उत्तर प्रदेश Switch to English
जैवलिन थ्रो में अन्नू रानी ने जीता कांस्य पदक
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2022 को बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में मेरठ के बहादुरपुर गाँव की महिला भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी ने महिलाओं की जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
प्रमुख बिंदु
- अन्नू रानी ने अपने तीसरे प्रयास में 60 मीटर दूर भाला फेंककर तीसरा स्थान हासिल किया। वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की केलसे ली बार्बर ने 43 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी हमवतन मैकेंजी लिटिल ने 64.27 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
- जैवलिन क्वीन के नाम से मशहूर अन्नू रानी कांस्य पदक जीतकर कॉमनवेल्थ गेम्स की जैवलिन इवेंट में यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश ही पहली महिला भाला फेंक खिलाड़ी बन गईं हैं।
- गौरतलब है कि अन्नू रानी से पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में काशीनाथ नायक और ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में क्रमश: कांस्य और स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। नायक ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में, जबकि चोपड़ा ने 2018 गोल्ड कोस्ट में पदक जीते थे।
- अन्नू रानी ने टोक्यो ओलंपिक-2021 में प्रतिभाग किया था, मगर वो पदक नहीं जीत पाई थीं। वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। इसके अलावा अन्नू रानी ने एशियन चैंपियनशिप-2019 में रजत पदक, एशियन चैंपियनशिप-2017 में कांस्य पदक, साउथ एशियन गेम्स-2016 में रजत पदक और एशियन गेम्स-2014 में कांस्य पदक जीता है।
बिहार Switch to English
बिहार की 106 साल पुरानी खगोलीय वेधशाला यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के मुज़फ्फरपुर ज़िले के लंगट सिंह कॉलेज में स्थापित 106 साल पुरानी खगोलीय वेधशाला को यूनेस्को की लुप्तप्राय धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- यह वेधशाला पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली वेधशाला है। इसकी स्थापना 1916 में उक्त कॉलेज परिसर में छात्रों को खगोलीय ज्ञान प्रदान करने के लिये की गई थी।
- लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य ओ.पी. रॉय ने बताया कि वर्ष 1946 में कॉलेज में एक तारामंडल भी स्थापित किया गया था। 1970 के बाद वेधशाला के साथ-साथ तारामंडल की स्थिति धीरे-धीरे गिरने लगी और वहाँ स्थापित अधिकांश मशीनें या तो खो गई हैं या कबाड़ में तब्दील हो गई हैं।
- यूनेस्को की लुप्तप्राय विरासत वेधशालाओं की सूची में शामिल होने के बाद अब इसे पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने की उम्मीदें जगी हैं।
- कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रो. रोमेश चंद्र सेन ने कॉलेज में खगोलीय वेधशाला स्थापित करने की पहल करते हुए फरवरी 1914 में जे मिशेल (एक खगोलशास्त्री और पश्चिम बंगाल में वेस्लेयन कॉलेज, बांकुरा के प्रिंसिपल) से परामर्श किया था। 1915 में इंग्लैंड से एक दूरबीन, खगोलीय घड़ी, क्रोनोग्राफ और अन्य उपकरण प्राप्त किये गए तथा 1916 में खगोलीय वेधशाला ने काम करना शुरू किया।
राजस्थान Switch to English
जयपुर में राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2022 को राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त महेंद्र कुमार पारख ने जयपुर के सबसे बड़े और व्यस्त मॉल वर्ल्ड ट्रेड पार्क में राजस्थान के बुनकरों और हस्तशिल्पियों को बाज़ार से जोड़ने की कड़ी में राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह का शुभारंभ किया।
- प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि नाबार्ड द्वारा राजस्थान के विभिन्न ज़िलों के बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों के उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री के लिये 7 अगस्त से 11 अगस्त तक हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सप्ताह मनाया जा रहा है।
- राष्ट्रीय हथकरघा सप्ताह के अंतर्गत राज्य के विभिन ज़िलों से आए बुनकरों, हस्तशिल्पियों द्वारा लाए गए उत्पादों के 10 स्टॉल लगाए गए हैं।
- इन स्टालों में विभिन्न उत्पाद बाड़मेर से कशीदाकारी उत्पाद, जोधपुर के सलावास की दरी, उदयपुर के पॉटरी उत्पाद, कोटा से कोटा डोरिया साड़ी, सूट, ड्रेस मटीरियल आदि, अजमेर से किशनगढ़ कला शैली के चित्र और गुलकंद उत्पाद, सीकर और अलवर से चमड़े की राजस्थानी जूती उत्पाद, अलवर की लकड़ी की पेंटिंग और जयपुर के बगरु से बगरु प्रिंट इत्यादि की बिक्री की जा रही है।
मध्य प्रदेश Switch to English
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में मध्य प्रदेश देगा 550 बिलियन डॉलर का योगदान
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की 7वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिये मध्य प्रदेश द्वारा 550 बिलियन डॉलर का योगदान दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 में ही आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप विकसित कर लिया गया था। मध्य प्रदेश ने वर्ष 2021-22 में 74 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है।
- प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत पूंजीगत व्यय कर रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 के लिये पूंजीगत व्यय हेतु 48 हज़ार 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरसों और ग्रीष्मकालीन मूंग के रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गेहूँ और धान के स्थान पर कृषि विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से दाल, रागी, जौ, मोटे अनाज, कोदो-कुटकी, रामतिल, तिल, मसाले, औषधीय फसलें, फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- इस योजना में आईटीसी, पतंजलि, देहात जैसी प्राइवेट कंपनियों से एक लाख 86 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि विविधीकरण में 13 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से दो प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई है।
- मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा देवारण्य योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें तीन वर्षों में 10 हज़ार हेक्टेयर भूमि में औषधीय पौधों का उत्पादन किया जाएगा। पिछले 5 सालों में प्रदेश में 11 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिशन मोड में बाँस उत्पादन किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये मध्य प्रदेश में राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया गया है।
- खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि फसल बीमा पंजीयन को राज्य के लैंड रिकॉर्ड से जोड़ा गया है, जिससे ओवर और डुप्लीकेट इन्श्योरेंस को रोकने में सफलता मिली है। साथ ही, बीमा भुगतान में उपज आकलन के लिये सैटेलाइट आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। प्रौद्योगिकी के इन प्रभावी उपयोग से कृषि सेक्टर में लगभग 2500 करोड़ रुपए की बचत संभावित है।
- किसानों और राजस्व अमले की सुविधा के लिये ई-गिरदावरी एप्लीकेशन लागू कर दिया गया है। किसानों को अपनी उपज का विक्रय अपने घर से उचित मूल्य पर करने के लिये ‘फार्म गेट ऐप’भी विकसित किया गया है। प्रदेश में कृषि यंत्रों में सब्सिडी का भुगतान ई-रूपी वाउचर से करने का निर्णय लिया गया है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्य प्रदेश बड़ी छलांग लगाकर देश में 5वें स्थान पर पहुँच गया है। प्रदेश में ‘एडाप्ट एन आँगनबाड़ी’अभियान से आँगनबाड़ियों के कायाकल्प में जनता को जोड़ने का सफल अभियान चलाया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सत्र 2022-23 से एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में प्रारंभ की जा रही है। साथ ही, प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक. कार्यक्रम और 6 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है।
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुशासन की दिशा में की जा रही पहलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में पहली बार प्रदेश में राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन किया गया है, जिसके द्वारा विकासखंड से लेकर राज्य स्तर तक आँकड़ों को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में 50 आकांक्षी विकासखंडों का निर्धारण कर उनके विकास का तंत्र विकसित किया गया है। प्रदेश में नई जल नीति और नई सहकारिता नीति का भी निर्माण किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर आयोजित समारोह में बुनकर तथा शिल्पी सम्मानित
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2022 को हथकरघा शिल्पियों तथा बुनकरों की कला को सम्मानित करने एवं हथकरघा उद्योग को समृद्ध करने हेतु गौहर महल में आयोजित 8वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष-2021 के लिये चयनित बाग प्रिंट शिल्पी रशीदा बी सहित अनेक बुनकरों तथा शिल्पियों को सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- प्रमुख सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्मिता भारद्वाज तथा आयुक्त सह-प्रबंध संचालक हथकरघा, संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम अनुभा श्रीवास्तव ने समारोह में बुनकरों तथा शिल्पियों को सम्मानित किया।
- समारोह में वर्ष-2021 में राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित बाग प्रिंट शिल्पी रशीदा बी को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि बाग शिल्पकार रशीदा बी का केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयन किया है। उन्हें यह पुरस्कार चादर पर बाग प्रिंट की बारीक कारीगरी पर मिलेगा।
- उन्हें धार ज़िले के ग्राम बाग में ठप्पा छपाई कला में महारत हासिल है। इससे पूर्व भी वर्ष 2012 और 2014 में उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार मिले हैं। वे बाग प्रिंट के दुनिया में मशहूर यूनिस्को पुरस्कार विजेता मास्टर शिल्पकार स्व. अब्दुल कादर खत्री की पत्नी हैं।
- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर पारंपरिक हथकरघा क्लस्टर चंदेरी में मध्य प्रदेश की स्थापत्य कला विरासत एवं धरोहरों पर की गई नक्काशी की विशिष्ट हेरीटेज डिज़ाइनों को दर्शाते हुए चंदेरी के बुनकरों द्वारा विकसित की गई साड़ियाँ, जिन पर खजुराहो मंदिर एवं साँची स्तूप डिज़ाइन एवं महेश्वर किले की डिजाइन है और सिल्क एवं ज़री के धागों से विकसित करने वाले बुनकरों को सम्मानित किया गया।
- इनमें खजुराहों मंदिर की डिज़ाइन के लिये कलावती कोली, सांची स्तूप की डिज़ाइन के लिये घनश्याम कोली, महेश्वर किले की डिज़ाइन के लिये मोहम्मद गुफरान अहमद तथा महेश्वर किले की ग्राफ डिज़ाइन के लिये मोहम्मद अब्दुल अमान को सम्मानित किया गया।
हरियाणा Switch to English
करनाल में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
6 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केंद्र में प्रतिदिन 300 से 350 युवाओं को हल्के व भारी मोटरवाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ड्राइविंग के अच्छे प्रशिक्षण से अच्छे चालक मिलेंगे व सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- गौरतलब है कि इस संस्थान का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने ही 29 मार्च, 2018 को किया था। करनाल में इस संस्थान को खोलने की घोषणा भी उन्होंने ही 14 दिसंबर, 2016 को की थी।
- लगभग 34 करोड़ रुपए की लागत से 25 एकड़ भूमि पर स्थापित यह सेंटर होंडा मोटर स्कूटर इंडिया लिमिटिड के सहयोग से स्थापित किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर तैयार इस संस्थान में ऑटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, आधुनिक प्रशिक्षण उपकरण और कंप्यूटरीकृत प्रणाली से युक्त क्लास रूम, वर्कशॉप, इंजन रूम और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बनाए गए हैं।
- यहाँ दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया, लाइट मोटर तथा भारी वाहनों के चालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। परीक्षण ट्रैक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिये इस केंद्र में एक स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी होगा।
- यह संस्थान पूरी तरह से स्वचालित होगा और इसकी कार्य प्रणाली में किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। सेंटर में दूर के छात्रों के लिये छात्रावास भी बनाया गया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक सड़क दुर्घटनाएँ चालकों के पास कौशल और सड़क नियमों के ज्ञान की कमी के कारण होती हैं। इसलिये चालक बनने के इच्छुक युवाओं को उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है।
- राज्य में चालकों के प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था के लिये राज्यभर में स्वचालित चालक प्रशिक्षण संस्थान व क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये जाएँगे। इसके तहत कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में आधुनिक सुविधाओं तथा बुनियादी ढाँचे से लैस तीन चालक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान स्थापित किये गए हैं। अशोक लीलैंड और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड जैसे मूल उपकरण निर्माता कंपनियाँ इन तीनों परियोजनाओं में भागीदार हैं।
- इनके अलावा 8 अन्य संस्थान खुलने जा रहे हैं। इनमें ज़िला भिवानी में कालूवास, नूंह में छपेड़ा, रेवाड़ी में जयसिंहपुर खेड़ा, जींद में पेगा, सोनीपत में मुरथल, यमुनानगर में औरंगाबाद, पलवल में बहिन और ज़िला फरीदाबाद में खेड़ी गुजरां शामिल हैं। ज़िला गुरुग्राम में क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
- इन संस्थानों में मोटर वाहन चलाने के लिये प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद आवेदक को संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण के समक्ष खुद को पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। इन सेंटरों की स्थापना से प्रदेश में बड़ी संख्या में बेरोज़गार युवकों को देश-विदेश में रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं। इनमें लगभग 5 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। देश में सड़क दुर्घटनाओं में हरियाणा राज्य 13वें स्थान पर है। सड़क सुरक्षा के सभी कार्यों के लिये राज्य सरकार द्वारा परिवहन विभाग, हरियाणा को लीड एजेंसी घोषित किया गया है।
- उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के कारणों का सर्वेक्षण करके और उनके कारणों को सुधार कर राज्य में हो रही इन दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाना है। सड़क सुरक्षा एक बहुआयामी विषय है। इसमें केवल मात्र सरकार की ही भूमिका नहीं है, बल्कि जनता, गैर-सरकारी संस्थाओं और उद्योगों को भी आगे आना होगा, ताकि एक सुरक्षित सड़क तंत्र स्थापित किया जा सके।
छत्तीसगढ़ Switch to English
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का किया ज़िक्र
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का ज़िक्र किया।
प्रमुख बिंदु
- नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने बैठक से संबंधित एजेंडा बिंदुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी।
- बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कंपोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है, यह किसानों के हित में अच्छी योजना है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी ज़िलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिये ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’लागू करने के साथ ही ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’गठित किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिये नवीन विकसित फसल किस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने चाहिये।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की स्थापना सहित अच्छी गुणवत्ता की अधोसंरचना, उपकरण, शैक्षिक तथा पाठ्यसहगामी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
- नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य किये गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हज़ार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू किया जाए।
- उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गई है, इसलिये जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात् भी आगामी 05 वर्षों के लिये जारी रखा जाए।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केंद्रीय बजट में छतीसगढ़ को केंद्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ रुपए कम प्राप्त हुए हैं, जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है। केंद्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णत: राज्य को दी जाए।
- मुख्यमंत्री ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपए प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें हैं। उन्होंने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहन किया जाना चाहिये। नक्सल उन्मूलन के लिये राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हज़ार 828 करोड़ रुपए को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी ज़िलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में 1202 मोबाइल टावरों को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्रालय ने उत्तराखंड में मोबाइल कनेक्टिविटी को विस्तार देने के लिये 1202 बीएसएनएल के मोबाइल टावर को मंज़ूरी दी है। केंद्र सरकार एक मोबाइल टावर पर एक करोड़ रुपए खर्च करेगी।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 6 अगस्त को नई दिल्ली के दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक शिष्टाचार भेंट में केंद्रीय संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकृति प्रदान की।
- मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को उन सभी स्थानों की सूची सौंपी है, जहाँ मोबाइल टावर लगाए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मोबाइल कनेक्टिविटी न होने की वजह से इन इलाकों के लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- मोबाइल टावर लगाए जाने से सबसे ज़्यादा फायदा सीमांत ज़िले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी को होगा। इन ज़िलों के अलावा राज्य के अन्य पर्वतीय ज़िलों और मैदानी ज़िलों के ग्रामीण इलाकों में भी कनेक्टिविटी की समस्या दूर हो सकेगी।
- प्रस्ताव के अनुसार अल्मोड़ा में 28, बागेश्वर में 97, चमोली में 123, चंपावत में 103, देहरादून में 56, पौड़ी में 196, हरिद्वार में 06, नैनीताल में 60, पिथौरागढ़ में 245, रुद्रप्रयाग में 20, टिहरी में 114, यूएस नगर में 05, उत्तरकाशी में 149 मोबाइल टावर लगेंगे
उत्तराखंड Switch to English
ज्योतिर्लिंग सर्किट से जुड़ेंगे देश के 12 ज्योतिर्लिंग
चर्चा में क्यों?
6 अगस्त, 2022 को हरिद्वार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में ज्योतिर्लिंग सर्किट बनाने की तैयारी की जा रही है। इस सर्किट के माध्यम से देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन मंत्री ने बताया कि कम अवधि में चार्टर प्लेन से देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन ज्योतिर्लिंग सर्किट के माध्यम से श्रद्धालु कर सकेंगे। इसके लिये जिन जगहों पर एयरपोर्ट हैं, वहाँ पर उन एयरपोर्ट का लाभ लिया जाएगा। वहीं कई जगहों पर हेलीकॉप्टर का भी प्रयोग किया जाएगा।
- पर्यटन मंत्री ने बताया कि ज्योतिर्लिंग सर्किट के साथ ही प्रदेश में नाथ संप्रदाय सर्किट बनाकर उसे गोरखपुर से जोड़ा जाएगा। इसके लिये उत्तर प्रदेश के साथ प्रदेश सरकार जल्द ही एमओयू साइन करेगी।
- पर्यटन मंत्री ने कहा कि पहाड़ों में नाथ संप्रदाय का बहुत प्रचार रहा है। यहाँ पर गुरु गोरखनाथ की बहुत गुफाएँ हैं। नाथ सर्किट बनाकर गोरखपुर के साथ उनका संबंध स्थापित किया जाएगा।
- जिन प्रदेशों में ज्योतिर्लिंग हैं, उन प्रदेशों से भी ज्योतिर्लिंग सर्किट बनाने की बात शुरू हो गई है। यह सर्किट केदारनाथ से शुरू होगा और जहाँ-जहाँ पर ज्योतिर्लिंग हैं, वहाँ से जोड़ा जाएगा।
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