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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Apr 2023
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मुख्यमंत्री ने किया प्रदेश के पहले हेल्थ एटीएम और 40 ट्रू नेट मशीनों का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

6 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड सचिवालय में स्थित विश्वकर्मा भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 हेल्थ एटीएम और 40 ट्रू नेट मशीनों का लोकार्पण किया। राज्य सचिवालय में प्रदेश का पहला हेल्थ एटीएम स्थापित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • हेल्थ एटीएम के जरिये एक बूंद खून से 30 सेकेंड के भीतर स्वास्थ्य संबंधी 72 तरह की जाँच की जाएगी।
  • कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ एटीएम स्थापित होने से जाँच के लिये अब दूर नहीं जाना पड़ेगा। चारधाम यात्रा में देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के लिये यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम स्थापित किये जाएंगे।
  • कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, यश बैंक, जेके टायर ने हेल्थ एटीएम और ट्रू नेट मशीनें दी हैं।
  • यश बैंक के माध्यम से सचिवालय, विधानसभा के साथ टनकपुर चिकित्सालय में एक-एक हेल्थ एटीएम स्थापित किये गए हैं। जेके टायर कंपनी ने पुलिस लाइन, जेएलएन ज़िला चिकित्सालय नैनीताल, संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुर, उप ज़िला चिकित्सालय, रानीखेत, अल्मोड़ा में एक-एक हेल्थ एटीएम स्थापित किये है।
  • मुख्यमंत्री की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग और कंपनियों के बीच एमओयू किया गया।
  • इंडियन ऑयल कॉरपोरशन लिमिटेड के सौजन्य से सीएसआर के तहत 40 ट्रू नेट मशीनों को ब्लॉक स्तर पर स्थापित किया जाएगा। इससे टीबी के साथ कोविड की जांच भी हो सकेगी।
  • हेल्थ एटीएम के जरिये स्वयं भी अपनी जाँच कर सकते हैं। इनमें हीमोग्लोबिन, टीएलसी एंड डीएलसी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, यूरिक ऐसिड, कॉलेस्ट्राल, एचबीए1-सी, ब्लड ग्रुप, लिपिड प्रोफाइल, ट्राईगिलसाइड, लाइकोप्रोटीन, प्रेगनेंसी टेस्ट, किडनी टेस्ट, हैपेटाइटिस, चिगनगुनिया, मलेरिया, बीएमसी, बीएमआई, शरीर का तापमान, ऑक्सीजन स्तर, शरीर में पानी की मात्रा, ईसीजी समेत 72 टेस्ट किये जा सकते हैं। इन हेल्थ एटीएम पर यह जाँच निशुल्क होगी।


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गंगा किनारे हरिद्वार से श्रीनगर तक वैकल्पिक मार्ग के तीन प्रस्ताव तैयार

चर्चा में क्यों?

6 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के पौड़ी के ज़िलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि शासन के निर्देश पर बदरीनाथ हाईवे पर गंगा के उस पार एक अन्य समानांतर वैकल्पिक मार्ग के तीन प्रस्ताव तैयार किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • ज्ञातव्य है कि वैकल्पिक मार्ग के यह तीन विकल्प शासन के निर्देश पर पौड़ी ज़िला प्रशासन ने सुझाए हैं। मार्ग का सर्वे करने के बाद रिपोर्ट शासन को सौंपी जा चुकी है।
  • पहले विकल्प के तौर पर 87 किमी. लंबाई के नए मार्ग का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से 50 किमी. सड़क पहले से बनी है, जबकि 32 किमी. नई सड़क प्रस्तावित की गई है।
  • यह मार्ग बदरीनाथ हाईवे (एनएच-58) पर ऋषिकेश से 26 किमी आगे माला नामक स्थान से शुरू होगा। यहाँ 150 मीटर स्पान का एक पुल बनाना पड़ेगा। इसके बाद यह मार्ग माला से सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा।
  • दूसरे विकल्प के तौर पर 95 किमी. नई सड़क का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से भी करीब 50 किमी. सड़क पहले से बनी है, जबकि 45 किमी. नए मार्ग का निर्माण करना होगा।
  • यह मार्ग फूलचट्टी से शुरू होगा। इसके लिये हेवल नदी पर 150 मीटर स्पान का एक पुल बनाना होगा। यह मार्ग फूलचट्टी से माला, सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा।
  • तीसरे विकल्प के रूप में हरिद्वार के चंडीघाट पुल से श्रीनगर तक कुल 137 किमी. सड़क प्रस्तावित की गई है। इसमें से भी करीब 50 किमी. सड़क पहले से बनी है, जबकि 56 किमी. नई सड़क बनाई जानी है। इस मार्ग पर तीन पुल बनाने होंगे। चंडीघाट से दो किमी. पूर्व दक्षिण में काली मंदिर से सिरासू तक लगभग 55 किमी. ऐलीवेटेड रोड होगा।
  • यह मार्ग भी चंडीघाट पुल से सिरासू, माला, सिंगटाली, व्यासघाट, देवप्रयाग, जनासू से होते हुए श्रीनगर तक जाएगा। तीनों ही विकल्पों में पूरा इलाका पौड़ी ज़िले में पड़ता है।
  • पौड़ी गढ़वाल के सिंगटाली क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिये लंबे समय से सिंगटाली के पास एक नया पुल बनाने की मांग की जा रही है। यदि तीनों विकल्पों से सरकार एक विकल्प पर भी आगे बढ़ती है तो इससे सिंगटाली के अलावा माला, सिरासू, व्यासघाट, सौड़, सिराला, उतरासू, रामपुर, रोली, धनचड़ा और बिलकेदार, चीला, गंगाभोगपुर जैसे सैकड़ों गाँव लाभान्वित होंगे।
  • प्रस्तावित हाईवे के तीनों विकल्पों में यह ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के दो महत्त्वपूर्र्ण रेलवे स्टेशन सौड़ (देवप्रयाग) और जनासू (श्रीनगर) से भी जुड़ जाएगा।
  • मार्ग बन जाने से जहाँ हरिद्वार-ऋषिकेश में जाम की समस्या से निज़ात मिलेगी, वहीं पौड़ी ज़िले के गाँव सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे। आपदा की स्थिति में मुख्य मार्ग (एनएच-58) के बंद हो जाने से यह मार्ग यात्रा और सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण साबित होगा।

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