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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में उत्तर प्रदेश 8वें स्थान पर

चर्चा में क्यों?

7 जून, 2022 को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का चौथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) जारी किया, जिसमें उत्तर प्रदेश को 8वाँ स्थान मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • मंडाविया ने एफएसएसएआई द्वारा ईट राइट रिसर्च अवार्ड्स और ग्रांट्स फेज-II, ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज फेज-III, स्कूल स्तर पर एक प्रतियोगिता सहित विभिन्न नवीन पहलों की शुरुआत की।
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में 17 बड़े राज्यों के बीच तमिलनाडु 82 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि गुजरात 77.5 अंकों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 70 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • बड़े राज्यों की श्रेणी में उत्तर प्रदेश तथा ओडिशा 54.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से 5वें स्थान पर हैं।
  • छोटे राज्यों में गोवा ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी, जबकि मणिपुर और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने शीर्ष तीन रैंक हासिल की।
  • गौरतलब है कि राज्यों को खाद्य सुरक्षा के पाँच मानकों- मानव संसाधन और संस्थागत डेटा, अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण व उपभोक्ता सशक्तीकरण पर आँका गया है।
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2018-19 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिक तंत्र में एक प्रतिस्पर्धी और सकारात्मक बदलाव लाना था। नागरिकों के लिये सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रेरित करने के लिये भी यह कदम उठाया गया था।

बिहार Switch to English

देश के सबसे बड़े स्टील ब्रिज के रूप में शुमार हुआ गांधी सेतु

चर्चा में क्यों?

7 जून, 2022 को बिहार राज्य के पटना में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और राज्य के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी छोर का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • देश में 35 साल तक सबसे लंबा पुल रहे महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन 5 साल बाद बनकर तैयार हुआ है।
  • यह सेतु पटना से लेकर उत्तरी बिहार के लिये लाइफ लाइन होगा, अब 15 मिनट में ही पटना से वैशाली की दूरी तय हो जाएगी।
  • इसे सीमेंटेड की जगह स्टील से बनाया गया है। यह सेतु देश का सबसे बड़ा स्टील ब्रिज है। यह 5.6 किमी. लंबा है।
  • इस तरह का स्टील ब्रिज देश में पहली बार बनकर तैयार हुआ है। इसके निर्माण में 67 हज़ार टन लोहे का इस्तेमाल हुआ है।
  • विदित है कि महात्मा गांधी सेतु को 13,585 करोड़ रुपए की लागत से 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत तैयार किया गया है।

राजस्थान Switch to English

नवीन उप-तहसील बार तथा टोडरा के सृजन के प्रस्ताव को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों? 

7 जून, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजसमंद ज़िले के बार (तहसील भीम) तथा सवाई माधोपुर ज़िले के टोडरा (तहसील सवाई माधोपुर) को नवीन उप-तहसील बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। 

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के विस्तार संबंधी घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने नियमों में शिथिलता देते हुए यह स्वीकृति प्रदान की है।  
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से लोगों को स्थानीय स्तर पर ही राजस्व कार्यों के निस्तारण में सुगमता होगी। 
  • नवीन उप-तहसील बार में 2 भू-अभिलेख निरीक्षक वृत्त, 7 पटवार मंडल तथा 36 राजस्व ग्राम तथा नवीन उप-तहसील टोडरा में 3 भू-अभिलेख निरीक्षक वृत्त, 11 पटवार मंडल और 51 राजस्व ग्राम शामिल होंगे। 
  • गौरतलब है कि 6 जून, 2022 को मुख्यमंत्री ने सीकर ज़िले की पाटन तथा रींगस उप-तहसील को भी तहसील में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। 

राजस्थान Switch to English

खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में राजस्थान 10वें स्थान पर

चर्चा में क्यों? 

7 जून, 2022 को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का चौथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) जारी किया, जिसमें राजस्थान को 10वाँ स्थान मिला है। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंडाविया ने एफएसएसएआई द्वारा ईट राइट रिसर्च अवार्ड्स और ग्रांट्स फेज-II, ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज फेज-III, स्कूल स्तर पर एक प्रतियोगिता सहित विभिन्न नवीन पहलों की शुरुआत की। 
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में 17 बड़े राज्यों के बीच तमिलनाडु 82 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि गुजरात 77.5 अंकों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 70 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है 
  • बड़े राज्यों की श्रेणी में राजस्थान 50.5 अंकों के साथ 10वें स्थान पर है।    
  • छोटे राज्यों में गोवा ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी, जबकि मणिपुर और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने शीर्ष तीन रैंक हासिल की।   
  • गौरतलब है कि राज्यों को खाद्य सुरक्षा के पाँच मानकों- मानव संसाधन और संस्थागत डेटा, अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण क्षमता निर्माण और उपभोक्ता सशक्तीकरण पर आँका गया है।  
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिक तंत्र में एक प्रतिस्पर्धी और सकारात्मक बदलाव लाना था। नागरिकों के लिये सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रेरित करने के लिये भी यह कदम उठाया गया था। 

राजस्थान Switch to English

अवनी लेखरा ने पैरा-शूटिंग वर्ल्ड कप में जीता गोल्ड

चर्चा में क्यों? 

7 जून, 2022 को भारत की स्टार पैरा-शूटर टोक्यो पैरालंपिक्स चैंपियन अवनी लेखरा ने फ्राँस के चेटियारो में पैरा-शूटिंग वर्ल्ड कप में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल में विश्व रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। 

प्रमुख बिंदु 

  • जयपुर की 20 साल की अवनी ने महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में 250.6 अंकों के साथ यह गोल्ड जीता है। इस जीत के साथ ही उन्होंने 2024 के पेरिस पैरालंपिक्स में जगह बना ली है।  
  • अवनी ने 249.6 के अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।   
  • गौरतलब है कि अवनि ने पिछले साल अगस्त में टोक्यो पैरालंपिक में एसएच 1 वर्ग में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन एसएच 1 स्पर्धा में भी कांस्य पदक जीता और पैरालंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाली भारत की पहली पैरा एथलीट हैं। 

मध्य प्रदेश Switch to English

ईट राइट चैलेंज में इंदौर को मिला पहला स्थान

चर्चा में क्यों?

7 जून, 2022 को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने इंदौर को ईट राइट चैलेंज (Eat Right Challenge) स्पर्द्धा का पहला पुरस्कार प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘ईट राइट चैलेंज फॉर सिटीज एंड डिस्ट्रिक्ट्स’ के तहत खाद्य सुरक्षा की पहलों को अपनाने, नियम और परिवर्तन को बढ़ावा देने के प्रयासों को मान्यता देने के उद्देश्य से देश के 75 शहरों और ज़िलों को विजेता चुना गया है।
  • इस स्पर्द्धा में देश के 188 शहरों ने अपना पंजीकरण कराया था, जिनमें से सर्वोच्च अंकों के साथ इंदौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
  • इसके साथ ही प्रदेश के 7 अन्य ज़िलों- भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर और सतना को भी ईट राइट चैलेंज फॉर सिटीज एंड डिस्ट्रिक्ट्स के तहत खाद्य सुरक्षा को लेकर सकारात्मक परिर्वतन के लिये सम्मानित किया गया।
  • भोपाल, उज्जैन, जबलपुर ने क्रमश: 3, 5 और 7वाँ स्थान प्राप्त किया है। ग्वालियर को 12वाँ, रीवा को 17वाँ, सागर को 23वाँ और सतना को 74वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
  • कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की 4 स्मार्ट सिटी- इंदौर, जबलपुर, सागर और उज्जैन को ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज में शीर्ष 11 स्मार्ट सिटीज में स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया।
  • ईट स्मार्ट सिटीज चैलेंज के तहत घरेलू स्तर पर रिसाइक्लिंग और अतिशेष भोजन दान करने की नीति के लिये इंदौर स्मार्ट सिटी को पुरस्कृत किया गया।
  • जबलपुर स्मार्ट सिटी को बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिये कार्टून किरदारों द्वारा व्यवहार परिवर्तन को लेकर शुरू की गई पहल के लिये सम्मानित किया गया।
  • सागर स्मार्ट सिटी द्वारा बच्चों को खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण देने के लिये वीडियो गेम और युवा पोषण एंबेसेडर तैयार करने के लिये पुरस्कृत किया गया, जबकि हाइड्रोपोनिक्स को बढ़ावा देने के लिये उज्जैन स्मार्ट सिटी को पुरस्कृत किया गया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

ऑनलाइन जन शिकायतों के समाधान करने में छत्तीसगढ़ प्रथम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा जन शिकायतों के निवारण के लिये बनाए गए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पोर्टल में जन शिकायतों के समाधान करने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली पोर्टल में प्राप्त 97 प्रतिशत समस्या निवारण आवेदनों के निराकरण के साथ छत्तीसगढ़ प्रथम आया है।
  • पिछले पाँच वर्षों में 3 जून, 2022 तक राज्य में प्राप्त 62,738 आवेदनों में से कुल 60,998 का निपटारा किया गया है।
  • CPGRAMS ऑनलाइन पोर्टल शिकायत प्राप्त करता है। समाधान के लिये आवेदन राज्य सरकारों को ऑनलाइन स्थानांतरित किये जाते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विभागीय और ज़िला अधिकारियों की लगातार एक घंटे तक वर्चुअल मोड पर बैठकें करते हैं। आमतौर पर आठ ज़िला मुख्यालयों को समीक्षा के लिये एक ही दिन में जोड़ा जाता है। इससे शिकायतों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलती है।

उत्तराखंड Switch to English

खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में उत्तराखंड 7वें स्थान पर

चर्चा में क्यों? 

7 जून, 2022 को विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का चौथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) जारी किया, जिसमें उत्तराखंड को 7वाँ स्थान मिला है। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंडाविया ने एफएसएसएआई द्वारा ईट राइट रिसर्च अवार्ड्स और ग्रांट्स फेज-II, ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज फेज-III, स्कूल स्तर पर एक प्रतियोगिता सहित विभिन्न नवीन पहलों की शुरुआत की।  
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक, 2021-22 में 17 बड़े राज्यों के बीच तमिलनाडु 82 अंकों के साथ शीर्ष पर है, जबकि गुजरात 77.5 अंकों के साथ दूसरे और महाराष्ट्र 70 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है 
  • बड़े राज्यों की श्रेणी में उत्तराखंड 55 अंकों के साथ 7वें स्थान पर है। 
  • छोटे राज्यों में गोवा ने अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी, जबकि मणिपुर और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने शीर्ष तीन रैंक हासिल की। 
  • गौरतलब है कि राज्यों को खाद्य सुरक्षा के पाँच मानकों- मानव संसाधन और संस्थागत डेटा, अनुपालन, खाद्य परीक्षण सुविधा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण उपभोक्ता सशक्तीकरण पर आँका गया है।  
  • खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2018-19 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिक तंत्र में एक प्रतिस्पर्धी और सकारात्मक बदलाव लाना था। नागरिकों के लिये सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रेरित करने के लिये भी यह कदम उठाया गया था। 

उत्तराखंड Switch to English

देवभूमि में एक एकड़ से कम भूमि में भी बनेंगे अमृत सरोवर

चर्चा में क्यों? 

7 जून, 2022 को मिशन अमृत सरोवर के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने बताया कि केंद्र सरकार ने महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत उत्तराखंड में सरोवर निर्माण के लिए निर्धारित क्षेत्रफल के मानक में छूट दे दी अब उत्तराखंड में एक एकड़ से कम भूमि में भी सरोवर बन सकेंगे 

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र ने यह छूट दी है।  
  • सरोवरों के नवनिर्माण एवं पुनर्जीवीकरण में 132.91 करोड़ रुपए की लागत आएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के लिये जल संरक्षण की दृष्टि से इस वर्ष 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की घोषणा की थी।  
  • स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के साथ इसे जोड़ते हुए प्रत्येक ज़िले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया हैअगले वर्ष 15 अगस्त से पूर्व इन जलाशयों का निर्माण होना है।
  • तय मानक के अनुसार एक सरोवर (जलाशय) का क्षेत्रफल एक एकड़ या इससे अधिक होना चाहिये।   
  • विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में तो जलाशय निर्माण के लिये एक एकड़ या इससे अधिक भूमि की उपलब्धता है, लेकिन पहाड़ में ऐसा नहीं हो पा रहा था। इस पर राज्य सरकार ने क्षेत्रफल के मानक में छूट देने का आग्रह किया, जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।   
  • मिशन के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम ने बताया कि सभी 13 ज़िलों के लिये निर्धारित 975 सरोवर के लक्ष्य के सापेक्ष 1017 सरोवर चयनित किये गए हैं। अब तक 530 सरोवर स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें से 333 पर कार्य प्रारंभ हो गया है।  
  • अन्य सरोवरों के निर्माण एवं पुनर्जीवीकरण का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। अधिकांश सरोवर मनरेगा के अंतर्गत बनाए जाएंगे। 

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