेयक में संशोधन कर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम, 2005 (क्र. 13 सन् 2005) की धारा 9 की उप-धारा (1) के अंतर्गत निर्मित अनुसूची में, सरल क्रमांक 15 एवं उससे संबंधित प्रविष्टियों के पश्चात् सरल क्रमांक 16 जोड़ा गया है।
- इसके अनुसार छत्तीसगढ़ में 16वें निजी विश्वविद्यालय ‘आंजनेय विश्वविद्यालय’के संचालन की स्वीकृति दी गई है। आंजनेय विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर ग्राम- नरदहा, तहसील- मंदिर हसौद, ज़िला-रायपुर में है।
- इस विश्वविद्यालय में पत्रकारिता/जनसंचार/मीडिया, कला/मानविकी/समाज विज्ञान, विधि, व्यवसाय प्रशासन/वाणिज्य/प्रबंधन/वित्त, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान, ललित कला/प्रदर्शन कला/दृश्य कला/अनुप्रयुक्त कला, होटल प्रबंधन/अतिथि सत्कार/पर्यटन/यात्रा, विज्ञान/अनुप्रयुक्त विज्ञान, अभियांत्रिकी/प्रौद्योगिकी/वास्तुशिल्प/डिज़ाइन, व्यावसायिक शिक्षा/कौशल विकास में स्नातक, स्वास्थ्य एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान, पैरामेडिकल/नर्सिंग, पुनर्वास विज्ञान, संस्कृत ध्वन्यात्मक उपाधि (संस्कृत साउंडिंग डिग्री) एवं शारीरिक शिक्षा का पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का होगा गठन
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के संरक्षण के लिये छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन से इस वर्ग के लोगों के लिये कार्यक्रम के संचालन हेतु अनुशंसा एवं क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिये इस वर्ग के लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
- इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की समस्याओं के निदान में तेज़ी आएगी और जीवन स्तर में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव आएगा। इस परिषद में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिये जाएंगे।
- इस परिषद के गठन से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिये नवीन योजनाओं एवं कार्यक्रमों के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
- परिषद में इस वर्ग के चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य समाज की स्थिति एवं समस्याओं के निराकरण में सहभागी बनेंगे। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन में आसानी होगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयक पर अनुशंसा के लिये छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है। इसी तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का गठन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष होंगे तथा भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 निर्वाचित सदस्य होंगे तथा शेष सदस्य राज्य शासन द्वारा मनोनीत होंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
810 मेगावाट डीसी./675 मेगावाट एसी क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के प्रस्ताव का अनुमोदन
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा अभियान (पीएम कुसुम) योजना के कंपोनेंट-सी के अंतर्गत कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत किये जाने हेतु 810 मेगावाट (डी.सी)/675 मेगावाट (ए.सी.) क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने के विभागीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- कृषि पंपों का सोलराईजेशन किये जाने से कृषकों को कृषि पंपों के संचालन हेतु वर्तमान में प्राप्त हो रही बिजली के अतिरिक्त सौर ऊर्जा भी प्राप्त होगी। अत: सौर ऊर्जा की उपलब्धता के समय कृषि पंपों का संचालन सोलर ऊर्जा से होगा तथा सोलर ऊर्जा उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में मिल रही बिजली मिलती रहेगी, जिससे कृषि पंप का संचालन होगा।
- वर्तमान में प्रदेश में 577 कृषि फीडर हैं, जिस पर 1,75,028 कृषि पंप स्थापित हैं। योजनांतर्गत उक्त 577 फीडरों को सोलराईज किये जाने हेतु 810 मेगावाट डी. सी. (675 मेगावाट एसी) क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना शासकीय भूमि एवं कृषि भूमि पर की जाएगी।
- इसके लिये कृषकों की कृषि भूमि को कृषकों की सहमति से 25 वर्षों की लीज पर लिया जाएगा। इसके लिये कृषकों को प्रतिवर्ष 30,000 रुपए प्रति एकड़ के मान से भुगतान किया जाएगा, साथ ही उक्त लीज की राशि में प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
कैबिनेट में राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 का अनुमोदन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- प्रारंभिक स्तर पर छत्तीसगढ़ में पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु जनरेशन कंपनी द्वारा 7 स्थलों पर लगभग 10 हज़ार मेगावाट क्षमता की परियोजना का चिह्नांकन किया गया है।
- इन चयनित स्थलों में कोरबा, जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, धमतरी एवं बलरामपुर ज़िले में परियोजना की स्थापना का अध्ययन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 के अंतर्गत पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। नोडल एजेंसी द्वारा चिह्नांकित परियोजना हेतु फिजीबिलिटी रिपोर्ट तथा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में कोयले की प्रचुर उपलब्धता के कारण बड़ी संख्या में कोयला आधारित विद्युत उत्पादन परियोजना स्थापित हो रही हैं। किसी भी विद्युत प्रणाली के स्थायित्व एवं सुचारु संचालन के लिये ताप विद्युत क्षमता एवं जल विद्युत क्षमता उत्पादन क्षमता का समुचित अनुपात होना चाहिये। वर्तमान में राज्य की विद्युत प्रणाली में जल विद्युत उत्पादन का अंश आदर्श स्थिति के अनुरूप नहीं है।
Switch to English