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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Jul 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने 1800 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के सिगरा स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में 1800 करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 590 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें वाराणसी स्मार्ट सिटी एवं शहरी परियोजनाओं के तहत आने वाली कई पहल शामिल हैं।
  • इसी तरह प्रधानमंत्री ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। इनमें सड़क अवसंरचना से जुड़ी विभिन्न परियोजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं से शहर और ग्रामीण सड़कों पर यातायात के भार को कम करने में काफी मदद मिलेगी।
  • इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक से सहायता प्राप्त ‘उत्तर प्रदेश गरीब समर्थक पर्यटन विकास परियोजना’ के तहत सारनाथ बौद्ध सर्किट के विकास कार्य, अष्टविनायक के लिये पवनपथ का निर्माण, द्वादश ज्योतिर्ल़िग यात्रा, अष्टभैरव, नवगौरी यात्रा,  पंचकोसी परिक्रमा यात्रा मार्ग में पाँच पड़ावों के पर्यटन विकास कार्य और पुरानी काशी में विभिन्न वार्डों में पर्यटन विकास के कार्य सहित विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
  • इसके अलावा प्रधानमंत्री ने सिगरा में स्पोर्ट्स स्टेडियम के पुनर्विकास कार्यों के प्रथम चरण का शिलान्यास  भी किया।

राजस्थान Switch to English

‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ (दी फोक डांसेज ऑफ राजस्थान) पुस्तक

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने अपनी पुस्तक ‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ एवं उसका अंग्रेज़ी अनुवाद ‘दी फोक डांसेज ऑफ राजस्थान’ की प्रथम प्रति भेंट की।

प्रमुख बिंदु

  • निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने बताया कि ‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ पुस्तक में राजस्थान के लोकनृत्यों, लोकगायन एवं लोकवादन की परंपरा के बारे में शोधपरक जानकारियाँ शामिल की गई हैं।
  • इस पुस्तक में राजस्थान के तेरहताली, घूमर, चरी, कालबेलिया, चकरी, भवाई, जसनाथी, धाकड़, गींदड, वीर तेजाजी, कच्छी घोड़ी, कथौड़ी, भील, गरासिया, गैर, चंग, बम, ढोल एवं शूकर लोकनृत्य सम्मिलित हैं।
  • पुस्तक में मांड, मांगणियार एवं लांगुरिया गायन, तुर्रा कलंगी, कुचामणि ख्याल एवं गवरी लोकनाट्य, सहरिया एवं टूंटिया स्वांग, बीकानेर की रम्मतें, राजस्थान की नट परंपरा, कठपुतली नृत्य कला एवं राजस्थान के लोक वाद्य यंत्रों का विषद विवेचन किया गया है।

राजस्थान Switch to English

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को समूचे प्रदेश में लागू करने के लिये बैठक आयोजित

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2022 को ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ को समूचे राजस्थान में लागू करने के संदर्भ में महिला एवं बाल विकास, बाल आधिकारिता तथा आयोजना मंत्री ममता भूपेश की अध्यक्षता में चिल्ड्रेंस इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीआईएफएफ) तथा सहयोगी संस्था आईपीई ग्लोबल के साथ बैठक आयोजित की गई।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि बजट 2022-23 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ को संपूर्ण राजस्थान की महिलाओं के लिये लागू करने की घोषणा के अनुसार आने वाले समय में इस योजना को पूरे राजस्थान में लागू किया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत द्वितीय संतान के जन्म पर 6 हज़ार रुपए की राशि महिलाओं को जच्चा-बच्चा पोषण और अच्छे स्वास्थ्य के लिये दी जाती है। यह राशि सीधे ही महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जाती है। यह राजस्थान सरकार का समूचे देश में अनूठा नवाचार है।
  • राज्य के टीएसपी क्षेत्र के पाँच ज़िलों में जहाँ अति कुपोषित बच्चों की संख्या ज़्यादा थी, वहाँ पिछले साल से ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ को चलाया गया है। योजना को संचालित करने में सीआईएफएफ और आईपी ग्लोबल संस्था सहयोग प्रदान कर रही है।
  • गौरतलब है कि राजस्थान सरकार के अलग-अलग विभागों में महिलाओं एवं बच्चों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग के उद्देश्य से चिल्ड्रेंस इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीआईएफएफ) राजस्थान सरकार के साथ अनुबंध के आधार पर कार्य कर रही है।  
  • इसके अंतर्गत सीआईएफएफ के माध्यम से सहयोगी संस्था आईपीई ग्लोबल राजपुष्ट कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग को ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ एवं ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण’ के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहा है।

मध्य प्रदेश Switch to English

पुलिसकर्मियों को पुन: मिलेंगे ‘रुस्तमजी अवार्ड’

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के उत्कृष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को ‘रुस्तमजी अवार्ड’ पुन: प्रदान करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • गृह मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 61 पुलिसकर्मियों को 3 श्रेणी में यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा, जिनमें 50 हज़ार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि शामिल होगी।
  • नक्सल विरोधी अभियानों, आतंकवाद विरोधी गतिविधियों, सांप्रदायिक तनाव और कानून-व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
  • पुरस्कार की ‘परम विशिष्ट’ श्रेणी में 5 पुरस्कार 5-5 लाख रुपए, ‘अति विशिष्ट’ श्रेणी में 6 पुरस्कार 2-2 लाख रुपए तथा ‘विशिष्ट’ श्रेणी के 50-50 हज़ार रुपए के 50 पुरस्कार के साथ प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि रुस्तमजी अवार्ड प्रदेश में दो साल से बंद था। इस अवार्ड के अंतर्गत तीन श्रेणियाँ होती हैं। इसमें परम विशिष्ट, अति विशिष्ट और विशिष्ट श्रेणी के लिये नकद पुरस्कार और प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं।

हरियाणा Switch to English

पशुओं के नस्ली विकास के लिये हरियाणा ब्राज़ील के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2022 को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण और पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जे.पी. दलाल ने राज्य में ब्राज़ील के सहयोग से पशुओं की नस्लों के विकास के लिये एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की जानकारी दी।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि जे.पी. दलाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ब्राज़ील दौरे पर है। ब्राज़ीलिया शहर में इस प्रतिनिधिमंडल ने गिर एसोसिएशन के अध्यक्ष और उनकी टीम के सदस्यों के साथ बातचीत करने के बाद बताया कि ब्राज़ील के गिर एसोसिएशन ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के माध्यम से हरियाणा राज्य से मुर्रा भैंस जर्मप्लाज़्म के आयात के लिये इच्छा जताई है।
  • बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एबीसीजेड के सदस्यों के साथ हरियाणा में गिर पशुओं के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की और जानकारी हासिल की।
  • प्रतिनिधिमंडल ने ब्राज़ीलिया के पास अलेक्जेंड्रिओ ज़िले में मोटम गिर हट फार्म का दौरा किया, जो कि 1500 से अधिक अच्छी गुणवत्ता वाली गिर गायों वाले सबसे बड़े गिर फार्म में से एक है।
  • प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रजनन, पोषण और कृषि प्रबंधन प्रेक्टिस में पालन की जा रही, डेयरी प्रथाओं की जानकारी ली गई और उनका अध्ययन किया गया।
  • जे.पी. दलाल ब्राज़ील के कृषि, पशुधन और आपूर्ति मंत्रालय के व्यापार एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध सचिव जीन मार्सेल फर्नांडीस से डेयरी विकास और पशुओं की नस्लों के सुधार के क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और मज़बूत करने पर सहमत हुए। इसमें सूचनाओं और अनुभवों का आदान-प्रदान, एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ईटीटी) और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी तकनीकों के संयुक्त अनुसंधान का आदान-प्रदान तथा आनुवंशिक सामग्री और जर्मप्लाज़्म का आदान-प्रदान शामिल हैं।
  • उन्होंने जुइज डे फोरा में एंब्रापा पशु डेयरी (एंब्रापा गाडो डी लेइट) अनुसंधान केंद्र का भी दौरा किया और सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा भी की।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद के अहम निर्णय

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022’ के अनुमोदन के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिये ‘छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022’ का अनुमोदन किया गया।
    • इस नीति से छत्तीसगढ़ के नागरिकों को बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम से राहत मिलेगी, वहीं पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भागीदारी सुनिश्चित होगी।
    • इस नीति में कमर्शियल एवं नॉन-कमर्शियल दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के परिचालन को बढ़ावा देना शामिल है।
    • इसके तहत राज्य में दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया, मालवाहक, यात्रीवाहन एवं अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर विभिन्न छूट एवं सुविधाएँ मिलेंगी।
    • इस नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों की आसान चार्ज़िंग सुविधा उपलब्ध कराने हेतु चार्ज़िंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। ईवी मालिकों को नेशनल और स्टेट हाइवे में एक निश्चित अंतराल पर चार्ज़िंग पॉइंट उपलब्ध होंगे।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और राज्य में दलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अरहर, उड़द एवं मूंग फसलों का उपार्जन किया जाएगा। इसके लिये दिशा-निर्देश जारी किये गए।
  • बैठक में बिज़ली बिल हाफ योजना का विस्तार करते हुए, इसमें- ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना’ के तहत स्थापित किये जा रहे, गोठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया।
    • प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक विद्युत की खपत पर देय बिज़ली बिल की राशि को आधा किये जाने की योजना को विस्तार करते हुए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना’ के तहत स्थापित किये जा रहे गोठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क में राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदाय किये गए विद्युत कनेक्शन हेतु विद्युत देयक में 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया गया।
  • छत्तीसगढ़ के निवास प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया को और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया, ताकि राज्य के बाहर के लोग इसका अनावश्यक लाभ न उठा सकें। इसके लिये पूर्व निर्धारित प्रावधानों में संशोधन का निर्णय लिया गया।
    • इसके तहत किसी संस्था में प्रवेश के लिये अथवा शासन के अधीन सेवा के लिये निर्धारित योग्यता के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य की किसी शैक्षणिक संस्था से कक्षा 8वीं की परीक्षा के स्थान पर पहली, चौथी और पाँचवी कक्षा की परीक्षा को शामिल किया गया है।
    • अन्य मामलों में भी पहली, चौथी, पाँचवी की परीक्षा शैक्षणिक योग्यता में जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य में मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य की औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पंज आयरन एंड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण का निर्णय लिया गया।
  • ‘गोधन न्याय योजना’ अंतर्गत प्रदेश के गोठानों में जन-भागीदारिता हेतु गोठान प्रबंधन समितियों का चयनित एनजीआई और एनजीओ के माध्यम से केंद्र प्रवर्तित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजना के प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान करने एवं गोठान के विकास तथा रख-रखाव के लिये गोधन न्याय योजना के अंतर्गत बजट प्रावधान में से 3 प्रतिशत राशि प्रशासकीय मद में निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।
  • गोठानों से संबद्ध स्व-सहायता समूहों एवं प्राथमिक सहकारी समितियों को कंपोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और वार्षिक कंपोस्ट विक्रय पर बोनस राशि प्रदाय करने का निर्णय लिया गया।
  • खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राईस मिलों को प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने के संबंध में निर्णय लिया गया कि प्रोत्साहन की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कस्टम मिलिंग शुल्क के साथ किया जाएगा तथा शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान केंद्रीय पूल में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ण मात्रा के जमा होने के पश्चात् किया जाएगा।
  • छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) (पेसा) नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 20वाँ वार्षिक प्रतिवेदन (1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक की अवधि) का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ में मोलासिस (शीरा) के उपयोग को विनियमित करने के लिये छत्तीसगढ़ मोलासिस (शीरा) नियंत्रण एवं विनियमन नियम-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन तथा राजीव मितान क्लब योजना हेतु उपकर राशि लिये जाने हेतु छत्तीसगढ़ उपकर (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘गोधन न्याय योजना’ और ‘राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना’ के हितग्राहियों को राशि वितरण'

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ के हितग्राहियों को राशि वितरण और ‘राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना’ के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि का वितरण किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गोठानों से जुड़े महिला समूहों और गोठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
  • इस राशि में से 15 जून से 30 जून तक राज्य के गोठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए गोबर की एवज में 69 करोड़ रुपए का भुगतान और गोठान समितियों को 4.31 करोड़ रुपए तथा महिला समूहों को 2.84 करोड़ रुपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया।
  • इसी तरह उन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को 63 लाख रुपए की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों के खाते में किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता से प्रदेश में गोठानों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। योजना के तहत अब तक 75 लाख 38 हज़ार रुपए क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है तथा गोठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर की एवज में 75 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
  • गोठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 19 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हज़ार रुपए से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है।
  • इस योजना से 1 लाख 33 हज़ार रुपए से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। गोठानों की आजीविका गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 72 करोड़ 19 लाख रुपए की आय प्राप्त की है।
  • मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को गाँवों के आँगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था के लिये कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
  • इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारू पशुपालन के लिये प्रोत्साहित होंगे, गो-माता की सेवा होगी तथा ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अलग-अलग गाँवों में दूध का अलग-अलग रेट हितग्राहियों को मिल रहा है। आँगनबाड़ी और स्कूलों में दूध वितरण की व्यवस्था से दूध के रेट में एकरूपता आएगी।
  • उन्होंने कहा कि गोठानों में डेयरी व्यवसाय कर रहे हितग्राहियों को छह माह बाद एक अतिरिक्त गाय अन्य योजना से दी जाएगी।
  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश के 3089 गोठान स्वावलंबी हो चुके हैं। गोठानों में अब तक 16 लाख 43 हज़ार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है, इसमें से 13 लाख 69 हज़ार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का वितरण किसानों और विभिन्न विभागों को किया जा चुका है। 89 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट गोठानों में उपलब्ध है।
  • गोठानों में वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन रासायनिक खादों की कमी से निपटने में काफी हद तक मदद करेगा। लगभग 2 लाख 94 हज़ार किसानों ने वर्मी कंपोस्ट लिया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

बी-स्पोक पॉलिसी के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन पैकेज अनुमोदित

चर्चा में क्यों?

7 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस्पात (स्पंज आयरन एंड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • छत्तीसगढ़ में मेगा और अल्ट्रामेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य की औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है।
  • गौरतलब है कि इस निर्णय से छत्तीसगढ़ में स्टील आधारित इकाईयों की स्थापना के लिये 91 संस्थानों द्वारा पूर्व में राज्य शासन के साथ किये गए एमओयू के तहत स्थापित होने वाली इकाईयों हेतु बी-स्पोक पॉलिसी के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन पैकेज का लाभ मिलेगा।
  • मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार 91 संस्थानों ने स्टील पर आधारित इकाईयों की स्थापना हेतु राज्य सरकार के साथ पूर्व में एमओयू निष्पादित किये हैं। इन इकाईयों की स्थापना से राज्य में लगभग 49 हज़ार 115 करोड़ रुपए का निवेश और लगभग 57 हज़ार 566 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होने की संभावना है।
  • एक आकलन के मुताबिक इन इकाईयों की स्थापना से राज्य को आगामी 10 वर्षों में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होना संभावित है।
  • उल्लेखनीय है कि पूर्व में 10 इकाईयों हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज निर्धारित किया गया था, जिनका निवेश 4274 करोड़ रुपए एवं रोजगार 5515 संभावित है।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया ‘स्टार्ट-अप ग्रांड चैलेंज’ के प्रतिभागियों को सम्मानित'

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित ‘स्टार्ट-अप ग्रांड चैलेंज’ कार्यक्रम में 10 प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इन्वेस्ट इंडिया द्वारा तैयार की गई वेलनेस रिपोर्ट का विमोचन भी किया।

प्रमुख बिंदु

  • स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के 10 युवा प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ नवाचार आइडिया का ग्रैंड चैलेंज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरूप 50-50 हज़ार रुपए की राशि दी गई।
  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने स्टार्ट-अप उत्तराखंड के तहत ‘आइडिया ग्रेट चैलेंज’ के रूप में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए तथा स्टार्ट-अप को एक साल तक दिया जाने वाला मासिक भत्ता 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए करने की घोषणा की।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी द्वारा एससी, एसटी, दिव्यांग और महिलाओं को दिया जाने वाला मासिक भत्ता 15 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 20 हज़ार रुपए किये जाने की घोषणा की गई।

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