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राज्यपाल ने विश्वविख्यात बाँसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया को प्रदान किया ‘महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार’
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2023 को जोधपुर में राई का बाग स्थित राजमाता कृष्णाकुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट एवं स्वर सुधा, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिज हाईनेस महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविख्यात बाँसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया को ‘महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने पंडित हरिप्रसाद चौरसिया को शॉल, श्रीफल और एक लाख रुपए का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया।
- राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गज सिंह ने बताया कि इस पुरस्कार की परंपरा रही है कि यह हमेशा राज्यपाल द्वारा ही प्रदान किया जाता रहा है।
- इस अवसर पर पं. हरिप्रसाद चौरसिया की दो शिष्याओं देबोप्रिया एवं सुचिस्मिता चटर्जी तथा तबला संगीतकार आशीष रागवानी (मुंबई) ने भाग लिया।
- राज्यपाल ने पं. हरिप्रसाद चौरसिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के खास पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत को जिस तरह से उन्होंने अपनी बांसुरी से समृद्ध-संपन्न किया है, वह हमारे देश की थाती है। चौरसिया ने संगीत के माधुर्य और पारंपरिक राग-संगीत की पुरातन विरासत को निरंतर संपन्न किया है।
- विदित है कि महाराजा हनवंतसिंह ने राजशाही के जमाने में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने का कार्य किया था और अद्भुत कर्मयोग का परिचय देते हुए अपार लोकप्रियता पाते हुए जन-जन के प्रिय बने।
- इन्हीं के शासनकाल में मारवाड़ी काश्तकारी व भू-राजस्व अधिनियम को सबसे पहले प्रारंभ करने का क्रांतिकारी, प्रगतिशील कार्य हुआ, जिससे लाखों किसान एक ही दिन में अपने खेतों के स्थाई खातेदार बन गए।
- हनुवंतसिंह में संगीत प्रेम, भू-राजस्व, लोकतंत्र के प्रति आस्था और योगदान तथा पोलो मैच के प्रति रुझान सहित कई विलक्षणताओं का समावेश था।
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जन आधार योजना ने ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सोशल सेक्टर’ श्रेणी में जीता गोल्ड अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
5 अगस्त, 2023 को ई गवर्नेंस के ज़रिये गुड गवर्नेंस देने की राजस्थान सरकार की महत्त्वपूर्ण फ्लैगशिप जन आधार योजना ने गोवा में आयोजित तीन दिवसीय इकोनोमिक टाइम्स गवर्नमेंट डिजिटेक कॉन्क्लेव और अवॉर्ड्स 2023 में ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सोशल सेक्टर’श्रेणी में गोल्ड अवॉर्ड जीता है।
प्रमुख बिंदु
- विभाग की ओर से यह सम्मान आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक भंवर लाल बैरवा एवं जन आधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने ग्रहण किया।
- उल्लेखनीय है कि यह अवॉर्ड राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस पुरस्कारों में से एक है, जिसकी स्थापना ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में किये जा रहे डिजिटल प्रयोग और नवाचारों को पहचान एवं सम्मान देने के उद्देश्य से की गई है।
- इसकी ज्यूरी सदस्यों में केंद्र और राज्य सरकारों के वर्तमान और पूर्व तकनीकी अधिकारी सम्मिलित होते हैं।
- जन आधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने बताया कि जन आधार योजना को यह पुरस्कार देशभर से प्राप्त 300 से अधिक प्रविष्टियों में से मिला है।
- विदित है कि जनाधार एक ऐसा मूल डेटाबेस है,जिसके माध्यम से राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को एक ही प्लेटफॉर्म के ज़रिये बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सभी लाभों का हस्तांतरण किया जाता है।
- जनाधार अपने डाटाबेस के माध्यम से लाभार्थियों के स्वत: सूचना (ऑटो इन्टिमेशन) और स्वत: अनुमोदन (ऑटो अप्रूवल) की सुविधा भी प्रदान करता है।
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