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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

15 जनपदों में बनेंगे आवासीय संस्कृत विद्यालय

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों के रूप में विकसित किये जा रहे जनपदों में राज्य सरकार द्वारा संस्कृत भाषा के उन्नयन पर ज़ोर देने के लिये ब्रज के मथुरा और एटा समेत प्रदेश के और कई जनपदों में नवीन उत्तर मध्यमा (मध्यवर्ती स्तर के) आवासीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • मथुरा, एटा के अलावा वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन, अमेठी, मुरादाबाद, हरदोई, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट सहित कुल 15 जनपदों में नवीन आवासीय राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
  • इन विद्यालयों में छात्रों को पौरोहित्य (कर्मकांड), व्यवहारिक वास्तुशास्त्र, व्यवहारिक ज्योतिष तथा योग विज्ञानम् में एक वर्षीय डिप्लोमा मिलेगा। डिप्लोमा पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त विद्यालयों में स्ववित्तपोषित आधार पर संचालित होंगे।
  • पाठ्यक्रम एक वर्षीय तथा दो सेमेस्टर में विभाजित होगा। इंटर्नशिप के माध्यम से व्यवहारिक ज्ञान पर अधिक बल दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों में उत्तर मध्यमा (कक्षा 12वीं) या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी प्रवेश के लिये पात्र होंगे। इसमें उच्च परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी प्रवेश ले सकते हैं। प्रवेश के लिये कोई आयु सीमा नहीं होगी।
  • परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार करते हुए राज्य सरकार ने ऑनलाइन परीक्षा आवेदन, अग्रिम पंजीकरण और परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में संस्कृत विद्यालयों में परीक्षा की व्यवस्था प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया है।
  • संस्कृत विद्यालयों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाने के लिये अध्यापकों की व्यवस्था प्रबंध समिति द्वारा अपने निजी स्त्रोतों के माध्यम से की जाएगी। इन विद्यालयों को साज-सज्जा और फर्नीचर इत्यादि के लिये धनराशि भी प्रथम बार दी जाएगी। सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये प्रथम बार पारदर्शी चयन प्रक्रिया होगी।
  • प्रदेश सरकार ने नवीन संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता देना भी प्रारंभ किया है। ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश में 48 संस्थाओं को नवीन मान्यता प्रदान की गई है।
  • राजकीय और सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये निशुल्क पाठ्यपुस्तकों और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था कराई गई है।
  • पारंपरिक विषयों के साथ आधुनिक विषयों एवं एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम का समावेश करते हुए संस्कृत शिक्षा के आधुनिकीकरण व प्रसार के लिये संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में नवीन पाठ्यक्रम लागू किया गया है।
  • वर्तमान में पूरे राज्य में केवल एक राजकीय संस्कृत माध्यमिक और एक राजकीय संस्कृत डिग्री कॉलेज संचालित है। इसके अलावा संस्कृत की पढ़ाई करवाने वाले अन्य सभी संस्थान निजी तौर पर चलाए जा रहे हैं।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संस्कृत स्कूलों को खोलने की घोषणा 2023-24 के बजट में की गई थी। इसके लिये बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश के 10 महाविद्यालय स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षा के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के 10 राजकीय स्नातक महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत कर नवीन विषय शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रस्ताव के अनुसार, राजकीय महाविद्यालय देशनोक बीकानेर, राजकीय महाविद्यालय खाजूवाला बीकानेर, वीर शिरोमणि राव देवराज राठौड़ राजकीय महाविद्यालय शेरगढ़ जोधपुर, राजकीय महाविद्यालय जमवारामगढ़ जयपुर, राजकीय महाविद्यालय सैंपऊ धौलपुर, राजकीय महाविद्यालय मांगरोल बारां, राजकीय महाविद्यालय उच्चौन भरतपुर, राजकीय महाविद्यालय मंगलाना नागौर, राजकीय महाविद्यालय मारवाड़ जंक्शन पाली तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय पीपलू टोंक में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन विषय शुरू किये जाएंगे।
  • इन विषयों के संचालन के लिये सहायक आचार्य के 20 तथा प्रयोगशाला सहायक व प्रयोगशाला वाहक के 3-3 पदों सहित कुल 26 पदों का सृजन होगा।
  • मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र का विकास होगा और विद्यार्थियों को अपने पसंदीदा विषय का अध्ययन नजदीक ही करने के अवसर मिलेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट 2023-24 के वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान इसके संबंध में घोषणा की थी।

राजस्थान Switch to English

होमगार्ड स्वयंसेवकों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिये समिति का होगा गठन

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान गृह रक्षा के स्वयंसेवकों को उत्तम सुविधाएँ देने तथा उनकी समस्याओं के समाधान हेतु समिति गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

  • प्रमुख बिंदु
  • प्रस्ताव के अनुसार यह समिति गृह रक्षा के निदेशालय स्तर पर गठित की जाएगी। गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव इसके अध्यक्ष होंगे।
  • महानिदेशक एवं महासमादेष्टा (कमांडेंट जनरल), गृह रक्षा तथा महानिरीक्षक पुलिस गृह रक्षा इस समिति के सदस्य होंगे। गृह विभाग के शासन सचिव इस समिति में सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
  • यह समिति गृह रक्षा स्वयंसेवकों का 12 माह नियोजन किये जाने, मानदेय पुलिस आरक्षी के समान दिए जाने, महँगाई भत्ता व ईएसआई/पीएफ सुविधा दिये जाने तथा गृह रक्षा स्वयंसेवकों को समय-समय पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निवारण संबंधी कार्य करेगी।
  • समिति गठन के अलावा, राजस्थान गृह रक्षा स्वयंसेवकों की अनुबंध अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष किये जाने की स्वीकृति भी दी गई है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने मई 2023 में जयपुर स्थित नवनिर्मित होमगार्ड मुख्यालय के लोकार्पण समारोह के दौरान यह घोषणा की थी। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य क्षेत्र कंपनी द्वारा नवीन विद्युत कनेक्शन के लिये ‘सरल संयोजन पोर्टल’शुरू

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को नवीन बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने हेतु ‘सरल संयोजन पोर्टल’को शुरू किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • कंपनी द्वारा इस पोर्टल से अभी तक 10 आवेदकों को समस्त प्रक्रियाएँ पूर्ण कर आवश्यक दस्तावेज़ों सहित नये बिजली कनेक्शन के लिये ऑनलाइन आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर ही नया बिजली कनेक्शन दे दिया गया है।
  • इस पोर्टल से आवेदन अपूर्ण होने की स्थिति में कंपनी द्वारा आवेदक को एसएमएस से आवेदन पूर्ण करने का एक अवसर भी प्रदान किया जा रहा है। उपभोक्ता द्वारा इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के बाद उसकी स्थिति को भी देखा जा सकेगा एवं उपभोक्ता को नया कनेक्शन लेने के लिये कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है।
  • ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को नया बिजली कनेक्शन सुगमता से मिले इसके लिये कंपनी द्वारा नवीन पोर्टल ‘सरल संयोजन पोर्टल’का क्रियान्वयन शुरू कर विधिवत पूर्ण आवेदन पर बहुत ही कम समय में नवीन कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • अब उपभोक्ताओं को नवीन कनेक्शन के आवेदन के लिये सभी जरूरी जानकारी भरने के साथ ही डिमांड नोट का ऑनलाइन भुगतान करने बाद अनुबंध की शर्तें दिखाई देंगी, जिन्हें स्वीकार करने पर पोर्टल में स्वत: ही अनुबंध क्रियान्वित हो जाएगा।
  • आवेदकों को इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के साथ स्वयं का फोटो, पहचान पत्र, स्वामित्व संबंधी दस्तावेज़ तथा टेस्ट रिपोर्ट आदि अपलोड करना आवश्यक होगा।
  • इस पोर्टल से आवेदक को अपूर्ण आवेदन होने की स्थिति में रिजेक्शन होने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के अतिरिक्त अन्य जमा शुल्क राशि ऑनलाइन माध्यम से खाते में तुरंत वापस कर दी जाएगी।

हरियाणा Switch to English

राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में 1371.91 करोड़ रुपए की वार्षिक कार्य योजनाओं की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में वर्ष 2023-24 की विभिन्न योजनाओं के लिये 1371.91 करोड़ रुपए की वार्षिक कार्य योजनाओं को स्वीकृति दी गई।

प्रमुख बिंदु 

  • इनमें कृषि एवं किसान कल्याण, बागवानी विभाग, चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हरियाणा राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड, सैंट्रल सॉयल सेलिनिटी रिसर्च इंस्टीच्यूट करनाल, भारतीय गेहूँ एवं बाजरा रिसर्च संस्थान करनाल की विभिन्न योजनाएँ शामिल है।
  • बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा उचानी के बायोपेस्टीसाईड लेबोरेटरी को सुदृढ़ और नया नेचुरल फार्मिंग पेस्टीसाइड प्रोडक्शन यूनिट विकसित किया जाएगा।
  • इसके अलावा एडवांस सॉयल टेस्टिंग लेबोरेटरी एवं वर्मी कंपोस्ट प्रदर्शन युनिट लगाई जाएगी।
  • भारतीय गेहूँ एवं बाजरा रिसर्च संस्थान द्वारा छोटे एवं मध्यम दर्जे के किसानों की आय में वृद्धि करने के लिये गेहूँ आधारित एग्री प्रेन्यूरशिप सेंटर स्थापित किया जाएगा तथा नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
  • कृषि विभाग द्वारा जैविक कृषि को बढ़ावा देने पर कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, मिट्टी का निष्पादन एवं जल संरक्षण क्रियान्वयन को लेकर भी बेहतर कार्य किया जाएगा।
  • मुख्य सचिव ने बताया कि सीएसएसआरआई करनाल द्वारा किसानों के खेतों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत गाँवों में भूजल को रिचार्ज करने के लिये बेहतर ढाँचा तैयार किया जाएगा। साथ ही, लवणीय भूमि पर किसानों को खजूर की खेती करने के लिये स्थायी प्रोडक्शन सिस्टम भी विकसित किये जाएंगें।
  • उन्होंने बताया कि कृषि वैज्ञानिक कम लागत और कम पानी की कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम वैरायटी विकसित कर किसानों से शेयर करें ताकि किसान उनका लाभ उठाकर आर्थिक रूप से सशक्त एवं मजबूत बन सके।
  • बागवानी विभाग द्वारा किसानों को बागवानी की ओर अग्रसर करने के लिये 7 स्थानों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें भूना में अमरूद, घरौंडा में सब्जी, सीएसटीएफ लाडवा, पीटीसी शरमगढ़, आईएचडीसी सुनद्रह, होडल तथा पिनंगवा प्रशिक्षण एवं सुविधा केंद्र शामिल हैं।
  • राज्य में सफल आर्गेनिक किसान फार्म एवं बागवानी फार्मों की शॉर्ट वीडियो फिल्म बनाकर किसानों से साझा करें ताकि अन्य किसान उनसे प्रोत्साहित होकर नवीनतम बागवानी एवं कृषि फसलों की ओर अग्रसर हो सकें।
  • कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों के लिये समुदाय आधारित जल संवहन प्रणाली, स्प्रे प्रशिक्षण, डिजिटल लेब की क्षमता बढ़ाने और मजबूत करने पर कार्य किया जाएगा।
  • इसके अलावा परंपरागत कृषि विकास योजना, हर बूंद का उपयोग और अधिक फसल तथा किसानों के लिये कस्टम हायरिंग, हाईटेक, हाई प्रोडेक्टिव इक्विपमेंट मुहैया कराने पर विशेष बल दिया जाएगा।
  • साथ ही, नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन मिशन, नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल सीडस एण्ड सर्टिफाईड सीड्स, नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन पर विस्तार से कार्य किया जाएगा।
  • बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं के डीपीआर बेस्ड प्रोजेक्ट, वार्षिक कार्य योजना, सॉयल हेल्थ फर्टिलिटी, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, एग्रो फोरेस्ट्री, पीएमडीसी, एसएमएएम, सीआरएम योजनाओं की वार्षिक कार्य योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।


झारखंड Switch to English

राँची के स्मार्ट सिटी में बनेगा ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड की राजधानी राँची के धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी की सवा चार एकड़ ज़मीन पर देश का 11वाँ ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बनने का रास्ता साफ हो गया है। पार्क के निर्माण पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • शहर में सड़कों पर यातायात का बोझ बढ़ता जा रहा है, लेकिन उस अनुपात में ट्रेंड ड्राइवर नहीं हैं। यही वजह है कि राज्य में रोजाना 10 लोगों की मौत सड़क हादसे में हो रही है। इसलिये ही यहाँ ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है।
  • ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क के बनने से वाहन चलाने के तरीके, ट्रैफिक से जुड़े चिह्न और नियमों की जानकारी बच्चों व उनके अभिभावकों को मिल सकेगी।
  • वहीं, अंडरपास, सिग्नल, रेलवे फाटक व सड़क के तीखे मोड़ सहित अन्य स्थानों पर लगे साइन बोर्ड, विभिन्न प्रकार के गाड़ियों की गति कहाँ पर क्या होनी चाहिये व वाहनों के ओवरटेक करने से होने वाले नुकसान संबंधी जानकारी ट्रैफिक पार्क में आसानी से मिलेगी।
  • पार्क में बच्चों के मनोरंजन के भी साधन होंगे। खेलकूद व बैटरी वाहन की व्यवस्था होगी। बैटरी गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल की महत्ता की भी जानकारी बच्चों को दी जाएगी।
  • विदित है कि पूर्व में परिवहन विभाग ने यह पार्क हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (एचइसी) द्वारा आवंटित ज़मीन पर बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिये डीपीआर तैयार कराने के बाद टेंडर निकाल कर संवेदक को कार्य आवंटित कर दिया गया था। लेकिन, छह माह पूर्व जिस दिन कार्य शुरू होना था, उसी दिन एचइसी ने विरोध दर्ज कराते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी।
  • इसके बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बनाने के लिये जमीन देने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया था।


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश के आयुर्वेद छात्रों के लिये जापान-जर्मनी में खुले नौकरी के द्वार

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार जापान व जर्मनी से नर्सिंग और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में नौकरी के लिये उत्तराखंड के आयुर्वेद नर्सिंग, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म कोर्स में पासआउट छात्रों या प्रशिक्षित युवाओं की मांग का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को मिला है, जिससे वहाँ उनके लिये नौकरी के द्वार खुले गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड द्वारा आयुर्वेद कॉलेजों से नर्सिंग, योग, पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा पाठ्यक्रम में पासआउट छात्रों का ब्योरा भेजा गया है, जिन्हें कौशल एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें विदेशों में नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इसके लिये भारतीय चिकित्सा परिषद से मान्यता प्राप्त 25 निजी आयुर्वेद व पैरामेडिकल कॉलेजों से छात्रों की सूची मांगी गई है। इस संबंध में कॉलेजों को पत्र जारी किया गया।
  • आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने भी परिषद को आयुर्वेद छात्रों को कौशल एवं सेवायोजन विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण देकर विदेशों में नौकरी के अवसर दिलाने के दिशा निर्देश दिये हैं।
  • परिषद की रजिस्ट्रार नवर्दा गुसाईं ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा में सुधार लाने के लिये नर्सिंग, पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा कोर्स में नये सत्र से नवीन पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। जल्द ही परिषद की ओर से सभी कॉलेजों को पाठ्यक्रम पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • इसके अलावा इसी महीने के अंत से परीक्षाएँ शुरू की जाएंगी। जल्द ही परिषद की ओर से परीक्षा तिथि घोषित की जाएगी। परीक्षा के लिये नया पैटर्न तैयार किया गया है।


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