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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Sep 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

राष्ट्रीय पोषण माह

चर्चा में क्यों?

7 सितंबर, 2021 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में चौथे ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ का शुभारंभ किया तथा आईसीडीएस विभाग के गोद भराई कार्ड ‘शगुन’ और एक शुभंकर ‘आंचल’ का विमोचन भी किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण माह को चार श्रेणियों में बाँटकर संचालित किया जाएगा। पहले सप्ताह में पोषण वाटिका पर पौधारोपण, दूसरे सप्ताह में आंगनबाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरण, तीसरे सप्ताह में योग और आयुष तथा चौथे सप्ताह में सैम बच्चों की पहचान एवं उनके लिये सामुदायिक रसोई के निर्माण का विशेष अभियान प्रदेश में चलाया जाएगा।
  • राष्ट्रीय पोषण माह, 2021 में पोषण वाटिका की स्थापना हेतु पौधरोपण अभियान तथा अतिकुपोषित-कुपोषित (सैम-मैम) बच्चों के चिह्नांकन एवं अनुश्रवण पर विशेष बल दिया जाएगा। 
  • इनके अलावा योग एवं आयुष (बच्चों, किशोरी, बालिकाओं तथा महिलाओं को केंद्रित करते हुए योग सत्रों का आयोजन) तथा पोषण संबंधी प्रचार-प्रसार सामग्री व अनुपूरक पुष्टाहार आदि का वितरण किया जाएगा। 
  • इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्य के 24 ज़िलों में निर्मित 529 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का लोकार्पण किया।
  • इसके अलावा उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं, मुख्य सेविकाओं एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया तथा 91 नव-चयनित बाल विकास परियोजना अधिकारियों में से प्रतीकात्मक तौर पर 10 को नियुक्ति-पत्र वितरित किया।
  • उल्लेखनीय है कि सामुदायिक लामबंदी सुनिश्चित करने और लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिये हर साल सितंबर महीने को पूरे देश में पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सितंबर 2018 में की गई थी।

राजस्थान Switch to English

‘स्वच्छ पवन-नील गगन’ कार्यशाला का आयोजन

चर्चा में क्यों?

7 सितंबर, 2021 को ‘नीले गगन के लिये स्वच्छ पवन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट, दिल्ली द्वारा राज्य के जयपुर, जोधपुर, कोटा, अलवर एवं उदयपुर ज़िलों में ‘स्वच्छ पवन-नील गगन’ ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • यह कार्यक्रम स्वास्थ्य, उत्पादकता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिये स्वच्छ हवा के महत्त्व के बारे में व्यक्तियों, समुदायों, कॉर्पोरेट्स और सरकार के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये आयोजित किया गया।
  • कार्यशाला ने शहरी स्थानीय निकायों, उद्योग संघ, शिक्षाविदों और बड़ी संख्या में विद्यालयों, नागरिक समाज समूहों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ-साथ विविध समूहों को भी एक मंच प्रदान किया। आयोजन में राजस्थान के लगभग 287 स्कूलों को आमंत्रित किया गया था। 
  • राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य आनंद मोहन ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम और राजस्थान के पाँच गैर-प्राप्ति शहरों का एक सिंहावलोकन पेश किया और सीएसई एवं हितधारक एजेंसियों के साथ अपनी उल्लेखनीय टिप्पणियों को साझा किया। 
  • उल्लेखनीय है कि मानव स्वास्थ्य की रक्षा एवं वायु गुणवत्ता सुधार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये प्रतिवर्ष 7 सितंबर को ‘नीले गगन के लिये स्वच्छ पवन का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय ‘स्वच्छ वायु, स्वस्थ ग्रह’ है, जो विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों पर ज़ोर देता है। इसका उद्देश्य सभी के लिये स्वच्छ हवा की आवश्यकता को प्राथमिकता देना है।

झारखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने 2 पॉवर ग्रिड की आधारशिला रखी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य सचिवालय में ऊर्जा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से गढ़वा ज़िले की भगोडीह में स्थापित 132/33 केवी ग्रिड सब स्टेशन मेराल का उद्घाटन किया और 132/33 केवी ग्रिड सबस्टेशन नगर अंतरी (भवनाथपुर) और ग्रिड सब स्टेशन छतरपुर की आधारशिला रखी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ग्रिड सब स्टेशन मेराल की स्थापना से गढ़वा ज़िले के मकरी, पंडरिया, बुका, गरदा, सरैया, अरसली आदि क्षेत्रों को लाभ होगा।
  • अब इन इलाकों के उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से राहत मिलेगी तथा यहाँ के व्यवसायियों, स्कूलों और अन्य संस्थानों समेत सभी लोगों को बिजली से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि पलामू मंडल में भविष्य में बिजली की मांग को देखते हुए नगर अंतरी (भवनाथपुर) और छतरपुर में 132/33 केवी ग्रिड सब-स्टेशन की आधारशिला रखी गई है। आने वाले 24 महीनों में दोनों पॉवर सबस्टेशन ग्रिड बनकर तैयार हो जाएंगे।
  • उन्होंने कहा कि छतरपुर में बनने वाले बिजली सबस्टेशन ग्रिड में पहली बार जीआईएस (गैस इंसुलेटेड स्विचगियर) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पॉवर ट्रांसमिशन में गड़बड़ी कम देखने को मिलेगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘हथकरघा एवं हस्तशिल्प’ प्रदर्शनी

चर्चा में क्यों?

7 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने दुर्ग ज़िले के भिलाई में स्थित सतनाम भवन में सातदिवसीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी 13 सितंबर तक चलेगी।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रदर्शनी का आयोजन ज़िला हथकरघा कार्यालय, दुर्ग द्वारा किया जा रहा है।
  • इस प्रदर्शनी में बुनकरों और शिल्पकारों द्वारा तैयार किये गए राज्यों के पारंपरिक वस्त्रों सहित छत्तीसगढ़ राज्य की ढोकरा हस्तशिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बाँस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ति चित्र, पत्थर शिल्प, कौड़ी शिल्प, तूंबा शिल्प और हथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साड़ियाँ, दुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियों के स्टॉल लगाए गए हैं।
  • प्रदर्शनी में विभिन्न ज़िलों के लगे स्टॉलों की विभिन्न कलाकृतियों में धान के पैरा से बनी जांजगीर की कलाकृति, धान के पैरे से पिरोई गईं डॉ. भीमराव अंबेडकर, महावीर स्वामी और गणेशजी की आकर्षक कलाकृतियाँ प्रमुख हैं।
  • इस अवसर पर गुरु रुद्रकुमार ने सभी हथकरघा वस्त्र एवं हस्तशिल्प कला के स्टॉलों की सराहना की और इसे अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को जीवित रखने का माध्यम बताया।
  • उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों को सीधा लाभ मिलता है और उनकी कला तथा उनके द्वारा तैयार किये गए उत्पाद को बेहतर बाज़ार भी उपलब्ध होता है। इससे कारीगरों और शिल्पियों को अपनी अभिव्यक्ति को कला के माध्यम से व्यक्त करने में सहायता मिलती है तथा उनका हौसला बढ़ता है और वे दोगुने उत्साह से काम करते हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘मोर ज़िम्मेदारी’ अभियान

चर्चा में क्यों?

7 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने अपने निवास कार्यालय से यूनिसेफ और एकता परिषद सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से चलने वाले जागरूकता अभियान ‘मोर ज़िम्मेदारी’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री सिंहदेव ने इस अवसर पर प्रदेश के लोगों को कोविड व्यवहार और वैक्सीनेशन के प्रति प्रेरित करने हेतु मोर ज़िम्मेदारी जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
  • सिंहदेव ने कहा कि यूनिसेफ, एकता परिषद एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा प्रदेश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन व कोरोना व्यवहार के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान एक सराहनीय पहल है।
  • यूनिसेफ के माध्यम से राज्य के 20 ज़िलों के दुर्गम 600 गांवों में इनके वालेंटियर घर-घर जाकर कोविड वैक्सीनेशन और संक्रमण से बचाव के लिये लोंगों को जागरूक करेंगे।
  • उन्होंने कोविड टीका के महत्त्व के साथ-साथ ग्रामीणों को किसी प्रकार की अफवाह में न पड़ने के लिये भी जागरूक करने को कहा। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने पर बल दिया कि जिन्हें प्रथम डोज लग चुकी है, उन्हें निर्धारित समय-सीमा में टीका की दूसरी डोज लग जाए।
  • उन्होंने कोरोना से सुरक्षा एवं नियंत्रण के लिये सभी पात्र लोगों से कोविड टीका लगवाने की अपील की। कार्यक्रम में यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ हेड जॉब जाकरिया, एकता परिषद के रमेश शर्मा सहित वालेंटियर उपस्थित थे

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