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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Aug 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली-2023 का प्रतिवेदन विधानसभा में पेश

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली-2023 का प्रतिवेदन विधानसभा में पेश किया गया। 8 अगस्त तक इस पर विधायक संशोधन प्रस्ताव दे सकेंगे तथा 9 अगस्त को नियमावली पर सदन में चर्चा कर मंज़ूरी दिलाने की योजना है।  

प्रमुख बिंदु  

  • उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली-2023 में ई-विधान के तहत सदन की कार्यवाही को अधिक-से-अधिक ऑनलाइन करने का प्रावधान किया गया है।  
  • मंज़ूरी के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र नई नियमावली के तहत संचालित होगा। विधायकों के सवालों के जवाब सहित अन्य सूचनाएँ संबंधित विभाग से ऑनलाइन ली जा सकेंगी और ऑनलाइन ही विधायकों को दी जाएंगी। 
  • नियमावली में सदन में विधायकों के आचरण व व्यवहार तय किये गए हैं-  
    • विधायक सदन में किसी दस्तावेज़ को फाड़ नहीं सकेंगे।  
    • भाषण करते समय दीर्घा में किसी अजनबी की ओर संकेत नहीं करेंगे, न ही उसकी प्रशंसा कर सकेंगे।  
    • विधायक अध्यक्ष की ओर पीठ करके न तो खड़े हो सकेंगे और न ही बैठ सकेंगे।  
    • सदन में न शस्त्र ला सकेंगे, न ही प्रदर्शित कर सकेंगे।  
    • ऐसे किसी भी साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिका, प्रेस टिप्पणी, पर्चों का वितरण नहीं कर सकेंगे, जो सदन से संबंधित न हों।  
    • धूम्रपान नहीं कर सकेंगे।  
    • लॉबी में इतनी तेज़ आवाज़ न तो बात करेंगे न ही हँसेंगे, जो सदन में सुनाई दे। 
  • विधानसभा का सत्र अब सात दिन के नोटिस पर आहूत हो सकेगा-  
    • वर्तमान में 15 दिन के नोटिस पर यह व्यवस्था है। शासन की ओर से विधानसभा सचिवालय को सत्र आहूत करने की तिथि से सात दिन पहले सूचना देनी होगी।  
    • विधानसभा के प्रमुख सचिव की ओर से प्रत्येक दिन के कार्य की सूची बनाकर उसकी एक प्रति विधायकों को ऑनलाइन या ऑफलाइन उपलब्ध करानी होगी।  
    • विधानसभा अध्यक्ष, नेता सदन या सदन की अनुमति से कार्य के क्रम में परिवर्तन कर सकेंगे।  
    • विधायकों को ईमेल व मोबाइल संदेश के ज़रिये भी सत्र आहूत होने की सूचना दी जाएगी। 
  • अधिकारियों के नाम लेने पर रोक- 
    • विधायक उच्च प्राधिकार प्राप्त व्यक्तियों के आचरण पर तब तक आरोप नहीं लगा सकेंगे, जब तक कि चर्चा उचित रूप से रखे गए मूल प्रस्ताव पर आधारित न हो।  
    • सदस्य अपने भाषण के अधिकार का उपयोग सभा के कार्य में बाधा डालने के लिये नहीं कर सकेंगे। सरकारी अधिकारियों के नाम को लेकर कोई उल्लेख नहीं करेंगे।  
    • वाद-विवाद पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से राज्य के नाम का उपयोग नहीं करेंगे।  
    • अध्यक्ष या पीठ की अनुमति के बिना लिखित भाषण नहीं पढ़ सकेंगे। किसी भी दीर्घा में बैठे अजनबी के लिये निर्देश नहीं दे सकेंगे। 
  • नियमानुसार विधानसभा की नई नियमावली पर सदन में 14 दिन चर्चा होनी चाहिये, लेकिन सत्र केवल पाँच दिन का होने के कारण नियमावली पर शुक्रवार तक ही चर्चा हो सकेगी। 
  • भर्त्सना पर रुकेगी वेतन वृद्धि 
    • नियमावली में विशेषाधिकार हनन के मामलों में भर्त्सना व जुर्माने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को देना प्रस्तावित है।  
    • विधानसभा के प्रश्नों का जवाब नहीं देने या आदेश का उल्लंघन करने पर अधिकारियों, कर्मचारियों या अन्य व्यक्ति की अध्यक्ष भर्त्सना कर सकेंगे या उन पर जुर्माना भी लगा सकेंगे।  
    • किसी अधिकारी या कर्मचारी की भर्त्सना करने या उन पर जुर्माना लगाने से उनकी वेतनवृद्धि और पदोन्नति प्रभावित होगी। 
  • तारांकित प्रश्न पर अधिकतम दो पूरक प्रश्न पूछे जा सकेंगे-
    • विधानसभा में अब किसी भी तारांकित प्रश्न पर दो पूरक प्रश्न ही पूछे जा सकेंगे। पूरक प्रश्न पूछने में पहली प्राथमिकता मूल प्रश्नकर्त्ता विधायक को मिलेगी। यदि प्रश्नकर्त्ता एक-से-अधिक हैं तो दूसरी प्राथमिकता दूसरे प्रश्नकर्त्ता को मिलेगी। 
    • विधायक को अपने प्रश्न सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले लिखित या ऑनलाइन विधानसभा के प्रमुख सचिव के समक्ष देने होंगे। सचिव को उन पर 24 घंटे के भीतर अध्यक्ष की अनुमति प्राप्त करनी होगी। अतारांकित प्रश्नों के उत्तर उसी दिन सदन के पटल पर रखे जाएंगे।
    • जनहित से जुड़े विषयों पर सदन का ध्यान आकर्षित करने के लिये सदस्यों को सदन की कार्यवाही शुरू होने से एक घंटे पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन सूचना दो प्रति में विधानसभा के प्रमुख सचिव को देनी होगी।  
    • ध्यान आकर्षण से संबंधित सूचना शासन की ओर से अधिकतम 30 दिन में संबंधित सदस्य या विधानसभा सचिवालय में पेश करनी होगी।


उत्तर प्रदेश Switch to English

अमरोहा की सोनम ने कनाडा में ट्रिपल जंप में जीता गोल्ड मेडल

चर्चा में क्यों?

6 अगस्त, 2023 को कनाडा के विनितिक शहर में चल रहे वर्ल्ड पुलिस गेम्स में अमरोहा ज़िले की सोनम ने ट्रिपल जंप में 13 मीटर 32 सेंटीमीटर की छलांग लगाकर गोल्ड मेडल जीता है।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार कनाडा के विनितिक शहर में 28 जुलाई से छह अगस्त तक आयोजित वर्ल्ड पुलिस गेम्स में सोनम ने ट्रिपल जंप (त्रिकूद) में हॉन्गकॉन्ग और साउथ कोरिया की खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए 13 मीटर 32 सेंटीमीटर लंबी छलांग लगाकर गोल्ड मेडल जीता है।
  • सोनम ने पाँच दिन पहले 5 मीटर 85 सेंटीमीटर लंबी छलांग लगाकर सिल्वर मेडल जीता था। वह सोना जीतने में केवल 18 सेंटीमीटर पीछे रह गई थीं। 
  • विदित है कि ट्रिपल जंप (त्रिकूद) और लंबी कूद की खिलाड़ी सोनम का वर्ल्ड पुलिस गेम्स में प्रतिभाग करने का यह दूसरा मौका था। उनका एकमात्र लक्ष्य इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के लिये स्वर्ण पदक लाना था।  
  • गौरतलब है कि रजबपुर के गाँव मोहम्मदपुर के किसान राजवीर सिंह की बेटी सोनम सीआइएसएफ दिल्ली में हेड कॉन्स्टेबल हैं। वह एथलीट भी हैं। वर्ष 2019 में चीन में हुए गेम्स में भी सोनम ने एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। इतना ही नहीं, मार्च 2023 में सोनम ने 71वीं आल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक जीता था। 
  • इसी वर्ष सोनम को देश के पुलिस विभाग की सर्वोत्तम खिलाड़ी भी चुना गया था। इससे पहले उनका एशियन गेम्स में चयन नहीं हो सकता था। वह ट्रायल में तीन सेंटीमीटर से पिछड़ गई थीं।  


बिहार Switch to English

जल संसाधन मंत्री ने ‘कटाव निरोधक योजना’ का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने राज्य के कटिहार ज़िले में संगम धाम त्रिमुहानी व दरभंगा ज़िले के लवानी में छह करोड़ रुपए की लागत से जीबछ-कमला नदी में बनाई गई ‘कटाव निरोधक योजना’ का लोकार्पण किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस कटाव निरोधक कार्य से क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ होगा। इस योजना को पूरा नहीं किया गया होता तो बाढ़ के समय में इस गाँव के कई घर नदी में समाहित हो सकते थे।  
  • उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ व सुखाड़ से लोगों को निजात दिलाने के लिये कई योजनाएँ चला रही है। इसके तहत पहली बार पश्चिमी कोसी नहर योजना के माध्यम से मनीगाछी व बेनीपुर के लोगों को नहर के पानी से सिंचाई की सुविधा प्रारंभ हुई है। 
  • जलस्तर नीचे खिसकने जैसी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में भी जल संसाधन विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है। नदी में पानी आने व मृत कमला नदी को जीवित करने का काम चल रहा है। इससे वाटर लेवल बना रहेगा। 
  • विदित है कि बिहार में नेपाल से बाढ़ आती है। नेपाल में यदि डैम का निर्माण हो जाता तो बिहार को स्थायी रूप से बाढ़ से निजात मिल जाती साथ ही बिजली का उत्पादन होता, इसके लिये दोनों देशों के बीच संधि भी हो चुकी है।


बिहार Switch to English

इंडो-जापान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) का हुआ उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

6 अगस्त, 2023 को बिहार के आईआईटी पटना के 15वें स्थापना दिवस के मौके पर आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह और जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेट्रो) के चीफ डायरेक्टर जनरल ताकाशी सुज़ुकी ने इंडो-जापान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) का उद्घाटन किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • इंडो-जापान सीओई (निहोन नो हाको) संस्थागत एवं एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिये मदद करेगा। यह केंद्र बिहार और जापान के बीच इनोवेशन, तकनीक, व्यापार-कारोबार, कृषि उद्यम, शिक्षा के बीच दूरी को कम करेगा। 
  • आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि यह सेंटर बिहार के मानव बल व जापान की तकनीक का मिलन स्थल बनेगा। जापान तकनीक और इनोवेशन का विश्व लीडर है। अकादमिक क्षेत्र में विकास के लिये बिहार के संस्थान जापान से एमओयू करेंगे। 
  • शिक्षण संस्थानों से सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये हब का निर्माण होगा। बिहार में एमएसएमई की असीम संभावना है। यहाँ के उद्यमी एमएसएमई स्थापित करना चाहेंगे। उन्हें तकनीकी सहयोग सेंटर के माध्यम जापान की सरकार व उद्यमी उपलब्ध कराएंगे।  
  • बिहार में कृषि, शिक्षा, छोटे उद्योग, डेयरी आदि में असीम संभावनाएँ हैं। जापान के लिये बिहार को एक निवेश के हब के रूप में विकसित किया जाएगा। 
  • इंडो-जापान सीओई (निहोन नो हाको) संस्थागत एवं एसएमई के स्तर पर संस्थागत सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा। इससे भारत और जापान की सरकार, संस्थानों, व्यापार में सहयोग मिलेगा।  
  • इस अवसर पर जापान से पहुँचे प्रतिनिधियों ने कहा कि दोनों देशों की जनता में ऐतिहासिक मैत्री संबंध हैं तथा ये एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, लेकिन भाषा दोनों देशों के बीच दीवार बन गई है। इसे दूर करने के लिये आईआईटी पटना और मासायुमे इंडिया द्वारा जापानी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।  
  • जापानी भाषा के कौशल की जाँच के जेएलपीटी नियमों के अनुरूप शिक्षा मंत्रालय (मोम्बुशो), जापान के अंतर्गत कार्य करेगा। 17 अगस्त को पहला बैच आरंभ हो जाएगा। सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त जापानी भाषा प्रशिक्षक छात्रों को प्रशिक्षण देंगे। आईआईटी पटना की वेबसाइट (https://wwwAiitp.ac.in/) पर इससे संबंधित विस्तृत जानकारी जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी। 
  • सीओई स्थापित करने के मुख्य उद्देश्य: 
    • अकादमिक क्षेत्र में सहयोग के लिये शिक्षण संस्थान और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने हेतु हब का निर्माण। 
    • जापान के लिये बिहार को एक निवेश के हब के रूप में विकसित करना। 
    • बिहार से नौकरी के लिये पलायन कर रहे युवाओं हेतु जापान को एक अच्छे विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना। 
    • नए स्टार्टअप, इन्क्युबेशन, नए शोध, सहकारिता, जॉइंट वेंचर इत्यादि को बढ़ावा देना। 
  • सीओई की शुरुआत को लेकर आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. (डॉ.) टीएन सिंह ने कहा कि दो देशों के बीच ऐसे संबंधों से तकनीक और ज्ञान के आदान-प्रदान के नए अवसर बनते हैं। सीओई की स्थापना रोज़गार के नए अवसरों को भी जन्म देती है, जो कि भारत के विकास के लिये अत्यंत आवश्यक है। 
  • विदित है कि सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से बिहार और जापान के संबंध काफी सुदृढ़ रहे हैं। तकनीक और अकादमिक क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाकर पुराने संबंधों को ही और प्रगाढ़ कर रहे हैं। बोधगया की माटी का स्पर्श जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हमारी संस्कृति में मानी जाती है।


राजस्थान Switch to English

राज्यपाल ने विश्वविख्यात बाँसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया को प्रदान किया ‘महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार’

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को जोधपुर में राई का बाग स्थित राजमाता कृष्णाकुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल में मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट एवं स्वर सुधा, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिज हाईनेस महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविख्यात बाँसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया को ‘महाराजा हनवंतसिंह मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • राज्यपाल ने पंडित हरिप्रसाद चौरसिया को शॉल, श्रीफल और एक लाख रुपए का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया।  
  • राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गज सिंह ने बताया कि इस पुरस्कार की परंपरा रही है कि यह हमेशा राज्यपाल द्वारा ही प्रदान किया जाता रहा है।  
  • इस अवसर पर पं. हरिप्रसाद चौरसिया की दो शिष्याओं देबोप्रिया एवं सुचिस्मिता चटर्जी तथा तबला संगीतकार आशीष रागवानी (मुंबई) ने भाग लिया।  
  • राज्यपाल ने पं. हरिप्रसाद चौरसिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के खास पहलुओं की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत को जिस तरह से उन्होंने अपनी बांसुरी से समृद्ध-संपन्न किया है, वह हमारे देश की थाती है। चौरसिया ने संगीत के माधुर्य और पारंपरिक राग-संगीत की पुरातन विरासत को निरंतर संपन्न किया है।  
  • विदित है कि महाराजा हनवंतसिंह ने राजशाही के जमाने में लोकतंत्र को सुदृढ़ करने का कार्य किया था और अद्भुत कर्मयोग का परिचय देते हुए अपार लोकप्रियता पाते हुए जन-जन के प्रिय बने। 
  • इन्हीं के शासनकाल में मारवाड़ी काश्तकारी व भू-राजस्व अधिनियम को सबसे पहले प्रारंभ करने का क्रांतिकारी, प्रगतिशील कार्य हुआ, जिससे लाखों किसान एक ही दिन में अपने खेतों के स्थाई खातेदार बन गए।  
  • हनुवंतसिंह में संगीत प्रेम, भू-राजस्व, लोकतंत्र के प्रति आस्था और योगदान तथा पोलो मैच के प्रति रुझान सहित कई विलक्षणताओं का समावेश था। 

 


राजस्थान Switch to English

जन आधार योजना ने ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सोशल सेक्टर’ श्रेणी में जीता गोल्ड अवॉर्ड

चर्चा में क्यों?

5 अगस्त, 2023 को ई गवर्नेंस के ज़रिये गुड गवर्नेंस देने की राजस्थान सरकार की महत्त्वपूर्ण फ्लैगशिप जन आधार योजना ने गोवा में आयोजित तीन दिवसीय इकोनोमिक टाइम्स गवर्नमेंट डिजिटेक कॉन्क्लेव और अवॉर्ड्स 2023 में ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इन सोशल सेक्टर’श्रेणी में गोल्ड अवॉर्ड जीता है।  

प्रमुख बिंदु  

  • विभाग की ओर से यह सम्मान आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक भंवर लाल बैरवा एवं जन आधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने ग्रहण किया।  
  • उल्लेखनीय है कि यह अवॉर्ड राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित ई-गवर्नेंस पुरस्कारों में से एक है, जिसकी स्थापना ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में किये जा रहे डिजिटल प्रयोग और नवाचारों को पहचान एवं सम्मान देने के उद्देश्य से की गई है।  
  • इसकी ज्यूरी सदस्यों में केंद्र और राज्य सरकारों के वर्तमान और पूर्व तकनीकी अधिकारी सम्मिलित होते हैं। 
  • जन आधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने बताया कि जन आधार योजना को यह पुरस्कार देशभर से प्राप्त 300 से अधिक प्रविष्टियों में से मिला है।  
  • विदित है कि जनाधार एक ऐसा मूल डेटाबेस है,जिसके माध्यम से राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के पात्र लाभार्थियों को एक ही प्लेटफॉर्म के ज़रिये बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सभी लाभों का हस्तांतरण किया जाता है।  
  • जनाधार अपने डाटाबेस के माध्यम से लाभार्थियों के स्वत: सूचना (ऑटो इन्टिमेशन) और स्वत: अनुमोदन (ऑटो अप्रूवल) की सुविधा भी प्रदान करता है।


मध्य प्रदेश Switch to English

रामपुरा-मनासा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नीमच ज़िले के मनासा में विकास पर्व के कार्यक्रम में 1208 करोड़ रुपए की रामपुरा मनासा बृहद् सूक्ष्म दाबयुक्त सिंचाई परियोजना के भूमि-पूजन सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • 1208.89 करोड़ रुपए की रामपुरा-मनासा माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना में रामपुरा, मनासा, नीमच एवं जावद तहसील के कुल 215 गाँवों की 65 हज़ार 400 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।  
  • इसके लिये गांधी सागर जलाशय के डूब क्षेत्र पर सेमली आंत्री एवं ग्राम बनडा पर दो पंपिंग स्टेशनों का निर्माण कर पाईप लाइन डाली जाएगी।  
  • कुल सिंचाई क्षेत्र को 30-30 हेक्टेयर के चक में तथा प्रत्येक तीस हेक्टेयर चक को 5-5 हेक्टेयर सब चक में विभाजित कर, सिंचाई के लिये जल उपलब्ध करवाया जाएगा।  
  • किसानों की सुविधा के लिये प्रत्येक तीस हेक्टेयर के चक पर स्वचलित आउटलेट मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किये जाएंगे, जहाँ से किसानों को निर्धारित दाब से निश्चित मात्रा में सिंचाई के लिये जल उपलब्ध हो सकेगा। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शीघ्र ही 3500 करोड़ रुपए लागत की नीमच-जावद सिंचाई योजना भी प्रारंभ की जाएगी।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा में पाँच रेल परियोजनाओं की जल्द तैयार होगी फाइनल सर्वे रिपोर्ट, विकसित होगा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने चंडीगढ़ में हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कॉरपोरेशन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि राज्य में बेहतर रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिये हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कॉरपोरेशन द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट पर रेल मंत्रालय पाँच रेल विकास परियोजनाओं की जल्दी ही फाइनल सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली से महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार के बीच रेल कनेक्टिविटी, गढ़ी हरसरू-फर्रुखनगर डबल लाइन और नई डबल लाइन कनेक्टिविटी फर्रुखनगर से झज्जर तथा झज्जर-चरखी दादरी-लोहारू लाइन सहित तीन रेल परियोजनाओं की फाइनल लोकेशन सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 
  • राज्य में करनाल-यमुनानगर नई रेलवे लाइन एवं कैथल रेलवे एलिवेटेड का भी संयुक्त दौरा कर सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा।  
  • मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। इस परियोजना से पलवल, नूहं, गुरुग्राम, झज्जर एवं सोनीपत ज़िले लाभान्वित होंगे। 
  • हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के मानेसर से पातली खंड के निर्माण को चालू वित्त वर्ष में पूर्ण करने का प्रयास है।  
  • हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना में 4.7 किलोमीटर टनल, डबल कंटेनर के आवागमन, ऊँची इमारतों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सुरंग बनाने व न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड की अत्याधुनिक तकनीक से कार्य किये जा रहे है।  
  • इसके अलावा कुरुक्षेत्र में पाँच मानवयुक्त क्रासिंग खत्म करने के लिये कुरुक्षेत्र- नरवाना रेलवे लाइन पर 5.8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाने का 68 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।


झारखंड Switch to English

बोकारो में दिवंगत जगरनाथ महतो के नाम से खुलेगा मेडिकल कॉलेज

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के चंद्रपुरा में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि बोकारो में डुमरी के दिवंगत विधायक एवं प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के नाम पर जल्द ही मेडिकल कॉलेज खुलेगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज, आवासीय विद्यालय, आवासीय बालिका विद्यालय और आईटीआई कॉलेज के अलावा नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज़ पर एक विद्यालय का निर्माण कराए जाने की भी घोषणा की।  
  • गौरतलब है कि इसी वर्ष प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का 6 अप्रैल को चेन्नई में इलाज के दौरान निधन हो गया था। कोरोना के समय जगरनाथ महतो भी वायरस की चपेट में आए थे और उनका लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ था।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पंचायत स्तर पर दवा दुकान खुलेगी। इसके बाद गाँव स्तर पर भी दुकानें खुलेंगी। 


उत्तराखंड Switch to English

हृदय रोग के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को प्रति माह छह लाख रुपए मानदेय, केंद्र सरकार ने दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिये केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कॉर्डियोलॉजिस्ट सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को उच्च पैकेज (प्रति माह छह लाख रुपए मानदेय) देने की मंज़ूरी दे दी है।  

प्रमुख बिंदु 

  • पर्वतीय ज़िलों में स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिये प्रदेश सरकार ने ‘यू कोट वी पे’ फार्मूले को लागू किया है। इसके तहत विभिन्न रोग के स्पेशलिस्ट को अधिकतम चार लाख रुपए तक प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया गया है।  
  • यू कोट वी पे फार्मूले के तहत स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर भर्ती की जा रही है। तीसरे चरण के लिये आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 22 अगस्त को साक्षात्कार होंगे। फार्मूले के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात होने वाले डॉक्टरों को उच्च मानदेय दिया जाएगा। 
  • स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य के पौड़ी गढ़वाल स्थित श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब स्थापित की गई है, जहाँ पर सुपर स्पेशलिस्ट कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों को तैनाती दी जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

यूसर्क के पाँच विज्ञान चेतना केंद्रों को गोद लेगा श्रीदेव सुमन विवि

चर्चा में क्यों?

6 अगस्त, 2023 को प्रदेश में विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार व छात्रों में वैज्ञानिक रुचि के विकास के लिये उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) और टिहरी गढ़वाल के बादशाही थौल स्थित श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के बीच एमओयू किया गया।

प्रमुख बिंदु  

  • यूसर्क की निदेशक प्रो. अनीता रावत व विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं । 
  • इस समझौते के आधार पर दोनों संस्थान प्रदेश में विज्ञान शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधानों को स्तरीय बनाने का काम करेंगे।  
  • श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय यूसर्क की ओर से संचालित 200 से अधिक विज्ञान चेतना केंद्रों में से कम-से-कम पाँच केंद्रों को गोद लेकर उनमें विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों का संचालन करेगा। विद्यालय के छात्रों को अपने विश्वविद्यालय से विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करेगा। 
  • श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि इस समझौते से जहाँ विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् छात्रों को यूसर्क की वैज्ञानिक गतिविधियों का भरपूर लाभ मिलेगा, वहीं अन्य छात्र भी दोनों संस्थाओं के इस प्रयास से लाभान्वित होंगे।  

 


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