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उत्तराखंड में 1202 मोबाइल टावरों को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्रालय ने उत्तराखंड में मोबाइल कनेक्टिविटी को विस्तार देने के लिये 1202 बीएसएनएल के मोबाइल टावर को मंज़ूरी दी है। केंद्र सरकार एक मोबाइल टावर पर एक करोड़ रुपए खर्च करेगी।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 6 अगस्त को नई दिल्ली के दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक शिष्टाचार भेंट में केंद्रीय संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकृति प्रदान की।
- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को उन सभी स्थानों की सूची सौंपी है, जहाँ मोबाइल टावर लगाए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी न होने की वजह से इन इलाकों के लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- मोबाइल टावर लगाए जाने से सबसे ज़्यादा फायदा सीमांत ज़िले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी को होगा। इन ज़िलों के अलावा राज्य के अन्य पर्वतीय ज़िलों और मैदानी ज़िलों के ग्रामीण इलाकों में भी कनेक्टिविटी की समस्या दूर हो सकेगी।
- प्रस्ताव के अनुसार अल्मोड़ा में 28, बागेश्वर में 97, चमोली में 123, चंपावत में 103, देहरादून में 56, पौड़ी में 196, हरिद्वार में 06, नैनीताल में 60, पिथौरागढ़ में 245, रुद्रप्रयाग में 20, टिहरी में 114, यूएस नगर में 05, उत्तरकाशी में 149 मोबाइल टावर लगेंगे
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ज्योतिर्लिंग सर्किट से जुड़ेंगे देश के 12 ज्योतिर्लिंग
चर्चा में क्यों?
6 अगस्त, 2022 को हरिद्वार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में ज्योतिर्लिंग सर्किट बनाने की तैयारी की जा रही है। इस सर्किट के माध्यम से देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन मंत्री ने बताया कि कम अवधि में चार्टर प्लेन से देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन ज्योतिर्लिंग सर्किट के माध्यम से श्रद्धालु कर सकेंगे। इसके लिये जिन जगहों पर एयरपोर्ट हैं, वहाँ पर उन एयरपोर्ट का लाभ लिया जाएगा। वहीं कई जगहों पर हेलीकॉप्टर का भी प्रयोग किया जाएगा।
- पर्यटन मंत्री ने बताया कि ज्योतिर्लिंग सर्किट के साथ ही प्रदेश में नाथ संप्रदाय सर्किट बनाकर उसे गोरखपुर से जोड़ा जाएगा। इसके लिये उत्तर प्रदेश के साथ प्रदेश सरकार जल्द ही एमओयू साइन करेगी।
- पर्यटन मंत्री ने कहा कि पहाड़ों में नाथ संप्रदाय का बहुत प्रचार रहा है। यहाँ पर गुरु गोरखनाथ की बहुत गुफाएँ हैं। नाथ सर्किट बनाकर गोरखपुर के साथ उनका संबंध स्थापित किया जाएगा।
- जिन प्रदेशों में ज्योतिर्लिंग हैं, उन प्रदेशों से भी ज्योतिर्लिंग सर्किट बनाने की बात शुरू हो गई है। यह सर्किट केदारनाथ से शुरू होगा और जहाँ-जहाँ पर ज्योतिर्लिंग हैं, वहाँ से जोड़ा जाएगा।
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