उत्तर प्रदेश Switch to English
लखनऊ में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 के लोगो, शुभंकर, मशाल, गान और जर्सी का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 के आधिकारिक लोगो, शुभंकर, मशाल, गान और जर्सी को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि यह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का तीसरा संस्करण है।
- खेल 25 मई से शुरू होकर 3 जून 2023 तक चलेंगे।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चार मशाल रिले को भी हरी झंडी दिखाई जो अगले 20 दिनों के दौरान भारत के इस सबसे बड़े राज्य के पश्चिमी, पूर्वी, मध्य और बुंदेलखंड इलाके से होकर गुजरेगी।
- मुख्यमंत्री द्वारा यूनिवर्सिटी गेम्स के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का शुभारंभ किया।
- केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रसिद्ध गायक पलाश सेन द्वारा रचित और गाए गए ‘खेलो इंडिया- हर दिल में देश’शीर्षक खेलों के गान का विमोचन किया।
- इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी गेम्स की आधिकारिक जर्सी को लॉन्च किया, जिसे ललित उपाध्याय, सुधा सिंह और दिव्या काकरान जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख खिलाड़ियों ने पहना और मंच पर आत्मविश्वास के साथ उसे प्रदर्शित किया।
- इस अवसर पर यूनिवर्सिटी गेम्स के शुभंकर जीतू बारासिंघा, जो आकर्षक जीवंत राजकीय पशु और ‘गर्व से गौरव’का प्रतीक है, का अनावरण किया गया।
- अंतिम अनावरण यूनिवर्सिटी गेम्स के मशाल का किया गया, जिसे उत्तर प्रदेश के दिग्गज खिलाड़ियों - ललित उपाध्याय, वंदना कटारिया, सुधा सिंह, विजय यादव, दानिश मुज्तबा द्वारा एक-एक करके मंच पर लाया गया।
- उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 उत्तर प्रदेश का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह (लोगो) भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की समृद्ध पारंपरिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, जो शिक्षा, बुनियादी ढांचा और खेल जैसे सभी पहलुओं में इसके विकास का आधार रहा है।
- शुभंकर जीतू, बारासिंघा का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अद्भुत स्तनधारी है, जो एक शक्तिशाली शारीरिक बनावट और उल्लेखनीय गति वाला होता है। यह अपने स्वभाव में कौशल, नीति और धैर्य को प्रदर्शित करता है और अनुग्रह एवं सूक्ष्मता की प्रतिमूर्ति होता है, जो वास्तव में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और प्रचुरता को प्रदर्शित करता है।
- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक मशाल ‘शक्ति’ न केवल अपनी विरासत और भावना की प्रतीक है, बल्कि एक ऐसी जीवंत इकाई भी है जो ऊर्जा से भरी हुई है। प्रत्येक एथलीट को अपने अंतिम लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करने हेतु गंगा नदी को ‘शक्ति’ पर उकेरा गया है और इस पर अंकित ऊपर की ओर इशारा करते हुए, भविष्य की ओर उन्मुख दिखने वाला तीर गौरवशाली अतीत और उत्तर प्रदेश के भविष्य का उत्सव मनाता है।
- शक्ति के प्रकाश प्रदान करने वाले मूल में मोर पंख और कमल की पंखुड़ियां भी अंकित हैं, जो पहाड़ों को भी हिला सकने वाली अपनी शांत ऊर्जा को इंगित करती हैं और प्रेरणा और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली स्रोत है।
- इस 12-दिवसीय केआईयूजी यूपी 2022 का आयोजन वाराणसी, नोएडा और गोरखपुर के अलावा राज्य की राजधानी लखनऊ में किया जाएगा।
- दिल्ली के डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में निशानेबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कबड्डी प्रतियोगिता 23 मई, 2023 को नोएडा में शुरू होगी, जबकि कुछ अन्य स्पर्धाएं 24 मई, 2023 को विभिन्न स्थानों पर भी शुरू होंगी।
- कौशल, नीति और धैर्य की विचारधारा से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में आधिकारिक तौर पर पर 25 मई से 03 जून, 2023 तक खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स होंगे, इनमें 200 भारतीय विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक एथलीट 21 खेल स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
बिहार Switch to English
भारत-नेपाल के बीच बथनाहा से एनसीवाई तक जल्द दौड़ेगी ट्रेन
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को रेलवे बोर्ड के कार्यपालक निदेशक ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट प्रदीप कुमार ओझा ने बताया कि बिहार के अररिया ज़िले के जोगबनी-विराटनगर क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक के तहत भारत-नेपाल के बीच बथनाहा से जोगबनी नेपाल कस्टम यार्ड तक निर्मित रेललाइन पर जल्द ही ट्रेन का संचालन शुरू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि नेपाल के काठमांडू में विदेश मंत्रालय के आठवी प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमेटी (पीएससी) व छठा ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की मीटिंग हुई थी, जिसमें बथनाहा व नेपाल कस्टम यार्ड के बीच कार्गो ट्रेन मई 2023 से शुरू करने का निर्णय लिया गया था।
- भारत और नेपाल को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण रेल परियोजना जोगबनी-विराटनगर क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक प्रोजेक्ट के तहत बथनाहा से विराटनगर तक रेललाइन निर्माण का कार्य इरकॉन कंपनी के द्वारा किया गया।
- रेल लाइन निर्माण कार्य में लगी इरकॉन के द्वारा बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक के कार्य को पूरा कर लिया गया है।
बिहार Switch to English
विश्व रिकॉर्ड में दर्ज पटना की गंगा महाआरती
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार आईडीपीटीएस की ओर से पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर आयोजित 11 दिवसीय गंगोत्सव का कार्यक्रम गंगा महाआरती के अद्भुत प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस ऐतिहासिक गंगा आरती का संगीत संयोजन व निर्देशन बक्सर की धरती के लाल मुरार ग्राम के कथक गुरु बख्शी विकास ने किया।
- विदित है कि कार्यक्रम का आयोजन 27 अप्रैल 2023 को कलेक्ट्रेट गंगा घाट पर शुरू हुआ था। इसमें 501 महिलाओं ने नृत्य के माध्यम से गंगा महाआरती की।
- इस आरती का संगीत अवधी, हिन्दी, संस्कृत व रशियन भाषा से सजाया गया था। वहीं, भारत की सप्त नदियों के पौराणिक, आध्यात्मिक और भौगोलिक पक्ष का दिव्य दर्शन आरती के माध्यम से दर्शकों तक सुगमता से पहुँचाया गया।
- गंगोत्सव में कथक नृत्यांगना सह गुरु आदित्या श्रीवास्तव ने अपने समूह के साथ कथक शैली की नाटिका गंगा एक संकल्प की प्रस्तुति से गंगा की मनोव्यथा की अभिव्यक्ति की। इस नाटिका में कथक नर्तक अमित कुमार ने शिव तांडव के साथ गंगा को जटा में धारण करने के दृश्य को अपनी भाव-भंगिमाओं से जीवंत कर दिया।
- वहीं, कथक नर्तक राजा कुमार ने काल्पनिक पात्र ‘कालिमा’को अभिनीत कर अच्छा प्रदर्शन किया। यह नाटक गंगा को भगीरथ की आशा का संदेश देने के साथ संपन्न हुआ।
- इस अवसर पर नदियों के आध्यात्मिक, भौगोलिक और पौराणिक कथाओं पर आधारित सप्त तरंगिणी नृत्य संरचना की प्रस्तुति हुई। इस प्रस्तुति में रविशंकर, शालिनी महाराज, खुशी गुप्ता, हर्षिता विक्रम, संजना, स्नेहा, मुस्कान, सलोनी, रूपा, वंदिता व तनु ने नदियों के प्रवाह को भाव भंगिमाओं से दर्शाया।
- इस अवसर पर संजीव कपूर, तेजपाल सिंह ढिल्लन, सर्वेश राय, सरोज मिश्रा अमरेश पांडेय व अंजनी कुमार ने कला, चिकित्सा शिक्षा व अन्य क्षेत्रों के चर्चित हस्तियों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
राजस्थान Switch to English
जोधपुर में खुलेगी राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थायी पीठ
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में ‘राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण’की स्थायी पीठ खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह निर्णय राज्य कार्मिकों की सुविधा के दृष्टिगत लिया है। इस पीठ का संचालन जोधपुर हाईकोर्ट के पुराने हेरिटेज भवन के कोर्ट नंबर-19 में किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने इस स्थायी पीठ में सदस्य के 2, सहायक रजिस्ट्रार का 1, सूचना सहायक के 2, वरिष्ठ सहायक के 2, कनिष्ठ सहायक के 3 एवं निजी सहायक ग्रेड-2 के 3 पदों सहित कुल 13 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी है। कार्यालय के लिये आवश्यक उपकरण एवं फर्नीचर हेतु 25 लाख रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य कार्मिकों के सेवा से जुड़े प्रकरणों जैसे पेंशन, वेतन निर्धारण, पदोन्नति आदि का त्वरित निस्तारण हो सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।
राजस्थान Switch to English
मसूदा, रावतभाटा तथा नावां में खोले जाएंगे नर्सिंग महाविद्यालय
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर के मसूदा, चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा तथा नागौर के नावां में नवीन राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय खोलेने की मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- इन नवीन महाविद्यालयों के संचालन के लिये 17.70 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान की भी मंजूरी दी गई है।
- इसके साथ ही, प्रत्येक महाविद्यालय के लिये 24 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है। इन पदों में, प्रत्येक महाविद्यालय में प्राचार्य, उप-प्राचार्य, प्रोफेसर का एक-एक पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 2 पद, सहायक प्रोफेसर के 3 पद, ट्यूटर के 8 पद, एक्सीक्यूटिव असिस्टेंट के 7 पद, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष का एक पद शामिल हैं।
- प्रत्येक महाविद्यालय के लिये मल्टी टास्किंग स्टाफ के 10 पदों पर एजेंसी के माध्यम से तथा सिक्योरिटी गार्ड के 10 पदों पर राजस्थान एक्स-सर्विसमैन कॉर्पोरेशन लि. (रेक्सको) के माध्यम से सेवाएँ ली जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में नवीन राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गई थी।
राजस्थान Switch to English
राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2023 एवं ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल के समापन अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में मिले पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को राजस्थान जवाहर कला केंद्र परिसर में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2023 व 3 दिवसीय ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल के समापन समारोह पर सहकार मेले में कारोबार एवं डिसप्ले की दृष्टि से विभिन्न समितियों को पुरस्कृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सर्वश्रेष्ठ डिसप्ले के आधार पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में इफको, कृभको तथा शीर्ष सहकारी संस्थाओं में राजफैड, कॉनफैड, तिलम संघ, जयपुर डेयरी एवं अपैक्स बैंक को सम्मानित किया गया।
- राज्य विशेष के विशिष्ट उत्पादों एवं मसालों की बिक्री एवं प्रदर्शन हेतु मार्केफैड केरल, पंजाब, टैनफैड तमिलनाडु की सहकारी संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
- ले-आउट के आधार पर ज़िला उपभोक्ता भंडारों की श्रेणी में उदयपुर, भरतपुर व भीलवाड़ा क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
- सहकार मसाला मेले में सर्वाधिक बिक्री के लिये अन्य प्रदेशों में केरल स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन, शीर्ष संस्थाओं में प्रथम कॉनफैड व द्वितीय स्थान पर तिलम संघ रहा।
- क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में प्रथम मथानिया, दूसरा नागौर एवं तीसरा स्थान किशनगढ़ का रहा। इसी तरह से ज़िला उपभोक्ता भंडारों की श्रेणी में कोटा, उदयपुर व जोधपुर क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
- इस मेले में जयपुरवासियों ने 2.10 करोड़ रुपए से अधिक के मसालों की खरीद की।
- गौरतलब है कि 28 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2023 का शुभारंभ हुआ था।
- समापन समारोह में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू ने श्रेष्ठ स्टॉलों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
- आमजन को कॉनफैड के माध्यम से पहली बार जैविक कुकीज उपलब्ध कराने की शुरूआत की गई है।
मध्य प्रदेश Switch to English
हिन्दी फीचर फिल्म ‘द केरला स्टोरी’मध्य प्रदेश में टैक्स फ्री
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को मध्य प्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग ने श्री सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित हिन्दी फीचर फिल्म ‘द केरला स्टोरी’को प्रदेश में प्रदर्शन अवधि 6 मई से 5, जून 2023 तक के लिये टैक्स फ्री करने का आदेश जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- फिल्म के कथानक एवं अन्य विशेष समाजोपयोगी गुणों के दृष्टिगत इसे कर मुक्त किया गया है।
- जारी आदेश के अनुसार, फिल्म के प्रदर्शन के लिये संबंधित सिनेमाघरों/मल्टीप्लेक्स द्वारा फिल्म के टिकट, एसजीएसटी की धनराशि को घटा कर दर्शकों को विक्रय किये जाएंगे।
- फिल्म प्रदर्शन के लिये संबंधित सिनेमाघरों के प्रचलित सामान्य प्रवेश शुल्क में वृद्धि नहीं की जा सकेगी। एसजीएसटी के अंश के बराबर की राशि की राज्य शासन द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि यह फिल्म लव जिहाद, धर्मांतरण और आतंकवाद के षडयंत्र को उजागर करती है।
- क्षणिक भावुकता के जाल में जो बेटियाँ लव जिहाद के जाल में उलझ जाती हैं, उनकी किस तरह बर्बादी होती है, उस पर यह फिल्म प्रकाश डालती है। आतंकवाद की डिज़ाइन को भी यह फिल्म उजागर करती है।
हरियाणा Switch to English
प्रदेश में हुई ई-फर्द प्रणाली लागू
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को ई गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए हरियाणा राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिये प्रदेश में डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरुआत की है।
प्रमुख बिंदु
- ई-फर्द प्रणाली लागू होने से अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिये पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि www.jamabandi.nic.in पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द अर्थात् नकल प्राप्त कर सकेंगे।
- विदित है कि पहले फर्द प्राप्त करने के लिये पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, यहाँ तक कि इसमें महीनों का समय लगता था लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसंबर, 2022 को www.jamabandi.nic.in पोर्टल शुरू किया था। एक फर्द के लिये सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपए है और पहले खेवट के लिये 10 रुपए तथा इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिये 5 रुपए फीस देनी होती है।
- जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड संबंधी जानकारी के लिये सिंगल विंडो का काम करता है। इस पोर्टल पर ही ई-फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खसरा, खतौनी ज़मीन का नक्शा, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर आदि सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
- प्रदेश की सभी 143 तहसीलों/उप तहसीलों में वैब- हैलरिस प्रणाली का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कंप्यूटरीकरण किया है तथा सभी राजस्व रिकॉर्ड रूम का भी कंप्यूटरीकरण कर दिया है।
- प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों तथा राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किये गए थे। इस नई पहल के तहत महत्त्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेज़ों को स्कैन व सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है। इसके लिये 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेज़ों को स्कैन किया गया है। आई.टी. की सहायता से अब रिकॉर्ड को मेंटेन करना और ज़रूरत पड़ने पर इसे ढूंढ़ना आसान हो गया है।
हरियाणा Switch to English
‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’का स्कॉच गोल्ड अवार्ड के लिये हुआ चयन
चर्चा में क्यों?
5 मई, 2023 को हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि राज्य में 6 माह से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण व स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’को स्कॉच गोल्ड अवार्ड के लिये चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोरोना काल में 5 अगस्त, 2020 को ‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’शुरू की गई थी।
- ‘मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना’के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर चिह्नित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं में विटामिन ए व डी 3 की कमी को दूर करने के मकसद से स्किम्ड दूध को साल में 300 दिन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया था।
- विभाग के मुख्यालय व ज़िला स्तर के अधिकारियों की निगरानी व आंगनवाडी केंद्र पर कार्यरत कार्यकर्ता, सहायिकाओं के सहयोग से निरंतर लाभार्थियों के स्वास्थ्य, विशेषकर उनकी पोषण स्थिति में सकारात्मक सुधार देखने को मिला।
- प्रदेश में 6 माह से 6 साल तक के 9 लाख 23 हज़ार बच्चों, 2 लाख 88 हज़ार गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को सप्ताह में छह दिन गुलाब, इलायची, चॉकलेट, वनीला, बटरस्काच व सादा दूध स्वाद में दूध उपलब्ध करवाया गया है।
- इस दूध के माध्यम से लाभार्थियों को प्रोटीन, कैलोरी, कैल्सियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी12, विटामिन ए व डी3 की प्रचुर मात्रा मिली है, जिसके कारण प्रदेश में पोषण के नजरिये से सामान्य श्रेणी के बच्चों की संख्या में 3.67 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जबकि मध्यम रूप से कम वज़न वाले बच्चों में 3.66 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है।
- विदित है कि स्कॉच संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-प्रशासनिक दृष्टि से नवोन्मेषी प्रयासों के माध्यम से बदलाव लाने के प्रयासों को प्रोत्साहन देता है और पूर्व में भी हरियाणा प्रदेश के विभिन्न विभागों को नवोन्मेषी प्रयासों के लिये सम्मानित किया गया था।
झारखंड Switch to English
5 चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2024 का पोस्टर रिलीज़
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को झारखंड में सहयोगी संस्था चित्रपट झारखंड के द्वारा हिनू की शुक्ला कॉलोनी स्थित विद्या भारती कार्यालय में चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल 2024 के पोस्टर का लोकार्पण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- फिल्म फेस्टिवल के लिये फिल्मों की एंट्री 1 सितंबर, 2023 से 30 नवंबर की मध्यरात्रि 2023 तक ली जाएगी।
- इस फिल्म फेस्टिवल के लिये फिल्मों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रथम बाल फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म, शॉर्ट फिल्म और कैंपस फिल्म निर्धारित की गई हैं।
- भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिये एवं यहाँ की कला, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, बोली, भाषा पर देश के कोने-कोने से कलाकारों के द्वारा बनाई गई फिल्मों का प्रदर्शन भारतीय चित्र साधना के द्वारा पाँचवें चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल पंचकूला (हरियाणा) में 23, 24 एवं 25 फरवरी, 2024 को आयोजित होगा।
- इस फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देश की कला-संस्कृति को समृद्ध बनाने में एवं विश्व पटल पर देश की अलग पहचान कला-संस्कृति के द्वारा यहाँ की बोली-भाषा व फिल्मों के माध्यम से दिखाना है।
- इस बार के फिल्म महोत्सव का मुख्य विषय महिला सशक्तीकरण, रोज़गार सृजन, समरसता, पर्यावरण, भविष्य का भारत, जनजातीय समाज, ग्रामीण विकास, वशुधैव कुटुंबकम है एवं इस फिल्म महोत्सव का मुख्य आकर्षण बाल फिल्में होंगी, जिसका मुख्य विषय पराक्रमी बच्चे, बाल शिक्षा में नवाचार एवं नैतिक शिक्षा रखा गया है।
- इन मुख्य विषयों पर देशभर से फिल्में मँगाई जा रही हैं। इस वर्ष पुरस्कार की नकद राशि 1000000 रुपए रखी गई है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री स्टेटस प्राप्त करने वाला कबीरधाम देश का पहला ज़िला
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को छत्तीसगढ स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के अंतर्गत सात ज़िलों ने केटारेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलाग फ्री स्टेटस प्राप्त किया है, जिसमें कबीरधाम यह स्टेटस हासिल करने वाला देश का पहला ज़िला है।
प्रमुख बिंदु
- कबीरधाम के साथ ही रायपुर, बलौदाबाज़ार-भाटापारा, रायगढ़, धमतरी, राजनांदगाँव और बालोद ने भी यह स्टेटस प्राप्त कर लिया है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2025 तक कार्नियल ओपेसिटी फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- संचालक भीम सिंह ने बैठक में राज्य में नेत्र सेवाओं के क्षेत्र में सफलतापूर्वक सेवा प्रदायगी व शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने पर राज्य नोडल अधिकारी एवं सभी ज़िलों के नोडल अधिकारियों की सराहना करते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में और अधिक ऑपरेशन करने के लिये प्रोत्साहित किया।
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य में पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 1 लाख 35 हज़ार 113 मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गए हैं। यह संख्या प्रदेश में एक वर्ष में अब तक किये गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में सर्वाधिक है।
- भारत सरकार द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन का वास्तविक लक्ष्य 1 लाख 7 हज़ार 800 एवं राज्य स्तर पर 1 लाख 25 हज़ार रखा गया था। इसके साथ ही 32 हज़ार 603 अन्य नेत्र रोग के ऑपरेशन भी किये गए हैं।
- अपेक्षित लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन में रायपुर ज़िला पहले, सूरजपुर दूसरे और बलौदाबाज़ार-भाटापारा तीसरे स्थान पर रहा। बैठक में इन तीनों ज़िलों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
- बैठक में शासकीय अस्पतालों (ज़िला चिकित्सालय/सिविल अस्पताल/सी.एच.सी.) में अपेक्षित लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करने वाले ज़िला चिकित्सालयों को भी प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया। इसमें धमतरी ज़िला प्रथम, रायगढ़ द्वितीय एवं बलौदाबाज़ार-भाटापारा तृतीय स्थान पर रहा।
- राज्य में सबसे अधिक संख्या में नेत्र ऑपरेशन करने वाली जगदलपुर ज़िला चिकित्सालय की डॉ. सरिता निर्मल, द्वितीय स्थान पर रहने वाली रायगढ़ ज़िला चिकित्सालय की डॉ. मीना पटेल एवं तृतीय स्थान पर रहे धमतरी ज़िला चिकित्सालय के डॉ. जे.एस. खालसा को भी बैठक में सम्मानित किया गया।
- ज़्यादा संख्या में नेत्र ऑपरेशन करने वाले सर्जनों डॉ. राजेश सूर्यवंशी, ज़िला चिकित्सालय धमतरी, डॉ. आर.एस. सेंगर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया, डॉ. तेरस कँवर, ज़िला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ आर. मेश्राम, ज़िला चिकित्सालय रायगढ़, डॉ. आर.के. अवस्थी, सिविल सर्जन सह-अस्पताल अधीक्षक बलौदाबाज़ार-भाटापारा, डॉ. प्रभा सोनवानी, सिम्स मेडिकल कालेज बिलासपुर और डॉ. तरुण कनवर, ज़िला चिकित्सालय बीजापुर को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
- प्रदेश में अब तक नेत्रदान के 400 लक्ष्य के सापेक्ष 244 नेत्रदान प्राप्त किये गए हैं। राज्य में 6 नेत्र बैंक तथा 4 कॉर्निया प्रत्यारोपण केंद्र पंजीकृत हैं, जिनको ज़िला आबंटित कर दिया गया है।
- संबंधित केंद्र द्वारा चिह्नित रोगियों के परीक्षण के पश्चात् उपयुक्त होने पर प्राप्त कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। ‘कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना’के अंतर्गत वर्ष 2025 तक राज्य को कॉर्नियल दृष्टिहीनता मुक्त बनाने का लक्ष्य है।
- छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां शासकीय अस्पतालों द्वारा नेत्र रोग से पीड़ित मरीज़ों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाने-ले जाने के लिये अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
उत्तराखंड Switch to English
देश में पहली बार BRO ने चमोली में खोला कैफे
चर्चा में क्यों?
7 मई, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 64वें स्थापना दिवस पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भटे ने उत्तराखंड में बदरीनाथ हाईवे पर चमोली ज़िले के पांडुकेश्वर में देश में बीआरओ के पहले कैफे का वर्चुअली उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- बीआरओ की ओर से पांडुकेश्वर में खोला गया कैफे संगठन का पहला कैफे है। इसमें बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये खाने की बेहतरीन सुविधा दी जाएगी।
- बीआरओ की इस नई पहल से तीर्थयात्रा पर आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।
- देश में जहाँ भी बीआरओ की सड़कें हैं, उनके किनारे 75 जगहों पर कैफे खोले जाएंगे।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के स्कूलों में छात्रों को मिलेंगी द्विभाषी किताबें
चर्चा में क्यों?
6 मई, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान बताया कि अगले सत्र से प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को विज्ञान, गणित और नागरिकशास्त्र की द्विभाषी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी की ऐसी प्रत्येक विषय की पुस्तक में बाँया पेज हिन्दी और दाहिना पेज अंग्रेज़ी भाषा में होगा। इससे हिन्दी और अंग्रेज़ी माध्यम के बच्चों के लिये पढ़ाई करना और सहज हो सकेगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन ज़िलों में विद्यालयी शिक्षा के तहत विद्यार्थी ड्रॉपआउट हो रहे हैं, इनके कारणों का अध्ययन किया जाए तथा ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या कम करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जाएँ और सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के प्रयास किये जाएँ।
- पीएमश्री के तहत राज्य के चयनित 142 स्कूलों के लिये सभी आवश्यक ज़रूरी सुविधाएँ जुटाई जाएंगी। स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई में समय की मांग के आधार पर कोर्स करवाए जाएंगे। इसके लिये औद्योगिक संस्थानों से निरंतर आपसी समन्वय बनाया जाएगा, ताकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों को उचित प्लेसमेंट मिल जाए।
- पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं आईटीआई के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए यह तय किया जाए कि इनमें दक्ष मानव संसाधन के साथ आवश्यक उपकरण भी हों। जिस ट्रेड में कार्य के लिये मांग बढ़ी है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पॉलिटेक्निक कॉलेजों और आईटीआई का अपग्रेडेशन भी चरणबद्ध तरीके से करने के निर्देश दिये।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक कोर्स को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जाएगा।
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