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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 May 2023
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झारखंड Switch to English

5 चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2024 का पोस्टर रिलीज़

चर्चा में क्यों? 

7 मई, 2023 को झारखंड में सहयोगी संस्था चित्रपट झारखंड के द्वारा हिनू की शुक्ला कॉलोनी स्थित विद्या भारती कार्यालय में चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2024 के पोस्टर का लोकार्पण किया गया।  

प्रमुख बिंदु

  • फिल्म फेस्टिवल के लिये फिल्मों की एंट्री 1 सितंबर, 2023 से 30 नवंबर की मध्यरात्रि 2023 तक ली जाएगी।  
  • इस फिल्म फेस्टिवल के लिये फिल्मों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रथम बाल फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, शॉर्ट फिल्म और कैंपस फिल्म निर्धारित की गई हैं। 
  • भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिये एवं यहाँ की कला, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, बोली, भाषा पर देश के कोने-कोने से कलाकारों के द्वारा बनाई गई फिल्मों का प्रदर्शन भारतीय चित्र साधना के द्वारा पाँचवें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल पंचकूला (हरियाणा) में 23, 24 एवं 25 फरवरी, 2024 को आयोजित होगा।  
  • इस फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देश की कला-संस्कृति को समृद्ध बनाने में एवं विश्व पटल पर देश की अलग पहचान कला-संस्कृति के द्वारा यहाँ की बोली-भाषा व फिल्मों के माध्यम से दिखाना है।  
  • इस बार के फिल्म महोत्सव का मुख्य विषय महिला सशक्तीकरण, रोज़गार सृजन, समरसता, पर्यावरण, भविष्य का भारत, जनजातीय समाज, ग्रामीण विकास, वशुधैव कुटुंबकम है एवं इस फिल्म महोत्सव का मुख्य आकर्षण बाल फिल्में होंगी, जिसका मुख्य विषय पराक्रमी बच्चे, बाल शिक्षा में नवाचार एवं नैतिक शिक्षा रखा गया है।
  • इन मुख्य विषयों पर देशभर से फिल्में मँगाई जा रही हैं। इस वर्ष पुरस्कार की नकद राशि 1000000 रुपए रखी गई है।  

छत्तीसगढ़ Switch to English

केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री स्टेटस प्राप्त करने वाला कबीरधाम देश का पहला ज़िला

चर्चा में क्यों? 

6 मई, 2023 को छत्तीसगढ स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत सात ज़िलों ने केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री स्टेटस प्राप्त किया है, जिसमें कबीरधाम यह स्टेटस हासिल करने वाला देश का पहला ज़िला है। 

प्रमुख बिंदु

  • कबीरधाम के साथ ही रायपुर, बलौदाबाज़ार-भाटापारा, रायगढ़, धमतरी, राजनांदगाँव और बालोद ने भी यह स्टेटस प्राप्त कर लिया है।  
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2025 तक कार्नियल ओपेसिटी फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।  
  • संचालक भीम सिंह ने बैठक में राज्य में नेत्र सेवाओं के क्षेत्र में सफलतापूर्वक सेवा प्रदायगी व शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने पर राज्य नोडल अधिकारी एवं सभी ज़िलों के नोडल अधिकारियों की सराहना करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में और अधिक ऑपरेशन करने के लिये प्रोत्साहित किया।  
  • स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य में पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 1 लाख 35 हज़ार 113 मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गए हैं। यह संख्या प्रदेश में एक वर्ष में अब तक किये गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में सर्वाधिक है।  
  • भारत सरकार द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन का वास्तविक लक्ष्य 1 लाख 7 हज़ार 800 एवं राज्य स्तर पर 1 लाख 25 हज़ार रखा गया था। इसके साथ ही 32 हज़ार 603 अन्य नेत्र रोग के ऑपरेशन भी किये गए हैं।  
  • अपेक्षित लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन में रायपुर ज़िला पहले, सूरजपुर दूसरे और बलौदाबाज़ार-भाटापारा तीसरे स्थान पर रहा। बैठक में इन तीनों ज़िलों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।  
  • बैठक में शासकीय अस्पतालों (ज़िला चिकित्सालय/सिविल अस्पताल/सी.एच.सी.) में अपेक्षित लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करने वाले ज़िला चिकित्सालयों को भी प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया। इसमें धमतरी ज़िला प्रथम, रायगढ़ द्वितीय एवं बलौदाबाज़ार-भाटापारा तृतीय स्थान पर रहा। 
  • राज्य में सबसे अधिक संख्या में नेत्र ऑपरेशन करने वाली जगदलपुर ज़िला चिकित्सालय की डॉ. सरिता निर्मल, द्वितीय स्थान पर रहने वाली रायगढ़ ज़िला चिकित्सालय की डॉ. मीना पटेल एवं तृतीय स्थान पर रहे धमतरी ज़िला चिकित्सालय के डॉ. जे.एस. खालसा को भी बैठक में सम्मानित किया गया।  
  • ज़्यादा संख्या में नेत्र ऑपरेशन करने वाले सर्जनों डॉ. राजेश सूर्यवंशी, ज़िला चिकित्सालय धमतरी, डॉ. आर.एस. सेंगर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया, डॉ. तेरस कँवर, ज़िला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ आर. मेश्राम, ज़िला चिकित्सालय रायगढ़, डॉ. आर.के. अवस्थी, सिविल सर्जन सह-अस्पताल अधीक्षक बलौदाबाज़ार-भाटापारा, डॉ. प्रभा सोनवानी, सिम्स मेडिकल कालेज बिलासपुर और डॉ. तरुण कनवर, ज़िला चिकित्सालय बीजापुर को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।  
  • प्रदेश में अब तक नेत्रदान के 400 लक्ष्य के सापेक्ष 244 नेत्रदान प्राप्त किये गए हैं। राज्य में 6 नेत्र बैंक तथा 4 कॉर्निया प्रत्यारोपण केंद्र पंजीकृत हैं, जिनको ज़िला आबंटित कर दिया गया है।  
  • संबंधित केंद्र द्वारा चिह्नित रोगियों के परीक्षण के पश्चात् उपयुक्त होने पर प्राप्त कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। ‘कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना’के अंतर्गत वर्ष 2025 तक राज्य को कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त बनाने का लक्ष्य  है।  
  • छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां शासकीय अस्पतालों द्वारा नेत्र रोग से पीड़ित मरीज़ों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाने-ले जाने के लिये अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।

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